एपिसोड 18: समय का अंत और नई शुरुआत
नीली दुनिया का महल पीछे छूट चुका था। अर्जुन, मायरा, और वेदांत सुनहरे पोर्टल के सामने खड़े थे, जिससे एक गर्म, सुनहरी रोशनी निकल रही थी। कालपुरुष की आखिरी चेतावनी—"सावधान रहना, कालद्रष्टा। समय कभी खत्म नहीं होता"—उनके दिमाग में गूँज रही थी। अर्जुन की डार्क लाइट फ्यूजन तलवार उसके हाथ में थी, मायरा उसके बगल में खड़ी थी, और वेदांत तैयार था।
होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—
[नया मिशन: सुनहरे पोर्टल में प्रवेश करें। अंतिम यात्रा शुरू।]
"यह हमें घर ले जाएगा?" मायरा ने उम्मीद भरी नज़रों से पूछा।
"या शायद कुछ और," अर्जुन ने कहा। "लेकिन जो भी हो, हम साथ हैं।"
वेदांत ने मुस्कुराया। "चलो, देखते हैं कि समय हमारे लिए क्या रखता है।"
तीनों ने पोर्टल में कदम रखा। एक तेज़ सुनहरी चमक ने उन्हें घेर लिया, और अगले ही पल वे एक नई जगह पर थे।
सुनहरा क्षितिज
अर्जुन ने आँखें खोलीं। चारों ओर एक सुनहरा मैदान फैला था, जहाँ घास सुनहरी चमक रही थी। दूर क्षितिज पर एक विशाल सुनहरा वृक्ष खड़ा था, जिसकी शाखाएँ आकाश को छू रही थीं। हवा में शांति थी, और एक हल्की-सी मधुर धुन गूँज रही थी।
"यह... क्या है?" मायरा ने बुदबुदाया।
होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—
[आप सुनहरे क्षितिज में प्रवेश कर चुके हैं। यहाँ की शक्ति: संतुलन और शांति।]
"यह घर जैसा लगता है," वेदांत ने कहा। "लेकिन कुछ अधूरा भी।"
तभी, सुनहरे वृक्ष से एक रोशनी निकली, और कालपुरुष की आकृति फिर से प्रकट हुई। उसका चेहरा शांत था।
"स्वागत है, कालद्रष्टा," कालपुरुष ने कहा। "तुम यहाँ तक पहुँच गए।"
"यह जगह क्या है?" अर्जुन ने पूछा। "और हमारा मिशन क्या था?"
कालपुरुष ने वृक्ष की ओर इशारा किया। "यह सुनहरा क्षितिज है—सभी दुनियाओं का केंद्र। यहाँ समय, प्रकाश, और अंधेरा संतुलन में हैं। तुमने मेरे दूषित रूप को हराकर इसे बचाया।"
"तो क्या यह खत्म हुआ?" मायरा ने पूछा।
"हाँ और नहीं," कालपुरुष ने कहा। "तुम्हारी लड़ाई ने संतुलन बहाल किया, लेकिन समय का चक्र कभी रुकता नहीं। तुम्हारी नियति अब तुम्हारे हाथ में है।"
अर्जुन ने मायरा और वेदांत की ओर देखा। "तो हम अब क्या करें?"
कालपुरुष ने मुस्कुराया। "तुम चुन सकते हो—यहाँ रहो और शांति पाओ, या अपनी दुनिया में लौटो और नई शुरुआत करो।"
अंतिम चुनौती
तभी, सुनहरे वृक्ष की जड़ों से एक काला धब्बा उभरा। उसमें से एक परिचित हँसी गूँजी—समय का स्वामी की।
"तुमने मुझे हराया, लेकिन मैं समय हूँ। मैं हमेशा लौटता हूँ," उसकी आकृति फिर से बनने लगी।
[सावधान! समय का स्वामी (अंतिम रूप) प्रकट हुआ। खतरे का स्तर: सर्वोच्च।]
"क्या?!" वेदांत चौंका। "यह फिर से?"
कालपुरुष ने कहा, "यह तुम्हारी आखिरी परीक्षा है। इसे हराओ, और तुम सच में आज़ाद होगे।"
अर्जुन ने तलवार उठाई। "हम इसे फिर से हराएँगे।"
समय का स्वामी ने एक काला और सुनहरा गोला बनाया और फेंका। अर्जुन ने "टाइम स्लो" का इस्तेमाल किया, मायरा ने नीली ढाल बनाई, और वेदांत ने हरी ऊर्जा से हमला किया। लेकिन गोला ढाल को चीर गया।
[आप पर हमला हुआ! -30 HP।]
"यह पहले से भी शक्तिशाली है," मायरा ने कहा।
अर्जुन ने "प्रीडिक्शन मोड" और "सत्य का वार" को सक्रिय किया। सफेद लहरें समय का स्वामी से टकराईं, लेकिन उसने हँसते हुए उन्हें झेल लिया।
[समय का स्वामी को क्षति पहुँची! -10% शक्ति।]
"हमें कुछ बड़ा करना होगा," वेदांत ने कहा।
संतुलन की शक्ति
अर्जुन ने सुनहरे वृक्ष की ओर देखा। "यहाँ की शक्ति संतुलन है। अगर हम इसे इस्तेमाल करें?"
मायरा ने सिर हिलाया। "मैं अपनी नीली शक्ति डाल सकती हूँ।"
वेदांत ने कहा, "और मैं अपनी हरी ऊर्जा।"
अर्जुन ने "आत्म-स्वीकृति" और "सत्य का वार" को एक साथ जोड़ा। उसने वृक्ष की ओर हाथ बढ़ाया। सुनहरी रोशनी उसकी तलवार में समा गई। मायरा ने नीली शक्ति जोड़ी, और वेदांत ने हरी ऊर्जा मिलाई।
"यह हमारा अंतिम हमला है," अर्जुन ने कहा। "संतुलन का प्रकाश!"
सुनहरी, नीली, हरी, और सफेद लहरें एक साथ समय का स्वामी से टकराईं। उसका क्रिस्टल चमका, लेकिन इस बार वह टूट गया। एक विशाल विस्फोट हुआ, और समय का स्वामी की चीख गूँजी।
"नहीं... मैं समय हूँ!" उसका शरीर कणों में बिखर गया।
[बधाई हो! आपने समय का स्वामी (अंतिम रूप) को हराया। 1200 एक्सपी प्राप्त हुए।]
नई शुरुआत
सुनहरा क्षितिज फिर से शांत हो गया। कालपुरुष ने कहा, "तुमने समय को हराया। अब तुम सच में आज़ाद हो।"
अर्जुन ने पूछा, "तो अब क्या?"
कालपुरुष ने एक छोटा सुनहरा स्फटिक अर्जुन को दिया। "यह 'संतुलन का स्फटिक' है। इसके साथ तुम अपनी दुनिया में लौट सकते हो—या कहीं और।"
[नई वस्तु: संतुलन का स्फटिक प्राप्त हुआ।]
मायरा ने अर्जुन की ओर देखा। "हम घर लौटें?"
अर्जुन ने मुस्कुराया। "हाँ। लेकिन पहले..." उसने वेदांत की ओर देखा। "तुम हमारे साथ चलोगे?"
वेदांत ने हँसा। "मुझे लगता है मेरी अपनी यात्रा बाकी है। लेकिन हम फिर मिलेंगे।"
कालपुरुष ने हाथ उठाया, और एक नीला पोर्टल खुला। "यह तुम्हें तुम्हारी दुनिया में ले जाएगा।"
अर्जुन और मायरा ने वेदांत को गले लगाया। "अलविदा, दोस्त," अर्जुन ने कहा।
वेदांत ने सिर हिलाया। "यह अलविदा नहीं है।"
अर्जुन और मायरा पोर्टल में कदम रखे। एक नीली रोशनी ने उन्हें घेर लिया, और वे गायब हो गए।
घर की वापसी
अर्जुन ने आँखें खोलीं। वह एक परिचित गाँव में खड़ा था—उसका गाँव, जहाँ उसकी यात्रा शुरू हुई थी। मायरा उसके बगल में थी। चारों ओर हरी घास, नीला आकाश, और बच्चों की हँसी थी।
"हम... घर आ गए," मायरा ने कहा, उसकी आँखें नम थीं।
अर्जुन ने उसे गले लगाया। "हाँ। और अब हम साथ हैं।"
होलोग्राफिक स्क्रीन चमकी—
[मिशन पूर्ण: संतुलन बहाल। कहानी समाप्त।]
लेकिन तभी, संतुलन का स्फटिक हल्का-सा चमका। एक फुसफुसाहट गूँजी—"समय कभी रुकता नहीं..."
अर्जुन और मायरा ने एक-दूसरे की ओर देखा और मुस्कुराए। "लगता है हमारी कहानी अभी पूरी नहीं हुई," अर्जुन ने कहा।
(एपिसोड 18 समाप्त! कहानी का अंत—या नई शुरुआत?)