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सगाई

सभी लोग परेशान हो रहे थे क्योंकि अर्जुन सिंघानिया अभी तक नहीं पहुंचा था।

आज उसकी सगाई थी ।मगर वह सुबह घर से गया था ।फोन भी नहीं उठा रहा था। दादाजी ने अर्जुन के डैड अनूप सिंह सिंघानिया को इशारा किया। वो अपने पिताजी के पास आ गया था।

अर्जुन कहां है । दादाजी ने पूछा।

केवल बिज़नस सभी कुछ नहीं होता। परिवार भी होता है।

देख रहे हो उस लड़की को। बिन मां बाप की बच्ची है। क्या बीत रही होगी उसके दिल पर।

कैसे खड़ी है उसके इंतजार में। दादाजी गुस्सा हो रहे थे।

मैं ऑफिस जाकर देखता हूं ।वह फोन नहीं उठा रहा है । अनूप जी ने कहा।

तभी अर्जुन सिंघानिया की चाची नीता वहां पर आती है। वह काफी गुस्से में दिख रही थी।

देखिए पिताजी मेरे बेटे की की भी सगाई है आज। मुहूर्त का टाइम निकला जा रहा है ।

अर्जुन का तो आपको पता है आज तक सुनी है उसने कभी किसी की ।हमेशा मनमानी करता है ।

मैं आज अपने बेटे नितेश की सगाई लेट नहीं होने दुंगी।

शुभ मुहूर्त में हो जानी चाहिए। उसने कहा।

 तुम चुप करो। आता ही होगा। अर्जुन की दादी ने कहा जो उन्हीं के पास आ रही थी।

मां आप हमेशा उसकी साइड लेती है ।नीता जी अपनी सास पर गुस्सा होने लगी थी।

 अब शादी इन दोनों की शादी में एक साथ नहीं रखने वाली मैं।अपने बेटे की शादी से अलग रखूंगी।

वरना सगाई के प्रोग्राम की तरह शादी का प्रोग्राम भी खराब कर देगा । नीता अभी भी आग उगल रही थी।

नीता चुप हो जाओ ।हर टाइम बोलना जरूरी नहीं होता। उसका फोन आ चुका है मेरे पास।

उसने कहा है वह थोड़ी देर में पहुंच रहा है। अर्जुन के चाचा जी रमेश सिंघानिया ने बीच में आकर कहा ।

असल में आज बहुत जरूरी मीटिंग थी। इसलिए उसे जाना पड़ा।

पता है मुझे ।वो ऐसे दिखाता है कि सारा काम वही करता है। नीता बोलती हुई वहां से चली गई।

तभी एक बेहद हैंडसम और स्मार्ट लड़का हाल के अंदर इंटर करता है ।सभी की नजर इस पर थी ।उसने क्रीम रंग के शेरवानी पहनी हुई थी।

6 फीट से ज्यादा हाइट , उसके चेहरे पर मूंछें और दाढ़ी थी । जो उसके चेहरे को रौबदार बनाती थी। देखने वालों को उससे डर लगता था। उसकी बड़ी-बड़ी ब्लैक आइज। जेल से सेट किए हुए बाल, मस्कुलर बॉडी जो के उसकी शेरवानी में से दिख रही थी । चौड़ा सीना और उसकी चाल में हमेशा एक स्टाइल था। वह तेज चाल चलता हुआ हाल के अंदर आया। सभी की निगाह उस पर थी। जितनी उसकी पर्सनालिटी अट्रैक्टिव थी ।मगर साथ में यह भी सच्चाई थी कि सभी उससे डरते थे। जहां तक स्टेज पर खड़ी हुई वह लड़की जिसके साथ उसकी सगाई होने वाली थी। उसकी तो अर्जुन को देखकर जान निकलती थी।बहुत घबराती थी वो उस से।

स्टेज पर खड़ी हुई सीरत ने एक नजर उसे देखा । वो जानती थी कि उस सामने आ रहे इंसान अर्जुन सिंघानिया के दिल में कोई फीलिंग नहीं है ।वह सिर्फ अपने दादा दादी के कहने पर उस से सगाई कर रहा है ।वैसे भी उन दोनों के मिजाज का बहुत फर्क था ।सीरत यह बात समझती थी ।।

अर्जुन सिंघानिया कम बोलने वाला, ज्यादा सोचने वाला एक जिम्मेवारी इंसान था। जिसने सिंघानिया ग्रुप की बागडोग उस टाइम संभाली जब वो नुकसान में जा रहा था और पिछले 5 साल में उसने जी तोड़ मेहनत की थी। आज सिंघानिया ग्रुप का एक नाम था।

सीरत अर्जुन सिंघानिया के दादाजी के दोस्त की पोती थी। उसके मॉम डैड नहीं थे। मगर दादा दादी को वह बहुत लाडली थी। रिश्ता तो उसका नितेश सिंघानिया से होने वाला था । मगर हालात ऐसे बने कि अचानक एक ही रात में उसकी सगाई अर्जुन सिंघानिया से हो रही थी ।जिस का जिसका शादी में अभी कोई इंटरेस्ट नहीं था।

उसने सगाई और शादी के लिए हां कहीं थी तो सिर्फ अपने दादा दादी की वजह से ।सीरत यह सोच ही रही थी कि उसके पीछे से किसी ने कहा ।

भाभी भाई आ गए हैं ।अनुज के बोलने से उसका ध्यान टुटा और वह हल्का सा मुस्कुराई ।

ठीक है । सीरत ने हल्के से कहा।

अनुज उसका होने वाला देवर था और उसे उसकी बहुत बनती थी। तभी अर्जुन की बहन अदिति भी वहां पर आ गई ।

भाभी भाई आ चुके हैं।

तभी सभी स्टेज पर सेट होने लगे ।पहले अर्जुन और सीरत की सगाई होनी थी । उसके बाद नितेश और रीना की सगाई होनी थी। रीना जो के सीरत की चचेरी बहन थी।

वो सीरत से थोड़े ही महीने छोटी थी । सीरत अपने दादा-दादी के साथ मोहाली में रहती थी। जब के रीना के मॉम डैड यही इसी शहर में रहते थे। उनका घर सिंघानिया परिवार के बिल्कुल साथ में था।

सगाई तो सीरत और नितेश की होने वाली थी।सीरत का नितेश के लिए आया था। मगर हालात ऐसे बदले रीना और नितेश की सगाई हो रही थी आज।