कार्तिक अपने एक हाथ का मुक्का बना कर रेलिंग पर मार दाँत पिस्ते हुए कहता है,,, " बहुत शौक है ना तुम्हें दूसरों से उनके प्यार को छीनने का,, उन्हें अपने प्यार से दूर करने का,,,, उनकी खूशियों से भरी जिन्दगी को उजाडने का,,, तो अब मैं तुम्हें बताऊंगा की लोगों से उनके प्यार को छीनने का अंजाम क्या होता है,, उनसे उनकी खूशियों को छीनने की सजा क्या होती है।।। ये कार्तिक सिंघानिया का तुमसे वादा है,, की मैं तुम्हारी जिन्दगी मौत से भी बत्तर बना दूंगा,,,, तुमसे तुम्हारी सारी खूशिया छीन लूंगा,, ठीक उसी तरह से जिस तरह से तुमने मेरी खूशियों को छीना है,, तुम्हारी जिन्दगी, मैं इतनी बत्तर बना दूंगा की तुम ,,,इस जिन्दगी को जीने से अच्छा मरना पसंद करोगी,, पर तुम्हें मौत भी नसीब नही होगी,, इतना कहते ही कार्तिक के होठों पर एक एविल स्माइल और आँखों मैं नफरत उतर आती है।
अगली सुबह 6 बजे
कार्तिक अपने रुम के बडे से आलिशान सोफे पर बेठे हूए पिछले 1:30 घंटों से सामने बैड़ पर सोई हुई कनक को अपनी गहरी आँखों से घूर रहा था,,, जो आराम से सूकून की नीन्द लेने मैं बिजी थी,,, उसे काफी गुस्सा आ रहा था की कहाँ उसने सारी रात जागते हुए बिताई थी और कहाँ कनक सूकून से सो रही थी।।।
जब कार्तिक से कनक को इतने आराम से सोते हुए देखना बर्दाश्त नही होता है तब वो सोफे से उठ वोश्रूम की तरफ चला जाता है और वहां से एक बाल्टी भर पानी लाकर उस पूरे पानी को कनक के ऊपर डाल देता है,, जिससे कनक की नीन्द एक झटके मैं खूल जाती है,, और बैड पर बेठ हैरानी से अपने सामने खड़े कार्तिक को देखने लगती है जो अपने हाथ मैं खाली बाल्टी पकड़े उसे ही गुस्से से देख रहा था।।
कार्तिक के हाथ मैं खाली बाल्टी देख कनक समझ जाती है की उसके ऊपर पानी फेकने वाला कोई और नही कार्तिक ही है,,, जिससे कनक को भी गुस्सा आने लगता है,,, और वो बैडशीट को अपने शरीर के चारों तरफ लपेटते हुए बैड पर खडी हो कर अपने एक हाथ से बेड़शीट पकड अपने दूसरे हाथ की उँगली कार्तिक की तरफ पोइंट करते हुए कहने लगती है।
कनक- मिस्टर मजनू ,, कल तुम्हारी लेला तुम्हें मंडप मैं अकेले छोड कर भाग गई थी,,, जिसकी वजह से आपका कल रात हार्ट ब्रेक था,,, इसलिए कल आपने जो भी मेरे साथ किया उसके लिये मैने आपको माफ किया,, लेकिन आज आपने मेरे ऊपर पानी फेक कर अच्छा नही किया , क्यौंकि इससे मेरी नीन्द खराब हो गई है,, और कनक सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है,, लेकिन ये कभी बर्दाश्त नही करेगी की कोई उसकी नीन्द मैं टांग अड़ाए ,, अब जबकी आपने मेरी नीन्द खराब कर ही दी है तो,,,, इतना कह कनक कार्तिक की तरफ देखती है जो अपनी लाल आँखों के साथ उसकी पोइंट की हुई उँगली की ही तरफ देख रहा था,,,
कार्तिक को इतने गुस्से मैं देख कनक समझ जाती है की अगर अब उसने आगे कुछ और उल्टा सीधा कहा तो कार्तिक सिधे उसकी उँगली की ही बली चड़ा देगा इसलिए वो जल्दी से अपने हाथ को अपनी कमर के पीछे छूपाते हुए आगे कहती है,,
कनक- तो,,, चलों ये आपकी दुसरी गलती है इसलिए मैं आपकों माफ करती हूं,, वैसे भी आप मेरे हसबेंड है तो मैं इतना तो आपके लिये कर ही सकती हूं इतना कह कनक कार्तिक के कन्धों को थप -थपाती और बैडशीट अपने चारों तरफ लपेटे हुए ही बैड़ से उतर कार्तिक के साइड से जाने लगती है,, की कार्तिक बाल्टी साइड मैं फेकते हुए कनक के एक हाथ को पकड उसे मरोड़ते हुएt कनक की पीठ से लगा देता है,,जिससे कनक की एक चीख निकल जाती है,, पर कार्तिक उसके दर्द को नज़रअंदाज कर अपने दाँत पिस्ते हुए कहता है।।
कार्तिक- तुम्हारे पर कुछ ज्यादा ही निकल आए हैं ना,,, लगता है, इन्हें कुतरने पडेंगें, इतना कह कार्तिक ,,कनक के बेड़शीट को जिसे उसने अपने शरीर पर लपेटा हुआ था। उसे उसके शरीर से अलग करने लगता है,, जिससे कनक की पकड अपने बैडशीट पर मजबूत हो जाती है,,, और वो कार्तिक से दूर जाने की कोशिश करने लगती है,,, की तभी कोई दरवाजे पर नॉक करता है,,, तो वो दरवाजे की तरफ देखने लगता है जिससे उसका ध्यान कनक के ऊपर से हट जाता है,, साथ ही उसकी पकड कनक के हाथों पर थोड़ी ढीली पड जाती है,,
कार्तिक की पकड खूद के हाथों पर ढीली पडते देख कनक ,,, कार्तिक को एक जोरदार धक्का देती है,,, जिससे कार्तिक जा कर सिधे बैड़ पर गिरता है,,, और कनक इस बात का फाएदा उठाते हुए सिधे वोश्रूम मैं घूस जाती है।।।
कार्तिक वोश्रूम के गेट को घूरने लगता है,,, की एक बार फिर दरवाजे पर नॉक होती है,,, तब कार्तिक बैड़ से उठ कर गेट खोलने के लिये चला जाता है,
जब कार्तिक दरवाजा खोलता है तो उसे दरवाजे पर एक सर्वेंट खड़ा मिलता है,,, कार्तिक उस सर्वेंट से अपनी कोल्ड वोइस मैं पूछता है।
कार्तिक- क्या काम है?
कार्तिक के सवाल पर वो सर्वेंट घब्राते हुए कहता है,,,,
सर्वेंट- सर आपकों और कनक बिटिया को आपके दादा जी निचे बूला रहे हैं,, इतना कह वो सर्वेंट चूप हो जाता है और कार्तिक के कहने का इन्तेजार करता है।।
कार्तिक कुछ ना कहते हुए अपना सर बस हाँ मैं हिला देता है और उस सर्वेंट को जाने का इशारा कर देता है जिसके बाद वो सर्वेंट चला जाता है तो वही कार्तिक अपने स्टडी रुम मैं बने वोश्रूम मैं शावर लेने के लिये चला जाता है।।
दुसरी तरफ कनक अपनी बोडी से उस बेड़शीट को अलग कर साइड मैं फेक देती है,, और सामने लगे मिरर मे अपने शरीर मैं मौजूद उन निशानों को देखने लगती है जो कल रात कार्तिक ने ही उसे दिए थें,,, उन निशानो को देखते हुए जो की अब तक नीले पड चुके थें,, कनक, कार्तिक को कोसते हुए कहती है,,, पागल मजनू, रावण ,, ड्रेकुला कहिं का। अपनी लेला के साथ करता ना वो सब,, देखों मेरी क्या हालत कर दी है उसने 😬 कितना दर्द हो रहा है मुझे । दादी से शिकायत करूंगी मैं इसकी, फिर देखना दादी कैसे इस मजनू के सर से इसकी मजनूपन्ति उतारती है । खूद से इतना कहने के बाद कनक शावर के पास चली जाती है और शावर ऑन कर नहाने लगती है,,,
शावर का पानी जैसे -जैसे कनक के शरीर पड रहा था, वैसे- वैसे कनक को पिछली रात की बातें याद आ रही थी की कैसे कार्तिक ने उसके साथ जबरदस्ती की थी।
अचानक कनक की आँखों से आंसू बहने लगते हैं, जो शावर के पानी मैं मिलने लगते है, साथ ही उसका शरीर भी कांपने लगता है,,, उसे देख कर ऐसा लग रहा था की वो अंदर से काफी ज्यादा टूट चुकी थी।।
रोते हुए वो अपनी आंखें बंद कर लेती है,,, फिर खूद को सम्हालते हुए कहती है" नही कनक तू ऐसे टूट नही सकती है,,, तुझे खूद को मजबूत बनाना होगा,,, उनके मन मैं जो तेरे लिये नफरत है उसे खत्म करना होगा,, जो गलतफेमिया है तुम दोनों के बीच मैं उसे तुझे दूर करना होगा।। तू ऐसे हार नही मान सकती है,, तेरे सामने तो इससे भी बडी- बडी चुनौतियां आने वाली हैं,,, अगर तू अभी से हार मान लेगी तो तू आगे कैसे लडेगि अपनी लड़ाई, इसलिए मजबूत बन और कार्तिक को इट का जवाब पत्थर से दे। इतना खूद से कह कनक अपनी आंखें खोलती है और शावर लेने लगती है।
शावर लेने के दौरान कनक को अपनी बोडी मैं उन निशानों के कारण काफी जलन होती है,, पर वो जैसे- तैसे करके बडी मुश्किल से शावर लेती है
शावर लेने के बाद जब कनक अपने आस - पास कपडे ढूंडने लगती है,, तब उसे ध्यान आता है की वो जल्दबाजी मैं कपडे लाना तो भूल ही गई थी,, ये याद आते ही कनक अपने सर पर एक टपलि मारती है और खूद मैं बडबडाने लगती है"औफ़ हो कनक तू क्या करती है,, अब कैसे जाएगी तू बाहर,, बाहर वो भूका शेर तेरा वेट कर रहा होगा पक्का,, अगर तू बिना कपड़ों के बाहर गई तो वो तेरा शिकार कर लेगा,,, बैडशीट भी तुने आते ही फेक दी अब वो भी गीली हो चुकी है " इतना कहते हुए, कनक अपना रोतलू फेस बना कर पेर पटकने लगती है,,,
की तभी कुछ सोचते हुए वो रूक जाती है
" क्या पता वो मजनू अब तक चला गया हो" इतना खूद से कह कनक वोश्रूम का गेट हल्का सा खोल बाहर देखने लगती है तो उसे बाहर कोई नज़र नही आता,, ये देख कनक खूश हो जाती है,,, और वोश्रूम के गेट को वापस बंद कर कुछ समय तक गहरी साँसे लेने लगती है ,, फिर वापस वोश्रूम का गेट ओपन कर कनक वोश्रूम के लेफ्ट साइड कुछ दूरि मैं बने चेन्जींग रुम जहाँ पर सारे कपडे रखे हुए थें,,, की तरफ जाने वाले रास्ते पर अपनी आंखें बंद करके दौडने लगती है,,, की तभी वो किसी के सक्त शरीर से टकरा जाती है,, और एक तेज अवाज के साथ वो किसी के ऊपर गिर जाती है,,
कनक जिससे टकराई थी वो कोई और नही कार्तिक ही था,, कनक की तरफ वो भी अपने कपडे लेजाना भूल गया था,, इसलिए अपनी कमर पर सिर्फ एक तौलिया बांधे कार्तिक चेन्गींग रुम की तरफ जा रहा था की कनक उससे आ कर टकरा गई थी।
अपने निचे किसी को मेहसूस कर जब कनक अपनी आंखें खोलती है तो उसे कार्तिक नज़र आता है,, जो अपनी आंखें छोटी करके उसे ही घूर रहा था,,,
कार्तिक को खूद की तरफ घूरते देख कनक उसे एक खिसियाहट भरी स्माइल पास करती है और स्माइल के साथ गिल्टी फेस बना के कहती है" 2 बार सोरी, एक अभी आपकों गिराने के लिये और दुसरा आपकों कुछ देर मैं समझ आ जाएगा,, इतना कह कनक अपने शरीर पर टॉवल लपेट कर खडी होती है फिर जल्दी - से चेन्जींग रुम के अंदर चली जाती है,,, और दरवाजा बंद कर देती है
कार्तिक जो फर्श पर लेटे हुए अब भी कनक के 2 बार सॉरी का मतलब समझने मैं लगा था,, वो गेट बंद होने की अवाज से होश मैं आता है,,,, और फर्श से उठते हुए अपनी एक आई ब्रो चडाते हुए खूद से कहता है,, इस बेवकूफ लडकी ने मुझे दो बार सॉरी क्यों बौला,, छोडों मुझे क्या,,, पागल कहिं की,, इतना कह कार्तिक अपनी कमर पर बन्धे टावल को कसने के लिये अपने हाथ बडाता है,, पर उसके हाथ कुछ नही लगता है,, तो कार्तिक अपनी नज़र निचे करता है,,, पर निचे देखते ही उसकी आंखें हैरानी से बड़ी- बडी हो जाती है,, क्यौंकि उसका टावल उसकी कमर से गायब था😂😂
कार्तिक चिल्लाते हुए- टावल चोर😳
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