19 ziddi

अंश वहीं पास खड़ा यह सब नज़ारा देख रहा था। वह हैरान था, जानवी का एटीट्यूड देखकर। जिसे देख अंश अपने मन में लिखने लगा, भागी क्यों और कहाँ जा रही है?

"चलो छोड़ो, मुझे क्या," उसने सोचा, "जहाँ जाना है, जाए। मुझे तो बस अपना काम करना है।" और फिर वह भी गंदू के पीछे, लेकिन उनसे थोड़ा दूर रहता है।

सभी गुंडे वहाँ पहुँच जाते हैं, जिस तरफ़ जानवी भागी थी, लेकिन उन्हें जानवी कहीं भी नज़र नहीं आ रही थी।

"यार, अभी तो यहीं थी, कहाँ चली गई है?" एक गुंडा परेशान होकर बोला।

और वहीं दूसरा गुंडा, अपने प्राइवेट पार्ट को पकड़े हुए, बोला, "साली ने मुझे मारा है। इसे तो मैं छोड़ूँगा नहीं। लेकिन अब मैं इस चमक-छलो को मुफ़्त में ही सबक सिखाऊँगा।"

"अभी उसे ढूँढ़ तो ले," तीसरा गुंडा बोला, "तब जाकर उसे सबक सिखा लेंगे। और वैसे भी उसने तुझे अकेले को नहीं मारा, हमें भी मारा। इसलिए मैं भी नहीं छोड़ने वाला।"

तभी उन्हें अपने पीछे एक प्यारी और पतली, लेकिन किसी शेरनी की दहाड़ने जैसी आवाज़ आती है।

"पहले मुझे पकड़ तो लो," यह कहते हुए जानवी अपने दोनों हाथों को अपने पीछे कर, गुंडों की तरफ चल रही थी।

और इधर गुंडे जानवी को अपनी तरफ आता देख खुद से बोले, "क्या यह लड़की पागल है? इसे सच में हमसे डर नहीं लगता? देख, कैसे बगैर डरे हमारे पास चल रही है।"

और फिर अपना चेहरा पहले वाले गुंडे को दिखाते हुए, "गुड्डा लगता हूँ या नहीं? मुझे तो आज शक हो रहा है खुद पर।"

"सही कहा यार, मुझे तो खुद शक हो रहा है कि यह लड़की है भी या नहीं।"

तब तक जानवी उनके एकदम नज़दीक आ जाती है और फिर अपने फुल एटीट्यूड से कहती है, "तुम्हें मेरा हाथ चाहिए, या फिर कुछ और?"

जानवी की बात सुन गुंडे आपस में एक-दूसरे को देखने लगते हैं, जैसे पूछ रहे हों कि हम क्या बोलें? तभी उनमें से एक गुंडा, "कुछ और..."

यह सुनते ही जानवी अपने हाथों में पकड़े डंडे को घुमाकर गुंडे को मारती है, जिससे वह गुंडा ज़मीन पर गिर जाता है और फिर उसके कान से खून निकलने लगता है।

फिर जानवी फुर्ती से दूसरे गुंडों पर भी डंडे का वार करने लगती है, जिससे वह दोनों गुंडे भी ज़मीन पर गिर जाते हैं और उनके हाथ और पैरों से खून बहने लगता है।

और जानवी किसी बेरहम की तरह उन गुंडों पर डंडे बरसाती है और फिर गुस्से से दांत पीसते हुए कहती है, "बहुत शौक है ना लड़कियों को छेड़ने का? अब तुम लड़कियाँ छेड़ने से पहले २०० बार सोचोगे। १००% खुद से और १००% मेरे बारे में सोचकर।"

और वह गुंडे दर्द से कराह रहे थे क्योंकि जानवी उन पर डंडे बरसा रही थी।

"प्लीज़ दीदी, हमें छोड़ दो। हम अब दोबारा कभी भी किसी लड़की को नहीं छेड़ेंगे। आज से, नहीं, अभी से सब लड़कियाँ हमारी बहन हुईं। पर प्लीज़ हमें छोड़ दो।"

उन गुंडों की बात सुन जानवी एक पल के लिए रुक जाती है।

और उनमें से एक गुंडा जानवी को रुकता देख थोड़ी राहत का साँस लेता है, लेकिन उन दोनों की अब हिम्मत नहीं थी कि वह उठकर वहाँ से भाग भी सकें।

"हम पागल थे जो हमने कुछ और माँग लिया।" दूसरा गुंडा बोला। "इसका कुछ और माँगने का मतलब था कि हमें डंडे से पीटना। काश हम इसका हाथ माँग लेते, तो यह हमें पीटती ना। शायद हमसे शादी कर लेती।"

उस गुंडे की बात सुन जानवी को फिर से गुस्सा आने लगता है कि इतना पीटने के बाद भी इन गुंडों को अक्ल नहीं आई जो यह मुझे शादी करने की बात कर रहे हैं। "रुको, बताती हूँ अभी।" और फिर उस डंडे से दुबारा पीटते हुए, "अगर तुम मेरा हाथ माँगते तो मैं तुम्हें हाथों और पैरों से तुम्हारी मरम्मत करती, डंडे से नहीं।"

और वहीं दूर खड़ा अंश जानवी को ऐसे अवतार में देख उसकी आँखें बाहर आने को थीं। वह तो डर ही गया था जानवी को देख। "यह लड़की पागल है क्या? क्या वह उन गुंडों को मार देगी? और यह साले गुंडे किसी काम के नहीं निकले। एक लड़की को छेड़ भी नहीं पाए। मेरे अरमानों पर तो पानी फिर गए। मैंने क्या सोचा था और क्या हो रहा है। मैंने सोचा था यह साले गुंडे जानवी को छेड़ेंगे और मैं हीरो के मफ़िक जाऊँगा जानवी को बचाने और यहाँ उल्टा हो रहा है। मुझे तो ऐसा लगता है कि मुझे जानवी से इन गुंडों को बचाना होगा, ना कि गुंडों से जानवी को।"

और इधर जानवी उन गुंडों पर अपना हाथ साफ़ कर, "आज तो मज़ा आ गया। तुम सबकी धुलाई करके। कितने दिनों से कोई फ़न नहीं किया था। आज तो सच में दिल खुश हो गया। तुम तीन नमूनों की धुलाई करके।" और फिर वहाँ से बाइक पर बैठ अपने घर की तरफ़ चली जाती है।

और इधर अंश जानवी को बाइक पर बैठ वहाँ से जाता हुआ देखता रह जाता है।

"यार, इस लड़की को पाना आसान नहीं है। मुझे बहुत मेहनत..."

फ्लैशबैक

आज अंश की आँखों में आँसू थे क्योंकि वह जानवी को इस तरह नहीं देख सकता था, वह भी उसकी वजह से।

और फिर अंश शीशे से जानवी को देखते हुए, "आई प्रॉमिस जानवी, बस कुछ दिन और..."

"जैसे दादी ठीक हो जाएंगी, मैं तुम्हें इस रिश्ते से आज़ाद कर दूँगा। मैं मानता हूँ कि मैंने तुम्हारे साथ गलत किया। मैं सेल्फ़िश बन गया था। लेकिन तुमने भी सही नहीं किया जानवी। मुझे ड्रग्स देकर मेरे करीब आई। जानवी, मुझे नहीं पता तुम मुझसे सच में प्यार करती हो या नहीं, लेकिन मैं तुमसे प्यार नहीं कर सकता। मैं सिर्फ़ आलिया से प्यार करता था और करता रहूँगा। मैं कभी तुम्हें उसका हक़ नहीं दे सकता, कभी भी नहीं।"

तभी डॉक्टर रूम से बाहर आते हैं। उसे देख अंश जल्दी से डॉक्टर के पास जाता है, "अब वह कैसी है?"

"सर, अब मैडम पहले से बेहतर है और कुछ घंटों में उन्हें होश भी आ जाएगा। अब चाहे तो जाकर देख सकते हैं।"

यह कह डॉक्टर वहाँ से चला जाता है और अंश भी जानवी के रूम में चला जाता है।

और हाँ रीडर्स, मैं आपको एक और बात बताना चाहती हूँ कि किसी ने मुझे कहा था कि क्या जानवी पागल है? तो मैं आप सबको बता दूँ कि जानवी का मानना है कि अगर अंश अपने प्यार के लिए किसी को धोखा दे सकता है तो वह खुद क्यों अपने प्यार के लिए इतना नहीं कर सकती। चाहे अंश ने उसे प्यार किया हो या ना किया हो, लेकिन उसने तो अंश से प्यार किया था। प्यार का असली मतलब सेक्रिफाइस करना, ना कि...

और वैसे भी जानवी जिद्दी लड़की है। जो उसने एक बार ठान लिया, वह वही करती है, चाहे वह सही या फिर गलत हो।

आज के लिए बस इतना।