Episode -2

कनक साइड से जाने की सोचती है,, लेकिन वो जा पाती की उससे पहले ही अचानक कार्तिक उसे बैड की तरफ धकेल देता है और कनक के ऊपर आ कर उसे रुड्ली किस करने लगता है,,,, कनक बस आंखें फाडे हैरानी से कार्तिक को देख रही थी ,, कुछ देर बाद जब कनक को समझ आता है की कार्तिक क्या कर रहा है तब वो अपने हाथों को कार्तिक के सिने पर पूश करते हुए उसे खूद से दूर करने की कोशिश करने लगती है,, पर अफसोस नाजूक सी कनक कार्तिक जैसे हट्टे कट्टे आदमी को खूद से दूर करने मैं नाकामयाब हो जाती है , बल्कि उल्टा कनक जितनी कोशिश करती कार्तिक को खूद से दूर करने की,, कार्तिक उतने उसके करीब आता जा रहा था,, पर कनक इतनी आसानी से हार मानने वालो मैं से नही थी,, इसलिए अब उसने कार्तिक की पीठ पर मुक्के बरसाने शूरू कर दिए थें,,, जिससे चिड कर कार्तिक बिना किस ब्रेक किये कनक के दोनों हाथों को अपने एक हाथ के पंजे मैं जकड़ कर कनक के सर के ऊपर कर देता है,, और अपने दूसरे हाथ को कनक के पूरे शरीर मैं फिराने लगता है,,, 

कार्तिक कनक के होठों को किस कम बाइट ज्यादा कर रहा था,,,, जिससे दर्द के मारे कनक की आँखों मैं आंसू आने लगते हैं,,, पर कार्तिक उसके आँसूओं को नज़रअंदाज कर अपने आप को सटिसफाए करने मैं लगा हुआ था।

कनक के होठों को बेदर्दी से किस और बाइट करने के बाद कार्तिक उसके कोलरबोन्स पर आ जाता है,,,,, 

कोलरबोन्स पर किस और सक करते हुए कार्तिक ने अपने एक हाथ मैं कनक के दोनों हाथों को होल्ड किया हुआ था तो वहीं अब वो अपने दूसरे हाथ को कनक की बोडी पर फिराना बंद कर उस हाथ की मदत से खूद के कपडे रिमूव करने लगता है।

इस बीच कनक की कोशिश जारी थी कार्तिक को खूद से दूर करने की पर वो चाह कर भी नही कर पा रही थी

वहीं कार्तिक जिसने अपने ऊपर के कपडे तो निकाल दिए थें, लेकिन पेंट नीकालने मैं उसे दिक्कत हो रही थी ,,, इसलिए वो अपनी किस ब्रेक कर कनक से दूर होता है और कनक के हाथों को रिलीज कर अपनी पेंट उतारने लगता है।

वही कार्तिक के खूद से दूर होते ही कनक बेबसी से आंसू बहाते हुए उससे कहने लगती है। आप प्लीससस,,,, मत किजीये ये सब मेरे साथ,, मुझे जाने दिजीये प्लीस,, इसके अलावा आप जो कहेंगें मैं वो करूंगी,,, बस मेरे साथ ऐसे जबरदस्ती मत करिये,,, प्लीस मुझे छोड दिजीये,, मैं अभी इन सब के लिये तैयार नही हूं। इसके साथ ही कनक का रोना तेज हो जाता है,,, पर कार्तिक को इससे कोई फर्क नही पडता है,, और वो अपने कपडे खोलने के बाद कनक के कपडे खोलने लगता है,,, जिससे कनक खूद को बचाने के लिये काफी ज्यादा छटपटाने लगती है,,,

कनक के इस तरह छटपटाने से कार्तिक को उसके कपडे निकालने मैं दिक्कत होती है,,, जिससे उसे गुस्सा आने लगता है और वो गुस्से मैं आकर अपनी पूरी ताकत से कनक के गालों पर एक थप्पड मार देता है,, जिससे कनक के गोरे गालों पर कार्तिक के उंगलियों के निशान छप जाते हैं,,, और उसकी आंखें हल्की हल्की बंद होने लगती हैं,, लेकिन कार्तिक बिना कनक की परवाह किये,, कनक के कपड़ों को एक चररर,,, की अवाज के साथ फाड कर उसके शरीर से अलग कर साइड मैं फेक देता है,,, और आगे बड कर कनक की पूरी बोडी को चूमने लगता है,,, कुछ देर तक कनक की बोडी को चूमने के बाद कार्तिक बिना किसी वार्निंग के जबरदस्ती कनक के अंदर एन्टर होता है,,, जिससे कनक की एक दर्द भरी चीख उस पूरे रुम मैं गूँज जाती है,,, वही कनक की चीख सुनते ही कार्तिक के फेस पर एक डेविल स्माइल आ जाती है,,, लेकिन कुछ याद आते ही अचानक उसकी स्माइल कहिं गायब हो जाती है, और उसके चेहरे पर गुस्सा नज़र आने लगता है,,, वो बडी बेदर्दी से कनक के साथ इंटिमेंट होने लगता है,,, कार्तिक इस समय किसी जानवर की तरह कनक से पेश आ रहा था ,,,

वहीं कनक अपनी लाचारी पर आंसू बहाने के अलावा और कुछ नही कर सकती थी,, आज उसने पहली बार कार्तिक का ये रूप देखा था,, जो उसके लिये काफी ज्यादा दर्दनाक था,,,, हाँ उसे पता था की कार्तिक उससे नफरत करता है,, लेकिन उसने कभी नही सोचा था,, की कार्तिक अपनी नफरत मैं इतना ज्यादा गिर जाएगा की वो उसके शरीर को नोचने से पहले एक बार भी नही सोचेगा,, आज उसने अपनी नफरत मैं कनक को एक काफी गहरा जख्म दिया था जिसे कनक जिन्दगी भर भूलने वाली नही थी।

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कहाँ उसने सोचा था की आज से वो कार्तिक के साथ अपनी जिन्दगी की नई शूरुआत करेगी और कहाँ ये सब हो गया था,,, अब तो उसने कार्तिक का विरोध करना भी छोड दिया था , वो चूप चाप बिस्तर पर किसी जिन्दा लाश की तरह लेटि हुई थी और कार्तिक जो कर रहा था उसे वो करने दे रही थी,,,

रात के करीब 4 बजे के आस -पास

काफी घंटों तक कनक के शरीर के साथ खेलने के बाद जब कार्तिक का मन भर जाता है तब जा कर वो कहिं कनक से दूर होता है और कनक को उसी बैजान हालत मैं छोड कर फ्रेश होने के लिये वोश्रूम के अंदर चला जाता है। वहीं कनक अब तक बेहोश हो चुकी थी।

15 मिनट बाद कार्तिक वोश्रूम से अपनी कमर पर एक तौलिया बांधे बाहर आता है,,, और कनक की तरफ बिना देखे बैड साईड़ के ड्रॉर से सिग्रेट ,लाइटर निकाल कर बाल्कनी की तरफ चला जाता है स्मोक करने के लिये।

बाल्कनी मैं,

कार्तिक का एक हाथ रेलिंग पर कँसा हुआ था ,, तो वही उसके दूसरे हाथ मैं सिग्रेट मौजूद थी ,, जिसे वो अपने होठों से लगाए उसके कश भर रहा था,,,, उसके पैरों के आस- पास बहुत से आधे जले सिग्रेट पडे हुए थें,, जिन्हें कार्तिक ने ही स्मोक करने के बाद फेके थें।।

जब कार्तिक एक और सिग्रेट लेने के लिये अपने जेब मैं हाथ डालता है तब उसे समझ आता है की उसकी सारी सिग्रेट्स खत्म हो चूकी ,, जिसका एहसास होते ही कार्तिक एक गहरी साँस लेता है,, और अपनी आंखें बंद कर उन ठण्डी हवाओं को मेहसूस करने लगता है जो उसके चेहरे को छू कर जा रही थीं,,

अभी कार्तिक को आंखें बंद किये हुए कुछ पल ही बीते थें की उसे किसी का मुस्कुराता हुआ चेहरा नज़र आने लगता है,,, जिससे उसके होठों पर भी एक मुस्कुराहट आ जाती है,,, और वो उसी तरह से मुस्कुराते हुए एक नाम पूकारता है,

जूही,,,,,,,

पर तभी वो चेहरा अचानक गायब हो जाता है जिससे एक झटके मैं कार्तिक अपनी आंखें खोल लेता है,,, आंखें खूलते ही उसकी मुस्कुराहट कहिं गायब हो जाती है , और उसकिं आंखें गुस्से से लाल हो जाती है,,, उसके माथें पर उसकी नसें उभर आई थीं,,, वो अपने एक हाथ का मुक्का बना कर रेलिंग पर मार कर दाँत पिस्ते हुए कहता है,,,

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