विधा के अंदर जाते ही रिधान कि कार भी वहा से निकल गई।थोड़ी देर में ही उसकी कार एक बड़े से विला के आगे आ कर रूकी जिस पर हेल मेंशन लिखा हुआ था।
ये मेंशन सच में किसी हेल की तरह ही था।बाहर से तो काफी अच्छा था। लेकिन बाहर से जितना सुंदर दिखता था।अंदर उतना ही खौफ पैदा हो रहा था।इस मेंशन को देख कर ही कोई डर जाए।
रिधान कार से बाहर आया और सीधे अंदर कि तरफ बढ़ गया।उसके अंदर से ही सारे बॉडीगार्ड अलर्ट हो गए।इस मेंशन के एक कमरे से बहुत तेज आवाजे आ रही थी।
जैसे कोई दर्द से तड़प रहा हो।ये आवाजे सुन कर रिधान के चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती हैं।और वो भी उस कमरे के अंदर जाने के लिए अपने कदम उस और बढ़ा देता है।
जैसे ही वो रूम में एंटर होता है।उसके सामने ही चेयर पर एक आदमी बैठा हुआ था।उसकी हालत बहुत खराब थी।वो दर्द से चिल्ला रहा था।
फिर भी किसी को इस पर तरस नही आ रहा था।रिधान के बाउंसर उसे बुरी तरह टॉर्चर कर रहे थे।लेकिन जैसे ही उन्होंने रिधान को देखा वो रुक गए।
और अपना सिर झुका कर एक साइड खड़े हो गए। रिधान वही लगे एक किंग साइज चेयर पर बैठ कर सामने बैठे आदमी को अपनी लाल आखों से देखने लगा।
और वही अपने सामने रिधान को देख कर वो आदमी जिसकी हालत पहले से ही ठीक नहीं थी। उसके मुंह से शब्द भी नहीं निकल पा रहे थे। लेकीन फिर भी उसने हिम्मत कर रिधान से पूछा कोन हो तुम क्या चाहिए तुम्हे मुझसे क्यू ले आए हो मुझे यहां मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा।
उसकी बात सुन कर रिधान अपने कोल्ड आवाज में बोला क्या बिगाड़ा है तुमने मेरा तुम्हारी इतनी औकात नहीं है।कित तुम मेरा कुछ कर सको। उसकी इतनी सर्द आवाज सुन कर वो आदमी अंदर तक काप उठा।
उसकी हालत तो पहले से ही ठीक नहीं थी। और अब रिधान को देख कर तो उसे ऐसा लग रहा था। जैसे उसके सामने कोई शैतान खड़ा है। इस वक्त रिधान के चेहरे पर कोई exsprensions तो नहीं थे।
बस था तो उसका गुस्सा जो अब वो उस आदमी पर निकालने वाला था। वो अपनी जगह से उठा और उस आदमी के पास जा कर बोला तूने मेरी जान को छुने कि कोशिश कि थी न उसे जबरदस्ती अपने साथ खरीद कर ले जा रहा था। हां तेरी इतनी हिम्मत कि तूने उसे थप्पड़ मारा हूं ये सब बोलते हुए उसकी आंखे और सर्द होती जा रही थी।
उसने अपने हाथों से बोड़ीगढ़ को कुछ इशारा किया तो वो जल्दी से बाहर निकल गया। और थोडी देर में अपने हाथों में एक बॉक्स ले आया। जिसमे जहरीले कीड़े भरे हुए थे। उसने वो बॉक्स रिधान के हाथ में दे दी। रिधान ने उस बॉक्स को खोल कर उस आदमी नके ऊपर डाल दिया। अब वो आदमी और ज्यादा तड़पने लगा था।
और वो चिल्लाते हुए कहा मुझे माफ कर दो मुझे जाने दो मैं अब कभी किसी लड़की कि तरफ देखूंगा भी नहीं। मुझे माफ कर दो जाने दो मुझे प्लीज लेकीन इन सब से रिधान को कोई फर्क नही पड़ता था। उस आदमी के चेहरे पर रिधान का खौफ साफ दिखाई दे रहा था।
रिधान ने उसकी तरफ देखते हुए कहा मेरी जान को चोट पहुंचाने वाले हर एक इंसान को मै ऐसे ही तड़पा तड़पा कर मरूंगा।
मेरी जान कि हर एक आंसू का बदला मै ले कर रहूंगा। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि ये सब रिधान किस के साथ और क्यू कर रहा था। ये वही आदमी था। जिसने विधा को खरीद कर उसके साथ जबरदस्ती करनी चाही थी। लेकीन उस दिन विधा बच कर भाग निकली थी। और तभी वो रिधान से मिली थीं। विधा की हालत भी उस समय ठीक नहीं थी। वो खुद को बचाने के लिए भाग रही थी। जब वो भागते भागते भागते थक गई। तो उसने पलट कर देखा तो उसके पीछे जो आदमी थे।
उनसे विधा काफी आगे आ गई थी। इसीलिए वो बैठ कर थोड़ा सांस लेने लगी। लेकीन तभी उसकी नज़र वहा पड़े एक आदमी पर पड़ी। जिसे शायद गोली लगी थी। ये देख कर विधा ने पहले खुद को थोड़ा संभाला और उठ कर उस ओर चली गई। और फिर उस आदमी के पास जा कर दिखा तो वो अपनी अध खुली आंखों से उसे देख रहा था।
विधा डरते हुए उस आदमी के पास बैठ गई। और अपने कांपते हाथों से उस आदमी को छू कर देखने लगी। उस आदमी को दर्द में देख कर विधा कि आंखे भी और भी तेजी से बहने लगी। उसने इधर उधर देखा लेकीन वहा इस वक्त कोई भी नहीं दिख रहा था। वो जगह एकदम शांत थी।
ऊपर से इतनी रात भी हो गई थी। अब विधा को कुछ समझ ही नही आ रहा था। वो क्या करे । और उधर उस आदमी कि आंखे अब पूरी तरह से बंद हो गई थी। ये देख कर विधा और डर रही थी।
उसने हिम्मत कर खुद ही उस आदमी को अपने कंधो का सहारा दे कर उठाया और उसे ले कर धीरे धीरे बढ़ने लगी। हा ये सब उसके लिए बिल्कुल आसान नहीं था। क्यू कि वो खुद ही बहुत कमजोर थी। और अभी तो वो इतना भागी थी कि उसके अंदर जरा सी भी जान नही बची थी। ऊपर से वो आदमी काफी भरी था। जिसे विधा बहुत मुश्किल से ले कर चल रही थी।
थोडी दूर चलने के बाद उसे उसे एक कार आती दिखी जिसमे एक हसबैंड वाइफ थे। जिनकी शायद अभी अभी शादी हुई थी। और वो लोग लॉन्ग ड्राइव पर निकले थे। जब विधा ने कार दिखी तो उसने उनसे हेल्प मांगी तो उन्होंने भी उनकी हालत देख कर उन्हे लिफ्ट दे दी।
थोडी देर में उनकी कार एक हॉस्पिटल के सामने आ कर रूकी और विधा ने उन्हें शुक्रिया कहा और उस आदमी को जो कोई और नही रिधान था। उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया। फिर वहा से निकल गई।
ये सब सोचते हुए रिधान उस रूम से बाहर आया। और अपनी कार में बैठ वहा से ऑफिस के लिए चला गया। वही वो आदमी तो अब तक तड़प तड़प कर अपना दम तोड चुका था। उसकी हालत देख कर वहा खड़े सभी गार्ड्स को भी पसीने छूट रहे थे। लेकीन उन्हे पता था। ये तो कुछ भी नहीं है। उनका बॉस तो इससे भी कई ज्यादा क्रुअल हार्लेस है।
उदर दूसरी तरफ विधा अपने कॉलेज के गार्डन में खड़ी इधर उधर देख रही थी। तभी उसे अपने पीछे से किसी कि आवाज़ आई। जिसे सुन कर विधा पीछे मुड़ी तो उसके सामने उसकी फ्रैंड रिद्धि खडी थी। रिद्धि जल्दी से विधा के पास आई और उसके गले लग गई। ये देख कर विधा के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई।
आज के लिए बस इतना ही मिलते है नेक्सट चैप्टर में।।
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