अगर उन भेड़िया मानव ने तुम्हें काट लिया तो तुम भी भेड़िया मानव में परिवर्तित हो जाओगे यह सुनकर तो उस वैज्ञानिक की आश्चर्य से आंखें बड़ी हो गई थी उसने अपनी पूरी जिंदगी में कभी भेड़िया मानव को देखा नहीं था पर यह खतरा अभी उसके सामने ही मौजूद होता है वह तुरंत ही अपने बड़े से थैले में से जो कि उसने अपने घर में से लाया था उसमें एक लकड़ी को निकालता है और उसको काट काट कर उस प्रवेश द्वार के कोने में लगाता है इसके बाद वह फिर अपने थैले में से एक धागे को निकालकर उस प्रवेश द्वार की लकड़ी पर बांधता है और इस धागे के दूसरे सिरे को वह उस नीली ऊर्जा के यंत्र में एक जगह पर पर बांधकर यंत्र को चालू करता है यंत्र के चालू होते ही वह धागा एकदम से पूरा नीला होता है और थोड़ी देर बाद उसमें से नीली ऊर्जा प्रवाहित होती है वह नीली ऊर्जा सीधे जाकर उस सुरंग के प्रवेश द्वार की लकड़ी पर जाती है और देखते ही देखते उस प्रवेश द्वार पर एक नीली ऊर्जा की दीवार बन जाती है गर्व फिर उस सुरंग की उर्जा की दीवार पर एक चाकू फेककर मारता है और पर उस नीली ऊर्जा की दीवार पर टकराकर वह चाकू पूरा पिघल कर नीचे गिर जाता है उस नीली ऊर्जा की शक्ति को देखकर गर्व की आंखें है हैरानी से बड़ी हो गई थी इसके बाद वह वैज्ञानिक विक्रांत गर्व से कहता है क्या इतना ही काम था और कोई काम हो तो बताओ नहीं तो क्या मैं अपने घर में जा सकता हूं गर्व को अभी भी काफी अजीब लग रहा था उसे कुछ तो बुरा होने का एहसास हो रहा था पता नहीं क्यों पर उसकी आत्मा उसे बार-बार कुछ बुरा होने का संकेत दे रही थी इस वक्त वह वैज्ञानिक गर्व के बहुत काम आ सकता था आज रात को कभी भी कुछ भी हो सकता है गर्व उस वैज्ञानिक को कहता है नहीं अभी तुम्हारा काम नहीं हुआ है आज पूरी रात तुम्हें हमारे साथ ही रहना है और कुछ भी हो जाए अपनी आंखें बिल्कुल मत लगाना क्योंकि यह हमारे राज्य के लिए करने और मरने का समय है इसके बाद गर्व उस वैज्ञानिक को अपने स्टोरेज रिंग में से एक जड़ी-बूटी निकाल कर देता है और वह उसे उस वैज्ञानिक को खाने के लिए कहता है यह वही जड़ी बूटी होती है जिसको गर्व ने इन सैनिकों की मूर्छा हटाने के लिए दी थी पर इस जड़ी बूटी की ताकत कम होती है क्योंकि उस वैज्ञानिक के शारीरिक शक्ति का स्तर भी कम होता है उस जड़ी-बूटी को खाकर उस वैज्ञानिक की मूर्छा एकदम से गायब हो जाती है उसे अपने शरीर में ऊर्जा महसूस हो रही थी कि उसे अपने शरीर में इतनी ऊर्जा महसूस हो रही थी की वह पूरे 2 दिन लगातार बिना रुके दौड़ सकता है इसके बाद उस वैज्ञानिक के मन के प्रति गर्व के प्रति आश्चर्य के भाव आ गए एक वैज्ञानिक समुदाय का होने के कारण उसको कई सारे विषयों का ज्ञान था उसको थोड़ा सा आयुर्विज्ञान के विषय का भी ज्ञान होता है उसे उस जड़ी बूटी के बारे में पता था जिसको खाकर किसी की मूर्छा और बेहोशी चुटकी बजाते ही गायब हो जाती है पर वह जड़ी-बूटी बनाने वाले सिर्फ बड़े देशों में ही पाए जाते हैं फिर इसके बारे में अपने राज्य के किसी लोह मानव के सैनिक को कैसे पता है वह वैज्ञानिक इस वक्त यह नहीं देख सकता था कि उस लोह मानव के अंदर कौन है गर्व लोह मानव के अंदर रहते हुए बाहर की सारी चीजें देख सकता था परंतु बाहर का कोई भी उस महामानव के अंदर मौजूद सैनिक का चेहरा नहीं देख सकता था गर्व ने उस वैज्ञानिक के चेहरे के भाव को पढ़ लिया था पर वो उसके तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देता है वह वहां मौजूद एक लोह मानव को विक्रांत को सुरक्षा दीवार पर छोड़कर आने के लिए कहता है वह उसको सुरक्षा दीवार पर छोड़ता है इसके बाद गर्व वहां पर मौजूद सारे कैदियों को वापस अपने स्टोरेज रिंग में भेजना चालू करता है वह कारागार के मुख्य दरवाजे को खुला ही रहने का आदेश देता है इसके बाद गर्व कारागार के बाहर के खुली जगह पर टहलने जाता है क्योंकि उसे बहुत देर से अजीब अजीब लग रहा होता है उसे लगा कि थोड़ा टहलने से उसे कुछ अच्छा महसूस होगा वह बाहर टहल ही रहा होता है तभी उसे आसमान में कोई चीज उड़ते हुए दिखाई दे रही होती है और वह चीज कुछ भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे नहीं दे रही थी वह चीज शहर के नीले सुरक्षा कवच के बाहर उड़ रही होती है क्योंकि यह कारागार राज्य के उस नीले सुरक्षा कवच के पास ही होता है इसीलिए उसे उस नीले सुरक्षा कवच के पार देखना गर्व के लिए मुश्किल होते जा रहा था वह आसमान में उड़ रही चीज धीरे-धीरे नीचे आना चालू होती है वहां पर आसमान में काफी घने काले बादल छाए हुए थे घने काले बादलों में से वह चीज लगातार इधर-उधर उड़ रही होती है गर्व को इसके बारे में कुछ शक होता है और वह तुरंत ही वैज्ञानिक विक्रांत को सुरक्षा दीवार के नीचे लाने का आदेश देता है उसके नीचे आते ही गर्व तुरंत ही उस वैज्ञानिक को अपने स्टोरेज के अंदर भेजता है उसके स्टोरेज रिंग के अंदर जाते ही वह राज्य के सुरक्षा कवच के बाहर उड़ रही नीचे आते जाती हैं गर्व सारे लोह मानव को सतर्क कर के कारागार के मुख्य दरवाजे को खोलने का आदेश देता है पर वह सैनिक ऐसे कैसे किसी का भी आदेश मान सकते थे वह सैनिक गर्व की तरफ देख कर कहते हैं तुम हमारे नेता नहीं हो हम कैसे तुम्हारा आदेश माने केदार इस वक्त गर्व के आवाज में गंभीरता का एहसास कर रहा होता है वह तेजी से मंदार की आवाज निकाल कर उन सैनिकों से कहता है जल्दी करो बात मानो और यह जैसा कहता है वैसा वैसा करते जाओ उसका आदेश मिलते ही वहां मौजूद सारे सैनिक कारागार के मुख्य दरवाजे को खोल देते हैं वह फिर कारागार के अंदर मौजूद सारे लोह मानवों को कारागार की मुख्य इमारत के बाहर आने के लिए कहता है वहां मौजूद उस लोह मानव के आदेश को बाकी सारे लोह मानवो को मानता दुआ देखकर वहां मौजूद आकाश मंडल के सैनिकों को आश्चर्य हो गया था यहां पर तो मंदार ही प्रमुख था पर वह सारे लोह मानव इस दूसरे लोह मानव का आदेश क्यों मान रहे हैं और उन सारे लोह मानव के चाल ढाल में बहुत ही गंभीरता दिख रही थी भले ही वह सैनिक उन लोह मानव के चेहरे नहीं देख पा रहे हो पर उनकी चाल ढाल से वह सारे काफी गंभीर लग रहे थे गर्व अभी भी ऊपर आसमान में नीली ऊर्जा के सुरक्षा कवच के बाहर देख रहा था फिर वहां मौजूद सारे सैनिकों के साथ-साथ वह सारे लोह मानव भी गर्व जिस दिशा में आसमान में देख रहा था उसी दिशा में वह सारे देखने को लग जाते हैं वह सारे देखते हैं कि सारे आसमान में काले बादल मंडरा रहे होते हैं और उन काले बादलों में से एक गहरी काली आकृति यहां वहां घूम रही होती है उसके यहां वहां घूमने से वह बादल आसमान में इधर उधर फैलते जा रहे थे यह देखकर गर्व के साथ साथ सारे सैनिक और लोह मानव सतर्क हो गए अचानक उन काले बादलों में से बिजलीया चमकना चालू हो जाती है सारा आसमान काले बादलों के बीच में से बिजलियो के कड़कड़ाने से चमकते जा रहा था साथ में उस अंधेरे में काले बादल भी चमकते जा रहे थे अचानक से वह जमीन जहां पर कारागार बना होता है वह थरथराना चालू होती है और वहां आसमान में जो काली आकृति होती है वह अचानक आसमान में एक जगह स्थिर हो जाती है और उसके आसपास मौजूद काले बादल उससे दूर होते जा रहे थे गर्व तुरंत ही राजा को आपातकाल का संदेश भेजने को कहता है तुरंत ही कारागार के बाहर सैनिक जोर-जोर से धन धन की आवाज में नगाड़ा बजाना चालू करते हैं पूरे आसपास के परिसर में यह नगाड़े की आवाज गूंज जाती है यह दुश्मन के देखने का संदेश होता है और पूरे राज्य में एक ही खलबली मच जाती है राज्य के सारे लोग डर कर अपने घरों में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर देते हैं शहर के सारे रास्ते सुनसान हो जाते हैं एक पल में ही सारे शहर का नजारा एकदम से बदल जाता है कारागार से राजमहल तक का अंतर 30 किलोमीटर से भी ज्यादा था इस वक्त राजा को इस जगह पर आने के लिए काफी वक्त लग जाएगा और तब तक यहां मौजूद सैनिकों को ही यहां का मोर्चा संभालना होगा अचानक से वह पूरे कारागार की जमीन जोर-जोर से हिलना चालू होती है ऐसा लग रहा था मानो यह जमीन कभी भी फटकर नीचे गिर जाएगी इसके बाद गर्व वहां मौजूद सारे सैनिकों को कारागार के बाहर जाने का आदेश देता है उसका आदेश मानकर सारे सैनीक कारागार के सुरक्षा दीवार के बाहर चले जाते हैं यहां पर सिर्फ गर्व और बाकी के लोह मानव बचे हुए थे अचानक गर्व देखता है कि आसमान में जो काली आकृति एक जगह स्थिर हो गई थी वह धीरे धीरे कर कर नीचे आती जा रही थी वह देखते हैं कि यह एक बहुत ही बड़ा पक्षी था जिस पक्षियों के राजा को गर्व ने पहले मारा था उससे भी 2 गुना बड़ा पक्षी था नहीं नहीं यह कालीचरण नहीं हो सकता गर्व और केदार दोनों के मन में यह बात एक साथ आ गई और उन्होंने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर वह आसमान में उस आकृति की तरफ देखने लगे क्योंकि यह पक्षी कालीचरण के पक्षी से भी 2 गुना बड़ा था जो कि आसमान में 40 मीटर से भी ज्यादा का अंतर लेकर उड़ रहा होता है वह जैसे जैसे नीचे आ रहा होता है वह सारे देखते हैं कि इस पक्षी के पूरे पैर भी काले होते हैं यहां तक उसके पंजे के नाखून भी काले ही होते हैं वह धीरे-धीरे नीचे आ रहा था अचानक काले बादलों में से वह लोग दो तेज प्रकाश की किरणों को देखते हैं यह देखकर उन्हें आश्चर्य का झटका लग जाता है क्युकी यह कोई प्रकाश नहीं था बल्कि यह तो उस पक्षी के आंखें हैं जिनमें से तेज बिजली प्रवाहित होते जा रही थी और वह इतने दूर होते हुए भी नीचे खड़े लोगों को आसानी से दिख रही थी वह रोशनी काफी दूर तक फैल रही थी यहां तक कि उसके सामने वह नीली ऊर्जा का सुरक्षा दीवार की रोशनी भी फीकी पड़ गई थी उस रोशनी को देखकर नीचे खड़े सारे सैनिक आश्चर्यचकित हो गए थे उन्होंने ऐसा नजारा अपनी पूरी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा था अचानक वह पक्षी काले बादलों में उड़ते हुए नीचे आने लगता है उन्हें लगा कि इसके पीठ के ऊपर कोई होगा पर उसके पीठ के ऊपर कोई भी दिख नहीं रहा था गर्व को लगा कि यह बाज पक्षी ही इन तांडव कबीले के लोगों का प्रमुख तो नहीं है और अचानक उसके पीठ के ऊपर दो चीजें तेज रोशनी के साथ चमकना चालू होती है वह रोशनी तलवार से निकलते जा रही थी