रावत मेंशन
जब Cherry ने सुना की कार्तिक स्पेशली उसके लिए रावत मेंशन आया है, स्पेशल उसके लिए इस पार्टी में आया है… तो वो हैरान रह गई! वो हैरानी से कार्तिक को देख रही थी!
वही कार्तिक अब उसके बिल्कुल करीब आ गया। वो मुस्कुराते हुए बोला "मैं यहां स्पेशली आपके लिए क्यों आया हूं, ये तो फिलहाल आपको थोड़ी देर बाद ही पता चलेगा…. शायद मिस्टर रावत एंड मिसेज रावत आपको सरप्राइस देना चाहते हैं! आप मुझे नहीं जानती हैं लेकिन मैं आपको बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और अगर आप चाहे तो आप भी मुझे जान सकती हैं…"
उसकी बात पूरी होती, उससे पहले ही दिव्यांश अपनी पॉकेट में हाथ डाले हुए वहां पर आया और बोला "मिस्टर कार्तिक अवस्थी!! काफी डेसपरेट लग रहे हैं आप लोगों के साथ इंट्रोडक्शन करने में!"
उसकी बात सुनकर Cherry को थोड़ा अजीब सा लगा! वो ऐसे कैसे कार्तिक से डायरेक्टली ये बात बोल सकता था? कार्तिक उससे तो बात नहीं कर रहा था.. कार्तिक उससे बात कर रहा था, तो उसे इस बात में क्या प्रॉब्लम है!
वो भी तो किसी और के साथ शादी कर रहा है… तब तो उसे कोई प्रॉब्लम नहीं लेकिन हां… Cherry के साथ कोई बात भी कर रहा है, तो उसे अपनी टांग बीच में अड़ानी है!
कार्तिक दिव्यांश की बात सुनकर मुस्कुराया और बोला "क्या आप मेरा एक काम करेंगे मिस्टर दिव्यांश रावत?"
दिव्यांश ने सवालिया नजरों से उसे देखा!
कार्तिक एक बार फिर से थोड़ा मुस्कुराते हुए बोला "क्या आप मुझे अपनी डिक्शनरी बुक देंगे? आई मीन… मुझे उसमें डेसपरेशन का मतलब देखना है कि क्या है?? आपने किस कांटेक्ट में ये शब्द यूज किया है क्योंकि जहां तक मुझे दिख रहा है, मैं डेसपरेट तो बिल्कुल भी नहीं हूं और ना ही कभी हो सकता हूं… कार्तिक अवस्थी हूं मैं और उसकी डिक्शनरी में डेसपरेट नाम का कोई वर्ड ही नहीं है! मैं मिस Cherry के साथ जान पहचान करना चाहता हूं.. ये बात मैंने इशारों में नहीं कही, साफ-साफ कही है! डेसपरेट तब होता… जब मैं उनके आगे पीछे घूमता, अगर उन्हें मेरा खुद के करीब आना पसंद नहीं तो वो मुझे सामने से बोल देगी और मैं पीछे हट जाऊंगा! वो क्या है ना…. किसी के पीछे जबरदस्ती भागना तो मुझे बिल्कुल नहीं पसंद!"
दिव्यांश तिरछा मुस्कुराया और बोला "काफी मैनिपुलेटिव है आप मिस्टर कार्तिक अवस्थी!"
कार्तिक भी हंसा और बोला "मैं तो अपने दिल की बात सीधा-सीधा कहता हूं! अगर किसी को मैनिपुलेटिव लगता है, तो ये उसकी सोच!! खैर… मैं एक बार मिस Cherry से अपनी बात कंप्लीट कर लूं!"
दिव्यांश तुरंत बोला "लेकिन फिलहाल Cherry को कुछ और काम है… है ना Cherry!"
उसकी बात सुनते हुए Cherry ने एक नजर उसकी तरफ देखा और अगले ही पल बोली "मुझे जो भी काम होगा मैं खुद कर लूंगी दिव्यांश! आप फिक्र मत कीजिए और रही बात मिस्टर अवस्थी की तो…"
ये बोलकर वो मुस्कुराई और अगले ही पल उसने अपना हाथ कार्तिक की तरफ बढ़ाते हुए कहा "मैं Cherry… हालांकि आप मेरे बारे में सब जानते हैं लेकिन मैं फिर भी आपको अपना नाम जरूर बताना चाहूंगी..... शायद इसी से हमारी जान पहचान का सिलसिला आगे बढ़ जाए!"
ये बोलकर वो मुस्कुराई।
कार्तिक ने भी उसके हाथ को अपने हाथ में थाम लिया और फिर मुस्कुराते हुए बोला "यू लुकिंग वेरी गॉर्जियस!"
ये बोलते हुए वो सच में Cherry को बहुत प्यार भरी नजरों से देख रहा था। वही दिव्यांश की गुस्से से मुठिया कस रही थी और उसकी गुस्से भरी नजरे सिर्फ Cherry पर थी।
Cherry मुस्कुराई और अपना हाथ पीछे की तरफ खींचते हुए बोली "अब मैं चलती हूं….अगर इस जान पहचान को आगे बढ़ाना हुआ तो आपसे दोबारा मुलाकात जरुर होगी!"
ये बोलकर वो मुस्कुराती हुई अपना गाऊन उठाकर वहां से चली गई!
कार्तिक वहां से जाने लगा। तभी दिव्यांश गुस्से से बोला "मैं एक ही चीज बार-बार नहीं दोहराता!"
कार्तिक ने तुरंत उसकी तरफ देखा और बोला "मैंने आपको एक ही चीज बार-बार दोहराने के लिए कहा भी नहीं! मिस्टर दिव्यांश !"
दिव्यांश गुस्से से बोला "इतने भी बेवकूफ नहीं हो तुम जो तुम मेरी बात नहीं समझे;"
कार्तिक मुस्कुराया और बोला "समझ तो मैं बहुत कुछ चुका हूं मिस्टर दिव्यांश लेकिन आपका समझाना शायद अभी बाकी है। खैर.. बहुत जल्दी आपको भी समझ आ जाएगा!! आई होप… आप इस पार्टी को अच्छे से इंजॉय करें!"
ये बोलकर वो वहां से जाने लगा।
दिव्यांश एक बार फिर से बोला" पार्टी रावत मेंशन में है और मैं दिव्यांश रावत….. तुम मुझे मेरी ही पार्टी इंजॉय करने के लिए बोल रहे हो? इतना ओवर कॉन्फिडेंस भी अच्छा नहीं होता!"
कार्तिक मुस्कुराया और बोला "पार्टी बेशक से आपकी है लेकिन कब आपका मूड खराब हो जाए… क्या पता बस इसीलिए पहले से ही आपको विशेज दे रहा हूं, now please excuse me!!"
ये बोलकर अब कार्तिक तुरंत वहां से चला गया।
दिव्यांश के अब जबड़े कस चुके थे। उसे कार्तिक पर गुस्सा आ रहा था और वो पल जब Cherry ने कार्तिक से हाथ मिलाया। उसकी आंखों के सामने बार-बार घूम रहा था….
तभी एक वेटर उसके सामने से गुजरा और उसने तुरंत उसे रोक कर वाइन का गिलास अपने हाथ में लिया और उसे एक झटके में खत्म कर दिया और सिर्फ उसे ही नहीं…. बल्कि उस ट्रे में जितने भी वाइन के ग्लासेस थे उसने सारे खत्म कर दिए थे!! अब उसकी आंखें एकदम गहरी लाल हो गई थी!
वहीं दूसरी तरफ
रावी इस वक्त चारु और मिताली के साथ थी। चारु उसकी तारीफ कर रही थी और साथ ही साथ उसकी पिक्चर्स भी क्लिक कर रही थी!
तभी रावी के हाथ में पकड़ा हुआ उसका फोन बजा।
वो तुरंत उस फोन की तरफ देखते हुए बोली "मम्मा का कॉल आ रहा है… शायद मम्मा को मुझे कुछ इंपॉर्टेंट काम है… मैं अभी आती हूं!"
ये बोलकर उसने जल्दी से अपना गाउन उठाया और धरा की तरफ जाने लगी, जो गार्डन के दूसरी तरफ थी लेकिन जैसे ही वो दूसरी तरफ घूमी….
अचानक से एक शख्स उससे टकराया और उसके हाथों में पकड़ा हुआ वाइन का गिलास उसके ऊपर छलक गया। वो शख्स रावी की तरफ देख रहा था और रावी अपने गाऊन की तरफ… उसका व्हाइट कलर का गाउन पूरा खराब हो गया था।
उसने गुस्से से उस शख्स की तरफ देखा और बोली "how dare you? तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी ड्रेस खराब करने की? एक नंबर के स्टुपिड इंसान हो तुम!"
वो शख्स उसकी तरफ देखते हुए बोला "मैंने जानबूझकर नहीं किया है, बाय मिस्टेक हुआ है!"
रावी गुस्से से बोली "बाय मिस्टेक हुआ है, बाय मिस्टेक माय फुट! मुझे तो तुम्हें देखकर ऐसा लग रहा है…. जैसे तुम यहां पर मेरे डैड के किसी बिजनेस पार्टनर के साथ आए हो!! पक्का उनके ड्राइवर या फिर पर्सनल असिस्टेंट होंगे! और इतनी महंगी वाइन देखकर अब तुम खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे होंगे इसलिए इतनी ज्यादा पी ली है तुमने की इधर-उधर लड़खड़ा रहे हो! तुम्हारी इस घटिया हरकत की वजह से मेरी ड्रेस खराब हो गई!"
ये बोलते हुए रावी के चेहरे पर गुस्सा अभी भी बहुत ज्यादा था…. गुस्से में इंसान खतरनाक लगता है लेकिन वो खतरनाक नहीं, बल्कि क्यूट लग रही थी और सामने वाला बस उसे अपनी गहरी नजरों से देख रहा था!
तभी चारु और मिताली ने भी उस इंसान की तरफ देखा और उनकी आंखें बड़ी हो गई क्योंकि वो उस इंसान को बहुत अच्छी तरह से जानती थी... न्यूज़पेपर में आए दिन उस इंसान का नाम छपता था...
चारु तुरंत रावी के पास आई और बोली "क्या कर रही है तू रावी?? कुछ भी बोले जा रही है…. पहले देख तो लेकर सामने है कौन?"
रावी गुस्से से बोली "तू चुप रह… बहुत अच्छी तरह से जानती हूं… मेरे सामने कौन है? एक नंबर का बेवड़ा इंसान है…. मैं अभी डैड से कह कर इसे बाहर निकलवाती हूं!"
ये बोलकर रावी आगे की तरफ बढ़ गई और उस शख्स के चेहरे पर डेविल स्माइल आगई!
उसने हल्का सा अपना चेहरा घुमा कर जाती हुई रावी को देखा और तिरछा मुस्कुरा कर बोला "I guess… तुम मिस्टर रावत की बेटी हो, तभी तुम्हारी नाक पर गुस्सा बिल्कुल उनकी तरह था लेकिन ये गुस्सा तुम्हें मेरे सामने नहीं दिखाना चाहिए था मिस वाइन....क्योंकि अभिमन्यु खुराना बदतमीजी किसी के बाप की बर्दाश्त नहीं करता तो औलाद की तो करेगा ही क्या?"
ये बोलते हुए उसके चेहरे पर अब हल्का गुस्सा झलकने लगा!
वहीं दूसरी तरफ,
Cherry ने जब रावी को रावत मेंशन के अंदर जाते हुए देखा तो उसके पीछे-पीछे जाने लगी लेकिन तभी अचानक से किसी ने उसकी कलाई को कसकर पकड़ा और अगले ही पल उसे खींचकर पीछे की तरफ ले गया जहां पर कर्टन लगे हुए थे और वहां पर काफी अंधेरा था।
Cherry एकदम हैरान रह गई लेकिन अगले ही पल अब उसकी आंखों के सामने दिव्यांश का चेहरा था और अपने चेहरे पर उसकी गर्म सांसे महसूस हो रही थी। दिव्यांश की गहरी लाल आंखें Cherry पर अपने गुस्से की बरसात कर रही थी!
उसके मुंह से आ रही तेज शराब की स्मेल ने साफ बता दिया था कि इस वक्त दिव्यांश हद से ज्यादा नशे में है!
वो अटकती हुई जुबान के साथ बोली "ये आप क्या कर रहे हैं Mr Avocado…छोड़िए मुझे, आप मुझे यहां पर क्यों लेकर आये हैं और आप ये मेरे इतना करीब?"
उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही दिव्यांश ने उसकी कमर पर अपना हाथ रखकर उसे अपने करीब खींचा और बोला "उस कार्तिक अवस्थी को तो नहीं कहा तुमने कि वो तुम्हारे इतना करीब क्यों आ रहा है? उसे तो नहीं रोका तुमने?"
ये बोलते हुए दिव्यांश ने अपने जबड़े कसे हुए थे..
उसका गुस्सा देखकर Cherry के होंठ फड़फड़ाने लगे थे!