तुम अजीज हो बच्चा

कशिश को देखते हुए वह आदमी बोला इसके लिए तो मैं खुद को नीलाम कर दूं मीना ताई तिजोरी क्या चीज है। आप बस कीमत बोलिए उसकी बात सुनते हुए मीना बाई कशिश की तरफ बढ़ती है। और कहती है।अरे साहब यह कोहिनूर किसी के बिस्तर पर सजना के लिए नहीं है।

इसे तो हम सर का ताज बनाना चाहते हैं। यह मेरी जान सिर्फ महफिले सजाने के लिए है बिस्तर सजाने के लिए और मिल जाएंगे। मीना ताई की बात सुनते हीवह आदमी हल्के गुस्से में बोला ये क्या बात हुई मीनाताई आप मुझे इस लड़की के लिए ना बोल रही हैं

मुझे तो यही कली चाहिए जो अभी तक फूल भी नहीं बनी अभी उसे आदमी ने कशिश का चेहरा नहीं देखा था। लेकिन जितना भी उसका अक्स दिख रहा था। उतने मे ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कशिश की खूबसूरती किस कद्र होंगी ।घूंघट ने उसे परदे मे छिपाया हुआ था।लेकिन उसके वो होठो की झलक ही सब को अपनी तरफ रिझा रही थी।

वही मीना ताई ने उस आदमी को कशिश की कीमत लगाने को तो कह दीया लेकिन साथ में यह भी बताया था की कशिश कोई बिकाऊ सामान नहीं है। उसे तो सिर पर सजाया जाएगा किसी के कदमों तले बिछाया नहीं जाएगा।

कशीश वो कोहिनूर है। जिसे चाहता तो हर कोई है। लेकिन पाने वाला कोई एक अब वह आदमी कुछ बोल नहीं सकता था। इसी लिए वह चुपचाप एक तरफ जाकर खड़ा हो गया। उसे देखकर उसके पास खड़े बाकी लोग हंसने लगे। उनकी हंसी उस आदमी को चिढ़ा रही थी।उसे अपना मजाक बनते देखा बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था।

लेकिन वह कर ही क्या सकता था यह मीना ताई का कोठा था। यहां चलती सिर्फ मीना ताई की है। उनके सामने बोलने वाला आज तक कोई नहीं आया। वही मीना ताई जो कब से कशिशको देख रही थी। उन्होंने वहीं पास में खड़ी एक दूसरी लड़की को इशारा किया। जिसका इशारा समझ वह लड़की कशिश को वहां से ले गई।

कशिश कमरे में आती है। और अपने अक्स को सामने लगे शीशे में देख टूट कर रोने लगती है। उसका रोना साथ में आई लड़की से भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने कशिश को अपने सीने से लगा लिया।

और उसे चुप करते हुए बोली कशिश बच्चा चुप हो जाओ देखो अपनी मन्नत दी को तो देखो वह भी तो यह सब कर रही है ना उन्हें तो लोगों के बिस्तर तक जाना पड़ता है तुम तो फिर भी अज़ीज़ हो मेरा बच्चा तुम्हें सिर्फ महफिल सजानी है।

एक न एक दिन ये होना था हो गया मेरा बच्चा अब जाने दो ना चुप हो जाओ ऐसे रोने से कुछ नहीं होता। तुम्हारे लिए तो पहले से कोई है।तुम्हे ज्यादा दिनों तक येजिंदगी नहीं जिनि पड़ेगी। बस कुछ दिन उसके बाद तुम यहाँ से आजाद हो जाओगी।मन्नत कशिश से 2 साल बड़ी है वह नहीं चाहती थी कशिश कभी महफिल सजाए लेकिन क्या करे वो भी तो मजबूर है। उसके पास भी कोई दूसरा रास्ता नहीं था।

खूबसूरती मे मन्नत कही से भी कशिश से कम नहीं है। लम्बे बाल बड़ी बड़ी आँखे गोरा रंग अट्रेक्टिव होंठ जब वो पहली बार इस दलदल मे आयी थी। उसके लिए भी ऐसे ही महफिल सजाई गयी। बोलिया लगाई गयी। लेकिन उसे सँभालने वाला भी कोई नहीं था।

अपने बीते दिनों को याद कर मन्नत की आँखे भी भीग गयी। उसने खुद को संभाला और कशिश को बेड के पास लाते हुए समझाने लगी।देखो काशु मीना ताई ने तुम्हे महफ़िल सजाने के लिए कहा है। बस तुम किसी रईस के बिस्तर पर नहीं जाओगी। उसकी फ़िक्र ना करो। मै हु ना बच्चा तुम जितनी पवित्र पहले थी।

उतनी ही आज भी हो और हमेशा रहोगी। तुम्हे हाथ लगाने की भी कोई कोशिश नहीं कर सकता छूना तो दूर की बात मेरे रहते मै तुम्हे किसी के बिस्तर तक नहीं जाने दूंगी। मुझ पर तो भरोसा है। मानो मेरी बात उसके समझा ने से कशिश थोड़ी शांत हुई। उसने अपने आंसू साफ किये और ऐसे ही मन्नत की गोद मे अपना सिर रख सो गयी।

उसकी मासूमियत देखते हुए मन्नत के चेहरे पे छोटी सी मुस्कुराहट आ गयी।सोते हुए भी कशिश का चेहरा मुरझाया हुआ था।मन्नत ने उसके सिर पे हाथ फेरा और माथे पर kiss कर वही बेड से लग आँखे बंद कर ली।

अगली सुबह

सड़को पर गाड़ियों की कतार लगी हुई थी। सिग्नल रेड था। जिस वज़ह से कोई भी गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती थी।

सब सिग्नल ग्रीन होने का इन्तजार कर रहे थे। तभी उन गाड़ियों के बीच से होते हुए एक लड़की ब्लैक BMW के पास आती है। और उसकी खिड़की के पास आ कर नॉक करती है। दो तीन बार लगातार नॉक करने पर ड्राइविंग सीट पर बैठे आदमी ने विंडो डाउन कर दी।

जिस तरफ वो लड़की खड़ी थी। वो दूसरी साइड थी। जहा एक आदमी ब्लैक आउटफिट मे बैठा कॉल पर किसी से बात कर रहा था।ब्राउन आइस काले सिल्की बाल जिन्हे जेल से सेट किया गया था। राइट हैण्ड की उंगलियों मे ring's उन ring's मे एक ऐसी भी रिंग थी। जो सबसे अलग लग रही थी।वो सिल्वर रिंग कुछ अजीब सी चमक मे थी।

गले मे प्लैटिनम चेन ब्रैंडेड वाच एक कान मे सिल्वर इयररिंग जो उसके लुक को और भी अट्रेक्टिव बना रही थी। गोरा रंग देखने मे हॉट हैंडसम डेसिंग जितना भी बोल लो कम ही होगा।उसकी हॉटनेस के आगे। उसके आस पास से एक अलग औरा झलक रहा था। कार मे एकदम शांति थी। जिस वज़ह से उस लड़की की पायल का शोर वहां गूंज गया।

जिससे वो आदमी जो अपने काम मे मसरूफ था। उसका ध्यान भी बाहर खड़ी लड़की की तरफ चला गया।और उसने नज़रे उठा उस लड़की की तरफ देखा। मासूम आँखे बस इतना ही दिखाई दें रहा था। उसे क्युकी उस लड़की ने अपने चेहरे पर दुपट्टा डाल रखा था। जिससे बस उसकी वो दोनों नीली आँखे ही बाहर झाँक रही थी।

कुछ देर के लिए तो वो लड़का उसमे खो सा गया। उसे किसी बात का होश ही नहीं रहा हो जैसे। वो बस उसकी मासूम समंदर जैसी आँखों मे डूबता चला जा रहा था।

आज के लिए बस इतना ही मिलते है next chapter मे...।

कौन थी वो लड़की?

क्या यहाँ से कहानी कोई अलग मोड़ लेगी?

जानने के लिए पढ़ते रहिये... बदनाम इश्क़

🥰🥰