अध्याय 2: - gene heritage room

आयुष बिजली की मार के साथ बेहोश हो जाता है, लेकिन बिजली के प्रहार के साथ ही S-रैंक के सभी राक्षस भी भाप में बदल जाते हैं।

[SYSTEM MESSAGE]

[नई स्किल अर्जित – हेवेनली लाइटनिंग स्ट्राइक]

[खिलाड़ी का स्तर बढ़ा]

[खिलाड़ी का स्तर बढ़ा]

[खिलाड़ी का स्तर बढ़ा]

आयुष की स्क्रीन पर यह संदेश बार-बार चमकता है।

लेकिन आयुष बेहोश हो चुका था…

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[SYSTEM ACTIVATING…]

[GENE HERITAGE ROOM UNLOCKING…]

[स्थानांतरण प्रारंभ…]

अचानक, उसे महसूस हुआ कि वह हवा में तैर रहा है। चारों ओर बस असीम शून्य था—ना कोई रंग, ना कोई आवाज़। बस एक अनजान शक्ति, जो उसे अपने भीतर खींच रही थी।

"यह जगह... कहाँ आ गया मैं?"

जैसे ही उसने यह सोचा, अंधकार छँटने लगा। धीरे-धीरे, वह एक विशाल कक्ष के भीतर प्रकट हुआ।

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पूर्वजों का कक्ष (Gene Heritage Room)

यह कोई साधारण जगह नहीं थी। दीवारों पर हजारों प्राचीन चिन्ह उकेरे गए थे, और बीचों-बीच चार चमकते हुए सिंहासन रखे थे।

हर सिंहासन पर एक ऊर्जा का अवशेष था, जैसे किसी महान योद्धा की छवि वहाँ अंकित हो।

[SYSTEM MESSAGE]

[स्वागत है, वंशज आयुष!]

[आपके जीन में छुपी हुई शक्तियाँ जागृत हो रही हैं…]

"मेरे पूर्वज…?"

अचानक, पहला सिंहासन चमकने लगा।

"मैं हूँ वरुण, समुद्रों का सम्राट!"

एक विशाल जलरूपी योद्धा प्रकट हुआ। उसकी आँखें नीले प्रकाश से दमक रही थीं, और उसके चारों ओर समुद्री लहरें उठ रही थीं।

"तुम्हारे रक्त में मेरी शक्ति बहती है। यदि तुम योग्य हुए, तो तुम सागर पर शासन कर सकते हो!"

आयुष को झटका लगा।

"सागर पर शासन...? मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ?"

लेकिन इससे पहले कि वह और कुछ पूछता, दूसरा सिंहासन भी चमकने लगा।

"मैं हूँ वज्र, स्वर्णिम कवच का स्वामी इंद्र!"

एक स्वर्णिम रोशनी से बनी छवि प्रकट हुई। उसका शरीर अटूट धातु से बना था, और उसकी त्वचा पर असंख्य कवच की परतें थीं।

"मेरा रक्त तुम्हारे भीतर प्रवाहित होता है। यह दुनिया कितनी भी निर्दयी क्यों न हो, मेरी शक्ति तुम्हें अजेय बनाएगी!"

आयुष की साँसें तेज़ हो गईं।

"क्या इसका मतलब है कि मेरे अंदर इनकी शक्तियाँ जाग सकती हैं?"

तीसरा सिंहासन जल उठा।

"मैं हूँ कालदूत, परछाइयों का स्वामी!"

यह छवि सबसे रहस्यमयी थी। उसके चारों ओर गहरा अंधकार था, और उसकी आँखें रक्तवर्ण थीं।

"जब रात गहराएगी और कोई आशा नहीं बचेगी, तब मेरी शक्ति तुम्हारी रक्षा करेगी!"

आयुष के शरीर में सिहरन दौड़ गई।

"यह तो अविश्वसनीय है…"

फिर, अंतिम और सबसे बड़ा सिंहासन चमका।

इस बार, एक विशाल आकृति प्रकट हुई।

"मैं हूँ *****… सृष्टि का मूल जीन धारक।"

आयुष किसी कारणवश उसका नाम नहीं सुन पा रहा था।

उसका दिल जोर से धड़कने लगा। यह छवि बाकी तीनों से कई गुना विशाल थी, और उसकी उपस्थिति किसी दैवीय शक्ति से कम नहीं लग रही थी।

"तुम्हारे भीतर मेरी विरासत है। एक दिन, जब सही समय आएगा, तुम इस शक्ति को पूर्ण रूप से जाग्रत कर पाओगे। लेकिन याद रखना—"

"शक्ति जितनी महान होगी, परीक्षा उतनी ही कठिन!"

अचानक, पूरा कक्ष कंपन करने लगा।

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[SYSTEM WARNING!]

[आपका शरीर इस शक्ति को सहन नहीं कर पा रहा है!]

[आपको तत्काल स्थानांतरित किया जा रहा है…]

"नहीं! मुझे और जानना है!"

लेकिन इससे पहले कि आयुष कुछ कर पाता, उसकी आँखों के सामने फिर से अंधेरा छा गया।

[SYSTEM TRANSFER…]

अगले ही पल—

धड़ाम!!!

आयुष अपनी असली दुनिया में लौट आया। उसके शरीर से अभी भी स्वर्णिम और काले ऊर्जा रेशे निकल रहे थे।

"मेरे पूर्वज कौन थे…?"

"क्या मैं सच में इनकी शक्तियाँ पा सकता हूँ…?"

उसकी पूरी दुनिया अब बदल चुकी थी।

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[SYSTEM STATUS CHECK]

[CURRENT PLAYER LEVEL: 120]

[STATS:]

Strength: 100 (+1000)

Speed: 80 (+1000)

Stamina: 50 (+1000)

Defense: 80 (+1000)

Luck: MAX

[SKILLS:]

Gene Modification (0.00000000001%)

Heavenly Lightning Strike – MAX

Genes of Ancestors:

वरुण, समुद्रों का सम्राट – 0.01%

Skill Acquired – Water Manipulation

वज्र, स्वर्णिम कवच का स्वामी इंद्र – 0.01%

Skill Acquired – Ultimate Defense

कालदूत, परछाइयों का स्वामी – ???

*****… सृष्टि का मूल जीन धारक – 0.0001%

Skill Acquired – Death Recovery

आयुष की आँखें स्क्रीन पर जमी थीं।

"क्या यह सब सच है…?"

अब, उसका सफर वास्तव में शुरू हो चुका था।