वह पक्षियों का नेता भी अपनी जगह से दूसरी तरफ जाने लगता है उसको वहां से जाता देख कर गर्व जल्दी से अपनी बर्फीली तलवार की मदद से एक बर्फ की दीवार बनाकर उस पक्षियों के नेता की गर्दन को हवा में ही एक जगह पर स्थिर कर देता है अपने नेता की जान को खतरा है देख कर वहां मौजूद सारे पक्षी हड़बड़ा जाते हैं और गर्व की तरफ लपक पडते हैं पर अब तक बहुत देर हो चुकी थी और वह पक्षी कुछ भी कर पाते इसके पहले ही गर्व पक्षियों की नेता की आंख को अपनी तलवार की मदद से चीरते हुए उसके सर के अंदर दिमाग में पहुंच जाता है यह देखकर वहां मौजूद सारे पक्षी सदमे में आ जाते हैं अभी तक तो सब कुछ सही चल रहा था और देखते ही देखते एक सेकेंड के अंदर उनके नेता की आंख फट गई थी वह तो चीख भी नहीं पाए उन्हे चीखने का भी वक्त नहीं मिला वह आगे कुछ सोच पाते उससे पहले ही गर्व उस पक्षी की दूसरी आंख को फोड़कर उस पक्षी के सर से बाहर आ जाता है उसके बाहर आते ही वहां पर मौजूद सभी पक्षियों मन में डर उत्पन्न हो जाता है और वह कुछ भी समझ पाते गर्व तेजी से उस पक्षियों के नेता को छोड़कर बाकी के पक्षीयो की तरफ भीड़ जाता है वह पक्षियों का नेता आसमान से ही जमीन पर गिरना चालू होता है गर्व वहा मौजुद बाकी के सारे पक्षियों को मार कर एक पक्षी की गर्दन पकड़ता है और उसकी मदद से वह भी आसमान से नीचे जमीन पर आने लगता है उस पक्षियों के नेता को आसमान से नीचे गिरता हुआ देखकर वहां मौजूद तांडव कबिले के हत्यारों में और बाज पक्षियों में सनसनी फैल जाती है जिस की दोनों आंखें गायब होती है और उसकी आंखों में से उसके शरीर का खून निकलते जा रहा था वह सारे घबराकर वहां से भागना चालू करते हैं वह बाज पक्षियों का नेता आसमान से गिरते हुए नीचे जमीन पर आकर गिरता है वह पक्षी बहुत ही बड़ा था उसके जमीन पर गिरते हैं उस जमीन पर 30 मीटर से भी लंबा गड्ढा बन जाता है और उसकी वजह से आसपास की हवा में धूल उड़ने लग जाती है वह सारे सैनिक और वीरसेन उस पक्षियों के नेता की लाश के पास आते है उनको तो यकीन नहीं हो पा रहा था कि कैसे एक किशोर युवक ने अकेले ही इतने बड़े पक्षी को मार दिया तभी उन्हें आसमान में एक पक्षी की चीखने की आवाज आने लगती है और वह सारे ऊपर की ओर देखने लगते हैं वह देखते हैं कि गर्व एक पक्षी के ऊपर खड़े होकर उसकी गर्दन पकड़कर नीचे आ रहा है वह जल्द ही उस पक्षी के नेता की लाश के पास आता है नीचे आते ही वह जिस पक्षी की मदद से वह नीचे आया था उसकी गर्दन को अपने हाथों से पूरा दबाकर उसको मार देता है और उसकी एक झटके में मौत होकर उसकी आवाज हमेशा के लिए शांत हो जाती है वीरसेन के साथ-साथ बाकी के सैनिक भी गर्व की तरफ अपनी आंखें बड़ी बड़ी करके देखे जा रहे थे उन्हें बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि इस किशोर युवक ने इतने बड़े पक्षियों के नेता की अकेली हत्या कर दी थी वीरसेन सोचने लग जाता है कि अगर उसके जैसे 10 लोग भी इस पक्षियों के नेता पर हमला किया होता तो वह 10 लोग मिलकर भी इस पक्षी को मार नहीं पाते उसे तो अपनी सोच पर बड़ी शर्म आ रही थी पर तभी वहां घोड़ों की दौड़ने की आवाज आने लगती है वह सारे भरतपुर राज्य के सैनिक थे वह उस जगह आते हैं जहां पर वह पक्षीयो का नेता मरा पड़ा था वह वीरसेन को पहचान जाते हैं और उनके सामने अपना सर झुका देते हैं वीरसेन उन सैनिकों से सवाल पूछता है कि आखिर यहां पर क्या हुआ और इतने सारे हत्यारों ने एकदम से यहां पर हमला क्यों किया वह सैनिक जवाब देता है कल रात को सारे लोगों के सोने के बाद अचानक इन हत्यारों ने हम पर हमला कर दिया था पता नहीं कहां से एकदम से हजारों की संख्या में यहां पर हत्यारे ही हत्यारे दिखाई दे रहे थे उन सब ने उन हत्यारों का नेता कालीचरण भी शामिल था यह सुनकर गर्व मंदार और केदार की आंखें बड़ी हो गई कि वह कालीचरण अभी तक जिंदा है पर गर्व ने उस कालीचरण को बुरी तरीके से घायल किया था इतनी जल्दी यह ठीक कैसे हो गया वह सैनिक आगे कहता है उन सारे हत्यारों ने मिलकर हमारे शहर के सुरक्षा रक्षकों को मार दिया था और वह सारे शहर के मुख्य भाग की तरफ बढ़ रहे थे हमारे राज्य की सुरक्षा के लिए हमें बहुत ही कठिन निर्णय लेना पड़ा और शहर के सुरक्षा कवच को सक्रिय करना पड़ा यह सुरक्षा कवच सिर्फ 50 किलोमीटर के दायरे को ही सुरक्षा प्रदान करता है वह बाकी की 20 किलोमीटर की सुरक्षा नहीं कर सकता इस कारण या शहर का बाकी का हिस्सा इन तांडव कबिले के हत्यारों का शिकार बन गया अगर हम रात को सुरक्षा कवच को सक्रिय नहीं करते तो वह हत्यारे मुख्य शहर में आ जाते हैं और रात में ही लाखों लोगों की बलि चढ़ जाती वह हत्यारे हम कल रात को फिर आएंगे इतना कह कर वह यहां से चले गए हम सारे सैनिक सुरक्षा कवच के अंदर खड़े होकर पहरा दे रहे थे तभी हमें यहां पर लड़ाई करने की आवाज है और हम भागे भागे यहां पर आए तभी वीर सेन उस सैनिक से पूछता है राजा वीर प्रताप सिंह और सेनापति यशोधन कैसे हैं क्या उन्हें कुछ हुआ तो नहीं नहीं वह सब ठीक है हमारे गुप्त चरों ने पहले ही उनको जानकारी दे दी थी और वह सारे सुरक्षित है उस सैनिक ने कहा ठीक है अब हमें जल्दी से अपने राज्य में वापस जाकर आज रात की युद्ध के लिए तैयारी करनी होगी इतना कह कर वह सारे सैनिक और वीर सेन वापस राजमहल के लिए जाने के लिए निकल पड़ते हैं गर्व तभी उन्हें रोकता है और कहता है हमें इस मरे हुए पक्षी को भी लेकर जाना चाहिए यह भले ही मरा हो पर इसका मृत शरीर अपने बहुत ही काम आ सकता है अब तक विरसेन को गर्व पर भरोसा हो गया था वह समझ गया था कि गर्व कोई साधारण इंसान नहीं है वह 50 सैनिकों को उस पक्षी को शरीर को उठाकर राज्य में लाने के लिए कहता है गर्व भी उन सारे सैनिकों की मदद करता है और वह भी बाकी के सैनिकों के साथ साथ उसके शरीर को उठाता है वह पक्षी बहुत ही भारी था उसका वजन 50 टन से भी ज्यादा होता है पर वह सारे आकाश मंडल के योद्धा होने के कारण वह सारे मिलकर आसानी से उसके शरीर को उठाकर मुख्य शहर की तरफ बढ़ने लगते हैं वह जैसे ही मुख्य शहर की ओर पहुंचते हैं वह देखते हैं कि सारा शहर एक किसी पारदर्शी चादर से ढका हुआ होता है और बीच-बीच में उस पारदर्शी चादर में से खिड़की जैसी जगह बंद चालू हो रही थी जिससे कि हवा अंदर बाहर आ जा सके बाकी के तरफ पूरी आग लगी हुई थी पर उसका उस पारदर्शी चादर पर कोई भी प्रभाव नहीं पड रहा था वह पारदर्शी चादर एक ऊर्जा की लहर होती है जिसके आर पर कोई भी जा नहीं सकता अगर कोई भी वहां से जाने का प्रयास करेगा तो वही जलकर मर जाएगा एक प्रकाश की किरण राजमहल से आसमान में 4 किलोमीटर की ऊंचाई पर जाकर वह रोशनी चारों बाजू में फैल रही थी और वही रोशनी पूरे शहर को एक पारदर्शी चादर बनाकर शहर की सुरक्षा कर रही थी यह देखकर गर्व चौक गया था इतना अच्छा तंत्रज्ञान उसके जमाने में तो सिर्फ मध्यमवर्ग के राज्यों के पास ही था यह तो अब भरतपुर जैसे छोटे राज्य के पास भी आ गई थी उसके मरने के बाद तंत्रज्ञान ने काफी प्रगति कर ली है पता नहीं अब बड़े राज्यों के पास किस तरह का तंत्रज्ञान होगा और उसको अपनी सच्चाई का पता लगाने के लिए किन किन मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा वह सारे सैनिक उस पारदर्शी चादर के पास पहुच जाते हैं उनके वहां पर पहुंचते ही उस चादर में एक 25 मीटर लंबा दरवाजा खुल जाता है और उनमें से वह सारे सैनिक और गर्व अंदर प्रवेश कर जाते हैं उनके अंदर प्रवेश करते ही वह पारदर्शी चादर का दरवाजा अपने आप बंद भी हो जाता है और वहां पर पहले जैसी पारदर्शी चादर में से ऊर्जा की लहर बहते जा रही थी गर्व देखता है कि कई सारे लोग सड़कों पर आकर विलाप करते जा रहे थे उर्जा की उस दीवार के पार जो लोग मरे थे वह यहां पर किसी ना किसी के रिश्तेदार लगते थे किसी का भाई किसी की मां किसी की बहन पिता बेटे बेटियां वह उन हत्यारों के हाथों रात को मारे गए थे कई सारी औरतों को वह हत्यारे उठाकर चले गए थे सारे लोगों को मार दिया गया वह लोग लाशे भी अंतिम संस्कार के लिए उठा नहीं सकते थे क्योंकि उन्हें वहां पर जला कर मार डाला गया था सारे लोगों के हाथ पर काट कर यहां वहां फेंक दिए गए थे किसी की लाश से भी उन्हें पहचान में नहीं आ रही थी सारे तरफ औरतों के रोने की आवाज आ रही थी कहीं कहीं पर तो गर्व मुर्दाबाद गर्व मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे क्योंकि चारों तरफ यह बात फैल चुकी थी कि गर्व ने जंगल में शिकार करने के बहाने उन तांडव कबिले के हत्यारों को भड़काया है वह हत्यारे इसी का बदला शहर पर हमला करके ले रहे हैं अपने नाम के मुर्दाबाद के नारे लगते हुए देख गर्व डर गया था मंदार और केदार को भी यह सुनकर झटका लग जाता है वह गर्व को उन सैनिकों के बीच में छुपा देते हैं जल्द ही वह सारे सैनिक राजमहल में पहुंच जाते हैं वह देखते हैं कि यहां पर हजारों की तादाद में सैनिकों की भीड़ लगी हुई थी वह सैनिक अपने हाथों में कई तरह की अलग-अलग खतरनाक हथियार लेकर खड़े हुए होते हैं और साथ ही इस राजमहल की एक अलग ऊर्जा की दीवार से सुरक्षा की जा रही होती है वह निली ऊर्जा की लहर होती है अगर इस दीवार को कोई छू भी ले तो वह तुरंत ही जलकर मर जाएगा वहां पर केंद्रीय सैनिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं होते हैं और उनके साथ उनके गुरु भी होते हैं वह भी अपने कवच और हथियार लेकर वहां पर तैयार होते हैं गर्व के गुरु सूर्यकुमार भी वहां पर मौजूद होते हैं पर गर्व उनके तरफ जाता नहीं है वह सारे सैनिकों के बीच में ही रहता है वह सारे सैनिक राजमहल में आने वाले हर एक रास्ते पर खड़े होकर राजमहल की सुरक्षा कर रहे थे सारे सैनिकों को वहां आते हुए देखकर राजमहल के मुख्य दरवाजे पर खड़ा सिपाही उन सैनिकों को पूछता है तुम कौन हो और तुम्हारा यहापर क्या काम है यह सुनकर उप सेनापति वीर सेन भीड़ के बीच में से उसके सामने आ जाता है वीरसेन को देखकर वह सिपाही लज्जित हो जाता है क्योंकि उसने बहुत ऊंचे आवाज में उन सैनिकों से बात की थी