shadi

उम्मीद है आप सब ठीक होंगे🥰

अब तक हमने देखा.... 

"ओक चुप कर तू ध्रुव तुझे क्या लगता है नील इतना बेकरार है की बिना शादी के ही यहा सुहाग........ "देव इतना बोल ध्रुव को हाई फाई देता है और दोनों हसने लगते है उनको एसे देख नीलांश वहां से चला जाता है। 

अब आगे..... 

नीलांश के जाने के बाद ध्रुव और देव विष्टि के पास आते है। 

"सॉरी निशा भाभी मज़ाक में अगर आपको बुरा लगा हो तो।" देव के कहे गये इस सॉरी पर विष्टि अपनी गर्दन ना मे हिला देती है। 

"ये भाभी शादी तक बोल भी नही सकती क्या?? " ध्रुव ने धीरें से कहा तो देव उसे आंखे दिखा कर चुप करा देता है। 

"हम चलते है भाभी, थोड़ी देर बाद आपको बुलाया जाएगा तब तक आप आराम कीजिए।" इस पर भी कुछ न बोलते हुए विष्टि अपनी गर्दन हा मे हिला देती है, तो देव और ध्रुव वहा से निकल जाते है। 

थोड़ी ही देर मे पंडित जी वधू को बुलाने के लिए कहते है,सुनीता जी और देव जाते है क्यू की निशा का कोई भाई नही था तो ये रस्म देव को पूरी करनी थी इसलिए देव के साथ सुनीता जी भी जाती है। 

"अरे यार आज से तो भाई पराया मन हो जाएंगे,अब मे भाई के रूम मे सीगरेट केसे चुप के से...ओये ध्रुव ये सीक्रेट है सब के सामने तू नीलाम ऐसे केसे कर सकता है। "ध्रुव ये सारी बाते अपने मे ही किये रहता है।😂😂बेचारा ध्रुव... 

वही शादी की रस्म एक के बाद एक शुरू होती जा रही थी,नीलांश शादी के मंडप पर बड़ा ही फब रहा था, जो भी लड़किया आई हुई थी इस शादी मे सबके सपने आज टूटने वाले थे सब यही सोच रही थी काश दुल्हन के जोड़े मे वो होती। 

थोड़ी देर बाद फेरे शुरू हो जाते है। 

"फेरो के लिए वर और वधू खड़े हो जाए।" पंडित जी ने कहा, तो नीलांश खड़ा हो जाता है उसको देख विष्टि भी खड़ी हो जाती है और खड़ी ही रहती है सब उसके चलने का इंतज़ार कर रहे थे। 

(दरअसल ओबरॉय खानदान में सात फेरों की परंपरा नहीं थी वहां पर 4 फेरे ही बरसों से करते आ रहे थे जिसमें पहले की 3 फेरे वधू आगे बढ़ कर लेते हैं और आख़िरी चौथा फेरा जिसमें वर आगे रहता है, इस बात का पता विष्टि को नहीं था वह तो जैसे बॉलीवुड मूवी देखती आ रही है उसे लग रहा था अब नीलांश आगे बढ़ेगा उसके पीछे पीछे बॉलीवुड म्यूजिक चलेगा और वह धीरे-धीरे फेरे लेंगे) 

"अरे आगे चलना क्या मुहूर्त निकलवा दू तेरे लिए जल्दी से चलती जा।"तारा ने धीरे से कहां 

("अरे तो तुझे पहले बताना चाहिए था ना मुझे कैसे पता होगा ठीक है..ठीक है जाती हूं मैं।")अपने मन में इतना बोल कर विष्टि आगे बढ़ जाती है। 

शादी के हर बढ़ते कदम और वचन के साथ विष्टि को मैत्री की लाइफ के एक एक हिस्से की जेसे फिल्म चल रही हो वैसे दिखने लगता है। 

जेसे जेसे विष्टि को मैत्री की जिंदगी की बाते पता चल रही थी,वैसे वैसे वो हैरान होती जा रही थी। 

"क्या क्या पता चला, बता तो ज़रा.."तारा में क्यूरियोसिटी के साथ पूछा। 

("मत पूछ बेटा... बस ये समझ ले ये तो झमेलो से भरी तोप है बे।") विष्टि ने अपने मन मे कहा। 

"हा पर बोल तो, हुआ क्या है इसकी जिंदगी मे?"तारा ने फिर पूछा। 

(" नियति जब चाहेगी तब तुझे पता चल जाएगा।")विष्टि ने अपने मन मे कहा तो तारा का मुह बन गया 😂 

एसे ही शादी संपन्न हो जाती है। 

"शादी सम्पन्न हुई आज से आप दोनों पति पत्नी हुए, अब सब बड़ो के आशिर्वाद ले लीजिए।"पंडित जी ने कहा। 

(" क्या सच मे मेरी शादी हो गई तारा?")विष्टि ने अपने मन मे तारा से पूछा। 

"हा अब तुम इस कमब्ख्त की वाइफ हो।" तारा ने सीधा जवाब दिया। 

(सच कहु तो विष्टि ने बड़े ही सपने सजाए हुए थे अपनी शादी को लेकर लेकिन पिछले जन्म मैं और इस जन्म में उसे अपने सपनो को पूरा करने का मोका ही नहीं मिला।)

शादी के बाद अब गृह प्रवेश की रस्म होती है सभी घर वाले बड़ी ही खुशी से सारी तैयारियां करते है, विष्टि और निलांश भी पोहोच चुके थे,सारी रस्म खत्म होने के बाद सुनीता जी बोलती है।

"अब निशा बेटा अपना घूंघट उठा लो थोडा,वरना कहीं बेहोश ना हो जाओ"इतना बोल वो हसने लगती है हालाकि उनकी बात पर कोई नहीं हसता, बेचारी का पोपट हो गया 😂।

लेकीन विष्टि को समझ नहीं आता क्या करे,तो वो ऐसे ही खड़ी रहती है।

"अरे भाई आप उठा दो भाभी शायद ये चाहती होगी।"ध्रुव ने हस्ते हुए कहा,ये सुन कर विष्टि जल्दी से अपना घूंघट खोल लेती है😂इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी सब चोक जाते है।

"ये कोन है...?"निधी जी ने कहा।

("इसका बदला मे तुमसे रात को लूंगा यू इडियट।") नीलांश अपने मन में विष्टि को घूरते हुए बोला।

"ओ एम् जी ये तो मेकअप आर्टिस्ट है निशा की,ये शादी के जोड़े में क्या कर रही है।"सुनीता जी ने सदमे मे कहा।

(दरअसल निशा और मैत्री अच्छे दोस्त थे,जब निशा की मेकअप आर्टिस्ट ने थोड़ा सा मेकअप खराब कर दिया तो मैत्री उसे थोडा ठीक कर रही थी,तभी सुनीता जी ने उसे देख लिया और उसे मेकअप आर्टिस्ट समझ लिया🤭)

निलांश सबको बताता है कि निशा भाग गई जिसके चलते उसे मैत्री से शादी करनी पड़ी,ये सिर्फ बहाना था बाकी निलांश की शादी करने की वजह कुछ और ही थी।

"मै नहीं मानती इसे अपनी बहू,ना इसका खून पता ना खानदान..."सुनीता जी ने गुस्से से कहा।

"चुप रहो बड़ी बहू भूलो मत,अभी हम ज़िंदा है,आज से यही है हमारे खानदान की इज्ज़त और तुम्हारी बहू।"दादा जी ने एक रोब दार आवाज़ के साथ कहा,जिसके चलते सबकी बोलती बंद हो गई।

"बेटा आज से यही तुम्हारा घर है,अगर कोई भी दिक्कत हो तुम्हे तो सबसे पहले तुम हमे बताओगी समझी।"दादी जी विष्टि के पास जा कर उसके सीर पर अपना हाथ रख बोली।

("क्या अब ये मेरी फेमिली है,अगर ऐसा है तो मे यहां से कभी नहीं जाऊंगी।")विष्टि अपने मन में ये बोल कर दादी मा के गले जा लगी।

"जाओ ध्रुव और देव मैत्री को उसका कमरा दिखा दो।"दादी जी ने कहा क्युकी निलांश तो कब का चला गया था, ध्रुव और देव दादी मा की बात मान कर विष्टि को ले जाते है।

"वैसे भाभी मे आपका प्यारा छोटा सा देवर हू,अगर कोई भी काम हो ना आपको तो आप मुझे बता सकती हो।"ध्रुव चलते हुऐ बोला।

"जी देवर जी एक बोहोत बड़ा काम है।"विष्टि ने आस भारी नजरो से ध्रुव को देखते हुए कहा।

"क्या?बताइए आप मे सुपर हीरो हू सब..."इससे पहले कि धुव्र कुछ आगे बोलता मिष्टी की बात उसके कानो मे पड़ी।

"तुम्हारे भाई की बोलती बंद हो जाएं ऐसा फेविकोल देदो।"विष्टि ने जैसे ही ये कहा देव ज़ोर ज़ोर से हसने लगा, निलांश की बोलती बंद हो ना हो धुव्र की ज़रूर हो गई थी🤭।

वही ऐसे ही मस्ती मजाक मे ध्रुव ओर देव क विष्टि को निलांश के रूम मे छोड़ कर आ जाते है।

अमेरिका के एक विला मे जो काफ़ी लाविश और रिच मेंटेंट था,उस विला के एक रूम में जो काफ़ी बड़ा था जहा हॉस्पिटल के काफ़ी मशिंस रखे हुए थे, किंग साइज़ बेड पर एक मासूम सी लड़की सो रही थी,उसके फेस पर ऑक्सिजन मास्क था।

एक नर्स उसके पास ही खड़ी थीं तभी उस लड़की कि बॉडी में हलचल हुई,जिससे नर्स तुरंत भाग कर हॉल मै जाति है, वहा एक तक़रीबन 29 साल का लड़का जो किसी मॉडल से कम नहीं था उसका ओरा किसी राजा महाराजा की तरह था,अभी उसके चेहरे के भाव सख्त थे।

"सर वो..वो मैडम का हाथ हिल रहा है।"वो नर्स अपनी बढ़ती सांसों पर काबू करते हुऐ बोली जो दौड़ने की वजह से हुई थी,उसमे ऑलरेडी डॉक्टर की टीम को बुला लिया था,वो लड़का बेचैन हो कर उस रूम की तरफ़ भाग उसके साथ एक ओर लड़का था।

थोडी देर बाद...

"सर, नाउ शी इज़ फाईन।"डाक्टर ने कहा तो उस खतरनाक लड़के ने उसे बाहर जाने का इशारा किया,वो डॉक्टर अपनी टीम के साथ बाहर जाने लगा,तभी उससे एक गलती हो गई।

"शी इज़ डेम हॉट राइट।"डाक्टर अपनी टीम के एक मेंबर से बोला दरसअल वो एक हवसी इंसान था जो अपनी फीमेल पेशेन्ट को हमेशा गंदी नजर से देखा करता और छुआ करता,पर आज उसका आखिरी दिन था।

"स्टॉप,ऐसी गलती की साज़ा मौत होती है, हैरी भिजवादो इनको।"इतना बोल वो लड़का अपने पास खड़े दुसरे लड़के को देखता है,वो लड़का जल्दी से गार्ड को इशारा करता है,उनके गार्ड्स वेल ट्रेंड थे उनको पता था अब इनका क्या करना है।

"वीके अब अंदर चलो वो सब हो जायेगा।"हैरी ने कहा तो वो खतरनाक लड़का वीके अंदर चला गया।

बेड पर वो लड़की आराम से सो रही थी, वीके उसके पास जा के बैठ गया और उसके गालों पर हाथ फेरने लगा,जिससे वो लड़की अपनी आंखे खोलती है तो उसके सामने एक ख़ूबसूरत चेहरा नजर आया जो उसके लिए बिल्कुल अनजान था।

"तुम...तुम कोन हो??मे कहा हूं"उस लड़की ने दुर हटते हुए बोला,उसके दूर जाने से वीके क चेहरा सख्त हो गया।

"विष्टि जी आप ठीक तो है ना"हैरी ने कहा

"कोन विष्टि मे नहीं जानती किसी विष्टि को मेरा नाम मैत्री है समझे आप,और आप दोनो कोन है?"मैत्री ने थोड़े गुस्से और थोड़े डर के साथ कहा।

(मैत्री और विष्टि की आत्मा आपस मै बदल गई है,कोई भी कन्फ्यूज मत होना आगे बडा ही मज़ा आने वाला है तो प्लीज़ पढ़ते रहिए,और कोई भी सवाल हो तो कॉमेंट ने बता सकते है।🥰)

"अरे ये..ये आपके होने वाले हसबैंड है,और मे इनका दोस्त और पीए हू हेरी।"हैरी ने कहा।

"क्या..क्या मेरी सगाई हो गई, कब?और मुझे याद क्यू नहीं।"मैत्री परेशान हो कर बोली।

"दीया को बुलाओ"वीके ने कहा और वो वहा से बाहर चला गया,दिया का नाम सुन हैरी का मुंह बन जाता है।

(दिया एक डाक्टर थी और साथ ही वीके की बचपन की दोस्त भी)

मैत्री और विष्टि आखिर कोन है? आख़िर उन दोनों के साथ ये हो क्या रहा हैं?उनकी ज़िंदगी का मकसद क्या है?

जानने के लिए पढ़ते रहिए

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