शौर्य ने अपनी बहन से पूछा, "दीदी, क्या तुम नैनो बॉट्स का इस्तेमाल कर सकती हो? वो आंखों के अंदर जाकर जो नसें डैमेज हो चुकी हैं, या कट चुकी हैं, उन्हें रिपेयर कर सकते हैं। लेकिन जिस शख्स की मैं बात कर रहा हूं उसकी आंखों में ज़हर चला गया है, तो वहां सूजन तो ज़रूर होगी। ऐसे में नॉर्मल नैनो बॉट्स से इलाज करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए मुझे स्पंजी नैनो बॉट्स चाहिए – जो नाज़ुक हिस्सों को नुकसान पहुंचाए बिना, आंखों के अंदर जाकर जहर को सोख लें और डैमेज को रिपेयर कर दें। करीब तीन-चार घंटे में आंखों की रौशनी वापस आ जानी चाहिए।"
डॉक्टर अनन्या ने उसकी बातों पर मुस्कुराते हुए कहा, "शौर्य, तुम सही कह रहे हो, और हां, ऐसा मुमकिन है। लेकिन ये स्पंजी नैनो बॉट्स इतने आसानी से नहीं मिलते। ये सिर्फ टू स्टार या थ्री स्टार सिटीज़ में ही मिलते हैं।"
शौर्य ये सुनकर ठिठक गया। उसका चेहरा उतर गया और वह चुपचाप अपनी कुर्सी पर जा बैठा। वजह साफ़ थी – वो जिस सिटी में रहता था, उसके चारों ओर एक शक्तिशाली शील्ड लगी हुई थी। उसे पार करना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं थी। सिर्फ "फाइटर लेवल" पार करने वाले ही उस शील्ड को पार कर सकते थे, और ये फिलहाल शौर्य और अनन्या – दोनों के लिए नामुमकिन था।
उसकी सिटी के पास 'अनलिमिटेड इनफिनिटी जंगल' था, जहां लोग खुद को ट्रेन करके ताकतवर बन सकते थे। लेकिन जब तक कोई "फाइटर लेवल" पार नहीं करता, तब तक वो लेवल टू या थ्री स्टार सिटी में नहीं जा सकता। लेवल वन सिटी में केवल 'क्लासिक' और 'फाइटर' लेवल के लोग रह सकते थे।
शौर्य अब पूरी तरह से निराश हो चुका था। उसे यकीन हो चला था कि अब शौर की जान नहीं बच सकेगी।
तभी अनन्या ने अपना बैग खोला और एक छोटा-सा इंजेक्शन निकालकर शौर्य की तरफ बढ़ाया, "ये लो, यही हैं स्पंजी नैनो बॉट्स।"
शौर्य हैरानी से देखता रह गया।
"देखो," अनन्या मुस्कुराई, "तुम्हें पता है मैं डॉक्टर हूं – और वो भी हाई रैंक वाली। मैं टू स्टार सिटी की रजिस्टर्ड डॉक्टर हूं। और जब तुम टू स्टार सिटी में जाते हो, तो तुम्हें 10 दिन के लिए वापस आने का मौका भी मिलता है। ऐसे ही कुछ फाइटर्स कुछ समय पहले यहां आए थे – टू स्टार सिटी से। वो लोग यहां चीज़ें बेचने आए थे, जैसे केमिकल्स, जड़ी-बूटियां, और कुछ स्पेशल डिवाइसेज़। उन्हीं में से एक था ये।"
"वैसे ये बहुत महंगा है – यहां के हिसाब से। लेकिन शायद वो फाइटर थ्री स्टार सिटी जाने वाला था। वहां जाने के बाद ये सब आम हो जाता है। इसलिए उसने ये सब बेच दिया, ताकि पैसे इकट्ठा कर सके।"
शौर्य चुपचाप सुनता रहा।
"मुझे भी उस फाइटर से कुछ चीज़ें मिली थीं, और ये इंजेक्शन भी उन्हीं में से था।"
शौर्य बिना कुछ कहे अपनी बहन को गले लगा लेता है।
"थैंक यू दीदी... मुझे इसकी बहुत ज़रूरत थी।"
अनन्या के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वो शौर्य के सिर पर हल्के से थपकी देती है और कहती है, "तुमने मुझे गले सिर्फ इसलिए लगाया है ना कि तुम्हें बताना ना पड़े ये दवाई किसके लिए है? कोई बात नहीं। नहीं बताना चाहते तो मत बताओ।"
फिर वो मुस्कुराते हुए उठती है, "देखो, स्कूल जाना मत भूलना।"
"पर दीदी, आज तो छुट्टी है ना?"
अनन्या कुछ सोचती है, फिर हंसकर कहती है, "ठीक है, तो आज घर पर ही रहना। ज्यादा घूमना मत।"
शौर्य सिर हिलाकर हामी भरता है। अनन्या वहां से चली जाती है।
इसके बाद शौर्य इंजेक्शन को ध्यान से देखता है, और बड़ी सावधानी से अपने कमरे में रख देता है। फिर वो बिस्तर पर लेट जाता है – पिछले दो दिन से सोया ही नहीं था।
शौर्य जैसे ही सोने ही वाला था कि अचानक उसे एक अजीब एहसास हुआ। उसके चेहरे पर तेज़ हवा का झोंका लगा, और साथ ही ऐसी गंदी बदबू आई कि उसकी नींद बुरी तरह से टूट गई। उसने झुंझलाते हुए आंखें खोलीं — और सामने जो देखा, वो देखकर उसकी नींद तो क्या, होश भी उड़ गए।
एक *वेनस रैप्टर डायनासोर* उसकी तरफ झुका हुआ था, अपनी विशाल नथुनों से उसे सूंघ रहा था। शौर्य तुरंत चौकन्ना हो गया और झटके से बिस्तर पर उठ बैठा।
“तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है? और हां, लगता है अब तुम पहले से ज्यादा फुर्तीले हो,” शौर्य ने थोड़ा झुंझलाते हुए कहा।
डायनासोर चारों ओर देखता रहा, फिर बोल पड़ा, “ये जगह… ये बहुत अलग है। यहाँ सब कुछ बदला-बदला सा लग रहा है। आखिर ये है कहाँ?”
तभी शौर्य के कंधे पर एक जानी-पहचानी भारी सरसराहट हुई। उसका मोटा कीड़ा साथी धीरे-धीरे उसकी गर्दन से फिसलकर बिस्तर पर आ गिरा और जम गया। उसने शांत स्वर में कहा, “वेनस रेप्टर, समय के साथ तुम्हें सब पता चल जाएगा — कहाँ हैं, क्यों हैं, और तुम्हें क्यों लाया गया है। फिलहाल सवाल छोड़ो, और एक बात बताओ—जब तुम मरने वाले थे, तभी अचानक क्यों बदल गया तुम्हारा फैसला? मेरे साथ क्यों चले आए?”
शौर्य ने डायनासोर की आंखों में झांकते हुए पूछा।
“तुम्हारी उम्र कितनी है?” डायनासोर ने पलटकर सवाल किया।
“मैं पंद्रह का होने वाला हूं,” शौर्य ने जवाब दिया।
“मैं अठारह का हूं,” वेनस रेप्टर बोला, “और मैंने अपना न्यूरो कोर जनरेट कर लिया है।”
शौर्य एक पल के लिए बिल्कुल स्तब्ध रह गया। “अठारह की उम्र में? लेकिन इंसानों में तो न्यूरो कोर तीस साल के बाद जनरेट होता है!”
“मैं इंसान नहीं हूं,” डायनासोर ने सहजता से जवाब दिया। “और वैसे भी, मुझे आज तक ये नहीं पता कि मेरा न्यूरो कोर किस लेवल का है। मेरे पास कोई डिवाइस नहीं है, और जहां मैं गया था, वहां पावर जांचने के लिए खून देना पड़ता है — वो भी पूरा एक बोतल।”
“बाप रे बाप!” शौर्य के मुंह से अनायास ही निकला, “अच्छा हुआ मैं उस रूम में नहीं गया!”
फिर उसने उत्सुकता से पूछा, “पर क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे मैं बिना खून दिए अपनी ताकत का पता लगा सकूं?”
वेनस रेप्टर मुस्कुराया। “बिलकुल है, चलो मेरे साथ।”
शौर्य, वेनस रेप्टर और मोटा कीड़ा, तीनों एक छोटे से कमरे में पहुँचे, जो किसी लैब से कम नहीं लग रहा था। दीवारों पर अजीबो-गरीब इंजेक्शंस और उपकरण टंगे थे, और बीच में एक मशीन रखी थी जो किसी साइंस-फिक्शन फिल्म से लग रही थी।
वेनस रेप्टर ने उस मशीन की तरफ इशारा किया, “बस अपना हाथ इस पर रख दो। यह सीधे तुम्हारे न्यूरो कोर से कनेक्ट हो जाएगी। ये तुम्हारे कोर की ताकत, उसका लेवल और उसमें रहने वाले तत्व — सब कुछ दिखा देगी।”
शौर्य ने बिना एक पल गंवाए अपना हाथ मशीन पर रखा। जैसे ही उसका हाथ मशीन को छुआ, उसका ऊपरी हिस्सा खुलकर ऊपर से आकर उसके पूरे हाथ को ढँक लिया।
शौर्य ध्यान से मशीन की स्क्रीन को देख रहा था। पहली बार उसने अपने *न्यूरो कोर* को इतनी स्पष्टता से देखा था।
"देखा?" वो मुस्कराया, "इतना आसान है। मेरा न्यूरो कोर सामने है।"
स्क्रीन पर बस एक हल्की सी सफेद रोशनी थी।
"पर इसमें और है क्या?" शौर्य ने हैरानी से पूछा।
वो रोशनी को गौर से देख ही रहा था कि उसे कुछ अजीब नजर आया। उसकी आंखें थोड़ी फैल गईं — उसका मोटा-सा कीड़ा दोस्त, जो हमेशा उसके साथ रहता था, उस रोशनी के अंदर जाकर मस्ती कर रहा था... नहीं, मस्ती नहीं, वो तो सच में डांस कर रहा था!
शौर्य और वेनस रेप्टर ने एक-दूसरे की तरफ देखा, और दोनों की आंखों में हैरानी के साथ मुस्कान थी। अगले ही पल वो दोनों हँसने लगे।
वो मोटा कीड़ा खुशी-खुशी डांस करता रहा। गोल-गोल घूमता, कभी पंजों के बल, कभी पीठ के बल, वो अंदर ही अंदर एक पूरा शो कर रहा था।
कुछ देर बाद वो बाहर आया और चहकते हुए बोला, "देखा! मैंने अंदर डांस किया। तुमने देखा ना?"
शौर्य और वेनस रेप्टर दोनों ने सिर हिलाया।
"अब तेरी बारी!" शौर्य हँसते हुए बोला, "जा तू भी डांस कर, मैं देखूंगा!"
"हाँ हाँ, हँसो!" मोटा कीड़ा मुंह बनाते हुए बोला, "मैंने न्यूरो कोर जनरेट नहीं किया, मतलब मैं बच्चा हूं?"
शौर्य अब सीरियस हो गया। उसने फिर से मशीन की तरफ देखा।
"चलो देखते हैं, मेरा न्यूरो कोर लेवल क्या है..."
उसने मशीन पर हाथ रखा। कुछ ही सेकंड में एक आवाज आई —
**"न्यूरो कोर लेवल: थ्री"**
शौर्य चौंक गया। वो वही खड़ा रह गया, जैसे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई हो।
वेनस रेप्टर और मोटा कीड़ा भी कुछ सेकंड के लिए सन्न रह गए।
"ये कैसे हो सकता है?" शौर्य ने खुद से बुदबुदाते हुए कहा, "पहली बार जब न्यूरो कोर जनरेट होता है, तो वो हमेशा लेवल वन होता है... ना?"
वेनस ने गंभीर होकर सिर हिलाया, "हाँ, मैंने भी अपना कोर अभी कुछ दिन पहले ही जनरेट किया है, और मैं लेवल वन पर हूं। लेकिन... तुम तो सीधे लेवल थ्री पर हो।"
शौर्य अब उलझन में था। चीजें उससे ज्यादा रहस्यमयी होती जा रही थीं।
उसने धीरे से अपना हाथ मशीन से हटा लिया और कहा, "अब तुम चेक करो। देखते हैं तुम्हारा क्या लेवल है।"
उसके बाद उसने रैप्टर का हाथ मशीन पर रख दिया।