वाचा उस ओर देखती है जिधर अदिति देख रही है , वहां 6'4" लंबा व्यक्ति, हल्के भूरे रंग की शर्ट और गहरे नेवी सूट पहने,बरगंडी रंग की टाई और पॉकेट स्क्वायर लगाए,भूरे रंग का बेल्ट और जुता पहने हुए हैं । उसके बाल समुद्र में उठती लहरों के सामन साइड पार्ट किए हुए हैं, आंखों पर साधारण सा चश्मा लगाए हुए फोन पर किसी से बात कर रहा है।
जाओ बात करो,नहीं तो कुआंरी ही स्वर्गवासी होगी।
ऐसा कुछ नहीं होगा। मै कभी और बात करूंगी।
देखो वाचा ऐसे ही करती रही, तो हांथ से निकल जाएगा।
वाचा थोड़े ऊंचे स्वर में"अदिति। ऐसा कुछ नहीं होगा।"
अच्छा!?और यदि हो गया तो!'नहीं होगा। हो गया तो।'मै बोली न ऐसा कुछ नहीं होगा।'
ठीक है यदि तुम उससे थोड़ी देर भी बात करती हो, तो मै तुम्हारी बात मान लूंगी। पर यदि तुम नहीं कर सकी तो आज के बाद उसके विषय में कभी सोचोगी भी नहीं, बोलो स्वीकार है।
वाचा ना चाहते हुए भी उस व्यक्ति की ओर जाती है।
आशीर्वाद अदिति के पास बैठते हुए वाचा के विषय में पूछता है। तुम कहां थे!? मै युग को लैवेटरी का रास्ता दिखाने गया था,उसको समय लगेगा। अब तुम बताओ!।
वाचा मुस्कराते हुए सामने देखने को कहती है।
ये कहां चली,ये दोनों भाई -बहन को अभी जाना है मुझे जोरो की भूख लगी है। वा..।मुंह बंद करो गर्दभः और ध्यान से देखो,कुछ दिखा!।
आशीर्वाद हंसते हुए Hye ये तो...।जी मै यही बता रही थी। ये बात करने जा रही है क्या!?अदिति वाचा की ओर खुश होकर देखते हुए हा में सर हिलाती है। आश्चर्य!। अदिति तुम्हे लगता है 3 साल से स्टॉक करने के बाद ये आज बात करने में सफल होगी!अदिति मुस्कराते हुए'वही तो देखना है। ' पर आज अचानक इसे बात करने का कैसे सुझा।'
उसको सुझा-बुझा कुछ नहीं, अब मुंह बंद करो और देखो।
दोनों वाचा को देखने लगते हैं, जो आधे रस्ते से लौटने लगती है। दोनो पास में पड़े स्टार्टर उसकी ओर फेक कर जाने का संकेत करते हैं।
वाचा घबराते हुए मुड़ी ही है कि उसके ललाट पर जोर से चोट लगता है। जिससे उसकी आंखे भर आती है,वह हथेली को चोट पर रख क्रोध में'आंखे हैं या नहीं,देख कर चलने नहीं आता'।
क्षमा.. क्षमा करें मेरा ध्यान नहीं था,आप ठीक हो! मुझे देखने दो।'तुम पागल हो,' ऐसा कहते हुए वह उस व्यक्ति की ओर देखी तो देखते रह गई, यह और कोई नहीं वही वॉलिंटियर प्रोफेसर है।
वह स्वयं को शांत करते हुए 'मै ठीक हूं, आप ठीक हो ! जी मै ठीक हूं, पर क्या आप सच में ठीक हो, नहीं तो हम अस्पताल चलते हैं।
अरे नहीं-नहीं मै ठीक हूं, वाचा अपने हाथों को नीचे कर ठीक से खड़ी होने लगती है पर चोट के दर्द के कारण उसका सर थोड़ा घूमने लगता है और वह धरती पर गिरने वाली होती है, यह देख वह व्यक्ति उसको जल्दी में पकड़ लेता है, वाचा जल्दी ही स्वयं पर नियंत्रण कर आंखे खोलती है। वह पहली बार इतने समीप है।
उसकी आँखें सुंदर और पलकें घनी हैं,नाक ऊंची है और होठ कुछ बोल रहे हैं। सर जब घूमना बंद होता है तब धीरे -धीरे आवाज साफ सुनाई देने लगती है।
'ठीक हो,चलो हॉस्पिटल चलते हैं। वह उसको सीधे करता है वाचा संतुलन बनाते हुए खड़ी होती है जिससे दोनों एक दूसरे के निकट खड़े होते हैं उन दोनों के बीच केवल वाचा का हांथ ही थोड़ा दूरी बनाए है जो उस व्यक्ति के सीने पर है।
यह देख उसके दोस्तो के खुशी का ठिकाना नहीं है।
तभी कोई '(sir they're here,we should go) वह यहां हैं हमे जाना चाहिए।ok, क्या आप सच में ठीक हो!।हां मै ठीक हूं। Sir it's urgent, ok.वो दोनों वहां से ऊपर की ओर सीढ़ियों से चढ़ कर चले जाते हैं।
आशीर्वाद दौड़ कर उसके पास आत है तुम ठीक हो! हां मै ठीक हूं बस थोड़ा सर घूम गया, उसके कोहनी से जोर का चोट लगा है। दिखाना मुझे, हां लगा तो है, देखो कितना सूज गया,पानी से धोकर देखो थोड़ा आराम मिले। हां मै भी यही सोच रही हू, मैं लैवेटरी से आती हूं। अदिति उसके साथ चली जाती है ।
वाचा अपनी चोट पर पानी के छिटे मार टिशू से पोछ रही है। तो कैसा है वो! कौन कैसा है! वाचा उसकी बातों को घूमाते हुए बोलती है। ओहहो वाचा अब बता भी दो।
वाचा हंसते हुए क्या बताऊं यार वो पास से तो और भी सुन्दर है उसका शरीर कठोर है पर नरम भी है,उसका हांथ,सीना, कंधा, आँखें,होठ क्या कहना उनका। मुझे ऐसा प्रतित हुआ भगवान मेरे लिए ही उसे बनाएं हैं अब तो भगवान से यही प्रार्थना है कि जल्दी से मुझे मिल जाए। पर मेरा सारा इंप्रेशन खराब हो गया। हा वो तो दिखा पर और क्या बात हुई। बस मेरे चोट के विषय में पूछकर चला गया।
क्या!!!!!बस इतना ही, और कुछ नहीं। नहीं, तुमको लगता है उस समय और कुछ बात हो सकती थी!। हा,ये तो है।
अब कैसा है आराम है दर्द में। हा थोड़ा-बहुत। ठीक है चलो दोनों प्रतीक्षा कर रहे ह आशीर्वाद के तो पेट में चूहे कूद रहे है,वो तो तुम्हें उसी समय बुलाने वाला था, ये तो मैं रोकी। अच्छा की धन्यवाद। दोनों साथ में हसने लगी। चलो चले घर पर दर्द की औषधि लगा लेना।
दोनों वहां आती हैं जहां आशीर्वाद और युग उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। तुम ठीक हो दीदी भैया बताए चोट लगी है। हां मै ठीक हूं थोड़ी सी चोट है। चलो भोजन करते है,बहुत जोर से भूख लगी है।