WebNovelTere Bina85.71%

अर्जुन चला गया

तभी तेज चल चलता हुआ अर्जुन अंदर आया। उसे देखकर रौनी और सीरत के तो होश उड़ गए थे । दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे।

अच्छा हुआ बेटा तुम आ गए ।

तुम्हारी ही वेट हो रही थी । सीरत के दादाजी ने अर्जुन से कहा।

और नहीं तो क्या ।

हम सब भुखे बैठे हैं आपके इंतजार में। अनुज ने कहा।

सभी लोग खाने के लिए बैठ गए थे।

खाना लगाने में सीरत रीना और रीमा तीनों नौकरों के साथ सभी खाना लगा रहे थे। खाना खाते हुए अर्जुन ने नजर उठाकर कई बार सीरत की तरफ देखा। मगर सीरत ने उसकी तरफ नहीं देखा था।

उसकी नज़रें अपने चेहरे पर सीरत में भी महसूस की थी ।सीरत को लगा के डाइनिंग टेबल पर सभी के सामने उसकी सिगरेट वाली बात अर्जुन कहीं कह ना दे।

एक तो वह अर्जुन से वैसे ही डरती थी ।आज तो उसकी सचमुच की गलती थी। सभी ने खाना खा लिया था और सभी बाहर लॉन में आकर बैठ गए थे।

तो फिर अर्जुन तुम लेट हो गए हमने शादी की डेट फिक्स कर दी। दादाजी ने कहा ।

कब की तारिक है। अर्जुन पूछने लगा।

13 तारीख को तुम दोनों की शादी है ।

मगर उसमें तो दिन बहुत कम है ।

मुझे लगता है कि जनवरी की डेट होनी चाहिए थी ।

देखो अगर अपने मनपसंद की डेट चाहिए थी तो पहले आना था।

अब तो हो चुका ।निवेश ने कहा और उसने बात करते हुए मुस्कुराकर रीना की तरफ देखा।

वैसे अब बेटा तुम्हारी सगाई हो चुकी है तो शादी भी होगी ना ।रीमा जी ने कहा।

तभी निलेश वहां से खड़ा हो गया उसने रीमा की तरफ चेहरा किया।

आंटी जी अगर आपको प्रॉब्लम ना हो तो मैं रीना के साथ थोड़ा बाहर घूमने जा सकता हूं ।

बस हम जल्दी ही लौट आएंगे ।

ध्यान से जाना ।अर्जुन ने उससे कहा।

ध्यान से जाना क्या होता है तुम दोनों भी जाओ । सीरत के दादाजी ने अर्जुन से कहा।

जाते हुए अर्जुन ने अपना ब्लेजर उतरकर वही रख दिया और बाहर की तरफ हो जाने लगा ।

मुझे लगता है सर्दी है आपको ब्लेजर पहनना चाहिए। सीरत उसे ब्लेजर उतारने देखकर कहने लगी।

नहीं ऐसी कोई बात नहीं। अर्जुन ने उसकी बात की तरफ ध्यान नहीं दिया और बाहर की तरफ जाने लगा ।

तभी अर्जुन का फोन बजा ।

ठीक है मैं आ रहा हूं । अर्जुन ने फोन पर किसी से कहा।

तुम तीनों गाड़ी से बाहर आओ।

क्या हुआ है मुझे काम है अर्जेंट ।अर्जुन उनको को गाड़ी से उतार दिया और खुद गाड़ी लेकर चला गया।

तुम लोग वापस क्यों आ गए ।दादी जी ने कहा।

भाई को काम आ गया था।

वह गाड़ी लेकर चले गए । नीलेश ने कहा।

ऐसा भी क्या काम जो रात को इतने बजे होता है ।अर्जुन की चाची नीता ने कहा ।

मॉम होगा कोई काम भाई को । नीलेश ने अपनी माम को टोका।

सीरत समझती थी कि अर्जुन को उसके साथ जाने में कोई इंटरेस्ट नहीं है इसलिए उसका जाना ही अच्छा था।

सीरत मुझे तो लगता है तुम्हें तो सारी जिंदगी अर्जुन का इंतजार ही करना है ।

अच्छी बात है अभी से आदत डाल लो। नीता ने फिर सीरत से कहा।

असल में उसकी चाची दिल से अर्जुन को पसंद नहीं करती थी क्योंकि उसे लगता था कि अर्जुन की अहमियत घर हो जां ऑफिस उसके बेटे से ज्यादा है और उससे पूछे बिना कोई फैसला घर में नहीं किया जाता ।

नीता तुम यह क्या कह रही हो। उसके चाचा जी ने उसकी चाची को बीच में टोका।

अब कुछ बातें तो वक्त बताएगा।

अभी किसी बात के बारे में कहना जल्दबाजी होगी। अर्जुन की मॉम मीरा जी ने कहा।

देख लेना एक बार तुम शादी करके घर आ जाओ ।

फिर वह तुमसे पूछे बिना तो सांस भी नहीं लेगा ।मीरा जी उठकर सीरत के पास चली गई ।

आप सब लोग कैसी बातें कर रहे हैं ।काम तो करना ही है ।

अगर काम नहीं करेंगे तो कैसे चलेगा।

अब यह सोचो कि इतनी रात के आराम करने की जगह अर्जुन जी काम कर रहे हैं ।

बिल्कुल बेटा इसीलिए तो मैं सीरत को पसंद किया है अपने अर्जुन के लिए। अर्जुन के दादाजी रामजी दास कहने लगे।

मुझे पता था मेरे बेटे के लिए सीरत ही सही है ।

बिल्कुल मेरी सीरत लाखों में एक है।

मुझे मेरे अर्जुन के लिए शुरू से ही सीरत पसंद है। अब अर्जुन के दादी जी भी कहने लगे ।

देख लेना बहन जी ।जब सीरत आपके घर में जाएगी

तो मेरी बेटी में कितने गुण हैं आप सोच भी नहीं सकते। सीरत की दादी जी भी सीरत की तारीफ करने लगी ।

सीरत सब की बातें सुनकर मुस्कुरा रही थी ।मगर उसका दिल जल रहा था।

उसे उसने अपने आप से कहा यह सब कहने की बातें हैं ।

उन्हें मुझ में कोई इंटरेस्ट नहीं है ।

मुझे तो उनसे बात करने से भी डर लगता है।

हम दोनों एक दूसरे के साथ कैसे जिंदगी बताएंगे मालूम नहीं ।

प्यार तो बहुत दूर की बात है हम दोनों तो एक दूसरे के साथ कभी 10 मिनट भी नहीं बैठे हैं आज तक।

सीरत के मन में बहुत सी बातें चल रही थी। मगर वह कोई भी बात अपने चेहरे पर नहीं लेकर आई थी।

नीता और रीमा दोनों ही खुश थे कि उनके बच्चों की सगाई हो चुकी थी और शादी होने वाली थी ।

मैं एक बार जरूर कह सकती हूं निलेश मेरा बेटा रीना को बहुत खुश रखेगा।

देख लेना । नीता ने कहा।

बिल्कुल दोनों बहुत खुश रहेंगे । रीमा ने उनकी हां में हां मिलाई।उनकी बातें सुनकर उन दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुराने लगे ।

वह दोनों जैसी बातें कर रही थी जानबूझकर सीरत को जला रही थी क्योंकि सीरत तुम दोनों को ही पसंद नहीं थी।

सीरत के चेहरे पर चाहे खुशी थी ।मगर उसकी आंखें उदास थी।

कौन सी लड़की नहीं चाहती थी कि उसका होने वाला पति उसे इज्जत और प्यार दे। मगर अर्जुन के पास तो बिल्कुल टाइम भी नहीं था और सब इसी के बारे में बात कर रहे थे। मीरा जो सीरत के चेहरे की तरफ देख रही थी ।उन्हें सीरत के मन की हालत समझ आरही थी ।उन्होंने अनुज को इशारा किया।

अर्जुन को किसका फोन आया था। जिस वजह से वह चला गया।

क्या सीरत और अर्जुन के रिश्ते में दरार और बढ़ जाएगी ।प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी दे।आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं ।मुझे फॉलो करना और भी देना याद रखें।