कौन सी लड़की नहीं चाहती कि उसका होने वाला पति उसे इज्जत दे ,प्यार दे और टाइम भी।मगर अर्जुन के पास तो बिल्कुल भी टाइम नहीं था। सभी इसी के बारे में बात कर रहे थे ।मीरा जी जो सीरत के चेहरे की तरफ देख रही थी। उन्हें सीरत के मन की हाल समझ आ रही थी। उन्होंने आप उनका इशारा किया है।
अनुज उठ कर सीरत के पास के चला गया ।
भाभी आप फिक्र मत करो ।आपका देवर है आपका मन लगाने के लिए।
मुझे पता है आपके उसे होने वाले पति के पास तो बहुत काम है ।
मगर मैं बिल्कुल फ्री हूं ।
तुम मुझे भाभी क्यों कह रहे हो। सीरत ने उसे टोका।
तुम मेरे देवर नहीं मेरे भाई हो।
सीरत और अनुज एक साथ साइड पर बैठे हुए थे। सभी अपनी बातों में लगे थे।
एक बात कहूं मैं अभी आपसे। अनुज ने कहा।
एक बात आप जानती हैं कि भाई के पास बहुत काम हैं ।
भाई चाह कर भी काम नहीं छोड़ सकते। जो उनकी जिम्मेदारी है बहुत ज्यादा है।
कोई बात नहीं मैं नहीं कब कहा। काम तो अब करना ही है।
इतना बड़ा बिजनेस जो उन्होंने खड़ा किया है। संभालना तो पड़ेगा।
मेरी स्टडी खत्म हो जाए फिर मैं बिजनेस जॉइन कर लुंगा
और धीरे-धीरे में भाई की जिम्मेवारियां बांट लूंगा
फिर वह आपके लिए फ्री हो जाएंगे।
सीरत ने अनुज के सर पर हाथ मारा।
बिल्कुल! पहले तुम अपनी स्टडी खत्म करो
फिर बिजनेस के बारे में सोचना और अदिति कब आ रही है
सीरत ने अर्जुन की छोटी बहन के बारे में पूछा। जो दोनों भाइयों से छोटी थी । जो हॉस्टल में रहती थी।
वह आपकी शादी के टाइम पर ही आ सकेगी ।उसकी स्टडी है ।
दिसंबर के लास्ट वीक छुट्टियां होंगी
तब आएंगे दोनों।
असल में अर्जुन की छोटी बहन अदिति और निलेश की छोटी बहन दोनों हॉस्टल में रहती थी। उन दोनों से ही सीरत की अच्छी बनती थी ।निलेश की छोटी बहन नीना और अदिति दोनों सीरत की अच्छी सहेलियां थी ।
रात को सिंघानिया फैमिली अपने घर वापस आ गई थी ।सीरत अपने कमरे में चली गई । उसकी दादी उस के कमरे
में आती है।
दादी मुझे बुला लेते हैं आप । सीरत ने उन्हें देखकर कहा।
मुझे तुमसे बात करनी थी बेटा
तुम मन खराब मत करना । दादी उसे समझाने लगी।
किस बात को लेकर । सीरत ने कहा।
पता है मुझे अर्जुन लेट आया था और फिर चला गया ।
उनकी बात पर सीरत हंसने लगी।
दादी अब काम तो करना ही है ना ।
जैसा आप कहते हैं अगर मर्द काम नहीं करेंगे तो कौन करेगा ।
आप उस बात की टेंशन मत लो। उसने हंसकर कहा।
तुमसे बात करके ना मन हल्का हो जाता है।
मैं तो ऐसे ही तुम्हारी फिक्र कर रही थी! उसकी दादी ने कहा ।वह दोनों दादी पोती बहुत देर तक भी बैठ कर बातें करती रही ।
अच्छा तो हम मोहाली कब जाएंगे। सीरत ने पूछा।
तुम्हारी शादी तो फिक्स हो चुकी है मोहाली किस लिए जाना है ।
क्यों हमारा घर तो वही है ना ।
शॉपिंग करनी है शादी की। ।
तुम्हारे लिए शादी का लहंगा लेना देना है। दादी ने कहा।
मै सोच रही थी जो आपके पास शादी की ज्वेलरी है।
वही जो आपने पहनी थी आपनी शादी के टाइम पर पहनी थी। मुझे वो चाहिए।
वह सारा सामान तेरा है।
तेरी मां के गहने और मेरे गहने सब मैं तुझे दे दूंगी
तुम जो मर्जी करना।
ठीक है ।सीरत ने हंसकर कहा ।
ठीक है दादी आज आप मेरे पास सो जाओ
हां अगर दादू को आपके बिना नींद आ जाएगी तो।
शरारती दादा दादी को छेड़ रही हो। सीरत दादी के गले लग गई।
उधर होटल के कमरे में अर्जुन माया के साथ था।
तुमने मुझे किस लिए बुलाया ।
आज सुबह ही तो तुम मिलने आई थी मुझसे ।
कारण तुम जानते हो।
मैंने सुना है तुम्हारी शादी की डेट तो फिक्स हो चुकी है।
मैंने कहा है ना मैं शादी नहीं करूंगा ।
तुम फ़िक्र मत करो।
कैसे भी शादी कैंसिल हो जाएगी ।
अब मैंने प्लान बदल दिया है।
तुम शादी कर लो।
क्या चाहिए तुम्हें इसके बदले । अर्जुन ने उसकी तरफ देखते हुए कहा।
माया उसके हाथ में शराब का ग्लास था। वह एक घूंट भरते हुए अर्जुन के बिल्कुल पास आकर बैठकर अर्जुन के कंधे पर हाथ रखती है।
मुझे क्या चाहिए मैं तुम्हें शादी के दिन बताऊंगी । उसने मुस्कुराते हुए कहा।
देखो माया तुम मुझे क्यों परेशान करती हो ।
मैं तो कहती हूं मेरा नंबर ब्लॉक कर दो। फिर मैं तुम्हें परेशान नहीं करूंगी।
कहते हुए उसने पूरा पैग खत्म कर दिया और ग्लास टेबल पर रखती हुई कहने लगी।
तुम इतने हैंडसम हो कि कोई भी लड़की तुझ पर मर जाए।
उसे दिन में सगाई के दिन भी तुम्हारी वजह से लेट पहुंचा और जल्दी चला आया ।
आज भी सीरत क्या सोचती होगी मेरे बारे में ।
क्यों पसंद करते हो उसे। माया ने कहा
यह कोई कहने की बात है। उससे शादी कर रहा हूं
अगर पसंद है तभी कर रहा हूं।
माया जोर से हंसने बहुत सी थी।
ऐसा भी क्या है उस में।
जैसे मैं कर रहा हूं अब तक तो बवाल हो जाता
उसने एक बार भी कोई बात नहीं कही ।
बहुत तारीफ कर रहे हो इसकी।
तो ठीक है उसके सीरत की आजमाइश करेंगे हम ।
देखते हैं कि वह क्या करेगी।
ऐसा क्या करने वाली हो तुम । अर्जुन ने उससे पूछा ।
शादी के दिन बताऊंगी यह बात मैं तुझे।
जल्दी से मुझे तुम लोगों की शादी का इंतजार है ।
अर्जुन वहां से खड़ा हो गया ।
ठीक है मैं चलता हूं।वो खड़ा हो गया।
माया ने उसका हाथ पकड़ लिया। कहां जा रहे हो।
बहुत रात हो चुकी है ।घर जा रहा हूं।
माया सोफे से उठ गई और अर्जुन के गले में बाहें डालते हुए कहने लगी ।
आज यहीं रुक जाओ मेरे साथ ।
अर्जुन ने अपने गले से उसकी बाहे निकाल दी ।
मुझे लेट हो रहा है। कहता हुआ अर्जुन कमरे के बाहर चला गया ।माया उठी और एक पैग और बनाने लगी ।
तुम्हारी होने वाली वीबी कितनी सीधी है
यह तो शादी के दिन पता चलेगा
देखती हूं अगर शादी के दिन ही शादी तोड़ कर ना चली गई
तो मेरा नाम माया नहीं।
आखर माया ऐसा क्या करने वाली है।
माया शादी के दिन अर्जुन के सामने कौन सी शर्त रखने वाली है।
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