पर वह डालियों की संख्या ज्यादा होने के कारण वह उन तीरो से अच्छे से बचाव कर पा रहे थे और इतने सारी डालियो के कारण ही बाज पक्षियों को वहां उड़ने में मुश्किल हो रही थी वहा तो असली पक्षी तो वह तीनो लग रहे थे वह उन डालीयो के ऊपर से ऐसे खुद फांद रहे थे कि मानो वह कोई आदमी ना होकर वह कोई पक्षी हो वह आकाश मंडल में होने के कारण पेड़ों की डालियों पर चलना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं होता है यहां पर तो मुश्किल बाज पक्षी और उन पर बैठे हत्यारों की हो रही थी क्युकी वह आसमान में ऊंचाई पर उड़ने वाले पक्षी थे वह जंगलों के बीच में आड़ा तिरछा नहीं उड़ सकते थे यही कमी उनकी इस वक्त सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती है उनकी इसी कमी को वह तीनो भी भाप लेते हैं और वह पेड़ों पर ऊपर की तरफ भागते भागते ही बाज पक्षियों पर चाकू से हमला करना चालू कर देते हैं यह चाकू पांच सेंटीमीटर बड़े होते हैं उन तीनों के हर एक के पास ऐसे करीब दोसौ चाकू होते हैं उन चाकुओं को गर्व ने स्टोरेज रिंग में रहकर तलवारों को काट काट कर बनाया था उसने उन चाकूओ को तलवारों की तेज धार को काटकर बनाया था यह चाकू इस वक्त उनके बहुत काम आ रहे थे इन हत्यारों की सबसे बड़ी ताकत उनके बाज पक्षी थे जिन पर कई सारे हत्यारे खड़े थे वह तीनों भी एक एक बाज पक्षियों को अपने चाकुओं से निशाना बनाते जा रहे थे और एक एक पक्षी चाकू लगने से नीचे गिरते जा रहे थे उसके साथ साथ उन पर बैठे हत्यारे भी जमीन पर गिरते जा रहे थे वह तीनों भी किसी भूत के साए की तरह पहाड़ों के ऊपर की तरफ जा रहे थे यह देखकर कालीचरण तिलमिला उठता है और वह उन तीनों का पहाड़ की चोटी पर पहुंचने का इंतजार करता है क्योंकि वह पेड़ों की डालियों पर से भागते भागते आखिर पहाड़ की चोटी पर ही पहुंच जाएंगे और फिर वह सारी तरफ से हत्यारों से घिर जाएंगे इतने सारे घिरे हुए हत्यारों से बचकर जाना उन तीनों के लिए असंभव होगा यही सोच कर वह पहाड़ी की चोटी पर जाकर उनकी राह देखने लगता है उसका यह अंदाज गलत हो जाता है जल्द ही गर्व मंदार और केदार पहाड़ी के ऊपर ना जाकर बाएं तरफ मुड़ जाते हैं और बाएं तरफ भागने लगते हैं और साथ ही जो हत्यारे पेड़ों पर चढ़ने वाले होते हैं उनको भी मारते जा रहे थे यह देखकर कालीचरण को और भी ज्यादा गुस्सा आ जाता है क्या यह तीनों मुझे पागल समझ रहे है मैं इनके पीछे इतनी देर से पढ़ा हूं पर यह मेरे हाथ में ही नहीं लग रहे है तभी उसे दिखाई पड़ता है कि वह तीनों जिस दिशा में भाग रहे थे उस दिशा में सामने की तरफ पहाड़ों पर कोई भी पेड़ पौधे नहीं थे यह बड़े आश्चर्य की बात होती है कि एक पहाड़ पर करीब सौ मीटर के लंबे और ऊंचे पेड़ होते है और दूसरी तरफ के पहाड़ पर एक घास भी नहीं है उस तरफ पहाड़ पर सिर्फ पत्थर थे वह पूरे पहाड़ ही पत्थर के बने हुए होते हैं और आगे की तरफ तो पहाड़ों के बीच दस मीटर का अंतर था यह देखकर वह अपने पक्षी के साथ उड़कर वह तीनों जिस दिशा में भाग रहे थे उस दिशा के आखिरी पेड़ पर जाकर रुकता है और वह अपनी तलवार में बिजली को इकट्ठा करने लग जाता है जैसे ही वह तीनों कालीचरण के सामने आते हैं कालीचरण अपनी तलवार को पूरी ताकत से उन तीनों पर वार कर देता है सारे हत्यारों को लगा कि यह तीनों तो गए पर आगे का नजारा देखकर उनके होश उड़ जाते हैं कालीचरण के इस वार का उन तीनों पर कोई भी असर नहीं होता बल्कि वह तीनों तो अब पत्थर की पहाड़ियों पर से भागे जा रहे थे आखिर क्या हुआ कैसे हुआ किसी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था यह सब गर्व के ही होशियारी होती है उसको पहले से पता चल गया था कि कालीचरण सामने उनका इंतजार कर रहा है और वहां उन पर बिजली का वार करने वाला है इसलिए वह पहले से ही मंदार केदार को आगाह कर देता है वह जैसे ही कालीचरण के पास पहुंचते हैं तभी गर्व मंदार और केदार को अपने स्टोरेज दिन के अंदर भेज देता है और अपने बर्फ की तलवार को कालीचरण के तलवार के आगे कर देता है जिससे एक विस्फोट होकर आजू बाजू के पेड़ो की डालीया टूट जाती है कालीचरण की इसी हैरानी का फायदा उठाते हुए गर्व जाते जाते कालीचरण के पिछवाड़े पर लात मारकर पत्थरों की पहाड़ी पर आगे बढ़ जाता है और साथ ही मंदार केदार को भी स्टोरेज रिंग से बाहर निकाल देता है यह इतनी तेज गति से होता है कि उन हत्यारों को कुछ समझ ही नहीं आता है कि क्या हुआ पर वह जब समझ जाते हैं तब तक देर हो जाती है और वहां पाते हैं कि उन तीनों की बजाय कालीचरण की एक पेड़ पर लटका हुआ होता है इसके बाद कालीचरण की गुस्से की कोई सीमा नहीं होती गुस्से के मारे उसके चेहरे की सारी नसें ऊपर आ जाती है आखिर उन तीनों को पकड़ने और मारने के लिए उसने क्या क्या नहीं किया पर यह कमीने में हमेशा ही उसको उल्लू बना कर भाग जाते हैं इस बार तो वह मन में ही ठान लेता है कि कुछ भी हो जाए वह इन तीनों को बिल्कुल भी जाने नहीं देगा और इनको वह मार डालेगा वह जल्द ही अपने बाज पक्षी पर बैठकर उनके तरफ पीछा करने लगता है और साथ ही बाकी के हत्यारे भी हजारों की तादाद में कालीचरण के पीछे पीछे उन तीनों का पीछा करने लगते हैं कालीचरण जल्द ही उन तीनों के करीब पहुंच जाता है और उसके पीछे जमीन से चलने वाले हत्यारे भी उन पत्थरों की पहाड़ी पर उन तीनों का पीछा करने लगते हैं और और साथ ही कई सारे बाज पर बैठे हत्यारे भी उन तीनों का पीछा करने लगते हैं भले ही गर्व और मंदार केदार ने कई सारे बाज पक्षियों को मार गिराया था और पर वह सारे बाज पक्षियों को मार नहीं पाए पर उनकी संख्या पहले से आधी हो गई थी इतने सारे हत्यारे सिर्फ तीन लोगों का पीछा करते हुए ऐसा लग रहा था कि कोई दारू पीकर मद मस्त हुए हाथियों का झुंड किसी मुर्गियों का पीछा कर रहा है जल्द ही कालीचरण उन तीनों के पास पहुंच जाता है और आसमान से ही उन पर अपनी तलवार चला देता है ऐसा करते ही उसके तलवार में से एक बिजली की तेज धार निकलकर उन तीनों की तरफ बढ़ने लगती है गर्व कि आने वाले खतरे को भापने की बहुत ही कमाल की क्षमता होती है इसी की वजह से उसने अपने पिछले जन्म में कई सारे लाजवाब काम किए थे और यह प्रतिभा इस जन्म में भी उसके साथ थी इस वक्त भी वह आने वाले खतरे को जल्द ही भाप जाता है और मंदार केदार को संकेत करके दूसरी पत्थर की पहाड़ी पर कूद जाता है और उसके साथ मंदार केदार भी दूसरे पहाड़ी पर कूद जाते हैं उन दो पहाड़ियों के बीच का अंतर सिर्फ दस मीटर का होता है और उस दो पहाड़ियों के बीच गहरी खाई होती है वह बिजली की धार उन तीनों पर टकराने की बजाय वह पत्थर पर जाकर लगती है और चारों तरफ पत्थर बिखर जाते हैं इन पत्थरों से ही कहीं हत्यारों की जगह पर ही जान चली जाती है और कई सारे हत्यारों का संतुलन बिगड़ पहाड़ों के ऊपर से नीचे गहरी खाई में गिरने लगते हैं और मर जाते हैं इन सब पर कालीचरण का बिल्कुल भी ध्यान नहीं जाता है वह उनकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करता है वह फिर से पूरे त्वेश के साथ उन तीनों का पीछा करने लग जाता है वह इस समय बहुत ही ज्यादा गुस्से में होता है गुस्सा इस वक्त उसके पूरे दिमाग में हावी हुआ होता है वह इस वक्त अपने सोचने समझने की शक्ति को पूरी तरह से गंवा चुका होता है वह फिर से अपनी तलवार से एक तेज बिजली की धार को उन तीनों की तरफ फेक देता है इस बार भी गर्व इस खतरे को पहले ही भाप चुका होता है और वह तीनों ही दूसरी पहाड़ी पर छलांग लगा देते हैं इस बार भी पत्थर के हवा में उड़ने से कई सारे बाज पक्षी और पत्थरों पर चलने वाले हत्यारे मारे जाते हैं और वह नीचे खाई में गिरने लग जाते है बीच-बीच में बाज पक्षी पर बैठे हत्यारे भी उन पर तीरो से हमला कर रहे थे परंतु उन तीरो का सामना गर्व हवा में ही बर्फ की दीवार बनाकर करते जा रहा था यह बर्फ पत्थर पर गिरकर पिघलते जा रहे थे और इस पर से फिसल कर कई सारे हत्यारे खाई में गिरते जा रहे थे या देखकर वक्त मिलते ही गर्व दोनों पहाड़ों पर बर्फ की चादर बिछाते जा रहा था जिससे कि हत्यारों को पहाड़ों पर से दौड़ना मुश्किल हो जाए और वह फिसल कर नीचे खाई में गिर जाए इस बर्फ की वजह से कई सारे सैकड़ों हत्यारे खाई में गिरते जा रहे थे उनकी चीख-पुकार पूरी खाई में गूंजती जा रही थी फिर भी वह हत्यारे उनका पीछा नहीं छोड़ रहे थे वह नीचे खाई में गिरने वाले हत्यारों पर कोई भी ध्यान नहीं देते और उन तीनों के पीछे पूरी ताकत से पड़ जाते हैं जल्दी यह पत्थर वाले पहाड़ों की जगह खत्म हो जाती है और वह सारे यह पाते है कि उनके सामने कई ऊंचे ऊंचे पहाड़ आ गए हैं किसी को पता नहीं होता है कि यहां पर इतने ऊंचे पर्वत भी हो सकते हैं सारे लोगों को पता होता है कि यहां पर तीन-चार किलोमीटर ऊंचे ही पर्वत होते हैं पर यहां तो उस से भी ज्यादा ऊंचे पर्वत दिखाई दे रहे थे इस पहाड़ियों पर गहरा कोहरा छाया हुआ था इस वजह से यहां दूर से अदृश्य दिखाई दे रहे थे और इस जगह के पर्वतों की गहरे कोहरे के कारण उनकी ऊंचाई का भी कोई पता नहीं लग पा रहा था तभी गर्व मंदार और केदार को संकेत करके इन पर्वतों में ऊंचाई पर चढ़ने लगता है और उनके पीछे पीछे मंदार केदार भी ऊंचाई की तरफ बढ़ने लगते हैं तभी गर्व रुक जाता है और स्टोरेज रिंग से हत्यारों की पोशाखे निकालता है और उनको खुद पहनकर मंदार केदार को भी वह पहनने के लिए देता है यह वही पोशाक थे जिनको गर्व ने तांडव कबीले के अड्डे से चुराया था पोशाख ही नहीं बल्कि उसने कई सारे हथियार कवच जानवरों की कीमती अंग और सोने और चांदी के भी कई मुद्राएं चोरी करके अपने स्टोरेज रिंग में जमा की होती है यह देख दोनो भी डर जाते हैं कि क्या हमें वापस से उन हत्यारों के समूह में शामिल तो नहीं होना है क्योंकि उनका पिछला अनुभव तो नर्क से भी बदतर होता है नहीं हम सभी उनमें शामिल नहीं होंगे बल्कि हम में से किसी एक को उनमें शामिल होना होगा और बाकी 2 लोगों को उनका ध्यान बटाना होगा जिससे कि उनके समूह में शामिल अपने आदमी पर किसी का शक ना हो और मौका मिलते ही वह उन हत्यारों के समूह से बाहर निकल कर वापस भरतपुर राज्य में जाकर राजा को इस बात की जानकारी देनी होगी क्योंकि इतने सारे हत्यारों का सिर्फ अपने तीनों से सामना नहीं हो सकता है हमें राज्य की सेना की मदद लेनी होगी अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हम इसी पहाड़ों पर मारे जाएंगे और किसी को हमारी लाश भी नहीं मिलेगी इस बात को सुनकर मंदार केदार शांत हो जाते हैं और वह दोनों भी गर्व कि इस योजना से सहमत हो जाते हैं पर सवाल तो यह था कि तांडव कबीले में फिर से शामिल आखिर कौन होगा गर्व तो उन में शामिल नहीं हो सकता क्योंकि वह हत्यारों का यहां पर ध्यान भटकाने के लिए जरूरी था इसकी जिम्मेदारी मंदार और केदार में से एक को लेनी होगी