Chapter 23: "इम्तिहान की सुबह, उम्मीदों की दोपहर"

आरव की सुबह और माँ से बात

सुबह के साढ़े 6 बज रहे थे।

घड़ी की टिक-टिक और कमरे में पसरी हल्की धूप के बीच आरव की आँख खुली। वो धीरे से उठकर बालकनी में गया, जहाँ ठंडी हवा चल रही थी और आसमान पर सुनहरा रंग बिखरा था।

उसके हाथ में चाय का कप था, जो माँ ने बना कर टेबल पर रखा था।

आरव (मन में सोचते हुए):

"आज पहला टेस्ट है। इतने दिन से जो मेहनत की है... क्या वो काफी होगी?"

वो माँ के कमरे में गया। माँ पूजा की थाली सजा रही थीं।

माँ (मुस्कुराते हुए):

"बेटा, आज तो पेपर है ना? भगवान से प्रार्थना कर ले पहले। सब अच्छा होगा।"

आरव (सर झुकाते हुए):

"हाँ माँ... बस दुआ चाहिए।"

माँ (स्नेह से):

"मेरी दुआ हमेशा तेरे साथ है। और हाँ, पेपर में घबराना मत। जो आता है पहले वही लिखना। और अगर कुछ नहीं याद आए तो शांत बैठ जाना, घबरा के मत लिख देना कुछ भी।"

आरव:

"ठीक है माँ, चलो अब निकलता हूँ।"

वो माँ के पैर छूता है और बैग उठाकर बाहर निकल जाता है।

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कॉलेज गेट पर दोस्तों से मुलाकात

कॉलेज गेट के पास हल्का-हल्का शोर था।

स्टूडेंट्स ग्रुप में खड़े होकर revision कर रहे थे। कुछ नोट्स पलट रहे थे, कुछ तनाव में इधर-उधर टहल रहे थे।

कनिका, प्रिया, भव्या, मीरा और मेघा एक कोने में खड़ी थीं।

कनिका (तेज़ी से नोट्स पलटते हुए):

"Business Maths का वो unit 2 वाला formula फिर से देख लो यार, कहीं भूल न जाऊँ।"

प्रिया (उसके नोट्स लेते हुए):

"ये रहा। लेकिन अभी calm रहो कनिका, सब ठीक होगा।"

भव्या (हल्की मुस्कान के साथ):

"अगर कुछ भूल भी गई, तो tension मत लेना... मैं invigilator को distract कर दूँगी।"

मीरा:

"तू न, comedy कर ले पक्का।"

तभी आरव आता है। बैग एक कंधे पर टांगे, confident दिखने की कोशिश करते हुए।

मीरा:

"लो भाई, आख़िरकार हीरो साहब आ गए। कैसे हैं जनाब?"

आरव (हँसते हुए):

"हीरो तो नहीं, पर आज villain की तरह डर लग रहा है।"

मेघा (मुस्कुराते हुए):

"हम सब साथ हैं, डर कैसा? इस बार तो toppers का gang बनना ही है।"

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पहला पेपर — Hindi

Time: 8:30 AM

परीक्षा हॉल में घड़ी की सुई जैसे हर दिल की धड़कनों से जुड़ी थी।

पेपर डेस्क पर रखे गए — विषय: Hindi

प्रश्न पत्र: कविता व्याख्या, गद्यांश, निबंध लेखन और युग-परिचय से जुड़े प्रश्न।

आरव (मन में):

"शुरुआत सही करनी है। पहला पेपर अच्छा गया तो आगे का आत्मविश्वास बना रहेगा।"

प्रिया:

तेज़ी से लिखती जा रही थी। उसकी कलम बिना रुके चल रही थी।

कनिका:

पहले पन्ने पर थोड़ी देर तक सोचती रही, फिर धीरे-धीरे लिखना शुरू किया।

भव्या:

अपनी स्पीड से पर confident थी। निबंध का टॉपिक था - 'नई शिक्षा नीति और युवा पीढ़ी'।

मीरा:

कविता की व्याख्या में डूबी हुई थी। हर शब्द को गहराई से समझ कर लिख रही थी।

मेघा:

उसका favorite topic आया था — 'राष्ट्र भाषा का महत्व'। उसने तो मानो essay में दिल उड़ेल दिया।

पेपर खत्म होने पर सबने एक-दूसरे को देखा और हल्की मुस्कान दी।

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कैन्टीन में चर्चा और मस्ती

Time: 11:15 AM

पेपर के बाद सभी कैन्टीन में बैठे थे — ज़रा थके हुए, लेकिन राहत में।

कनिका:

"यार वो साहित्यिक युग वाला सवाल बिल्कुल अचानक आ गया था!"

मीरा:

"लेकिन तूने लिखा कैसे?"

कनिका:

"बस जो याद था उसी को थोड़ा घुमा-घुमा कर लिख दिया!"

भव्या:

"मैंने तो कविता में extra lines भी जोड़ दीं... शायद टीचर impress हो जाएँ।"

मेघा:

"Main point तो यही है कि blank मत छोड़ो।"

आरव:

"पेपर अच्छा गया... लेकिन अभी तो English है कल!"

प्रिया:

"आज शाम सब लाइब्रेरी चलो। Grammar और essays की रिवीजन करनी है। टाइम वेस्ट नहीं करेंगे।"

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लाइब्रेरी में Group Study

Time: 4:00 PM — College Library

लाइब्रेरी में सबने अपनी-अपनी किताबें और notebooks खोल ली थीं।

मीरा (English grammar से परेशान):

"Yeh 'Tenses' की इतनी types क्यों होती हैं यार?"

प्रिया (समझाते हुए):

"Past Perfect में 'had + V3' होता है मीरा, confused मत हो।"

कनिका:

"मैं तो direct-indirect वाले topic से तंग आ गई हूँ। कोई Shortcut है?"

आरव:

"Shortcut नहीं, logic है — बात समझो, रटोगे तो भूलोगे।"

भव्या:

"वो essay वाला topic, 'My Role Model' — उसके लिए points बना लिए हैं सबने?"

मेघा:

"हाँ, मैंने Mother Teresa पे लिखा है। तुम?"

आरव:

"मैंने Dr. A.P.J. Abdul Kalam पे points लिए हैं।"

प्रिया (आरव की ओर देखते हुए):

"तुम आजकल काफी mature हो गए हो आरव... पढ़ाई में भी, बातों में भी।"

आरव:

"जब दोबारा जिंदगी जीने का मौका मिले... तो बेवकूफियाँ दोहराना गुनाह है ना।"

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रात की तैयारी और मैसेज

Time: 9:00 PM

सभी अपने-अपने घरों में थे।

लैंप की रौशनी में किताबें खुली थीं, और माइंड मैप्स बने हुए थे।

प्रिया ने ग्रुप में मैसेज किया:

"Good luck everyone! Remember, hard work never fails."

मीरा:

"चलो अब सोते हैं, वरना दिमाग नहीं चलेगा कल."

कनिका:

"सोने से पहले एक बार Essay topics पढ़ लूँ फिर सोती हूँ।"

आरव:

"कल का दिन अपना होगा। न डरेंगे, न रुकेंगे। Good Night everyone."

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(Chapter 23 समाप्त)