ridhan ka vidha ke ghar jaana

एक लड़का जो कि एक अंधेरे कमरे में बैठा हुआ था । उस पूरे कमरे में धुआं ही धुआं फैला हुआ था।

क्यों कि वह हैंडसम से दिखने वाले लड़के के हाथ में सिगार थी। जिसके वो लम्बे लम्बे कश ले रहा था। 

इस वक्त उसके चेहरे पर कोई इमोशन नहीं थे। लेकिन इस वक्त उसके आंखों के आगे किसी का चेहरा घूम रहा था। जो शायद किसी लड़की का था। 

इसी के बारे में सोचते हुए एक टक खिड़की से आती हुई चांद कि रोशनी को देख रहा था। 

लेकिन इस वक्त उसके मन में क्या चल रहा था ये समझ पाना ना मुमकिन था। 

कुछ वक्त बाद वह अपने चेयर से उठ कर बालकनी में चला गया ।

और वहां खड़ा हो कर एक टक चांद को देखने लगा। तभी उसके फोन पर किसी का कॉल आने लगा।

उसने देखा तो ये कॉल उसके असिस्टेंट का था । जिसका नाम है रजत उसने कॉल उठते ही बोलना शुरू किया। बॉस हम पाता लगा रहे । कि मैडम ए इस वक्त कहा पर है ।

और हमे पता चल भी गया है मैम अभी इस वक्त कहा पर है। 

इतना बोल कर वह चुप हो गया तो ऑन कॉल रिधान बोला जी हां यही है हमारे हीरो रिधान राय सिंघानिया 

 सिंघानिया ग्रुप ऑफ indrastri का ऑनर साथ ही एक माफिया भी जिससे सब डरते हैं । इन्हे लोग काली दुनिया का किंग भी कहते है । 

लेकिन इनकी यह पहचान बहोत कम लोगों को ही पता हैं । और जिन्हे पता हैं वो या फिर इससे बहुत करीब होते है ।

या दुनिया से दूर हो जाते है। रिधान ने जब देखा कि रजत अब एक दम चुप हो गया है तो वह गुस्से में तमतमा उठा । उसने कहा क्या हुआ आगे बोलने के लिऐ मुहूर्त निकलवाना हैं । क्या उसकी इतनी रौबदार आवाज सुन कर तो रजत की सांसे ही अटक गई। 

 उसने एक लम्बी सांस ली उसके बाद बोलना शुरू किया। सर मैम यही दिल्ली में ही रहती है। अपने अंकल आंटी के साथ उनका एक छोटा भाई भी है। जिसका नाम अमन हैं। 

 वह उनके अंकल आंटी का लड़का है। मैम का नाम विधा है । उन्होंने अभी अभी अपनी स्कूल की पढ़ाई कंप्लीट की हैं ।

 और अब स्कॉलर सिप से हमारे ही कॉलेज में एडमिशन लिया है। मैम की एज 19 हैं । इनके अंकल आंटी के पास पैसों कि कोई कमी तो नहीं है । लेकिन फिर भी मैम को पार्ट टाइम जॉब करके अपने खर्चे चलाना पड़ता है ।

 क्युकी ये लोग उन्हें अपना नही मानते बस दिन भर काम करवाते है। और मार पीट भी करते है । इन्हे टॉर्चर भी करते है ।

 अंकल राजीव श्रीवास्तव आंटी रीना श्रीवास्तव ये लोग बहुत गिरे हुए इंसान हैं । इन्होंने कई बार मैडम को बेचने की भी कोशिश की हैं । लेकिन मैम हमेशा बच जाति हैं । और उस दिन भी वो कुछ लोगो से बचने के लिऐ ही भाग रही थी । जब उन्होंने आप कि जान बचाई थी ।

 इतना कहकर वो एक बार फिर शांत हो गया । और उसकी बात सुन कर रिधान कहता है । कल हम भी दिल्ली जा रहे है । जट रेडी करो रजत बोला यस बॉस उसके बाद व रिधान ने कॉल कट कर दिया ।

अगली सुबह । रिधान अपने प्राइवेट जट में मुंबई से दिल्ली के लिए निकल गया था। उसके साथ रजत और उसके कुछ बॉडीगार्ड्स भी थे। करीब एक घंटे बाद ही उसका जट एयरपोर्ट पर पहुंच गया था। रिधान उसमे से निकल कर सीधे अपनी कार की बैक सीट पर जा कर बैठ गया। जो की पहले से ही वहा पर खड़ी थी। 

उसके बैठते ही उसका असिस्टेंट रजत भी आ कर पैसेंजर सीट पर बैठ गया। और ड्राइवर ने कार स्टार्ट कर दिया कुछ ही समय में गाड़ियों का काफिला सड़को पर दौड़ने लगी उनमें से कुछ ब्लैक मार्सार्डिस थी और एक बीएमडब्लू अब इन सब का काफिला विधा की घर की ओर निकल पड़े। 

कुछ ही देर में सारी गाड़िया एक घर के सामने आ कर रुकी उस घर के नेम प्लेट पर श्रीवास्तव हाऊस लिखा हुआ था। पहले सारे बॉडीगार्ड अपनी अपनी कार से बाहर निकल कर आए और रिधान कि कार के आगे आ कर अपना सिर झुका कर खडे हो गए। उसके बाद रजत ककार से बाहर आया और बैक सीट का गेट ओपन कर दिया। तो उसमे से रिधान राय सिंघानिया अपने ओरे के साथ बाहर आया । इस वक्त उसने ब्लैक कलर का थ्री पिस सूट पहन रखा था। हाथो में ब्रैंडेड वॉच गले में प्लेटिनम गोल्ड चेन और चेहरे पर भाव शून्य थे। कार से निकल कर उसने अपने आंखो पर सेड्स लगाए इस लुक में वो एकदम कहर ढा रहा था। एकदम बवाल जो देखे बस खो ही जाए। 

उसने अपना एक हाथ अपनी पॉकेट में डाल रखा था । और अब उसने अपने कदम उस घर के अंदर बढ़ा दिया था। वो दरवाजे पर जा कर खड़ा हो गया। उसके पीछे पीछे रजत भी था रजत ने जल्दी से डोर बेल बजाई। 

तो अंदर से किसी किकड़क आवाज आई जो बोल रही थी। अरे आ रहे हैं। क्यू बार बार बेल बजाए जा रहे हो। फिर उसने एक लड़की को आवाज लगाई जो वही पर कुछ काम कर रही थी। उसकी तरफ देख कर बोली अरे कालमुही सुनाई नही देता क्या कब से कोई बाहर खड़ा बेल बजाए जा रहा है। पहले जा जाकर देख कोन है। उसके बाद आ कर काम कर लेना समझी ।

उस लेडी कि बात सुन कर वो लड़की जो दिखने में बहुत सुंदर एकदम कांच कि खुड़िया कि तरह दिख रही थी। उसने अपने कदम दरवाजे के ओर बढ़ा दिया। और जा कर दरवाजा खोला तो सामने एक हैंडसम सा हॉट बंदा खड़ा था। बस एक नजर उसको देख कर कर उसने अपने सिर को धीरे से झुका लिया। 

और वहीं उसकी झुकी हुई पलके मासूम सा चेहरा देखकर वह लड़का तो बस उसे देखता ही रह गया। वो जैसे उसमे कही खो सा गया। तभी वहा फिर से एक औरत की वही कर्कस आवाज आई अरे वही खड़ी रहेगी क्या या बताएगी भी कोन आया है। 

उस लेडी कि बात सुन कर जहा वो लड़की डर से कांपने लगी वही रिधान अपने होश में आया। जी हां ये रिधान ही है। लेकिन जैसे ही उसने उस लड़की कि तरफ दोबारा देखा उसका वो डरा हुआ चेहरा देख कर रिधान को बहुत गुस्सा आया। 

वो अंदर कि तरफ बढ़ गया। और उसे देख कर तो एक बार को रीना जी डर ही गई। फिर भी अपने डर को छुपाते हुए वो बोली अरे ऐसे कैसे अंदर चले आ रहे हो। आप लोग हो कोन उनकी बात सुन कर भी रिधान ने उन्हें कोई जवाब नही दिया। बल्कि वहीं सोफे पर बैठ गया। 

उसके बैठते ही रजत उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। और रीना जी कि तरफ देख कर बोला ये है। मिस्टर रिधान राय सिंघानिया बस उसका इतना ही कहना था कि रीना जी आगे बोली क्या द रिधान राय सिंघानिया सिंघानिया ग्रूप ऑफ इंडस्ट्री का सीईओ द मोस्ट हैंडसम बैचलर्स और बिजनेस टायकून रजत बोला जी।

उसके बाद रीना जी ने विधा कि तरफ देख कर बोली अरे ये लड़की वहा क्या खड़ी है। जा जाकर चाय कॉफी का इंतजाम कर उनकी बात सुन कर विधा चुप चाप सिर झुकाए किचन कि तरफ बढ़ गई।

उसके जाने के बाद रीना जी ने बड़े प्यार से कहा अरे यहां आने कि कोई खास वजह जो आप जैसे बड़े लोग हम जैसे छोटे लोगो के यहां आए। उनकी बात सुन कर रिधान ने कहा जी बिलकुल सही कहा आपने आप जैसे लोगो के यहां आऊ इतनी आप लोगो कि औकात नहीं है आप के यहा आना तो दूर आप लोगो कि औकात तो मुझे एक नजर उठा कर देखने की भी नहीं है ।

लेकिन मैं यहां किसी खास के लिए आया हूं। रिधान कि इतनी तेज और रौबदार आवाज सुन कर ही रीना जी डर kar दो कदम पीछे खींच लिया। तभी वहा पर विधा अपना सिर झुकाए हाथो में कॉफी कि ट्रे लिए आई और उस ट्रे को रिधान के सामन कर दिया ।

उसके हाथ इस वक्त भी कपा रहे थे। जिससे कप भी इधर उधर हिल रहे थे। जिसे देख कर रिधान कि हाथो कि मुट्टिया कसती जा रही थी। पर उसने किसी तरह खुद को कंट्रोल किया और खुद को कंट्रोल कर रिधान ने रजत को देखा तो वो जल्दी से हरकत में आया और विधा कि हाथो से ट्रे लेकर सामने कॉफी टेबल पर रख दिया।

उसके बाद वह फिर से अपनी जगह खड़ा हो गया। रिधान ने अब खड़े हो कर विधा को अपने पास सोफे पर बैठा दिया। और इन सब चीजों को इतनी जल्दी से होता देख कर तो रीना जी कि आंखे ही बाहर आने को हो गई। लेकिन इन सब से रिधान को कोई फर्क नही पड़ता था ।

वो तो बस विधा को देखने में ही खोया हुआ था। जिसकी आखों से अब भी आंसू बह रहे थे। ये देख कर रिधान को बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। वो सोफे पर बैठ कर विधा के मासूम से चेहरे को अपने दोनो हाथों में थाम कर उसकी झुकी पलको पर अपने होंठ रख देता है।