नमस्ते दोस्तो उम्मीद है आप सब ठीक होगे🥰मै krishna joshi urf kj😁आप सबके लिए ले कर आई हु एक मज़ेदार कहानी उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी 🙂, अगर पसंद आए तो plzz like, follow,share and commet zarur kijiyega🤗
मुंबई की एक बड़ी सी होटल जिसका नाम था ताज जो की एक 7star होटेल था, जिसे बेहद खूबसूरती के साथ सजाया गया था, चारों तरफ लोगों की चहल-पहल सुनाई दे रही थी और हो भी क्यों ना, मुंबई के ही नहीं दुनिया के सबसे पावरफुल खानदान ओबरॉय के सबसे बड़े बेटे और सबसे खतरनाक भी उनकी शादी हो और शोर-शराबा ना हो ऐसा कभी हो सकता है क्या?
जी हां दोस्तों आज वर्ल्ड के नंबर वन आर्किटेक्ट कंपनी के मालिक मिस्टर नीलांश ओबरॉय की शादी थी पूरा ओबरॉय खानदान बहुत ही खुश था, आखिरकार उनका बड़ा बेटा शादी के लिए राजी हो ही गया कई सालों से सब घर वाले पीछे पड़े थे लेकिन नीलांश शादी के लिए तैयार था ही नहीं, लेकिन अचानक उसने शादी के लिए हां बोल दी उसके हां बोलने की वजह तो कोई नहीं जानता था,लेकिन सब खुश इस बात से थे कि आखिरकार वह शादी कर रहा है।
अब थोड़ा जान लेते हैं ओबरॉय फैमिली के बारे में,
"विजय सिंह ओबेरॉय" नीलांश के दादाजी,
"राधा सिंह ओबरॉय" नीलांश की दादी जी,
"तेज सिंह ओबरॉय" नीलांश के पिताजी,
"सुनीता सिंह ओबरॉय" नीलांश की मां,
"विवेक सिंह ओबरॉय" नीलांश के चाचा जी,
"विधि सिंह ओबरॉय" नीलांश की चाची जी,
नीलांश के चाचा चाची के दो बेटे थे, क्योंकि वह नीलांश की जान थे नीलांश उनकी हर ख्वाहिश पूरी करता था,वैसे तो बाहर से यह परिवार जितना बड़ा और प्यारा लगता है उतना ही अंदर से खोखला और टूटा हुआ है इस परिवार की ताकत बस तीन ही लोग हैं नीलांश और उसके दो भाई बड़ा वाला देव सिंह ओबेरॉय और छोटा वाला ध्रुव सिंह ओबरॉय इन तीनों का रिश्ता बहुत ही खास था जिसे आज तक पूरा परिवार समझ नहीं पाता था।
अब चलते हैं कहानी की ओर
"अरे ध्रुव देख तो सही तेरा भाई कर क्या रहा है, और सुन देव को बोल देना की निशा को बोला है, जल्दी से रेडी होने के लिए थोड़ी ही देर में पंडित जी दुल्हन को भी बुलाने के लिए कहेंगे"राधा जी ने कहा।
"अरे मेरी डार्लिंग राधा तुम्हारा ये ध्रुव जब तक ज़िंदा है तब तक चिंता मत करो, मे अभी भाई और भाभी जी को लाता हु,आखिर मेरे बिना कहा कोई काम होता है इस घर मे, चलो ये भी मे ही करता हु।😜"ध्रुव ने अपनी नौटंकी शुरू कर दी, तो दादी जी उसे धुर कर देखने लगती है।
"अरे अरे ठीक है जाता हु मे लगता है आज तापमान थोड़ा हाय हे, यहां से निकलना ही ठीक है, बेटा निकल ले।🤐 " इतना बोल ध्रुव वहा से देव को बुलाने चला जाता है।
"यह लड़का भी ना कुछ भी बोलता है।" राधा जी थोड़ा सा मुस्कुराए और फिर दूसरे कामों में लग गई, उनकी बहुए दो-दो थी, पर उन दोनों को अपने मे से ही फुर्सत नही मिल रही थी।
इस उम्र में भी राधा जी की चिंताएं खत्म नहीं हुई थी वो अपने पोते की शादी के लिए बड़ी ही चिंतित थी।
वैसे तो किसी को इस शादी या निशा से कोई दिक्कत नही थी पर दादी जी को वो लड़की कुछ ठीक नही लगती थी, पर वो अपने पोते की खुशी के लिए मान जाती है।
वही इसी होटल के एक कमरे मे।
एक 28 साल का लड़का शादी की शेरवानी पहने खड़ा हुआ था, उसकी वो मस्कुलर बॉडी शेरवानी के टाइट होने की वजह से साफ साफ नजर आ रही थी उसकी वो हल्की नीली आंखें, शार्प जोलाइन उसका हल्का सा सावला रंग किसी भी लड़की को उसके पीछे पागल करने के लिए काफि था,लेकिन उसका औरा बोहोत डरावना था।
वही उसके सामने एक लड़की निचे बैठी बस रोये जा रही थी दिखने मे वो किसी परि से कम नही थी, पर अभी उसकी हालत बोहोत खराब थी,उसकी उम्र तकरीबन 23 साल होगी।🥺
"अब अपना नाटक बंद करो, और चुप चाप रेडी हो कर निचे आओ ये शादी ज़रूर होगी, निशा भले ही भाग गई पर अब ये शादी तुम करोगी, पर हा याद रखना ये शादी बस दिखाने के लिए है वरना तुम्हारी औकात मेरी मेड बनने की भी नही है।"इतनी कडवी बाते नीलांश कर रहा था उसके अलावा और हो भी कौन सकता है, एकदम पत्थर दिल लेकिन आखिर वह इस लड़की को उससे शादी करने के लिए क्यों बोल रहा था?कौन है यह लड़की?
नीलांश तो वहां से चला जाता है लेकिन वह लड़की वहां पर नीचे रोते बिलखते रह जाती है, वह खुद से बातें करने लगती है।
"ऐसी क्या गलती कर दी मेने जो बिना मर्ज़ी के शादी करनी पड़ रही है, बचपन से ऐसा क्यू भगवान? बल्कि मैंने तो हमेशा ही दूसरों की मदद की है फिर यह मेरे साथ क्यों हो रहा है जिसको पसंद किया वह दूर चला गया जिसका भला सोचा उसने मुझे दुश्मन बना कर जबरदस्ती शादी करने पर मजबूर कर दिया ऐसे जिंदगी से अच्छा मैं मरना पसंद करूंगी, ना ही मैं किसी को अपनी सच्चाई बता सकती हूं ना ही अपनी पहचान ऐसी जिंदगी का क्या फायदा अब मैं जीना नहीं चाहती। "वो लड़की इतना बोल कर अपने पास मे पड़ा फ्रूट काटने का नाइफ उठाकर अपने हाथ पर मार देती है देखते ही देखते वह जमीन पर गिर जाती है।
वही इन सब से दूर अमेरिका मे.........
Vbs कंपनी की मालकिन विष्टि जिसके खुन खानदान का अता पता नहीं था लेकिन वो अमेरिका की जानी मानी बिजनेस वूमेन थी, लेकिन आज ही उसके होने वाले पति ने जिससे उसकी सगाई हो चुकी थी और जल्दी शादी होने वाली थी उसने ही विष्टि को धोखे से मार दिया।
बिल्डिंग से नीचे गिरते हुए उसकी आंखों में बस एक ही चेहरा था, राहुल का वो एक लड़की के साथ था जिसे विष्टि नही जानती थी पर उनको kiss😘करता देख उनके बीच का रिश्ता साफ नज़र आ रहा था..
"वापिस आऊँगी मे और नर्क मे जगह फिक्स करके रखूंगी, तैयार रहना।"विष्टि ने अपनी आंखे बंद कर कहा।
कुछ देर बाद विष्टि अपनी आंखे खोलती है तो वो एक शादी के जोड़े मे थी, वो जल्दी से खड़ी होती है और खुद को आईने मे देख बोलती है।
"आज कल यमलोक लगता है बदल गया है, यहा का यूनिफॉर्म तो शादी के जोड़े की तरह लग रहा है,शुकर है मेरी शक्ल वैसी ही है। "विष्टि इतना बोल जेसे ही वो पिछे पलट कर देखती है, तो दो कदम पिछे चली जाती है, उसके सामने एक छोटी सी लड़की उड़ते हुए उसे ही देखे जा रही थी।
" तुम.. तुम यमरानी हो क्या?? "विष्टि ने अच्छी सा चेहरा बनाकर बोला। 😑
(दरअसल विष्टि ये सब इसी लिए बोल रही थी, क्योंकि उसे लगा था कि वह मर चुकी है और अब वह यमलोक में होगी यह सब मूवी का असर था। 😅😅)
"मे परि लोक से तारा हु, अपना मुह थोड़ी देर बंद रखना, तुम अधूरे सपने लिए मर गई थी इस लिए नियति ने तुम्हे एक और मौका दिया है,अपने बदले को लेने का, अभी तुम मुंबई मे हो और तुम्हारी शादी हो रही है, तुम अभी मैत्री के शरीर मे हो जिसने शादी से बचने के लिए आत्महत्या करने की कोशिश की थी, इसीलिए अब तुम इसके शरीर में रहकर अपना बदला पूरा करो, शादी के हर एक वचन के साथ तुम्हें धीरे-धीरे करके इसके दिमाग में चल रही सारी बातों का पता चलता रहेगा।" तारा ने अपनी बात खत्म की लेकिन विष्टि अभी पूरे शौक में लग रही थी।
" तुम मजाक कर रही हो, है ना? अच्छा ठीक है मान भी लिया कि मुझे अपना बदला पूरा करने के लिए एक मौका दिया जा रहा है, तो मे शादी क्यू करू, तुम्ही सोचो वो लड़का कैसा होगा जिसकी होने वाली दुल्हन उससे शादी ना करने के लिए अपनी जान देने तक को तैयार हो सकती हैं,तो मैं उस लड़के से शादी कैसे कर सकती हु।"विष्टि ने कहा।
"जिस लड़की ने आत्महत्या की वह कमजोर थी लेकिन तुम नहीं हो, इसीलिए तुम सब संभाल लोगी और जब तक तुम्हारा काम पूरा नहीं हो जाता मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी हमेशा। " तारा ने फिर जवाब दिया।
"ओके ठीक है मान लिया कि मैं यह कर सकती हूं, लेकिन इसके शरीर मै ही क्यू? मुझे बस यह जानना है। "विष्टि ने आखिरी सवाल किया।
"इसका जवाब जब नियति चाहेगी तुम्हे मिल जाएगा।" तारा ने अपनी आंख से बात कही और वह गायब हो गई क्योंकि तब तक दरवाजे पर दस्तक हो चुकी थी।
("इसकी नियति की तो ऐसी की तेसी, चल विष्टि लग जा काम पर। ") विष्टि ये सब अपने मन मे कहती है तभी नीलांश कमरे में आता है।
" तुम अब बिना नाटक किये जब तुम्हे मा लेने आये, तो आ जाना ज़रा भी चालाकी दिखाई तो तुम जानती हो मे उनका क्या हाल करुगा, और हा किसी को पता नही चलना चाहिए की तुम शादी के जोड़े मे हो समझी।" नीलांश आते ही बरस पड़ा।
"किन का?? क्या हाल करोगे??और तुम हो कोन"विष्टि आराम से चेयर पर बैठते हुए बोली।
("कहीं इस लड़की की याददाश्त चली गई ना? ") नीलांश अपने मन में बोलता है।
"पागल लड़की यही है तुम्हारा होने वाला पति और ये मैत्री के दोस्तों की बात कर रहा है जिनको मारने की धमकी देकर ही तो यह कमबख मैत्री से शादी कर रहा था।" तारा चुपके से विष्टि के कान में बोलती है।
(तारा को सिर्फ विष्टि ही देख और सुन सकती थी, लेकिन वो बिहेव एसे करती थी जेसे सब उसे देख और सुन सकते है 😅।)
तभी वहा देव और ध्रुव आते है, विष्टि जल्दी से घूँघट डाल लेती है, ताकि उनको पता ना चले।
"अरे ओ मेरे मजनू भैया थोड़ी देर वेट करलो यार, पता है दिल बेकरार है पर अभी तो शादी के मंडप मे जाओ तब तक तो भाभी को अकेला छोड़ दो।" ध्रुव मस्ती करते हुए बोल।
"देव समझा इसे इसकी अक्ल घास चरने गई है।" नीलांश कहा।
"ओक चुप कर तू ध्रुव तुझे क्या लगता है नील इतना बेकरार है की बिना शादी के ही यहा सुहाग........ "देव इतना बोल ध्रुव को हाई फाई देता है और दोनों हसने लगते है उनको एसे देख नीलांश वहां से चला जाता है।
आख़र क्या है मैत्री और विष्टी के बिच का रिश्ता?? क्या होगा निलांश और विष्टी के बीच??केसे लेगी विष्टि अपना बदला??
जानने के लिए पढ़ते रहिए..........