Chapter 1

धरती पर लाखों साल बीतने के बाद छोटे से छोटे और बड़े से बड़े जानवर विशालकाय होने लगे। कुछ शांत स्वभाव के थे तो कुछ इतने खतरनाक कि उनकी झलक मात्र से लोगों की रूह कांप जाती थी। समय के साथ इन बीस्ट्स की शक्ति बढ़ती गई, और वे इंसानों पर हावी होने लगे। हालात ऐसे हो गए कि आम इंसानों को अपने घरों में छिपकर रहना पड़ रहा था।

लेकिन कुछ इंसान इन हालातों से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने खुद को तैयार किया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि बाकी लोगों की तरह छिपकर जीवन बिताएं। वर्षों की कठिन ट्रेनिंग के बाद ये लोग ऐसे योद्धा बन गए, जो इन बीस्ट्स का सामना कर सकते थे। इन्हें 'मॉन्स्टर टेमर' कहा जाने लगा।

मॉन्स्टर टेमर बनने के लिए एक व्यक्ति को न केवल ताकतवर होना पड़ता था, बल्कि उसमें बीस्ट्स को काबू में करने की विशेष कला भी होनी चाहिए थी। समय के साथ, यह एक फैशन बन गया, लेकिन इसमें कामयाब होने के चांस बहुत कम थे। इसलिए मॉन्स्टर टेमर बनने की ट्रेनिंग के लिए विशेष स्कूल खोले गए। इन स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षित किया जाता था, ताकि वे बीस्ट्स को काबू कर सकें।

आज की कहानी एक ऐसे ही स्कूल के छात्र शौर्य की है। शौर्य इस वक्त किसी खतरनाक बीस्ट को नहीं, बल्कि एक सामान्य बिल्ली को टेम करने की कोशिश कर रहा था। यह बिल्ली उसे स्कूल की ओर से दी गई थी, और वह पिछले चार सालों से इसे टेम करने में असफल रहा था। लेकिन आज, उसे लग रहा था कि इस बार वह जरूर सफल होगा। उसने बिल्ली के लिए खास मछली का इंतजाम किया था, और पूरी उम्मीद के साथ उसे खिला रहा था।

बिल्ली ने शौर्य के हाथ से मछली खाई, लेकिन जैसे ही मछली खत्म हुई, उसने शौर्य को काट लिया। शौर्य घबरा गया और तुरंत वहां से भाग खड़ा हुआ। इस नजारे को देखकर बाकी छात्र हंसने लगे।

स्कूल में 'ब्लैक गॉड टीम' नामक एक शक्तिशाली समूह था, जिसका लीडर गौरव था। गौरव दूसरे स्थान पर था, और उसकी टीम के बाकी सदस्य तीसरे से पांचवें स्थान तक थे। जब गौरव ने शौर्य को इस हाल में देखा, तो उसके चेहरे पर एक शातिर मुस्कान आ गई।

"विक्रम, अंश, प्राची... तुम सब बड़े परिवारों से हो, है ना?" गौरव ने अपनी टीम के सदस्यों से पूछा।

वे सभी सिर हिलाकर सहमति जताते हैं।

गौरव ने गंभीर आवाज में कहा, "हम टैलेंटेड हैं, ताकतवर हैं, और फिर भी इस स्कूल में एडमिशन के लिए हमें कितनी मुश्किलों से गुजरना पड़ा। लेकिन यह शौर्य... यह एक अनाथ और गरीब है, फिर भी इसे यहां एडमिशन कैसे मिल गया? और वह भी इतने सालों से यहां कैसे टिका हुआ है?"

प्राची ने आगे बढ़कर कहा, "गौरव, चिंता मत करो। अगर यह इस साल भी किसी जानवर को टेम नहीं कर पाया, तो इसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा। वैसे भी, एक जानवर को टेम करने से कुछ नहीं होगा, इसे कम से कम दस जानवरों को टेम करना होगा।"

गौरव ने गुस्से में कहा, "लेकिन इसके जाने से पहले, मैं इसे सबक जरूर सिखाऊंगा।"

गौरव के इशारे पर अंश और विक्रम वहां से चले जाते हैं। उधर, शौर्य स्कूल से बाहर निकल आया था, क्योंकि वह जानता था कि वह बिल्ली स्कूल से बाहर नहीं जाती।

वह कुछ घंटों तक बाहर बैठा रहा और फिर धीरे-धीरे वापस स्कूल में दाखिल हुआ। लेकिन अब भी उसके मन में डर था कि कहीं वह बिल्ली उस पर दोबारा हमला न कर दे।

"समझ नहीं आ रहा कि मुझमें क्या कमी है? मैं एक छोटी सी बिल्ली को टेम नहीं कर पा रहा हूं, और फिर भी मैं एक मॉन्स्टर टेमर स्कूल में पढ़ रहा हूं। आखिर मेरा क्या होगा?" शौर्य ने खुद से कहा।

"शौर्य अपनी क्लास में कदम रखते ही देखता है कि पूरे क्लासरूम में अचानक सन्नाटा छा जाता है। सभी छात्र एक-दूसरे के कान में फुसफुसाने लगते हैं, उनकी निगाहें उसी पर टिकी होती हैं।

'तुम्हें पता है, वो स्कूल की दी गई बिल्ली जिसे हर किसी को टेम करना होता है, इसे अभी तक नहीं टेम कर पाया?'

'हाँ, ये इसका पांचवा साल है! अगर इस बार भी असफल रहा तो इसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा।'

'मुझे समझ नहीं आता, इस लड़के ने अब तक उस छोटी सी बिल्ली को भी टेम कैसे नहीं किया? मैंने तो महज दो दिन में कर लिया था!'

क्लास में हलचल मची थी, लेकिन शौर्य इन बातों की परवाह किए बिना अपनी सीट पर जाकर बैठ गया। कुछ देर बाद, क्लासरूम में एक बेहद खूबसूरत लड़की दाखिल हुई। वह स्कूल की टॉप रैंक स्टूडेंट श्रेया थी, जिसने एक खतरनाक स्नेक बीस्ट को टेम किया था। उसके कान के पास लिपटा वह सांप धीरे-धीरे हिल रहा था, और उसकी तीखी नजरें पूरे क्लास पर घूम रही थीं।

स्टूडेंट्स उसकी ओर देख तो रहे थे, लेकिन उसके बीस्ट के डर से चुप्पी साधे बैठे थे। स्कूल के नियमों के अनुसार, जिन छात्रों के नाम मिलते-जुलते होते थे, उन्हें साथ बैठने के लिए कहा जाता था। इस नियम के कारण श्रेया को शौर्य के पास की सीट मिली थी।

शौर्य इस बात से बेहद खुश था कि स्कूल की सबसे सुंदर लड़की उसके पास बैठने वाली थी, लेकिन श्रेया ने खुद को बदकिस्मत समझते हुए मन ही मन सोचा, 'हे भगवान! पता नहीं, मेरी किस्मत इतनी खराब क्यों है कि मुझे इस लड़के के साथ चार साल बैठना पड़ा, और अब पांचवा साल भी झेलना पड़ रहा है। कोई बात नहीं, जब यह स्कूल से बाहर होगा, तब मैं चैन की सांस लूंगी!'

हल्की सी मुस्कान के साथ, वह उसके बगल में बैठ गई।

कुछ ही देर बाद, टीचर क्लास में आईं, लेकिन अधिकांश लड़कों का ध्यान अब भी श्रेया पर था। अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए टीचर ने ज़ोर से टेबल पर हाथ मारा, जिससे पूरे क्लास का ध्यान उनकी ओर खिंच गया।"

साक्षी मैम क्लास में दाखिल होते ही पूरी क्लास में सन्नाटा छा गया। उनका स्वभाव इतना कठोर था कि हर छात्र उनसे डरता था। क्लास में हल्की फुसफुसाहट होने लगी, लेकिन साक्षी मैम की तेज नजरों ने तुरंत इसे भांप लिया।

"तुम लोग क्या फुसफुसा रहे हो? शांत नहीं बैठ सकते?" उनकी कड़क आवाज सुनकर सभी सहम गए।