नई दुनिया का द्वार

एपिसोड 10: नई दुनिया का द्वार

काले महल का कक्ष शांत था। अर्जुन की साँसें अभी भी तेज़ थीं, उसकी डार्क लाइट फ्यूजन तलवार उसके हाथ में हल्के-हल्के चमक रही थी। मायरा की विदाई का दर्द उसके दिल में था, लेकिन वेदांत की बातें उसके दिमाग में गूँज रही थीं—"यह दुनिया सिर्फ़ शुरुआत थी।"

"क्या मतलब?" अर्जुन ने वेदांत की ओर देखा। उसकी आँखों में सवाल थे, और चेहरे पर थकान के साथ-साथ एक नई जिज्ञासा।

वेदांत ने कक्ष की ओर इशारा किया। "यह महल, यह दुनिया—यह सब एक बड़े खेल का हिस्सा है। असुरवक्त सिर्फ़ एक पहरेदार था। असली शक्ति कहीं और छिपी है।"

अर्जुन ने भौंहें सिकोड़ीं। "तो अब क्या? मैं यहाँ से कहाँ जाऊँ?"

वेदांत मुस्कुराया। उसने अपनी तलवार ज़मीन पर मारी, और कक्ष की दीवार पर एक चमकता हुआ दरवाज़ा प्रकट हुआ। दरवाज़े से नीली रोशनी निकल रही थी, और उसमें से हल्की-हल्की हवा बह रही थी।

होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—

[नया मिशन: अज्ञात दुनिया में प्रवेश करें। लक्ष्य: असली शक्ति का पता लगाएँ।]

"यह द्वार तुम्हें अगली दुनिया में ले जाएगा," वेदांत ने कहा। "लेकिन सावधान रहना। वहाँ के खतरे इस जगह से कहीं बड़े हैं।"

अर्जुन ने गहरी साँस ली। "मायरा ने अपनी जान दी ताकि मैं यहाँ तक पहुँचूँ। मैं पीछे नहीं हटूँगा।"

वह दरवाज़े की ओर बढ़ा, लेकिन वेदांत ने उसे रोका। "रुक जाओ। तुम्हें अकेले नहीं जाना होगा।"

"क्या मतलब?" अर्जुन चौंका।

वेदांत ने अपनी जेब से एक छोटा स्फटिक निकाला और उसे अर्जुन के हाथ में रखा। "यह 'स्मृति का स्फटिक' है। यह तुम्हें उन लोगों से जोड़ेगा जो तुम्हारे साथ थे।"

अर्जुन ने स्फटिक को देखा। यह हल्का नीला था, और उसमें से गर्मी निकल रही थी। "क्या यह मायरा को वापस ला सकता है?"

"शायद," वेदांत ने कहा। "लेकिन उसका जवाब तुम्हें खुद ढूँढना होगा।"

अर्जुन ने स्फटिक को कसकर पकड़ा और दरवाज़े में कदम रखा।

नई दुनिया

जैसे ही अर्जुन ने दरवाज़ा पार किया, एक तेज़ रोशनी ने उसे अंधा कर दिया। जब उसकी आँखें खुलीं, वह एक अनजान जगह पर खड़ा था। चारों ओर रेगिस्तान फैला था, लेकिन रेत सुनहरी नहीं, बल्कि चाँदी की तरह चमक रही थी। आकाश में दो सूरज थे—एक लाल, दूसरा नीला। हवा में हल्की-हल्की बिजली की चिंगारियाँ तैर रही थीं।

"यह क्या जगह है?" अर्जुन ने बुदबुदाया।

होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—

[आप चाँदी के रेगिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं। यहाँ की शक्ति अज्ञात है। सावधान रहें।]

अर्जुन ने अपनी तलवार तैयार की और आगे बढ़ा। रेत उसके जूतों के नीचे करक रही थी। तभी, दूर से एक गड़गड़ाहट सुनाई दी। उसने नज़र उठाई—रेगिस्तान में एक विशाल आँधी तेज़ी से उसकी ओर बढ़ रही थी।

"लगता है यहाँ स्वागत अच्छा नहीं है," उसने मुस्कुराते हुए कहा।

आँधी करीब आई, और उसमें से एक आकृति उभरी। यह एक विशाल रेत का गोलेम था, जिसकी आँखें नीली बिजली से चमक रही थीं। उसकी भुजाएँ रेत से बनी थीं, लेकिन इतनी मज़बूत दिख रही थीं कि पत्थर को भी तोड़ सकें।

[सावधान! रेत का गोलेम प्रकट हुआ। खतरे का स्तर: उच्च।]

अर्जुन ने तलवार उठाई। "ठीक है, चलो शुरू करते हैं।"

पहला मुकाबला

गोलेम ने एक ज़ोरदार चीख मारी और अपनी भुजा से वार किया। अर्जुन ने "टाइम स्लो" का इस्तेमाल किया और एक तरफ कूदा। रेत का हाथ ज़मीन से टकराया, और एक धमाका हुआ।

"यह तेज़ है," अर्जुन ने सोचा। उसने "डार्क लाइट स्लैश" से जवाबी हमला किया। नीली और काली लहरें गोलेम से टकराईं, लेकिन उसकी रेत फिर से जुड़ गई, जैसे कुछ हुआ ही न हो।

"क्या?! यह तो नहीं मरेगा!" अर्जुन चौंका।

गोलेम ने दूसरा वार किया। अर्जुन ने "प्रीडिक्शन मोड" सक्रिय किया और हमले को देख लिया। वह पीछे हटा, लेकिन गोलेम की रेत उसके पैरों को पकड़ने लगी।

[आप जकड़ गए हैं! गति -50%।]

"यह अच्छा नहीं है," अर्जुन ने दाँत भींचे। उसने "टाइम ब्रेकर" का प्रयोग किया। समय रुक गया, और वह रेत से बाहर निकला। उसने गोलेम की आँखों पर निशाना साधा—शायद उसकी कमज़ोरी वही थी।

"डार्क लाइट फ्यूजन—सटीक वार!"

लहरें गोलेम की आँखों से टकराईं, और एक तेज़ चीख गूँजी। नीली बिजली फटी, और गोलेम रेत में ढह गया।

[बधाई हो! आपने रेत का गोलेम हराया। 200 एक्सपी प्राप्त हुए।]

अर्जुन हाँफते हुए रुक गया। "यह तो बस शुरुआत थी..."

स्मृति का स्फटिक

अर्जुन ने स्फटिक को जेब से निकाला। यह अब तेज़ी से चमक रहा था। उसने उसे हथेली में पकड़ा, और एक हल्की गर्मी उसके शरीर में फैल गई। तभी, स्फटिक से एक आवाज़ गूँजी—

"अर्जुन..."

यह मायरा की आवाज़ थी। उसका दिल धड़क उठा। "मायरा?! तुम कहाँ हो?"

"मैं यहाँ हूँ," आवाज़ फिर आई। "स्फटिक में। मेरी आत्मा इसमें बंधी है।"

अर्जुन की आँखें नम हो गईं। "तो तुम सच में मेरे साथ हो?"

"हाँ," मायरा ने कहा। "लेकिन मेरी शक्ति सीमित है। मैं तुम्हें मार्गदर्शन दे सकती हूँ।"

अर्जुन ने स्फटिक को कसकर पकड़ा। "मुझे तुम्हें वापस लाना होगा।"

"शायद कोई रास्ता हो," मायरा ने कहा। "इस दुनिया में एक शक्ति है—'प्रकाश का स्रोत'। वह मुझे फिर से जीवित कर सकता है।"

"कहाँ है वह?" अर्जुन ने पूछा।

"रेगिस्तान के दूसरी ओर," मायरा ने कहा। "लेकिन रास्ता आसान नहीं होगा।"

तभी, रेत फिर से काँपने लगी। दूर से एक और आकृति उभरी—इस बार यह एक विशाल रेत का साँप था, जिसके दाँत बिजली से चमक रहे थे।

[सावधान! रेत का नाग प्रकट हुआ। खतरे का स्तर: अति उच्च।]

अर्जुन ने तलवार उठाई। "लगता है पहले इसे हराना होगा।"

नई चुनौती

नाग ने फुफकार मारी और उसकी ओर झपटा। अर्जुन ने "टाइम स्लो" का इस्तेमाल किया और उसके नीचे से गुज़र गया। उसने "डार्क लाइट स्लैश" से वार किया, लेकिन नाग की रेत फिर से जुड़ गई।

"यह भी गोलेम की तरह है," अर्जुन ने सोचा।

"उसके सिर पर निशाना लगाओ," मायरा की आवाज़ स्फटिक से आई। "वहाँ उसकी शक्ति है।"

अर्जुन ने "प्रीडिक्शन मोड" और "टाइम ब्रेकर" को एक साथ इस्तेमाल किया। समय रुक गया, और वह नाग के सिर के पास पहुँचा। उसने पूरी ताकत से वार किया—

"डार्क लाइट फ्यूजन—विनाश!"

लहरें नाग के सिर से टकराईं, और एक विस्फोट हुआ। नाग रेत में ढह गया।

[बधाई हो! आपने रेत का नाग हराया। 250 एक्सपी प्राप्त हुए।]

अर्जुन हाँफते हुए रुक गया। दूर क्षितिज पर एक चमक दिखाई दी। "क्या वह प्रकाश का स्रोत है?"

"हाँ," मायरा ने कहा। "लेकिन अभी रास्ता लंबा है।"

तभी, रेत से एक और आकृति उभरी—इस बार यह एक परछाई थी, जो अर्जुन की तरह दिख रही थी।

[सावधान! छाया प्रतिबिंब प्रकट हुआ।]

अर्जुन ने चौंककर कहा, "यह मैं हूँ?"

(एपिसोड 10 समाप्त! अगले एपिसोड में अर्जुन का सामना अपने छाया प्रतिबिंब से होगा!)