मंदार पर्वत

जिनको राजा की तरफ से सैनिक सुरक्षा के लिए मिलते हैं उनके लिए गुरुकुल में खास छात्रावास बने होते हैं इधर गर्व के कक्षा के बाहर जाते ही उनके नाम की चर्चा चारों तरफ से जाती है की कैसे पूरे गुरुकुल में सिर्फ भूमिमंडल पर छात्रों के रहने के बावजूद भी एक पहले साल का लड़का वायुमंडल के योद्धाओं जैसा प्रदर्शन कर रहा है यह चर्चा तीसरे साल के छात्रों में भी फैल जाती है और कई छात्रों के मन में गर्व के लिए ईर्ष्या का भाव उमड़ पड़ता है उन्हें लगता है कि भले ही वह वायुमंडल में पर वह इतनी प्रसिद्धि पाने का हकदार नहीं है वह लोग गर्व से भी ज्यादा ताकतवर और शक्तिशाली है भले ही वह शक्तिशाली हो परंतु वह तकनीकों के मामले में उन से कमजोर ही है अगर कभी उनकी गर्व के साथ लड़ाई हो गई तो वह आसानी से गर्व को हरा सकते हैं साथ ही साथ कई लड़कियां भी गर्व की तरफ उसकी इन चर्चाओं से उसकी तरफ आकर्षित होने लगी कई तो उसके साथ अपनी शादी के सपनो को भी देखने लगी इन सब से दूर गर्व अपने छात्रावास जाते ही वह देखता है कि यहां पर कई खास छात्रों के लिए छात्रावास बने हुए हैं और उसके बाहर राज्य के सैनिक तैनात हैं गर्व इन सब चीजों पर ध्यान न देकर छात्रावास में अपने कमरे में जाता है और थोड़ा आराम करता है आराम करने के बाद थोड़ा युद्धाभ्यास करता है और फिर शाम को गुरु सूर्य कुमार की कक्षा की ओर निकल पड़ता है और पर उसे पता चलता है कि कक्षा में तो सिर्फ भूमि मंडल के छात्रों के लिए ही अभ्यास कराया जा रहा है जो उसके कुछ काम का नहीं है इसलिए वह गुरु सूर्य कुमार से खुद के लिए जंगल में जाकर अभ्यास करने का निवेदन करता है क्युकी जंगल के खतरों का सामना करके ही वह अपने युद्ध मंडल को बढ़ा सकता है तब उसे गुरु सूर्य कुमार जंगल में जाने की अनुमति दे देते हैं उनको भी पता है कि गर्व का युद्ध मंडल ज्यादा है यहां पर रहकर उसकी कोई प्रगति होने वाली नहीं है इसलिए वह भी उसे जंगल में जाने की अनुमति देते हैं उनकी अनुमति पाकर गर्व खुश होकर अपने छात्रावास में आकर मंदार और केदार को जंगल में जाकर युद्धाभ्यास करने की बात को बताते हैं यह बात को सुनकर वह हैरान हो जाते हैं वह उसको बताते हैं कि अभी अभी तुम्हारा अपने राज्य के तांडव कबीले के सबसे खतरनाक आदमी से पाला पड़ा है और तुम फिर जंगल में जाने की बात कर रहे हो तुम्हारे जंगल में जाते ही सारे गुरुकुल में यह बात फैल जाएगी कि तुम जंगल में गए हो और फिर से तुम्हारा जंगल में तांडव कबीले के हत्यारों के साथ पाला पड़ जाएगा तो क्या आप लोग डर गए गर्व इन से बिना रुके सवाल पूछता है इस सवाल पर वह चुप हो जाते हैं क्योंकि यह प्रश्न उनकी क्षमता पर किया गया था फिर वह उसके साथ जंगल में जाने के लिए मान जाते हैं वह सबसे पहले गुरुकुल के पुस्तकालय में जाते हैं वहां से वह लोग जंगल की जानकारी इकट्ठा करते हैं साथ ही साथ वह मंदार पहाडी के बारे में कई सारे किताबों को पढ़ डालते हैं क्योंकि मंदार पहाड़ी पर कई सारी गुफाएं मौजूद थी और यहीं कहीं तांडव कबीले के लोगों का एक गुप्त ठिकाना भी होता है सारी जानकारी को जानकर वह लोग गुरुकुल को छोड़ देते हैं और जंगल की ओर निकल पड़ते हैं यहा दूसरी तरफ जंगल में तांडव कबीले के वरिष्ठ लोगों की एक सभा चालू होती है जहां पर कालीचरण के साथ-साथ उससे भी ज्यादा वरिष्ठ लोग मौजूद होते हैं वह सारे आकाश चरण के योद्धा थे कालीचरण अपनी जगह से उठकर उन सब से कहता है भाइयों हम आज सब यहां पर एक ही जरूरी मामले के बारे में चर्चा करने के लिए आए हैं दरअसल भरतपुर राज्य में एक प्रतिभाशाली योद्धा आ गया है और यह आगे चलकर अपने कबीले के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है इस योद्धा ने अपने कई साथियों को मार डाला यहां तक इसने मेरे तलवार का भी कई घंटे तक सामना किया है यह सुनकर उस सभा के लोग आश्चर्यचकित होकर एक दूसरे की तरफ देखने लगे क्योंकि कालीचरण की तलवार बहुत ही खतरनाक होती है और बहुत ही कम लोग ही उस तलवार का सामना कर सकते हैं वह आगे कहता है कि हम लोगों को इस पर इनाम जारी करना होगा वह भी जिंदा और मुर्दा पर वह कौन है जो तुम्हारी तलवार का सामना कर सकता है उन तांडव कबीले के वरिष्ठों में से एक ने कालीचरण से सवाल पूछा वह एक 16 साल का गुरुकुल का योद्धा है नाम है गर्व दीक्षित यह सुनकर सारे और भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं और सब लोग के गर्व के नाम को सुपारी की सूची में शामिल करने के लिए राजी हो जाते हैं तभी एक जासूस सभा में घुसकर कालीचरण के कान में जाकर कुछ कहता है और उसकी आंखें बड़ी हो जाती है और वह सभा में लोगों को कहता है कि अब शिकार खुद अपनी शिकार करवाने के लिए निकल गया है गर्व दीक्षित गुरुकुल के बाहर जंगल में शिकार के लिए निकल चुका है हमारे जासूसों ने यह खबर दी है मैं आपसे कुछ आकाश मंडल के योद्धाओं की मांग करता हूं जिससे कि हम गर्व दीक्षित को आसानी से मार सके उसकी मांग मान ली जाती है और उसको बीस से तीस आकाश मंडल के योद्धा दे दिए जाते हैं उनके मिलते ही के कालीचरण गर्व की हत्या के लिए जंगल में निकल पड़ता है इन सबसे बेखबर गर्व मंदार और केदार के साथ मंदार पहाड़ियों की तरफ निकल पड़ता है केदार गर्व से कहता है हम मंदार पहाड़ियों की तरफ क्यू जा रहे है वहा पर तो बहुत सारी गुफाएं हैं और कई खतरनाक जानवर वहा पर रहते हैं और भी वहां पर बहुत सारे खतरे हैं फिर क्यों हम वहां जा रहे हैं इतना सुनकर गर्व अपने स्टोरेज रिंग से अपनी बर्फीली तलवार को बाहर निकाल कर उसको एक बड़े पेड़ की तरफ घुमा देता है ऐसा करते ही उस तलवार की नोक से बर्फ निकलना चालू होती है और वह वृक्ष और उसके आजूबाजू के कुछ वृक्ष सभी बर्फ से जम जाते हैं यह देखकर केदार हैरान हो जाता है और वह समझ जाता है कि गर्व को क्या कहना है और वह आगे से कुछ भी नहीं कहता है आधे दिन के अंदर अंदर ही वह लोग मंदार पहाडी पर पहुंच जाते हैं मंडार पहाड़ी की जगह बहुत ही विशाल और विस्तीर्ण थी वह दो सौ से ढाई सौ किलोमीटर की जगह पर बने पहाड़ होते हैं यहां पर कई पहाड़ चार से पांच किलोमीटर तक ऊंचे होते हैं यहां पर अलग-अलग प्रकार के वनस्पति एवं वनौषधिया पाई जाती है जो दुनिया में दूसरी जगह पर नहीं पाए जाते और यहां पर कई खतरनाक पहाड़ी प्राणियों का भी निवास था और साथ ही यहां पर कई सारे बड़ी-बड़ी गुफाएं भी थे जहा पर अलग-अलग खतरनाक प्राणी रहते थे साथ ही पहाड़ों के बीच में से बहने वाले बहुत गहरी नदिया भी थी यह देख देख कर मंदार गर्व से कहता है यह बहुत ही खतरनाक जगह है यहां पर आना हमारे लिए खतरनाक हो सकता है तो गर्व उसे कहता है कि तुम तो बहुत ही ज्यादा चिंता करते हो खतरों से खेल कर ही आदमी वीर कहलाता है और ज्यादा सोचो मत इतना कहकर वो एक पहाड़ी पर चढ़ने लग जाता है जिसकी ऊंचाई करीब 400 मीटर होती है जहां पर एक छोटी सी गुफा बनी होती है वह तीनो भी वहां जाकर थोड़ी देर विश्राम करते हैं और कुछ जंगली जनावर के मांस को खाकर अपना भोजन करते हैं वह भोजन कर ही रहे होते हैं कि उनको कई सारे पक्षियों की एकदम से आवाज आने लगती है वह झट से गुफा में प्रज्वलित अग्नि को बूजाकर बाहर देखने के लिए निकलने वाले होते हैं तभी गर्व दोनों को रोककर स्वयं धीरे-धीरे गुफा के द्वार की तरफ जाता है और धीरे-धीरे से वृक्ष की बड़ी पत्तियों को सर में लपेट कर कर वहा पर एक छेद करता है और उस छेद से वह बाहर की तरफ देखता है बाहर का नजारा देखकर वह हैरान हो जाता है क्योंकि बाहर कई बड़े-बड़े बाज पक्षी हवा में घूम रहे होते हैं और उन बाज पक्षियों के पीठ के ऊपर तांडव कबीले के हत्यारे होते हैं हर एक बार पक्षी के ऊपर एक हत्यारा होता है साथ ही पर्वत के नीचे भी हजारों की संख्या में हत्यारे खतरनाक जंगली जानवरों के साथ खड़े होते हैं वह सब उनके पालतू जानवर होते हैं इन सब हत्यारों ने खतरनाक जंगली प्राणियों को अपना पालतू बना लिया था उनके पास खतरनाक हथियार होते हैं सबको पता चल चुका होता है कि गर्व मंदार पहाड़ियों पर मौजूद है पर उन्हे यह नहीं पता होता है कि वह गर्व इन पहाड़ियों पर कहां पर है क्युकी यह पहाड़ियों का परिसर बहुत ही विशाल होता है साथ ही यहां पर कई गुफाएं भी होती है यहां पर किसी को ढूंढना मतलब घास के ढेर में सुई ढूंढने के बराबर है यह शाम का वक्त होता है दूर क्षितिज पर सूर्य डूबते हुए दिखता है तभी एक बड़ी सी बिजली आसमान में कड़कती है और सारे बाज पक्षी पर खड़े और पहाड़ियों के नीचे खड़े हत्यारे आसमान की तरफ देखते हैं तो वहां पर एक बड़े बाज पक्षी पर सवार एक चमकीले चांदी के कवच को पहने व्यक्ति को वह वहां पर आते हुए देखते हैं यह देखते ही तांडव कबीले के हत्यारे उसके नाम का शोर करना चालू करते हैं