इस अनंत ब्रह्मांड में मौजूद हमारी आकाश गंगा का छोटा सा ग्रह है हमारी ये पृथ्वी, जो कई राज और ताकतों से भरी है। उन्ही रहस्यों में से एक रहस्य ऐसा है जो कई सालों से इस धरती पर एक गहरी नींद में सोया हे । ये कहानी है की केसे एक लड़के ने अपने अंदर छिपी ब्रह्मांड की सबसे बड़ी ताकत को जगाया और बना एक कभी ना खत्म होने वाली अनंत शक्ति का मालिक।
ये कहानी एक आम लड़के की है, जिसका नाम है जैद। जिसके माता, पिता और छोटा भाई बचपन में ही गायब हो गए थे, कुछ लोगो का कहना था की वो उसे छोड़ कर चले गए, कुछ कहते है की उन्हें किसी ने अगवा कर लिया, लेकिन उनके साथ क्या हुआ ये आज तक कोई नहीं जानता। उनके जाने के बाद जैद को उसके मामा, मामी ने पाला था, जैद के मामा के लिए वो उनकी बहन की आखिरी निशानी था इस लिए वो उसे जान से ज्यादा चाहते थे।
जैद जब बड़ा हो गया तो वो अपने आगे की पढ़ाई करने के लिए शहर आ गया , जहां वो एक घर में किराए से रहता था पर वो वहां अकेला नहीं था बल्कि उसके साथ उसका क्लास मैट और दोस्त देव भी रहता था। वो दोनो एक ही कमरे में रहते, साथ पढ़ते, साथ खेलते और साथ में ही घूमा करते थे। दोनो किराया आधा आधा बांट कर उस जगह को शेर किया करते थे।
जैद दिखने में अच्छा था और काफी शांत स्वभाव का था। लड़ाई झगड़ों से वो दूर ही रहा करता और सबसे हसके मुस्कुराके बात करता, पढ़ाई में और खेलकूद में भी काफी अच्छा था। लेकिन उसके साथ बचपन से एक तकलीफ थी, कभी कभी वो अजीब बर्ताव करने लग जाता था, न किसी की बात सुनना न कुछ कहना बिलकुल शांत, जैसे किसी अलग ही दुनिया में गुम सा हो जाता था।
कभी कभी जैद को नींद में एक आजिब सा सपना आता था। वो सपने एक इंसान को देखता जो हर बार उसे आग की लपटों के बीच में बिल्कुल शांत खड़ा दिखाई देता जैसे की खुद को तड़पा रहा हो। ईस वजह से जैद कई बार रात रात भर सो नहीं पाता था।
देव भि ये बात जनता था पर वो इसमें उसकी कोई मदत नही कर पा रहा था।
वो लोग अपनी जिंदगी शान्ति से और आम लोगो की तरह बीता रहे थे।
लेकिन इनकी ये शांति अब ज्यादा दिन के लिए नहीं रहने वाली थी। क्योंकि ब्रह्मांड में छिपे कुछ राज उसके करीब आते जा रहे थे। सारा ब्रह्मांड खोजने के बाद वो लोग आखिर धरती पर आ पहुंचे और इंसानों का भेस लेकर उनके बीच उसे ढूंढने लगे। ताकि वो उस शक्ति को हासिल कर सके जो उनके मकसद को पूरा करने के लिए सबसे बड़ा हथियार और सबसे बड़ा खतरा थी।
लेकिन सिर्फ वो लोग ही नहीं थे जो इस ताकत को ढूंढ रहे थे। कुछ औ जो इस दुनिया में शान्ति कायम रखना चाहते थे।
कुछ वक्त बाद वो लोग जैद के शहर में भी आ गए।
CHAPTER ONE : BIGNING OF THE NEW JOURNEY
रोज की तरह आज भी 'जैद' और 'देव' सुबह स्कूल के लिए तैयार हो रहे थे। जैद आज भी उस सपने की वजह से रात भर ठीक से सो नहीं पाया था और अब तो उसे इस सब की आदत सी हो चुकी थी। दैव भी उसकी तकलीफ समझता था मगर वो इस मामले में कुछ नहीं कर सकता था। ओय चल जल्दी कर आंटी ने नाश्ता बना दिया होगा, देव ने जैद को याद दिलाते हुए कहा, जैद बोला यार आज स्कूल के लिए लेट न हो जाए और तू इतना जल्दी कैसे तैयार हो जाता है, क्यों कि में तुझसे जल्दी उठता हूं। हां बेटे उड़ ले मजाक अपना टाइम भी आएगा कभी फिर देखता हूं तुझे। देव ने अपने स्कूल बैग को उठते हुए कहा ये तो अच्छी बात है कि आंटी हमारा इतना खयाल रखती है हमें किराए दार की तरह नहीं बल्कि अपने बच्चों की तरह ही समझती है, वरना हमारा इस शहर में रहना बहुत मुश्किल हो जाता। जैद ने मुस्कुराते हुए कहा बात तो तेरी बिल्कुल सही है, वैसे भी आंटी अकेले रहती थी। हम दोनों के आने से अब वो भी अकेला महसूस नहीं करती, जैद कि बात सुनकर देव भी मुस्कुराने लगा और बोला चल अब टाइम हो गया है ,इतना कहकर वो दोनो नाश्ता करने के लिए नीचे होल में आ गए।
इसी बीच शहर की सुनसान सी जगह पर एक आदमी कुछ लोगों का पीछा कर रहा था। जो की सफेद लबादा पहने हुए था और बाकी इंसानों से थोड़ा अलग भि लग रहा था।उसके लबादे पर सुनहरे पंखों का एक चिह्न बना था, जो उसके किसी बड़े समूह के साथ संबंध को दर्शाता था।
जिन लोगों का वो पीछा कर रहा था वो लोग एक सुनसान जगह पर जाकर रुक गए, जहां आस पास में कोई भी नहीं था। वहां पहुंचे के बाद भी उनलोगो ने एक बार तसल्ली करली की वहां उनके सिवा और कोई दूसरा तो नहीं था।
जो शख्स उनका पीछा कर रहा था वो अंधेरे में कही छुप गया ताकि उन लोगों की नजर उसपर न पड़े। जब उन्होंने सुनिश्चित कर लिया कि यहां कोई भी नहीं है तब उनमें से एक आगे बढ़ा और सामने मौजूद एक दीवार पर अपना हाथ रखा, उसके हाथ रखते ही वो दीवार चमकने लगी उसपर कई चमकदार रेखाएं एक साथ उभरी ओर एक विचित्र सा आकार या कहूं एक विचित्र सा चिह्न उजागर होने लगा। ऐसा लग रहा था मानो वो दीवार उस इंसान को पहचानने के लिए ऐसा कर रही हो और अगले ही पल वो चिह्न उस दीवार से गायब हो गया, उस आदमी ने अपना हाथ हटाया और उसके हाथ हटाते ही वो दीवार किसी दरवाजे की तरह खुलने लगी।वो सभी लोग एक—एक करके उसके अंदर चले गए,वो आदमी जो उनका पीछा कर रहा थावो भी उनके जाने के बाद धीरे से उस दीवार के अंदर चला गया और वो दीवार फोर्स बंद हो गई।
वो लोग जिस जगह पर आए थे वो बाहर से देखने में तो किसी आम जगह जैसी लगती थी पर उस दीवार के पीछे उन लोगों ने अपना बेस बना रखा था, वो जगह किसी होटल की तरह सजाई गई थी जहां हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध थी,साथ ही बहुत सी उन्नत तकनीकों से बनी मशीनें और हथियारों का भंडार बना हुआ था,वहां कई सारे कमरे भी बने हुए थे। उन्हीं की तरह और भी कई लोग वहां पहले से मौजूद थे, "आखिर आप लोग आ ही गए" एक शख्स उनकी तरफ आते हुए बोला "मालिक आपका इंतजार कर रहे हैं,अच्छा होगा कि आप जल्द से जल्द उनसे मिल लें",उनमें से एक ने जवाब में कहा "माफ कीजिए गा आने में थोड़ी देर हो गई हमे डर था कि कही उनमें से कोई हमारे पीछे यहां तक ना पहोंच जाए, इसलिए हमे छुपते हुए यहां पहुंचना पड़ा"। उसके बाद वो शख्स उन सब को एक कमरे के अंदर ले गया, उनके जाते ही उस जगह पर एक आवाज गूंज उठी "तो सारे चूहे यहां छुपे बैठे हे"।