पर तभी मौका पाकर एक हत्यारा गर्व की पीठ पर अपनी तलवार से हमला कर देता है जिसके कारण गर्व की चीख निकल पड़ती है और उसके पीठ में से खून निकलने लगता है फिर गर्व अपनी गदा को अपने पीठ के पीछे से घुमाकर उस हत्यारे को भी मार देता है इसके बाद भी तांडव कबीले के लोग रुकते नहीं है बल्कि किसी पागल सांड की तरह गर्व के ऊपर टूट पड़ते है इस लड़ाई में गर्व ने कई सारे तांडव कबीले के हत्यारों को मार डाला था पर उन हत्यारों ने भी मौका पाकर गर्व पर कई सारे वार किए थे अगर गर्व ऐसे ही या पर लड़ता रहता तो उसकी जल्द ही कोई न कोई हत्या कर देता इसलिए वह अपने गति मंत्र का फिर से एक बार इस्तेमाल करता है और पलक झपकते ही वहा से तेजी से भाग जाता है यह देखकर वहा पर हत्यारों के बीच मौजूद अक्षय जोर जोर से हंसने लगता है और कहता है अरे ओ तुलतुल के बच्चे तुम चाहे तो कही भी भाग जाओ हम तुम्हे ढूंढ ही लेंगे और तुम्हारी हत्या कर देंगेगर्व वहा से भागकर तक्षक पहाड़ी के तरफ जाने का निर्णय लेता है क्युकी उस पहाड़ी पर कई सारी गुफाएं बनी हुई थी और वहां पर गर्व को ढूंढते ढूंढते तांडव कबीले के हत्यारों को हफ्ते लग जाते पर तभी उसे खयाल आता है की तांडव कबीले के लोग गंध को सूंघकर किसी का भी पता लगाते है और क्या हो मैं अपने शरीर के गंध को फैलने से रोक दू यह सोचकर वह एक पास के ही कीचड़ के तालाब में से उस कीचड़ को सारे शरीर पर लपेट देता है और उस पर जंगल के पत्तो को बांध देता है उसके ऐसा करते ही वह ध्यान शक्ति से पता लगाता है की उसके आजू बाजू कोई है तो नही पर उसे किसी का पता चलता नही और वह एक राहत की सांस लेता है तभी उसे वहा कुछ औषधि वनस्पतियां दिखाई देती है वह उनको तोड़कर अपने थैले में रखता है और जंगल में किसी सुरक्षित जगह की खोज करने लगता है तभी उसे अपनी ध्यान शक्तिं के कारण झाड़ियों में एक छुपी हुई गुफा दिखाई देती है वह जल्दी उस गुफा में जाकर गुफा के द्वार को बड़े पत्थर से बंद कर देता है वहा वह अग्नि को प्रज्वलित करके अपने शरीर में लगे सारे कीचड़ को साफ करता है और औषधि वनस्पतियों का लेप बनाकर उसे अपने शरीर के घावों पर लगा लेता है तांडव कबीले के हत्यारों के साथ हातापाई करते करते वह शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी थक चुका था वह जैसे ही जमीन पर लेटकर अपनी आंख बंद कर लेता है उसे तुरंत ही नींद आ जाती है अपनी नींद पूरी करने के बाद वह उठकर बैठ जाता है और अपनी ताकत बढ़ाने के लिए ध्यान करने लग जाता है तभी उसे उस गुफा में कुछ तो गड़बड़ होने का अहसास होता है और वह सतर्क हो जाता है जैसे ही वह गुफा का निरीक्षण करने के लिए उसके और अंदर जाता है उसको बड़ा आश्चर्य होता है क्युकी उस गुफा के अंदर एक सौ मीटर लंबा तालाब होता है और इतना बड़ा तालाब हों के बावजूद भी वह बहुत शांत होता है उसे इस बात का बड़ा आश्चर्य होता है और उसे यहां पर कुछ तो गड़बड़ होने का अहसास होता है तभी उस तालाब के शांत पानी में अचानक से हलचल होना चालू होती है और गर्व अपने कदम पीछे की ओर करना चालू कर देता है तभी उस गुफा की ठंडक एकदम से बढ़कर उस पानी में से एक सफेद रंग की मकड़ी बाहर निकलकर गर्व की तरफ गुस्से से देखने लग जाती है उसको देखकर गर्व उसको कहता है अरे जानेमन इतना भड़क क्यू रही हो शांत हो जाओ चिंता मत करो मैं तुम्हे कुछ भी नही करूंगा वह मकड़ी काफी बड़ी होती हैं उसकी लंबाई दो मीटर और ऊंचाई एक मीटर होती है गर्व का मजाक सुनकर उस मकड़ी का पारा बढ़ जाता है और वह गर्व पर हमला कर देती है वह अपने तरफ चारो ओर एक बर्फीला वातावरण बनाते हुए गर्व पर हमला करने के लिए आगे बढ़ती है उस मकड़ी के शरीर से निकलने वाली ठंडी हवा के कारण उस गुफा का वातावरण ठंडा होने लगता है और साथ ही उस तालाब का पानी भी जमने लगता है यह देखकर गर्व पहले तो उसपर अपने तीरों से हमला करता है पर उन तीरों को उसके शरीर से टकराकर नीचे गिरते हुए देखकर गर्व अपनी तलवार को निकालकर उस से कहता है आ जाओ जानेमन आज तुम्हारी भी इच्छा आज पूरी कर देता हु और देखते ही देखते उन दोनो के बीच में घमासान जंग शुरू हो जाती है उस मकड़ी के शरीर से निकल रहे बर्फ का जवाब देने के लिए गर्व को फिरसे एक बार अपने गति मंत्र का इस्तेमाल करना पड़ता है और वह उस गुफा में चारो तरफ तेजी से भागना चालू कर देता है जिसके कारण उस मकड़ी को गर्व का ठिकाना पता लगा पाना मुश्किल होते जा रहा उस मकड़ी का ध्यान जैसे ही विचलित होता गर्व उस मौके का फायदा उठाकर उस मकड़ी पर हमला कर देता पर उसकी त्वचा बहुत ही सख्त होती है जिसके कारण उसको कोई भी चोट नहीं पहुंच रही थी पर वह मकड़ी लगातार भागा दौड़ी करने के कारण बहुत ज्यादा थक रही थी और तभी मौका पाकर गर्व अपनी तलवार को उस मकड़ी के गर्दन पर घुसा देता है क्युकी उस मकड़ी के गर्दन का हिस्सा बहुत ही नाजुक होता है और वह मकड़ी अपनी जगह पर तुरंत ही मर जाती है इस वक्त गर्व को बहुत ज्यादा भूख लगी हुई होती है इसीलिए वह उसी मकड़ी के शरीर को चीरफाड़ करते हुए उसको पकाने के लिए उस गुफा में ही अग्नि को प्रज्वलित करता है हर मकड़ी के शरीर के अंदर एक विशारी थैली होती है गर्व सोचता है है की अगर उसे उस मकड़ी की वह विषारी थैली मिल गई तो वह उसका इस्तेमाल उन हत्यारों के खिलाफ कर सकता है इसलिए वह उस मकड़ी के शरीर को चीरफाड़ कर चालू कर देता है पर उसे उस मकड़ी के शरीर से कोई भी विशारी थैली नही मिलती है पर उसे उस मकड़ी शरीर में से एक चमकती हुई चीज दिखाई देती है वह उस मकड़ी में मास के अंदर हाथ डालकर उस चीज को पकड़ता है उसे पकड़ते ही उसे ध्यान में आता है की यह एक तरह का हैंडल है वह उस हैंडल को पकड़कर जोर लगा के खींचता है उस चीज के बाहर निकलते ही उसे ध्यान में आता है की यह तो एक तलवार है उसका हैंडल चमत्कारिक तौर पर भलेही सामान्य तापमान का हो पर उस तलवार के पाते बहुत ही ठंडे होते है और ऐसा लग रहा होता है उस तलवार के पाते से लगातार बर्फ निकलती जा रही हो दरअसल यह तलवार उस मकड़ी की रीढ़ की हड्डी होती है इस के कारण ही वह मकड़ी बर्फ को उत्पन कर सकती थी गर्व तुरंत ही अपने ध्यान शक्ति की जादुई शक्ति को उस तलवार के हैंडल में डाल देता है उस हैंडल में गर्व की जादुई शक्ति जाते ही उस तलवार का पूर्ण नियंत्रण गर्व के हातो में आ जाता है वह उस तलवार से निकल रहे बर्फ को कम अधिक कर सकता है वह चाहे तो पूरी गुफा को ही बर्फ के चादर में लपेट सकता था इस तलवार को पकड़ गर्व खुश हो गया अगर इसे भरतपुर के शस्त्रागार में बेचा होता तो इस के गर्व को एक लाख सुवर्ण मुद्रा से भी ज्यादा की कीमत मिलती इस तलवार के मिलते ही गर्व खुश हो गया और वही गुफा में इस मकड़ी के मास को पकाने के लिए उसने वहा पर अग्नि प्रज्वलित की पर एक बात जो थी वह यह की इस प्राणी के कोई भी कान नहीं थे जो कि वह काटकर अपने पास रख सके क्युकी जानवरो के कान की मदद से ही वह तीसरे दौर किं परीक्षा को पास कर सकता है जल्द ही उसने उस मकड़ी के मास का सेवन करके अपनी पेट पूजा कर ली और फिर से तांडव कबीले के हत्यारों की हत्या करने के लिए वह गुफा से बाहर निकल गया यह जंगल तो बहुत बड़ा था गर्व को इस जंगल में जंगली प्राणियों के दर्शन ही नहीं हो रहे थे इस से वह निराश हो गया पर तभी उसको लोगो की हंसने की आवाज आती है और वह सतर्क हो जाता है वह छुपकर देखता है तो उसे दिखाई देता है कि आठ से दस छात्रों का समूह वहा पर आग जलाकर जंगली जानवरों के मास को पका रहे थे वह और कोई नही बल्कि तांडव कबीले के ही लोग थे उनको देखकर गर्व ने मन ही मन में कहा अरे वाह जानवर तो नही मिले पर मुझे मेरे शिकार मिल गए और वह उन लोगो की बातो को सुनने का निर्णय लेता है उन में तो कई सारी छात्राएं भी होती है वह सभी गर्व के बारे में मजाक उड़ाते जा रहे थे की कैसे उसे आश्रम में तुलतुल कहते हुए उसका मजाक उड़ाया जाता है तभी कुछ छात्रों ने कहा कि गर्व की ताकत पिछले कुछ समय से आश्चर्यजनक रूप से बढ़ते जा रही है उसे कोई न कोई रहस्यमई शक्ति का साथ अवश्य मिल रहा है तभी गर्व के मन में खयाल आता है की मैं क्यों इनकी बातो को सुनकर अपना वक्त जाया कर रहा हु ये आखिर मेरे दुश्मन ही तो है ऐसा सोचकर वह अपनी बर्फीली तलवार को बाहर निकलता है उस तलवार के बाहर निकलते ही आसपास का माहोल ठंडा होने लगता है और वह उन लोगो की तरफ निकल पड़ता है वह लोग जैसे ही ठंडी बढ़ने वाली जगह की तरफ देखते है उनको दिखता है कि गर्व अपने हाथो मे एक बड़ी बर्फीली तलवार लेकर उनकी ही तरफ आ रहा है अपनी हाथ में वह बड़ी बर्फीली तलवार लेकर वह अंधेरे में किसी बर्फीले दानव की तरह लग रहा होता है उनके पास जाकर गर्व जोर से कहता है स्वागत नही करोगे हमारा गर्व भाई आ गया है इतना कहते ही वह अपनी तलवार को उनके तरफ चलाना चालू कर देता है उसके चलते ही वहा प्रज्वलित आग बुझ जाती है और दो हत्यारों के सिर उनके धड़ से अलग हो कर गिर जाते है यह देखते ही उनमें से एक अपने पास रख हुए शंख को बजा देता है यह संदेश तांडव कबीले के लोगो के लिए गर्व के मिलने का होता है गर्व यह बात समझ जाता है और उन सारे लोगो को मौत के घाट उतारना चालू कर देता है उनमें से कोई भी गर्व की इस नई तलवार का सामना करने में सक्षम नहीं होता है यह देखकर उन छात्रों में से एक अपने घुटने जमीन पर टेक देता है और वह गर्व से कहता है हमे माफ करो गर्व भाई हमे जाने दो तो गर्व उस से कहता है तुम्हारे पास ऐसा क्या है की मैं तुम्हे जाने दू तभी वह लड़का अपने हाथो में से एक रिंग निकालकर गर्व के पैरो के पास फेकते हुए कहता है यह एक अद्भुत स्टोरेज रिंग है आप अपनी जादुई शक्ति को इसके अंदर डालकर इसको आप अपना बना सकते है यह एक दस बाय दस की रिंग है तो फिर गर्व अपनी जादुई शक्ति की ऊर्जा को उस रिंग के अंदर डालता है तो सच में उसे उस रिंग के अंदर में एक बहुत बड़ी जगह दिखाई देती है तभी उसे अहसास होता है की कोई उसके पीछे से एक भाला लेकर उसके पीठ की तरफ बढ़ते जा रहा है उसी वक्त गर्व अपनी पीठ के पिछे एक बर्फीली दीवार को बना देता है फिर भी वह भाला उस बर्फ की दीवार को चीरते हुए गर्व के शरीर के एक सेंटीमीटर अंदर तक घुस जाती है