अब जान भी लोगी क्या जान

ये होते ही विधा कि पलके अपने आप बंद हो जाती है।और उसकी आखों से आंसू की कुछ बूंदे उसके गाल पर गिर जाते है । वही रीना जी को तो ये देख कर एक बार फिर झटका लग गया। वो तो अपनी जगह पर ही जम गई।और वो आपने इस शॉक से तब बाहर आती है। जब रिधान कि आवाज उनके कानों में गई । 

जो कह रहा था। की तो मिसेज श्रीवास्तव मै जिस काम के लिए यहां आया था। उसके बारे में बात करते है। तो अब आप ध्यान से मेरी बात सुनिए मैं यहां पर आप से आपकी भतीजी का हाथ मांगने आया हूं। वैसे तो मैं जानता हूं की शादी की बात घर के बड़े करते है। पर मुझसे रहा नही गया।इस लिए मैं खुद ही अपना रिश्ता ले कर आ गया।

अब आप जल्दी ही मेरी ओर मेरी जान की शादी की तैयारियां शुरू कर दीजीए। ये सब सुन कर तो रीना जी के साथ साथ विधा भी शॉक हो जाती है। पर उसमे इतनी हिम्मत नहीं थी।की वो उन लोगों से कुछ भी कह सके। वो बस चुप चाप अपनी जगह पर खड़ी थी। वही रिधान कि बात सुन कर रीना जी कहती है।अरे रिधान साहब ये आप क्या कह रहे हैं।

कहा आप और कहा हम हमारा आपका कोई मेल ही नहीं।आपको तो इससे भी अच्छी सुंदर और बड़े घर की लड़की मिल जायेगी ।आप कहा इस करम जली के चक्कर में पड़ रहे हैं ।यह जिसके साथ भी रहती है।अरे उसके तो करम ही फूट जाते है।

और वही रिधान के चेहरे पर इस वक्त कोई भाव नहीं था। वो बस चुप चाप खड़ा उनकी बाते सुन रहा था। लेकिन जब उसने देखा कि रीना जी ऐसे चुप तो नही होने वाली है। तब उसने अपनी उसी रौबदार लेकिन काम आवाज मे बोला जी आप को मेरी फिक्र करने की कोई जरूरत नही है।उसके लिए मैं अपनी जान को अपने साथ ले जा रहा हूं।

तो आप बस हमारी शादी की तैयारियां शुरू कर दीजीए। वही रीना जी को तो अब जैसे खून ही सूखने लगा हो वो तो गुस्से में तमतमा उठी और तुनक कर बोली लेकीन मै अपनी बेटी की शादी आप से नही करना चाहती। और करूंगी भी नहीं समझे आप।

ये सुन कर भी रिधान को कोई फर्क नहीं पड़ा वो तो अपनी बात पर ही था। उसने उनकी बातो को इग्नोर कर आगे कहा ये मैं आप से पूछने नही आया हूं बल्कि आप को बताने आया हु। और ये मेरा ऑर्डर है। कोई रिक्वेस्ट नही और मेरी ये बात आप याद रखना मुझे मेरी ही जान से शादी करने के लिए किसी की परमिशन की कोई जरूरत नहीं है। खुद मेरी जान की भी नहीं ये बोलते समय उसका ध्यान विधा कि तरफ था।

जो चुप चाप सिर झुकाए खड़ी थी।उसने अभी तक एक बार भी रिधान को नजरे उठा कर देखने की भी कोशिश नही की थी। और उधर रिधान तो जब से आया था।बस विधा को ही देखे जा रहा था।उसे तो और किसी से कोई मतलब ही नहीं था।

वही दूसरी तरफ रीना जी तो रिधान की आवाज सुन कर ही सहम गई थी।अब उनके अंदर कुछ भी बोलने को हिम्मत नहीं थी।वो बस एक जगह सहमी सी खड़ी रह गई थी। क्युकी उन्हें पता था अगर अब उनके मुंह से एक भी शब्द निकला तो वह शायद उनकी आखरी बात भी हो सकती है।इसी लिए अब वो चुप रहना ही सही समझ रही थी।

और उधर रिधान तो अब बस विधा को ही देखे जा रहा था।उसने एक मिनट के लिए भी उस पर से नज़र नहीं हटाई थी। बस उसकी वो झुकी हुई पलके मासूम सा चेहरा गुलाब के पंखुड़ियों जैसे होठ जो डर की वजह से कांप रहे थे।उन्ही में खोया हुआ था।और पता नही कब वो ऐसे खोए हुए ही विधा के पास पहुंच गया।वही विधा जिसने अपनी पलके झुकाए हुए खड़ी थी।उसे जैसे ही अपने चेहरे पर किसी की गर्म सांसों का अहसास हुआ।उसने अपनी आंखें कस कर भींच ली और उसके इस तरह से देख कर तो मानो रिधान सब कुछ भूल ही गया हो उसने धीरे से मगर मैग्नेटिक आवाज में बोला ओपन योर आइस जान अपनी आंखे खोलो और मेरी तरफ देखो उसके इस तरह बोलने से विधा के दिल की धड़कने किसी रोलर कोस्टर की तरह बढ़ गई थी।उसकी धड़कने इतनी तेज शोर कर रही थी।की उसकी आवाज रिधान को भी सुनाई दे रही थी।वो भी महसूस कर सकता था कि उसके पास होने से उसकी जान की धड़कने कितनी बढ़ गई थी।और कही न कही उसे इस बात की खुशी भी हो रही थी। की वो अपनी जान पर किस तरह असर कर रहा है।

रिधान धीरे धीरे विधा के ऊपर झुक रहा था।लेकिन विधा ने अब भी अपनी आंखे बंद कर रखी थी।ये देख कर रिधान ने उसके कानो के पास जा कर अपनी मैग्नेटिक आवाज में बोला आंखे खोलो जान मुझे देखो मैं तुम्हारे लिए ही तो यहां आया हूं।और तुम हो की मेरी तरफ एक बार देखा भी नहीं अगर अब तुम ने मुझे नही देखा न तो याद रखना मैं कुछ भी कर सकता हूं।और बात तुम्हारी हो तो फिर तो मैं पता नहीं क्या क्या करूंगा उसकी आवाज में ही इतनी पॉवर थी कि उसने अपनी बातो से ही उसे अपनी तरफ देखने के लिए मजबूर कर दिया था। अब विधा के पास उसकी बात सुनने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था।

उसने धीरे से अपनी आंखे खोली और उसकी नजरे सीधे रिधान कि नजरो से जा मिली ये होते ही विधा ने अपनी नजरे वापस से नीचे कर ली।उसकी इसी अदा पर तो रिधान राय सिंघानिया अपना दिल हार बैठा है। रिधान ने उसे देखते हुए ही अपने मन में बोला हाय मेरा सुकून रातों की नींद सब तो चुरा ही लिया है मेरी जान अब kya meri Jaan bhi logi kya mai तो आप पर कुर्बान हो जाऊ 

लेकिन क्या करू अभी आप के साथ अपनी अच्छी अच्छी यादें बनाना है। अभी तो मुझे मेरी जान के साथ romanc करना है।उसके बाद हम दोनों के छोटे छोटे बच्चो को भी तो संभालना है न तो अभी से मेरी जान मत लो my lucky charm अभी तो तुम्हे अपनी लाइफ एंजॉय करनी है।वो भी मेरे साथ 

ये सब सोचते हुए उसके होठों पर न दिखने वाली स्माइल थी ।और वही विधा तो अब हिल भी नहीं रही थी।तभी उसको अपने कानो में किसी की गर्म सांसे फिल हुई वो तो सिहर रही थी।इन सब चीजों से ये सब उसके लिए एकदम नया था। तभी रिधान ने उसके इयरलोव को bait कर लिया जिससे उसके मुंह से हल्की सी आह निकल गई। लेकिन रिधान यही रुकने वाला तो नही था।

उसने जहा उसे bait किया था।उसी जगह होले से kiss भी कर लिया इस अहसास से ही विधा के चेहरे पर गुलाबी रंगत छा गई जो की शर्म से ही था। उसे इस तरह शर्माता देख कर तो रिधान ने अपने दिल पर हाथ ही रख लिया। 

और अब वह विधा से थोड़ा दूर होकर बोला तैयार रहना जान कल हमारी शादी है। अब उसने एक बार फिर से रीना जी कि तरफ देखा और बोला तो आप तैयारी कर लीजिए हम चलते है। कल बारात लेकर आएंगे और अपनी जान को लेकर जाऊंगा । अभी चलता हु।

इतना कहकर उसने एक बार विधा को देखा जिसने फिर से अपना सिर झुका लिया था।ये देख कर उसने अपना सिर हिला दिया।जैसे कह रहा हो इसका कुछ नहीं हो सकता। और बाहर आ कर अपनी कार में बैठ कर वहा से निकल गया।

आज के लिए बस इतना ही मिलते है next chapter में 

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