एपिसोड 11: अपने ही खिलाफ
चाँदी का रेगिस्तान शांत था, लेकिन हवा में तनाव गूँज रहा था। अर्जुन की नज़र उस परछाई पर टिकी थी जो उसके सामने खड़ी थी—एक आकृति जो बिल्कुल उसकी तरह दिख रही थी। उसकी डार्क लाइट फ्यूजन तलवार की नकल उसके हाथ में थी, और उसकी आँखें काली थीं, जैसे उनमें कोई भावना न हो।
होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—
[सावधान! छाया प्रतिबिंब प्रकट हुआ। खतरे का स्तर: अति घातक।]
"यह मैं हूँ?" अर्जुन ने चौंककर कहा, उसकी आवाज़ रेत में गूँजी।
छाया प्रतिबिंब ने सिर उठाया। उसकी आवाज़ अर्जुन की थी, लेकिन ठंडी और खोखली। "मैं तुम हूँ—वह हिस्सा जो तुमने दबा दिया। तुम्हारा डर, तुम्हारा गुस्सा, तुम्हारी कमज़ोरी।"
अर्जुन ने तलवार मज़बूती से पकड़ी। "तो तुम यहाँ मुझे रोकने आए हो?"
"मैं यहाँ तुम्हें खत्म करने आया हूँ," छाया ने कहा और उसकी ओर झपटा।
खुद से लड़ाई
छाया ने "डार्क लाइट स्लैश" का प्रयोग किया—वही हमला जो अर्जुन का था। नीली और काली लहरें उसकी ओर बढ़ीं। अर्जुन ने "टाइम स्लो" सक्रिय किया और एक तरफ कूदा, लेकिन छाया ने भी उसी समय "टाइम स्लो" का जवाब दिया। दोनों की गति बराबर थी।
"यह मेरी हर चाल जानता है!" अर्जुन ने सोचा।
छाया ने फिर वार किया। अर्जुन ने "प्रीडिक्शन मोड" का इस्तेमाल किया, लेकिन उसे कुछ दिखाई नहीं दिया—छाया की चालें उसकी अपनी थीं, और उसका दिमाग उन्हें पढ़ नहीं पा रहा था।
तलवारें टकराईं। एक ज़ोरदार धमाका हुआ, और अर्जुन पीछे हट गया। उसकी बाँह में हल्की चोट लगी।
[आप पर हमला हुआ! -20 HP।]
"तुम मुझसे नहीं जीत सकते," छाया ने कहा। "मैं तुम्हारा सच हूँ।"
अर्जुन ने साँस ली। "अगर तुम मेरा सच हो, तो मैं तुम्हें हराकर खुद को साबित करूँगा।"
मायरा की आवाज़
अर्जुन ने जेब से स्मृति का स्फटिक निकाला। यह चमक रहा था। "मायरा, मुझे मदद चाहिए।"
स्फटिक से मायरा की आवाज़ गूँजी। "अर्जुन, यह तुम्हारा प्रतिबिंब है। इसे हराने के लिए तुम्हें अपने डर को स्वीकार करना होगा।"
"डर को स्वीकार करना?" अर्जुन ने सोचा। उसने आँखें बंद कीं। उसे अपने डर याद आए—अकेलेपन का डर, मायरा को खोने का डर, और अपनी शक्ति से दुनिया को नष्ट करने का डर।
"मैं डरता हूँ," उसने धीरे से कहा। "लेकिन मैं उस डर से बड़ा हूँ।"
स्फटिक से हल्की रोशनी निकली और उसके शरीर में समा गई। उसकी तलवार में एक नई चमक आई।
[नई क्षमता अनलॉक: आत्म-स्वीकृति (Self-Acceptance)]
अर्जुन ने आँखें खोलीं। "अब देखते हैं, छाया।"
संतुलन की शक्ति
अर्जुन ने "आत्म-स्वीकृति" को सक्रिय किया। उसकी तलवार से नीली, काली, और अब सुनहरी रोशनी निकलने लगी। उसने "टाइम ब्रेकर" का प्रयोग किया, और समय रुक गया। छाया भी रुकी, लेकिन इस बार अर्जुन की गति उससे तेज़ थी।
उसने "डार्क लाइट फ्यूजन—संतुलन वार" किया। तीन रंगों की लहरें छाया से टकराईं। छाया ने बचाव की कोशिश की, लेकिन सुनहरी रोशनी ने उसकी तलवार को चकनाचूर कर दिया।
"नहीं!" छाया चिल्लाई, और उसका शरीर धुएँ में बदलने लगा।
[बधाई हो! आपने छाया प्रतिबिंब को हराया। 300 एक्सपी प्राप्त हुए।]
अर्जुन हाँफते हुए रुक गया। "यह... खत्म हुआ।"
लेकिन तभी, छाया की आखिरी आवाज़ गूँजी। "तुमने मुझे हराया, लेकिन असली खतरा अभी बाकी है।"
रेत शांत हो गई, और क्षितिज पर चमक और तेज़ हो गई।
प्रकाश का स्रोत
अर्जुन ने स्फटिक को देखा। "मायरा, क्या यह रास्ता सही है?"
"हाँ," मायरा ने कहा। "प्रकाश का स्रोत करीब है। लेकिन वहाँ पहुँचने से पहले एक और परीक्षा होगी।"
अर्जुन ने रेत पर कदम बढ़ाए। चमक अब एक विशाल मंदिर की तरह दिख रही थी, जो रेत से ऊपर उठ रहा था। मंदिर के दरवाज़े पर प्राचीन अक्षर खुदे थे—"प्रकाश का अभयारण्य"।
जैसे ही वह करीब पहुँचा, रेत से एक नई आकृति उभरी। यह एक विशाल पक्षी था, जिसके पंख बिजली से बने थे और आँखें सुनहरी चमक रही थीं।
[सावधान! बिजली का गरुड़ प्रकट हुआ। खतरे का स्तर: अति उच्च।]
"लगता है अभी आराम नहीं मिलेगा," अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा।
गरुड़ ने चीख मारी और उसके पंखों से बिजली की लहरें निकलीं। अर्जुन ने "टाइम स्लो" का इस्तेमाल किया और लहरों से बच गया। उसने "संतुलन वार" से जवाबी हमला किया। तीन रंगों की लहरें गरुड़ से टकराईं, लेकिन वह हवा में उड़ गया।
"यह तेज़ है," अर्जुन ने सोचा।
"उसके पंखों पर निशाना लगाओ," मायरा की आवाज़ आई। "वहाँ उसकी शक्ति है।"
अर्जुन ने "प्रीडिक्शन मोड" और "टाइम ब्रेकर" को एक साथ इस्तेमाल किया। समय रुक गया, और वह गरुड़ के नीचे पहुँचा। उसने पूरी ताकत से वार किया—
"डार्क लाइट फ्यूजन—संतुलन विस्फोट!"
लहरें गरुड़ के पंखों से टकराईं, और बिजली फट गई। गरुड़ चीखते हुए रेत में गिरा।
[बधाई हो! आपने बिजली का गरुड़ हराया। 350 एक्सपी प्राप्त हुए।]
अर्जुन हाँफते हुए रुक गया। मंदिर का दरवाज़ा अब खुल गया था।
अभयारण्य में प्रवेश
अर्जुन मंदिर के अंदर दाखिल हुआ। कक्ष में एक विशाल प्रकाश का गोला तैर रहा था, जो सुनहरी और नीली रोशनी से चमक रहा था।
"यह... प्रकाश का स्रोत है?" अर्जुन ने बुदबुदाया।
"हाँ," मायरा की आवाज़ स्फटिक से आई। "यह मुझे वापस ला सकता है। लेकिन इसके लिए एक कीमत चुकानी होगी।"
"क्या कीमत?" अर्जुन ने पूछा।
"तुम्हारी शक्ति का एक हिस्सा," मायरा ने कहा। "या फिर कुछ और जो तुम्हें प्यारा है।"
अर्जुन ने स्फटिक को देखा। "मायरा, तुम मेरे लिए सबसे ज़रूरी हो। मैं कोई भी कीमत चुकाऊँगा।"
उसने प्रकाश के गोले की ओर हाथ बढ़ाया। रोशनी उसके शरीर में समा गई, और एक तेज़ चमक फैल गई। स्फटिक चमका, और मायरा की आकृति धीरे-धीरे ठोस होने लगी।
"अर्जुन!" मायरा की असली आवाज़ गूँजी। वह अब उसके सामने खड़ी थी, जीवित।
अर्जुन ने उसे गले लगाया। "तुम वापस आ गईं..."
लेकिन तभी, होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—
[चेतावनी: शक्ति संतुलन टूटा। नया खतरा जागृत।]
मंदिर काँपने लगा, और रेत से एक विशाल काला दरवाज़ा उभरा।
"यह क्या है?" अर्जुन चौंका।
मायरा ने उसका हाथ पकड़ा। "लगता है हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।"
(एपिसोड 11 समाप्त! अगले एपिसोड में अर्जुन और मायरा का सामना नए खतरे से होगा!)