एपिसोड 5: सच्चाई का पर्दाफाश
अर्जुन धीरे-धीरे चमकते हुए दरवाजे की ओर बढ़ा। जैसे ही उसने अपना हाथ बढ़ाया, दरवाजा अचानक खुद-ब-खुद खुल गया। उसके सामने एक रहस्यमयी गलियारा था, जिसके दोनों ओर नीली और बैंगनी रोशनी की लहरें दौड़ रही थीं।
"यह जगह... अजीब है। यह मुझे कहीं ले जा रही है?" अर्जुन ने खुद से कहा।
वह आगे बढ़ा और धीरे-धीरे उसके शरीर के चारों ओर हल्की ऊर्जा घूमने लगी।
[नई सूचना: आप 'प्राचीन हॉल' (Ancient Hall) में प्रवेश कर चुके हैं।]
जैसे ही अर्जुन हॉल के अंत में पहुँचा, अचानक फर्श के बीचों-बीच एक गोल प्लेटफॉर्म जगमगाने लगा। अर्जुन ने जिज्ञासा से उस पर कदम रखा, और अगले ही पल—
श्श्श्श...
पूरा हॉल नीली रोशनी से भर गया।
एक नया संदेश
अर्जुन के सामने हवा में एक विशाल होलोग्राफिक स्क्रीन उभरी।
[अर्जुन, यह वह स्थान है जहाँ से सब कुछ शुरू हुआ था। तुम्हारे अस्तित्व का रहस्य यहीं छिपा है।]
अर्जुन चौक गया।
"मेरे अस्तित्व का रहस्य? क्या मतलब?"
अचानक, स्क्रीन पर कई छवियाँ तेजी से बदलने लगीं।
एक विशाल युद्ध, जहाँ योद्धा ऊर्जा से लड़ रहे थे।
एक प्राचीन मंदिर, जिसके अंदर एक चमकती हुई क्रिस्टल बॉल थी।
और फिर—एक नवजात शिशु, जिसे एक महिला अपनी गोद में उठा रही थी।
[यह बच्चा... तुम हो, अर्जुन।]
अर्जुन की आँखें चौड़ी हो गईं।
"मुझे कुछ भी याद क्यों नहीं?"
[क्योंकि तुम्हारी यादें सील कर दी गई थीं।]
"किसने?" अर्जुन ने तेजी से पूछा।
[उन लोगों ने, जो तुम्हारी शक्ति से डरते थे।]
छिपा हुआ अतीत
अर्जुन की साँसें तेज हो गईं।
"क्या मैं पहले से इस दुनिया का हिस्सा था?"
स्क्रीन पर फिर से चित्र बदलने लगे।
अब अर्जुन ने खुद को एक छोटे बच्चे के रूप में देखा। वह एक बड़े, चमकते हुए मंदिर में था, जहाँ कई महापुरुष उसके चारों ओर खड़े थे।
उनमें से एक व्यक्ति ने कहा—
"इस लड़के में अपार शक्ति है। लेकिन अगर यह शक्ति जाग्रत हो गई, तो संतुलन बिगड़ जाएगा।"
दूसरे व्यक्ति ने सिर हिलाया—
"हमें इसे सामान्य बनाना होगा। इसकी यादें और शक्तियाँ सील कर दो।"
अर्जुन ने अपने हाथ भींच लिए।
"तो उन्होंने मेरी यादें और शक्तियाँ मुझसे छीन लीं?"
[हाँ, लेकिन अब समय आ गया है कि तुम अपने असली रूप में लौटो।]
स्क्रीन पर एक नया संदेश उभरा—
[क्या तुम अपनी सील की गई यादों को वापस लेना चाहते हो?]
अर्जुन ने बिना सोचे-समझे कहा—
"हाँ!"
सच्ची शक्ति का जागरण
जैसे ही अर्जुन ने सहमति दी, पूरा हॉल जोर-जोर से गूँजने लगा। प्लेटफॉर्म के चारों ओर ऊर्जा का भंवर बनने लगा, और अर्जुन हवा में ऊपर उठने लगा।
उसके शरीर के चारों ओर एक नीली और सुनहरी रोशनी घूमने लगी।
[स्मृतियाँ अनलॉक हो रही हैं…]
अर्जुन की आँखें चमक उठीं। उसके मस्तिष्क में बीते समय की यादें लौटने लगीं—
कैसे उसे इस दुनिया से अलग किया गया था।
कैसे उसकी असली शक्ति को सील किया गया था।
और सबसे महत्वपूर्ण बात—एक छुपा हुआ नाम, जिसे सुनते ही अर्जुन की आत्मा काँप गई।
"कालद्रष्टा..."
"मेरा असली नाम कालद्रष्टा है?"
[हाँ, और तुम केवल इस दुनिया के योद्धा नहीं, बल्कि इस ब्रह्मांड के संतुलन रक्षक हो।]
अर्जुन का शरीर अब पूरी तरह ऊर्जा से भर चुका था। जैसे ही सील टूटी, उसके हाथों में एक नई शक्ति जाग उठी।
[नई क्षमता अनलॉक: टाइम ब्रेकर (Time Breaker)]
अर्जुन ज़मीन पर उतरा। उसकी आँखों में अब एक नई चमक थी।
"अब मुझे सब कुछ साफ दिख रहा है।"
अर्जुन ने मुट्ठियाँ भींच लीं।
"अब मैं अपने भाग्य को खुद तय करूँगा।"
लेकिन तभी, प्लेटफॉर्म पर एक और दरवाजा प्रकट हुआ, और एक नई आवाज़ गूँजी—
"अगर तुम सच में अपनी नियति को अपनाने के लिए तैयार हो, तो आओ… और मुझे हराओ!"
अर्जुन मुस्कुराया।
"जो भी हो, मैं तैयार हूँ।"
वह दरवाजे की ओर बढ़ा, और उसके कदमों की गूंज पूरे हॉल में सुनाई देने लगी...
अर्जुन दरवाजे के पास पहुँचा, लेकिन जैसे ही उसने उसे छूने की कोशिश की, दरवाजे पर एक मजबूत ऊर्जा बैरियर उभर आया।
"यह आसानी से नहीं खुलेगा..." अर्जुन बुदबुदाया।
होलोग्राफिक स्क्रीन पर एक नया संदेश चमका—
[इस दरवाजे को खोलने के लिए तुम्हें अपनी नई क्षमता 'टाइम ब्रेकर' का प्रयोग करना होगा।]
अर्जुन ने गहरी साँस ली और अपनी हथेली दरवाजे की ओर बढ़ाई। जैसे ही उसने अपनी ऊर्जा केंद्रित की, उसके चारों ओर समय धीमा पड़ने लगा। दरवाजा कंपन करने लगा, और अचानक उसमें दरारें पड़ गईं।
"यह हो रहा है!" अर्जुन ने अपनी शक्ति बढ़ाई।
क्र्र्रर्रक!
दरवाजा टूट गया, और अर्जुन को एक नए क्षेत्र का दृश्य दिखा।
एक रहस्यमयी योद्धा
जैसे ही अर्जुन अंदर पहुँचा, उसने खुद को एक विशाल कक्ष में पाया। चारों ओर पत्थर की मूर्तियाँ और प्राचीन लिपियाँ खुदी हुई थीं। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करने वाली चीज़ थी—
कक्ष के बीचों-बीच खड़ा एक व्यक्ति।
यह एक लंबा, नकाबपोश योद्धा था, जिसके शरीर पर काले और सुनहरे रंग की बख्तरबंद पोशाक थी। उसकी आँखों में एक अलग ही चमक थी, जैसे वह अर्जुन को पहले से जानता हो।
"तो तुम आखिरकार यहाँ तक पहुँच ही गए, अर्जुन।" नकाबपोश योद्धा ने कहा।
अर्जुन चौंका।
"तुम्हें मेरा नाम कैसे पता?"
योद्धा हल्का मुस्कुराया।
"तुम्हारे सवालों का जवाब मिलेगा... लेकिन पहले तुम्हें खुद को साबित करना होगा।"
अर्जुन ने अपनी तलवार तैयार की।
"अगर यही रास्ता है, तो मैं पीछे नहीं हटूँगा!"
योद्धा ने अपनी तलवार निकाली, और एक तेज हवा पूरे कक्ष में गूँज उठी।
"तो आओ, अर्जुन। दिखाओ कि तुम सच में कालद्रष्टा हो!"
अर्जुन ने पूरी ताकत के साथ उसकी ओर दौड़ लगाई...
अर्जुन ने पूरी ताकत के साथ तलवार संभाली और नकाबपोश योद्धा की ओर बढ़ा। जैसे ही उसने वार करने की कोशिश की, योद्धा ने एक ही झटके में उसकी तलवार रोक दी।
"तुम्हारी गति अच्छी है, लेकिन तुम्हारी शक्ति अभी अधूरी है।" योद्धा ने कहा।
अर्जुन को यह सुनकर गुस्सा आ गया।
"अगर मैं अधूरा हूँ, तो मुझे पूरा करने के लिए यह युद्ध ही काफ़ी होगा!"
उसने अपनी एनर्जी स्लैश क्षमता का उपयोग किया, लेकिन योद्धा ने आसानी से बचते हुए जवाबी हमला किया। अर्जुन मुश्किल से खुद को बचा पाया।
"इतनी आसानी से हार नहीं मानूँगा!"
उसने तेजी से कई वार किए, लेकिन योद्धा हर बार उसकी हरकतों को पहले ही भाँप लेता था।
"तुम सिर्फ़ ताकत से नहीं जीत सकते, अर्जुन। तुम्हें अपनी आत्मा को भी युद्ध में झोंकना होगा!"
तभी अर्जुन को एक अनोखी अनुभूति हुई। ऐसा लग रहा था जैसे समय धीमा पड़ गया हो। उसे अपने चारों ओर हवा की लहरें दिखने लगीं।
"यह क्या है?"
तभी उसके सामने एक नया होलोग्राफिक संदेश उभरा—
[नई क्षमता अनलॉक: प्रीडिक्शन मोड (भविष्य दृष्टि)]
अर्जुन की आँखों में एक नई चमक आई। अब उसे योद्धा की चाल पहले से ही दिखने लगी। जैसे ही योद्धा ने वार किया, अर्जुन ने पहले ही उसका बचाव कर लिया।
योद्धा हल्का मुस्कुराया।
"अब तुम सीख रहे हो।"
अर्जुन ने इस बार पूरी ताकत से अपनी तलवार चलाई। उसकी ऊर्जा तेज हो गई, और उसका वार इतना ताकतवर था कि पूरी जगह ऊर्जा से भर गई।
धड़ाम!
एक ज़ोरदार टक्कर हुई, और धूल का गुबार उठा। जब धूल छँटी, तो अर्जुन खड़ा था, और योद्धा अपनी तलवार ज़मीन में गाड़े हुए मुस्कुरा रहा था।
"बहुत अच्छा, अर्जुन। अब तुम तैयार हो।"
अर्जुन ने गहरी साँस ली।
"क्या अब तुम मेरे सवालों का जवाब दोगे?"
योद्धा ने सिर हिलाया।
"हाँ। लेकिन पहले, तुम्हें यह समझना होगा कि यह दुनिया सिर्फ़ एक खेल नहीं है... यह तुम्हारी किस्मत से जुड़ी है।"
अर्जुन का दिल ज़ोर से धड़कने लगा।
"क्या मतलब?"
योद्धा ने अपनी तलवार म्यान में रखी और आगे बढ़ा।
"तुम्हें यह जानने के लिए अगला चरण पार करना होगा। और इसका रास्ता सिर्फ़ एक ही चीज़ दिखाएगी... तुम्हारा अतीत।"
अर्जुन स्तब्ध रह गया।
"मेरा... अतीत?"
नई यात्रा की शुरुआत
अर्जुन के मन में हज़ारों सवाल उठ रहे थे। वह अब तक इस दुनिया को एक खेल समझ रहा था, लेकिन अब यह उससे कहीं अधिक जटिल लग रहा था।
"मेरा अतीत... इसका क्या मतलब हो सकता है?"
उसके दिमाग में कुछ धुंधली यादें चमकने लगीं—एक उजली रोशनी, एक चीख, और फिर अंधकार।
"क्या मैंने पहले भी इस दुनिया को देखा है?"
लेकिन वह ज्यादा सोच पाता, इससे पहले ही उसके सामने होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—
[अगला गेट अनलॉक: भूलभुलैया वन]
नकाबपोश योद्धा ने आगे बढ़ते हुए कहा, "अब तुम्हें उस जगह जाना होगा जहाँ सच्चाई तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।"
अर्जुन ने सिर हिलाया और गहरी सांस ली।
वह आगे बढ़ा, और कुछ ही देर में उसे सामने एक विशाल जंगल दिखाई दिया। लेकिन यह कोई साधारण जंगल नहीं था। इसकी हरियाली रहस्यमय थी, और अंदर से किसी के फुसफुसाने की आवाज़ आ रही थी।
"क्या यह सच में जंगल है, या कोई जाल?"
अर्जुन ने अपने कदम आगे बढ़ाए, और तभी ज़मीन उसके पैरों के नीचे से हिल गई।
"क्या? भूकंप?"
अचानक ही ज़मीन में दरारें पड़ गईं, और अर्जुन नीचे गिरने लगा।
(एपिसोड 5 समाप्त! अगले एपिसोड में अर्जुन का सामना एक नई रहस्यमय दुनिया से होगा!)