शाम के टाइम
विधा जो सुबह से बस सो रही थी।अब जा कर उसकी आंखे खुली तो अपने आप को किसी नई जगह देख कर उसकी आंखे डर से बड़ी हो गई।अब उसकी आखों से आंसू गिरने लगे थे।
तभी विधा को डोर ओपन होने की आवाज आई।जिसे सुन कर उसने डोर की तरफ देखा तो वहा पर रिधान खड़ा था।लेकिन जैसे ही अपने विधा कि आंखे आखों को देखा जो आसुओं से भरी हुई थी।उसे अपने दिल में एक दर्द का अहसास हुआ।
ये क्या था ये तो शायद रिधान को भी नहीं पता था।लेकिन विधा की आखों में आसू देख कर वह जल्दी से बेड के पास आया। और बेड पर बैठ कर विधा को अपने सीने में छुपा लिया।और वही उसके इस तरह के बरताव से न जाने विधा को क्या हुआ उसने भी जल्दी से रिधान के सीने पर अपने हाथ रख दिए ।
और उसकी शर्ट को खूब कस कर अपनी मुट्ठियों में भींच लिया।और उसके सीने पर अपना सिर रख कर और जोर जोर से रोने लगी। वही रिधान ने अपना हाथ उठा कर उसके सर पर रख दिया और उसके सिर को सहलाने लगा।
कुछ ही देर में विधा शांत हो जाती है।उसका रोना अब थोड़ा थोड़ा सा कम हो गया था।जब रिधान ने देखा कि अब उसकी छोटी सी बीवी उसके सीने पर अपनी नोज रब करने लगी हैं।ये देख कर रिधान के फेस पर छोटी सी स्माइल आ गई।
और अब रिधान ने उसे अपने आप से थोड़ा सा दूर कर के उसके फेस को देखने लगा जो रोने की वजह से एकदम रेड हो गया था।उसकी आंखे भी एकदम लाल थी। और वो अपनी बड़ी बड़ी आखों से उसे ही देखे जा रही थी।
एक पल के लिए तो बस रिधान उसकी उन आखों में खो ही गया था।लेकिन जल्दी ही उसने अपना सिर झटक दिया।और विधा से सवाल किया। क्या हुआ है।जान आप रो क्यू रही थी। क्या कोई प्राब्लम है।
अगर ऐसा है तो आप मुझे बता सकती हो।बोलो क्या हुआ था।उसकी बातो मे विधा को उसका प्यार केयर सब दिख रहा था। इसीलिए उसने भी धीरे से कहा मुझे डर लग रहा था।मैने ऐसी जगह पहले कभी नहीं देखी थी।इसीलिए मुझे लगा की कोई मुझे किडनैप कर के ले आया होगा।
आप भी यहां पर नहीं थे। इसी लिए मैं बहुत डर गई थी।विधा ये सब इतनी मासूमियत से बोल रही थी। कि रिधान को एक बार फिर उसे कस कर अपनी बाहों में भरने का मन कर रहा था।लेकिन उसने खुद को कंट्रोल किया।
और एक बार फिर से विधा के चेहरे को अपने हाथों में थाम कर बोला बच्चा आप को डरने की जरूरत नही है।देखो आज ही आप अपने घर में आए और आते ही रोना भी शुरू कर दिया।ये तो गलत बात है।
रिधान कि बात सुन कर विधा ने उसकी तरफ देखते हुए ही कहा लेकिन ये मेरा घर नही है।ये तो आप का घर है। तो इस पर रिधान ने उसके फोरहेड पर प्यार से kiss कर के बोला पर मैं भी तो आप का ही हु न बच्चा फिर जो मेरा है।वो आप का भी तो है।न वही रिधान के इतने प्यार से समझने से विधा कि आंखे एक बार फिर नम हो गईं।
उसने धीरे से कहा क्या सच में ये मेरा घर है।इस पर रिधान ने भी अपना सिर हिला दिया।जिससे विधा के चेहरे पर एक बड़ी प्यारी सी स्माइल आ गई।और उसकी स्माइल देख कर रिधान भी खुश हो गया।
अब वो विधा से थोड़ा दूर हुआ।और बोला अब जाओ जा कर फ्रेस हो जाओ फिर हमे डिनर भी तो करना है।तुमने सुबह से कुछ भी नहीं खाया है।
रिधान के बोलने से विधा बाथरूम में जाने लगी।लेकिन तभी उसे याद आया कि उसके पास तो पहनने के लिए कपड़े ही नहीं है। फिर वो फ्रेस होने के बाद कौनसे कपड़े पहनेगी। वो वही खड़ी यही सब सोच रही थी।
तभी पीछे से रिधान बोला क्या हुआ बीवी जाओ जल्दी से फ्रेस हो कर आओ सुबह से तुमने यही कपड़े पहने है। ये काफी भरी है। तो जाओ इन्हे चेंज कर लो । अब विधा क्या करे उसे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था।
लेकिन फिर उसने हिम्मत जुटा कर पीछे मुड़ी और रिधान कि तरफ बढ़ गई। उसे इस तरह अपने सामने देख कर रिधान ने कहा क्या हुआ।कुछ कहना था। क्या इस पर विधा ने अपना सिर हिला दिया। तो रिधान ने कहा हा तो बोलो इस पर विधा ने जल्दी से कहा वो मेरे पास पहनने के लिए कपड़े ही नहीं है।
मेरे सारे कपड़े तो चाची जी के पास ही रह गए।आप ने मुझे टाइम ही नहीं दिया कपड़े लेने का बस मुझे ले आए अपने साथ अब आप ही बताइए मैं क्या पहनु उसके इस तरह शिकायत करने से रिधान ने अपनी एक आईब्रो उठाई और विधा से देखने लगा।
फिर उसने अपना सिर झटका और विधा का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ क्लोसेट रूम में ले गया।और उसे क्लोसेट के सामने खड़ा कर दिया।फिर उसमे से एक सारी निकल कर विधा को दे दिया।ये सारी ब्लू कलर की सिंपल सी सारी थी।
लेकिन देखने में ही बहुत महंगी लग रही थी।होगी भी क्यू नही आखिर रिधान राय सिंघानिया की बीवी के लिए थी। उस सारी को देख कर विधा खुश हो गई।उसे ये सारी बहुत पसंद आई थी।लेकिन तभी उसका ध्यान कोलोसेट में रखी उसके ड्रेसेज पर पड़ी वहा पर विधा के लिए हर तरह के ड्रेसेज थी।जिसे देख कर विधा तो हैरान ही रह गई।
उसने रिधान कि तरफ देखा जैसे पूछ रही हो क्या ये सब मेरे लिए है। उसके exspretions देख कर रिधान समझ गया।उसने भी विधा कि तरफ देखते हुए कहा हा ये सब तुम्हारे लिए ही है।ये सुन कर तो विधा कि आंखे ही चमक गई।
तभी रिधान ने फिर से कहा अब जाओ जल्दी फ्रेस हो कर आओ येसब बाद में देख लेना।उसकी बात सुनकर विधा भी जल्दी से वहा से निकल कर बाथरूम में चली गई।उसके जाने के बाद रिधान ने खुद से कहा तुम इन सब से भी कही ज्यादा disarv करती हो।और मैं तुम्हे वो सब दूंगा जिससे मुझे तुम्हारे होठों पर ये स्माइल हमेशा देखने के लिए मिले।
फिर वो भी बाहर आ कर रूम में लगे इंटर कॉम से dinner मंगवा लिया।थोड़ी ही देर मे उनके रूम का डोर नॉक हुआ। रिधान ने बटन प्रेस कर दिया।जिससे डोर ओपन हो गया फिर वो सर्वेंट रूम में आई। और डिनर टेबल पर लगा कर वापस चली गई।
उसके जाते ही।विधा भी रूम से बाहर आई इस वक्त उसके फेस पर बिलकुल भी मेकअप नही था।फिर भी वो बहुत खूबसूरत थी। जैसे ही रिधान ने डोर ओपन होने की आवाज सुनी उसने भी उस तरफ देखा जहा विधा खड़ी थी।वो उस ब्लू कलर के सिंपल से सारी मे भी बला की खूबसूरत लग रही थीं।
रिधान तो उसे देखते ही रह गया।और धीरे धीरे उसकी तरफ अपने कदम बढ़ा दी और उसका हाथ पकड़ कर उसे सोफे पर ला कर बैठा दिया।और खुद भी वही बैठ गया।
और विधा को अपने हाथों से खिलाने लगा तो विधा ने कहा मैं खुद खा लूंगी आप रहने दीजिए।इस पर रिधान ने उसे घूर कर देखा तो विधा चुप हो गई।और चुप चाप रिधान के हाथो से ही खाने लगी।
थोड़ी देर में उसने अपना खाना खत्म भी कर दिया।लेकिन रिधान ने तो अभी तक एक भी बाइट नही ली थी।ये देख कर विधा ने हिम्मत कर के उससे भी खाने के लिए कहा तो रिधान ने उसे अपने हाथो से खिलाने का इशारा किया।
उसका इशारा समझ कर विधा ने अब कुछ भी नहीं कहा और चुप चाप उसे अपने हाथो से खिलाने लगी। थोड़ी ही देर में उन दोनो ने ही अपना डिनर कर लिया।और बेड पर सोने के लिए चले गए ।रिधान ने विधा को अपनी बाहों में भर लिया और अपनी आंखे बंद कर ली।वही विधा की तो सांसे ही अटक गई।
वो तो हिल भी नहीं पा रही थी।वो मन में ही बोली अरे इतनी टाइट पकड़ कर क्यू रखा है।ऐसे तो मुझ किसी भी हालत में नींद नहीं आने वाली एक तो मैं वैसे ही इतना so चुकी हु कि अब मुझे वैसे भी नींद नहीं आने वाली और ऐसे तो मुझे सांस भी नहीं ली जा रही है।
वही रिधान जिसने अपनी आंखे बंद करके रखी थी।वो ऐसे ही बोला आदत डाल लो बीवी अब तुम्हे रोज ऐसे ही सोना पड़ेगा।इसलिए अब अपनी आंखे बंद कर लो और so जाओ।और अगर नींद नहीं आ रही है। तो मुझे बोल दो हम अपनी फर्स्ट नाइट ही सेलिब्रेट कर लेते हैं।
फिर तुम्हे नींद आयेगी भी तब भी मैं तुम्हे सोने नही दूंगा।उसकी ऐसी बाते सुन कर विधा को और भी डर लगने लगा था।उसने अपना सलाइवा गटका और जल्दी से अपनी आंखे बंद कर ली। फिर बोली मैं तो कब की सो गई हूं।आप ही है जो कब से so नही रहे हैं।आप को नही सोना है। तो आप मत सो लेकिन मुझे सोने दो वैसे भी मुझे कल सुबह जल्दी उठना भी है।कल मेरे ससुराल में पहला दिन है।इतना बोल कर वो अपनी आंखे और कस कर बंद कर लिया।वही उसकी ऐसी बाते सुन कर रिधान हल्का सा अपना सिर हिला दिया।और उसे फिर से अपनी बाहों में कस कर सो गया।
आज के लिए इतना ही मिलते है नेक्सट चैप्टर में
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