तभी गर्व अपनी तलवारों को हवा में ही उसकी तरफ नोक करते हुए रोक देता है और अपनी बर्फीली तलवार को अपने कंधे पर टिकाकर कहता है क्यू अब क्या हो गया क्या फायदा तुम्हारे इतने सात फीट के होने का अरे गर्व तुम मेरी बात तो सुनो मैं तो बस यह देखना चाह रहा था की तुम में कितना दम है और क्या तुम तांडव कबीले में शामिल हों के लायक हो या नही तुम भी जानते हो की हमारे तांडव कबीले की ताकत तुम्हारे जैसे अकेले आदमी से ज्यादा है हमारे सामने तुम अपने घुटने टेक दो और तुम हमारे कबीले में शामिल हो जाओ उसकी बातो को सुनकर गर्व कहता है यह तो सच है की तांडव कबीले में बहुत ताकत है और मेरे अकेले से तुम सब का सामना करना भी मुश्किल है पर वह घुटने टेकने की बात वह क्या है ना अभी अभी तुम्हारे लोगो की मारने काटने के बाद मेरे घुटनो में अकड़न आ गई है इसलिए तुम घुटने टेकने की बात को भूल जाओ यह सुनकर कालीचरण का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच जाता है और अपनी तलवार को पूर्ण शक्ति से हवा में उठा देता है उसके ऐसा करते ही आसमान में जो बिजलियां चमकते जा रही थी वह उस कालीचरण की तलवार में आ जाती है और वह अपनी बिजली को गर्व की तरफ उछाल देता है इस बिजली के वार को गर्व दाई तरफ दो मीटर खिसककर विफल कर देता है अपने इस वार को खाली जाता देख कालीचरण हैरान हो जाता है और सोचता है कि इस लड़के में सच में कुछ बात है इस से ऐसे ही लड़ते रहे तो तीन चार दिनों के बाद भी कोई नतीजा निकलेगा नही मुझको इस लड़के के बारे में अपने समुदाय के वरिष्ठ लोगो से चर्चा करनी पड़ेगी वही इसका सही हिसाब लगा सकते है इतना सोचकर वह वहा से जाने लगता है और पलटकर गर्व से कहता है गर्व बच्चे यह अभी खतम नही हुआ है हम लोग फिर आयेंगे और तुम्हारी हत्या कर देंगे तब तक जितना ताकतवर बन सकते हो बन जाना पर तुम्हे हमसे कोई भी नही बचा सकता है इतना कहते ही वह अपने बाकी के तांडव कबीले के साथियों के साथ मिलकर वह से चला जाता है और गर्व जैसे ही अक्षय और उसके साथियों की तरफ देखता है वह तो कबके अपनी जगह पर से गायब हो गए थे इसके बाद गर्व जंगली प्राणियों की शिकार के लिए जंगल की तरफ निकल पड़ता है और अपने स्टोरेज रिंग में रखे सामानों जाचना शुरू करता है तभी उसको पता चलता है की उसके पास परीक्षा को पास करने के लिए पच्चीस जानवरो के कान के जोड़े रखे हुए होते है वह ज्यादा जानवरो के कान को इकट्ठा करकर भरतपुर के सैन्य अधिकारियों का ध्यान अपने तरफ आकर्षित नही करना चाहता था पहले ही उसका तांडव कबीले के हत्यारों से सामना होकर वह उसके दुश्मन बन गए थे और पता नही कितने तांडव कबीले के लोग भरतपुर की सेना में काम करते हो उसको इन छोटी मोटी चीज से कोई मतलब नहीं था उसे तो यह पता लगाना था की उसके पिछले जन्म में आखिर किसने उसकी हत्या की थी क्या इसमें उसके परिवार का तो हाथ नही था चाहे कुछ भी हो जाए पर उसे सच्चाई का पता तो लगाना ही पड़ेगा और उसके लिए उसे सबसे पहले और ताकतवर बनाना पड़ेगा इतना सोचते सोचते ही उसे एक गुफा दिखाई पड़ती है परीक्षा के खतम होने के लिए अभी भी ढाई दिन का समय होता है और वह इन दिनों में अपनी ध्यान शक्ति को बढ़ाने का निर्णय लेता है और उस गुफा में चला जाता है वह अपने जादुई शक्ति से उस गुफा में किसी के होने का पता लगाता है पर वहां पर कोई भी नही होता है वह गुफा के द्वार को एक बड़े से पत्थर से बंद करकर उसपर अपनी बर्फीली तलवार से बर्फ की एक मोटी चादर बिछाकर गुफा में ध्यान साधना करने के लिए पद्मासन की अवस्था बैठ जाता है वह ढाई दिनों तक लगातार ध्यान साधना करतें रहता है और वह पाता है कि उसकी ताकत फिर से कई गुना ज्यादा बढ़ चुकी है और अब वह किसी भी वायु मंडल के आखिरी स्टेज के योद्धा को हरा सकता है और वह वापस परीक्षा केंद्र पर वापस जाने के लिए निकल पड़ता है क्युकी इस चरण की परीक्षा की अवधि चार दिन की थी और वह लगभग पूरी ही होती आ रही थी वह जैसे ही परीक्षा केंद्र में वापस जाता है वह देखता हैं की तीसरे चरण के लिए तीन सौ छात्र जंगल में गए थे पर वहा पर सिर्फ डेड सौ के करीब ही छात्र मौजूद थे इन बाकी डेड सौ छात्रों की जंगल में जंगली जानवरों के साथ लड़ते लड़ते मौत हो गई थी इसीलिए वहा पर एक गम का माहौल होता है तभी परीक्षा केंद्र की स्टेज से छात्रों के लिए एक संबोधन होता है आज हम लोगो ने हमारे डेढ़ सौ छात्रों को खोकर एक बहुत बड़ी क्षति झेली है पर यह दुनिया इस से भी ज्यादा खतरनाक है अगर हम इन मुश्किलों का सामना नही करेंगे तो इस दुनिया से पूरी मानव जाती का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा हमे दुखी होने की जरूरत नहीं अगर हम हमेशा ही दुख करते रहेंगे तो आखिर इस राज्य की सुरक्षा कौन करेगा और तुम लोग कैसे इस राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथो मे ले पाओगे इस बात को सुनकर छात्रों में मौजूद गम का माहोल कम होने लगता है और वह स्टेज कि तरफ अपना अपना ध्यान लगाते है छात्रों को ठीक होते हुए देखकर भरतपुर सैन्य का अधिकारी अपनी बात को आगे बढ़ाता है सबसे पहले मैं सभी छात्रों को परीक्षा के तीनो चरण को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए बधाई देता हूं और यह घोषणा करता हु की तीनो चरणों को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले छात्र सैन्य प्रशिक्षण शिविर लिए चयनित किए जाते है यह सुनकर उन दुखी हुए छात्रों के चेहरे खिल जाते है और चौथे चरण में इन सभी छात्रों का एक दूसरे से मुकाबला होने वाला है इन मुकाबलों के जरिए कौनसे छात्र को सैन्य के किस शाखा में भेजा जाएगा यह तय किया जाएगा और एक बात फिर वह एक लंबी सांस लेते है और कहते है इन मुकाबलों को देखने के लिए अपने राज्य के राजा वीर प्रतापसिंह स्वयं ही इस मैदान पर उपस्थित रहेंगे और इस प्रतियोगिता में अपने प्रतिद्वंदी की जान लेना सख्त मना होगा अगर कोई ऐसा करता है तो उसे राज्य के सैनिकों द्वारा तुरंत ही मार दिया जाएगा इस प्रतियोगिता में आप अपने प्रतिद्वंदी को समर्पण करने के लिए मजबूर कर सकते हो पर आप अपने प्रतिद्वंदी को मार नही सकते हो यह प्रतियोगिता कल सुबह छह बजे से इसी मैदान में शुरू होगी इसीलिए आज रात को आप सब अपने अपने आश्रम में जाकर आराम कीजिए और कल सुबह इसी मैदान पर आकर प्रतियोगिता में अपनी पूर्ण शक्ति से भाग ले बोलो महाराज अश्वद की जय तभी पूर्ण मैदान में महाराज अश्वध की जय महाराज अश्वद की जय का नारा गूंज उठा और सभी छात्र अपने अपने आश्रम में अपने अपने गुरुओं के साथ जाने लगे गर्व और उसके आश्रम के अन्य छात्र अक्षय के साथ उसी मैदान पर खड़े गुरु मनोहर पंडित जी के पास जाते है इन सभी छात्रों में से आधे से ज्यादा तांडव कबीले से होते है और वह अपनी आंखे बड़ी करके गुस्से से गर्व की तरफ देखते है उनको देखते ही गर्व को हसी आ जाती है पर वह अपनी हसी अपने मुंह में ही दबा देता है मनोहर पंडित उन सभी छात्रों की तरफ देखकर कहते है आज से पहले अपने आश्रम में से कभी इतने सारे छात्रों का सैन्य प्रशिक्षण शिविर के लिए चयन नही हुआ है भलेही आज हमने अपने कुछ छात्रों को खो दिया है पर फिर भी आज से पहले कभी भी हमारे आश्रम से इतने सारे छात्रों का चयन नही हुआ है और वैसे भी हमारे राज्य के राजा वीर प्रतापसिंह कल होने वाले प्रतियोगिता को देखने के लिए खुद आने वाले है इसीलिए आज रात को मैं तुम्हे खुद अपनी तरफ से दावत दूंगा आज रात आप सब आराम करते हुए अपनी शक्ति को बढ़ा ले और कल होने वाली प्रतियोगिता में अपनी पूर्ण क्षमता का प्रदर्शन कीजिए उस रात आश्रम के सारे विद्यार्थियों के लिए दावत हुई गर्व ने भी इस दावत मे हिस्सा लिया उसने भी खूब खाया पिया और बहुत मजे किए उसने किसी बात की चिंता नहीं की इस वक्त किसी भी तांडव कबीले के लोगो की गर्व के साथ बात करने की हिम्मत नही हुई वह लोग गर्व के साथ थोड़ी दूरी बनाकर ही रह रहे थे यह बात गर्व भी अच्छी तरीके से समझ रह था की उसका खौफ उन तांडव कबीले के छात्रों के दिलो में बैठ गया है वह जो उसे तुलतुल तुलतुल कहते हुए थकते नहीं थे वही लोग आज उसके सामने खौफ खाए हुए है उससे बात करने की उनकी हिम्मत नही हो रही थी यहां तक की वह लोग गर्व के आस पास जाने से भी बच रहे थे गर्व समझ गया की उसने भलेही जंगल में तांडव कबीले के हत्यारों और छात्रों को अच्छा सबक सिखाया परंतु उसकी इन तांडव कबीले के लोगो से दुश्मनी लंबी चलने वाली है और उसे उन खतरो का सामना करने के लिए जल्द से जल्द ज्यादा ताकतवर बनना पड़ेगा