और वह यहां अब तक रुकी क्यों है,,,,,,,,,उसे खुद भी नहीं पता ,,,,कि वह यहां रुकी ही क्यों है ,,,,आखिर वजह क्या है ,,,,,अगर वह चाहे तो,,,,,2 मिनट में ही ,,,,,अंश को उसकी औकात दिखा सकती थी,,,,सअंश की सारी सिंचाई दादियों के सामने लाकर
और वही अंश को आज सच में,,,,बहुत बुरा लगा था,,,,उसे जानवी की एक-एक बात चुभी थी,,,,,उसे बुरा लगा था,,,,,क्योंकि जानवी ने जो भी कहा था
वह सब सच था,,,,,क्योंकि उसने जानवी को दुख और तकलीफ के सिवा दिया ही क्या था ,,,,,पहले उससे प्यार का नाटक किया ,,,,,फिर उसके साथ जबरदस्ती की ,,,,,चाहे वजह कुछ भी हो ,,,,और ऊपर से उसका इल्जाम भी उसी पर लगा दिया,,,,,,, उसे character less kaha,,,,,,, और उससे मिला है क्या,,,,,,शिवाय दुख और तकलीफ के,,,,,यह सोचते हुए अंश की आंखों में पानी आ जाता है
और फिर अंश बगैर पीछे मुडे़,,,, अपनी आंखों में आंसू लिए,,,,आइम सॉरी जानवी,,,,,मुझे माफ कर दो,,,,,लेकिन मैं सच में तुमसे दिल से माफी मांग रहा हूं
लेकिन लेकिन जानवी उसकी बात सुनकर भी ,,,,,,अनसुना कर वहां से चली जाती है
अब आगे,, _________________________
रात का टाइम
और वही अंश बलकारी में जाता है तो अपने सामने देखता है ,,,,,,कि जानवी झूले पर बैठे हैं नॉनस्टॉप चांद को देख रही है ,,,,,,
वह इस वक्त बहुत ही खूबसूरत लग रही थी,,,,,,,जिसे अंश की नजर ही नहीं हटती जानवी के चेहरे से,,,,,,और वह धीरे-धीरे आपने कदम जानवी की तरफ बढ़ा देता है,,,,,,और उसी के बगल में बैठते हुए
थैंक यू मुझे माफ कर,,,,यहां रुकने के लिए
और वही जानवी,,,,,कोई रिएक्ट नहीं करती ,,,,,,,जैसे उसने अंश की बात सुनी ना हो,,,,,,पता नहीं क्यों लेकिन अंश को जानवी का इस तरह बर्ताव अच्छा नहीं लग रह,,,,,,,,उसे आज पहली बार ,,,,,,उसे जानवी की चुप्पी खल रही थी
जिससे अंश जानवी की तरफ देखते हुए ,,,,,क्या जानवी तुम अब भी मुझसे नाराज हो
अंश की बात सुन,,,,जानवी अपना चेहरा आश की तरफ करते हुए,,,,,,,क्या कहा मैं तुमसे नाराज ,,,,,,,,आखिर में होती कौन हूँ,,,,,तुमसे नाराज होने वाली,,,,,,ना दोस्त ना बीवी और ना ही कोई गर्लफ्रेंड
और वही अंश को जानवी की यह बात बहुत बुरी लगी ,,,,,,,जिससे अंश जानवी की तरफ से,,,,,,,चेहरा घुमा,,,,,वह भी चांद को देखने लगता है
और वही जानवी अश का ऐसा रिएक्शन देख ,,,,,,अपने फेस पर दर्द भरी स्माइल ला,,,,,,,वह भी चांद को देखने लगती है,,,,,कि तभी दोबारा अंश
आई एम सॉरी जानवी,,,,,,,लेकिन मैं क्या करता मेरे पास सिर्फ एक ही ऑप्शन था ,,,,,,तुम्हें यहां लाने का
और फिर अपनी तीरसी नजरों से,,,जानवी की तरफ देख ,,,,,अपना चेहरा चांद की तरफ किए हुए ही,,,,,,,,मेरा कोई इरादा नहीं था,,,,,,तुम्हारे दिल के साथ खेलने का,,,,,,पर मैं क्या करता ,,,,,,अगर मैं तुम्हें कहता,,,,,,,,तो क्या तुम मेरी मदद करती,,,,,,कभी नहीं
और वहीं जानवी को अंश की बात सुन,,,,,,,,अंश के साथ बिताएं हर पल याद आने लगता है ,,,,,,,,कि कैसे अंश ने उसे प्रपोज किया था,,,,,,,,,कैसे अंश ने उसकी हेल्प की थी,,,,,और उनकी पहली किस्,,,,,,,,,जो कि जानवी ने ही पहल की थी,,,,,,,,उसे अंश के साथ डांस करना है,,,,,,उनकी सगाई होना ,,,,उनका झगड़ा होना,,,,,,,और फिर उसके पीछे-पीछे यहां आना,,,,,यह सब याद कर ,,,जानवी की आंखों में पानी आ जाता है
और वही अंश आगे,,,,,,चांद की तरफ देखते हुए ,,,,, सॉरी जानवी,,,,,, लेकिन मैं क्या करता ,,,,,,,,,मैं आलिया को बहुत प्यार करता था ,,,,,,,और आज आलिया हमारे साथ नहीं है ,,,,,,,,,,वो भी मेरी वजह से ,,,,,,,,काश मैं उसे दिन आलिया के साथ लॉन्ग ड्राइव पर ना गया होता,,,,,,और हमारी बाइक का एक्सीडेंट ना हुआ होता था
तुम्हें पता है,,,,,,मैं यहां कभी नहीं आना चाहता था ,,,,,,,क्योंकि मैं अपनी आलिया को यही खोया था
और वह जानवी को अपनी और आलिया की पहली मुलाकात और वह कैसे,,,,,उसके साथ रहता था ,,,,यहां सब उसे बताने लगता है
और वही जानवी जैसे-जैसे अंश के मुंह से अपने और अलिया के बारे में सुन रह थो,,,,,उसकी आंखों में पानी आ रहा था,,,
उसे अपने दिल में बहुत दर्द महसूस हो रहा था,,,,की आंस ने जितने भी पल उसके साथ गुजारे थे ,,,,,,,,वह सब के सब झूठे थे ,,,,,,,नकली थी
उसके दिल में उसके लिए कभी जगह थी ही नहीं,,,,,,,और वह ,,,,,कितनी शिद्दत से,,,,,,,आलिया से प्यार करता था,,,,,और,उससे सिर्फ और सिर्फ धोखा
जिससे सोच जानवी अपनी आंखें बंद कर लेती है ,,,,,,और वहां उसके आंसू उसके गालों से होते हुए ,,,,,,,उसके हाथों में ज गिरते हैं
और फिर जानवी धीरे से पलट अंश की तरफ देखती है,,,,,,,की तभी अंश की भी नजर जानवी पर पड़ती है ,,,,,,,,,,जिसकी आंखें इस वक्त बिलकुल लाल हो गई थी ,,,,,,,,,,और उसके गालों पर आंसुओं की धारा थी ,,,,,,,,,जिसे देख अंश को अपने दिल में,,,,जैसे कुछ टुटता हुआ महसूस होता है,,,,,
और वही जानवी बगैर कुछ पल और वहां रुके,,,,,,,,वह जल्दी से कमरे में चली जाती है
और वही अंश खुद से ही अंस ,,,,,,तु सच मैं पागल है,,,,,, तूझे क्या जरूरत थी ,,,,,,, जानवी को यह सब बताने की ,,,,,और फिर वह भी जानवी के पीछे-पीछे जाने लगता है,,,,,,,अंश जानवी ,,,को रोकते हुए ,,,,,,,,जानवी मेरा कहने का मतलब,,,,मतलब मैं तुम्हें
और वही जानवी पीछे मुड़ अंश की तरफ देखते हुए,,,,,,,इट्स ओके अंश,,,,,,,मुझे खुशी हुई कि तुम्हारे पास कोई ऐसे पल तो है ,,,,,जिसे तुम याद कर खुश हो सकते हो,,,,,,लेकिन मेरे पास ऐसा कोई पल नहीं है,,,,,,,,जिसे मैं याद कर खुश हो सकूं ,,,,,
क्योंकि उन पलो को याद कर,,,,,,मुझे सिर्फ तकलीफ होती है,,,दर्द होता है,,,,,,और खुद पर गुस्सा आता है,,,,,कि क्यों मैंने प्यार पर भरोसा किया
और तुम्हें पता है अंश मैं हमेशा अपनी फ्रेंड्स को कहती थी,,,,,,कि प्यार सिर्फ इंसान को कमजोर बनाता है,,,,,,प्यार कभी मत करना वह तुम्हें तोड़ देता है
और मेरी फ्रेंड्स कहती थी तुम तो गलत कहती है जानवी ,,,,की प्यार
लेकिन तुमसे मिलने के बाद ,,,,,,,,मैं सब कुछ भूल गई थी,,,,,,,तब जाना था ,,,,,कि प्यार कितना मीठा होता है,,,,,,प्यार एक ऐसा एहसास होता है,,,,,जो हर कोई एहसास करना चाहता है,,,,लेकिन मैं गलत थी,,,,,,
क्योंकि मैं अब कहती हूं कि प्यार सच में दर्द और तकलीफ के सिवा कुछ नहीं देता है,,,,,यह कहें वह झट से कमरे में चली जाती है,,,
और वही अंश को बहुत बुरा लगा,,,,,,,क्योंकि आज जानवी को इतने दर्द में देखकर ,,,,,उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था ,,,,,,कि क्यों उसने यह रास्ता चुना था,,,,अपनी जिंदगी को सही करने के लिए
उसे आज तकलीफ हो रही थी ,,,,,,क्योंकि वह जानवी की आंखों में खुद के लिए नफरत नहीं देख था
पता नहीं क्यों लेकिन उसे आज अपने दिल में बहुत दर्द सा महसूस हो रहा था,,,,,जिससे वह अपने मन में ,,,,,क्या मैं जानवी से प्यार करने लगा,,,,,,नहीं नहीं मैं कुछ ज्यादा ही सोच रहा हूं यहां सोचते हुए ,,,,,,, अंश भी घर मैं चला जाता है,,,,,,तो देखा है ,,,,, कि जानवी सोफे पर लेटी हुई थी,,,,,जिसे देख वह गहरी सांस ले,,,,,वह भी बेड पर जा जानवी को देखते हुए सो जाता है
ऐसे ही एक दिन बीत जाता है,,,,जानवी कोई काशर नहीं छोड़ी थे ,,,,,अंश को इग्नोर करने में ,,,,,,,,,और यही चीज अंश को अपने दिल में तीस उठा रही थी
और वही जानवी काफी खुश थी,,,,,,क्योंकि अब दादी पहले से काफी ठीक हो गई थी,,,,,,,,और उसका टाइम भी आ गया था इंडिया वापस जाने का ,,,,,,क्योंकि अब वह और यहां नहीं रुकना चाहती थी,,,,,,बस 10 दिन और,,,,,फिर वह हमेशा के लिए यहां से चली जाएगी
और वही हाल में नीचे सब आपस में बातें कर रहे थे ,,,,,,कि तुम्हें पता है जब हम इंडिया में थे ,,,,,,तो हम सब पार्टी करते थे,,,,,जिसे सभी लड़कियां और लड़को अपनी फेवरेट फेवरेट फिल्म स्टार जैसे बनकर आते थे
और हम काफी एंजॉय करते थे,,,,जिससे दूसरी दादी बोली हां सही कहा,,,,और मैं तो हमेशा ही, की तभी दूसरी दादी बोल पड़ी, श्रीदेवी बनती थी
,,,,,और फिर हंसते हुए ,,,,,,,,तुम्हें पता है यह कितनी पागल थी श्रीदेवी के पीछे और,,,,
फिर वह दादी हंसते हुए हां ,,,,,,तु तो जैसे पागल थी ही, नहीं ,,,,, और तु त ऋषि कपूर तू तो उसकी एक भी शो नहीं छोड़ती थी ,,,,,,,,जिसे सुन अंश की दादी शर्मा जाती है
जिसे सुन वह छोटी लड़की ,,,,,सच में आंटी
जिसे सुन दादिया हंसते हुए ,,,,,और क्या हम झूठ बोलेंगे
जिससे वह लड़की तो क्या,,,,,,हम भी उसी तरह,,,,,पार्टी यहां नहीं कर सकते,,,,,,,,जिसे सुन उसे लड़की की मां ,,,,,,,थोड़े टोअते हुए यह क्या बोल रही है ,,,,और फिर उसे पकड़ के ले जाने लगती है
जिसे सुन दादिया अरे छोड़ो उसे,,,,क्या कर रही हो,,,कांता,,,,,
उसे बच्ची ने,,,,गलत ही क्या कहा ,,,,,और फिर वह अपनी सहेली से बात करते हुए ,,,,,क्यों ना हम यहां पर ही पार्टी करें ,,,,,,,और वैसे भी मुझे अंश और आलिया में कुछ सही नहीं लग,,,,,,,,क्योंकि मैंने देखा है ,,,,,,वह दोनों कैसे एक दूसरे को ,,,इग्नोर कर रहे हैं
हां यार,,,,मैंने भी देखा है,,,,,की तभी कुछ सोच है,,,हां मेरे पास एक आईडिया है,,,,,,क्यों ना हम पार्टी करें,,,,
जिससे अंश और अलिया फिर से एक हो जाएगा ,,,,,, और अलिया अंश को माफ कर दे,,,,,,,,,क्योंकि सच में ,,,,,,अंश ने,,,,,उसके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया है,,,,,यहां का पार्टी के बारे में सोचने लगते हैं
आई एम सॉरी गाइस पर मैं यह स्टोरी बंद करने की सोच रही थी,,,,,,इसलिए मैंने इसके चैप्टर अपलोड करने के बारे में नहीं सोचा था
लेकिन मैं सोच लिया है कि अब मैं इसका नवल को भी,,,,अब कंप्लीट करूंगी ,,,,,,और इतनी जल्दी हो सके इस नॉवेल को अपनी ट्रैक पर लाऊंगी