अध्याय 16: मंदिर

आरव और उसके साथी भालू के साथ कुछ देर रुककर उसके घावों का ध्यान रख रहे थे। भालू की आंखों में धीरे-धीरे एक अजीब सी समझदारी और शांति का एहसास उभरने लगा था। उसे एहसास था कि ये लोग दुश्मन नहीं, बल्कि उसके सहायक हैं।

“यह पहला कदम था,” रणवीर ने कहा, “इस जंगल में शक्ति के साथ-साथ सम्मान भी जरूरी है। अगर हम इसे समझ गए, तो हम सही रास्ते पर हैं।”

नीहा ने अपने हाथों में हल्की हरी रोशनी संजोते हुए कहा, “प्रकृति की आवाज़ सुनना सीखना होगा। हर प्राणी की अपनी एक भाषा होती है। हमें उसे समझना होगा।”

आरव ने आगे बढ़ते हुए कहा, “अब हमें उस पुराने मंदिर की ओर जाना होगा जो जंगल के बीचों-बीच छिपा हुआ है। वहाँ से हमें इस ग्रह के रहस्यों का पता चल सकता है।”

जार्विस ने अपनी स्क्रीन पर कुछ संकेत दिखाए, “वहां एक प्राचीन ऊर्जा कोर छुपा हुआ है। इसे प्राप्त करना इस ग्रह पर हमारी ताकत को दोगुना कर देगा।”

जैसे-जैसे वे मंदिर के करीब पहुंचे, जंगल और भी घना और रहस्यमय होता गया। पेड़ों की शाखाएं एक-दूसरे से जुड़ीं, और ऊपर से हल्की रोशनी छनकर ज़मीन पर पड़ी।

अचानक, एक तेज़ हवाओं का झोंका आया, और पेड़ों के बीच से एक विशाल परिंदे ने उनकी ओर हमला किया। उसकी आंखें लाल थीं, और उसके पंख बिजली की तरह चमक रहे थे।

आदित्य ने तुरंत अपनी अग्नि शक्ति से उस परिंदे को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह तेज़ था। रणवीर ने अपनी जादुई छड़ी से आकाश में आंधी मचाई, पर पंख वाला प्राणी उससे भी आगे निकल गया।

आरव ने अपनी तलवार निकाली और उसकी ऊर्जा को प्रज्वलित करते हुए कहा, “हम इस ग्रह के सबसे खतरनाक प्राणियों से भी नहीं डरेंगे। मिलकर लड़ना होगा।”

चारों ने अपनी ताकतें मिलाकर उस परिंदे का सामना किया। नीहा ने एक बार फिर अपनी प्रकृति की शक्ति से उसे घेर लिया, आदित्य की आग ने उसकी उड़ान को धीमा किया, और रणवीर की आंधी ने उसे चकरा दिया।

आरव ने अपनी तलवार से आखिरी वार किया, जो बिजली की तरह चमकी। परिंदे ने आवाज़ निकालते हुए वापस उड़ना छोड़ दिया और जमीन पर गिर पड़ा।

जैसे ही वह गिरा, उसकी लाल आँखों में डर और सम्मान दोनों झलकने लगे। वह धीरे-धीरे पिघलने लगा, और फिर शांत हो गया।

“यहां की आत्माएं खुद को परखती हैं, हमें भी अपनी शक्ति और संयम को परखना होगा,” जार्विस ने कहा।

आरव ने सभी को देखा और बोला, “यह लड़ाई हमें इस ग्रह के रहस्यों के करीब ले गई है। अब हम मंदिर की ओर बढ़ सकते हैं।”

जैसे-जैसे वे आगे बढ़े, जंगल का वातावरण और भी रहस्यमय होता गया। हर कदम पर नए खतरों और अवसरों के द्वार खुल रहे थे।

आरव को एहसास हुआ कि ‘बीस्ट टैमिंग वर्ल्ड’ केवल एक जगह नहीं, बल्कि एक अनुभव है — जहां इंसान और जीवों के बीच असली तालमेल और विश्वास की परीक्षा होती है।

उनकी यात्रा अभी बाकी थी, और उन्हें पता था कि आने वाले समय में उन्हें और भी बड़े संघर्षों का सामना करना होगा। लेकिन इस नए ग्रह पर कदम रखते ही, उनकी किस्मत बदल चुकी थी।

---