मल्होत्रा मेंशन में सब कुछ बदलने लगा था।
करण और आर्यन अब शनाया से दूर रहने लगे थे।
विक्रम की बेटियाँ, नेहा और सिया, अपने मकसद में कामयाब होती दिख रही थीं।
शनाया को हर कोई गलत समझ रहा था।
लेकिन अगर खेल में सब उसके खिलाफ़ थे, तो अब वह अकेले ही इस जंग को जीतने के लिए तैयार थी।
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🔥 जब करण और आर्यन ने शनाया पर सवाल उठाए
शनाया रात को छत पर खड़ी थी, चाँदनी उसकी हल्की झिलमिलाती आँखों को और भी चमका रही थी।
तभी पीछे से किसी के कदमों की आहट आई।
> "हमें बात करनी होगी, शनाया," आर्यन की ठंडी आवाज़ गूंजी।
शनाया बिना पीछे देखे बोली—
> "तो अब भी तुम दोनों साथ हो?"
करण और आर्यन एक-दूसरे को देखे बिना उसके सामने आ खड़े हुए।
> "नेहा और सिया ने हमें सब कुछ बता दिया है," करण ने सख्ती से कहा।
शनाया ने हल्का सा सिर झुकाया और मुस्कुराई।
> "ओह? और उन्होंने तुम्हें क्या बताया?"
आर्यन गुस्से से आगे बढ़ा।
> "कि तुम इस शादी का इस्तेमाल कर रही हो," उसने ठंडे स्वर में कहा।
"कि तुम इस घर में सिर्फ़ अपने मकसद के लिए आई थी!"
करण ने आगे बढ़ते हुए उसकी कलाई पकड़ ली।
> "और यह भी कि तुम विक्रम से मिली थी!"
शनाया की आँखों में एक पल के लिए हलचल हुई, लेकिन वह जल्दी ही शांत हो गई।
उसने धीरे से करण की पकड़ से अपनी कलाई छुड़ाई और बिना हड़बड़ाए कहा—
> "तो अब तुम दोनों मुझ पर विश्वास नहीं करते?"
करण और आर्यन ने कुछ नहीं कहा।
उनकी चुप्पी ही शनाया के लिए सबसे बड़ा जवाब थी।
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💔 जब शनाया ने फैसला लिया
उस रात, शनाया ने अपनी अलमारी से एक बैग निकाला।
वह जानती थी कि अगर करण और आर्यन उसे छोड़ने के लिए तैयार थे, तो अब उसे भी उन्हें छोड़ना होगा।
लेकिन जाते-जाते वह अपना आखिरी वार करेगी।
उसने एक कागज़ निकाला और कुछ लिखा।
> "तुम दोनों ने हमेशा अपने तरीके से खेल खेला है। अब देखना, मैं कैसे जीतती हूँ।"
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🔪 जब विक्रम को लगा कि वह जीत गया
विक्रम अपनी स्टडी में बैठा था, जब दरवाज़े पर हल्की दस्तक हुई।
> "अंदर आ जाओ," उसने कहा।
दरवाज़ा खुला और शनाया अंदर आई।
विक्रम ने उसे देखा और मुस्कुराया।
> "तो आखिर तुम समझदार हो गईं," उसने कहा।
शनाया ने बिना कुछ कहे एक फाइल उसकी तरफ़ बढ़ा दी।
> "यह क्या है?"
> "वह सब कुछ... जो तुम्हें चाहिए था," शनाया ने ठंडे स्वर में कहा।
विक्रम ने फाइल खोली और उसके चेहरे की मुस्कान गहरी हो गई।
> "तो तुमने करण और आर्यन को छोड़ने का फैसला कर लिया?"
शनाया ने उसकी आँखों में झाँका और धीरे से मुस्कुराई।
> "छोड़ना?"
> "नहीं, विक्रम," उसने धीरे से कहा।
"अब असली खेल शुरू हो रहा है।"
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🔥 अगला अध्याय: जब शनाया ने सबसे बड़ा दांव खेला!
अब जब शनाया ने खुद विक्रम के सामने अपना दांव चला है, तो क्या करण और आर्यन को उसकी सच्चाई का एहसास होगा?
या फिर यह खेल किसी और मोड़ पर चला जाएगा?
अगले अध्याय में देखिए, जब शनाया अपने प्यार और दुश्मनों के बीच सबसे खतरनाक कदम उठाएगी!