इसके बाद उस पक्षी के शरीर में थोड़ी हलचल होती है पर वह अभी भी कमजोर होता है इसके बाद गर्व उस पक्षी के पडजीभ पर लात मारता है जिससे कि वह पक्षी जोर से खासता है उसके खसते ही गर्व उसके मुंह से बाहर निकल जाता है गर्व उसके मुंह से बाहर निकल कर बाहर आ जाता है इस वक्त वह पक्षी गर्व के आंखों में आंखें डाल कर घूरे जा रहा था गर्व भी उस पक्षी की आंखों में ही देखते जा रहा था वह पक्षी समझ गया था कि इस आदमी ने ही उसकी जान बचाई है फिर वह अपने घाव की तरफ देखता है वह पूरी तरह से ठीक हो चुका था वहां पर सिर्फ घाव के निशान ही थे फिर वह पक्षी गर्व के आंखों में आंखें डाल कर देखता है वह नजरों से ही आपस में ही इशारा करते हैं फिर वह पक्षी गर्व के सामने अपनी गर्दन झुका लेता है यह इशारा होता है कि वह इस युद्ध में गर्व का साथ देने के लिए तैयार है फिर गर्व उसके कान के ऊपर अपना पैर रखकर उसके सर के ऊपर चढ़ जाता है और वहां पर पक्षी के मालिक की जो जगह होती है जिस पर पक्षी का मालक बैठता है वहां पर बैठ जाता है इसके बाद वह पक्षी जोर से चिंघाड़ता है और इमारतों के बीच में से ऊपर की ओर छलांग मार देता है इस पक्षी की चिंघाड़ बहुत ही ऊंची आवाज की होती है जो कि पूरे गुफा गुफा में फैल जाती है जिसकी वजह से सारे लोगों का ध्यान उस पक्षी की ओर चला जाता है इस वक्त कालीचरण अपने पक्षी के साथ लोह मानवों के पीछे पड़ा हुआ होता है वह लोह मानव इमारतों के अंदर घुस कर तांडव कबीले के हत्यारों से लड़ते जा रहे थे और उनके पीछे कालीचरण पड़ा हुआ था कालीचरण ने दस पंद्रह लोह मानवों के ऊपर बिजली से हमला किया था जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी इसी कारण वह लोह मानव इमारत के अंदर जाकर लड़ रहे थे और कालीचरण के वार से अपना बचाव करते जा रहे थे राजा वीर प्रताप सिंह के पक्षी के चिंघाड़ने की आवाज से वहां मौजूद सारे लोग चौक जाते हैं उन लोगों को तो यकीन नहीं हो रहा था कि यह वही राजा का पक्षी है जिसको कालीचरण के पक्षी ने घायल किया था कालीचरण के पक्षी की आंखें भी बड़ी हो गई थी उसे तो यकीन नहीं हो रहा था कि यह अब तक जिंदा कैसे है फिर कालीचरण भी अपने पक्षी के साथ जाता है और वह राजा के पक्षी की तरफ बढ़ने लगता है राजा का पक्षी भी ऊपर उड़ जाता है और कालीचरण के पक्षी की तरफ उड़ जाता है वह एक दूसरे की तरफ तेजी से बढ़ रहे होते हैं इस वक्त कालीचरण ने अपनी एक तलवार को अपनी पक्षी के सर पर रखा होता है और उस तलवार में से लगातार बिजलीया उस पक्षी के सर में प्रवाहित होते जा रहे थे गर्व भी अपने बर्फीली तलवार की मदद से राजा के पक्षी के पूरे शरीर के ऊपर एक बर्फीला सुरक्षा कवच बना देता है वह दोनो बाज पक्षी आवाज की गति से भी तेज गति से एक दूसरे के ऊपर टकरा जाते हैं वह जैसे ही एक दूसरे के ऊपर टकराते हैं आठों दिशाओं में उर्जा कि एक तरंग फैल जाती है यह तरंग इतनी मजबूत होती है की इन पक्षियों के नीचे बने हुए पत्थरो की इमारत किसी कांच के बंगले की तरह बिखर कर नीचे गिर गई इसके बाद उन 2 पक्षियों में और कालीचरण और गर्व में एक तूफानी जंग छिड़ गई कालीचरण लगातार गर्व पर बिजलीयो का हमला करते जाता और गर्व उसका जवाब बर्फ की चट्टान बनाकर देते जाता वह दो पक्षी भी एक दूसरे की तरफ चोंच और पैर के पंजों से हमला करते जाते इस वक्त कालीचरण के बाज पक्षी के पूरे शरीर में बिजलीया दौड़ते जा रही थी पर वह बिजली राजा के पक्षी का कुछ भी नहीं बिगाड़ पा रही थी क्योंकि गर्व ने राजा के पक्षी के पूरे शरीर पर बर्फ का मोटा सुरक्षा कवच बनाया था नीचे लोह मानव और तांडव कबीले के हत्यारों में भी जंग छिड़ी हुई होती है अचानक राजा का पक्षी कालीचरण के पक्षी की गर्दन जकड़ लेता है और वह उसको पकड़े हुए एक इमारत की छत के ऊपर की तरफ लेकर जा रहा था वह उसको उस इमारत की छत पर टकराने वाला था कालीचरण यह बात समझ गया और वह गर्व के पक्षी पर अपनी तलवार से बिजलीयो का हमला करने लगा तभी गर्व कालीचरण के पक्षी के पीठ पर छलांग मारता है और कालीचरण के तरफ बढ़ता है वह अपनी तलवार से कालीचरण पर वार करके उसका ध्यान भटकाता है और तभी राजा का पक्षी कालीचरण के पक्षी के गर्दन को पकड़कर सीधा एक पांच मंजिला इमारत के छत पर टकरा देता है उसके वजह से उस इमारत की छत टूट कर वह चारों उस इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर पहुंच जाते हैं पर टक्कर की गति ज्यादा होने के कारण वह ऊपरी मंजिल टूट जाती है वह चारों उस इमारत की हर एक मंजिल को तोड़ते हुए नीचे जमीन पर आ जाते हैं इसकी वजह से वह 5 माह मंजिला इमारत टूटकर यहां वहां बिखर जाती है इसके बाद चारों नीचे जमीन पर ही युद्ध करने लग जाते हैं कालीचरण के पक्षी का पूरा शरीर काले नीले रंग में चमकता जा रहा था राजा के पक्षी के पास कोई खास ताकत नहीं होती है पर उसके शरीर में बहुत ज्यादा शारीरिक शक्ति होती है इन लोगों के युद्ध की जगह पर कोई भी दूसरा जाने की हिम्मत नहीं कर रहा होता है फिर गर्व अपने चाकूओ की नोक में से कालीचरण के पक्षी पर नीली ऊर्जा की गोलियां छोड़ना चालू करता है फिर कालीचरण तुरंत ही अपनी तलवार को अपने पक्षी के सिर पर रखता है जिसके वजह से उस पक्षी पर एक बिजली का सुरक्षा कवच बनता है और यह नीली गोलिया कालीचरण के पक्षी का कुछ भी बिगाड़ नहीं पाती फिर गर्व अपनी बर्फीली तलवार से कालीचरण के ऊपर वार करता है पर कालीचरण इस वार को अपने दूसरे हाथ में पकड़े तलवार से रोक देता है तभी राजा का पक्षी कालीचरण के पक्षी को एक जोरदार लात मारता है जिससे कालीचरण के पक्षी के साथ-साथ कालीचरण भी हवा में उड़ जाता है और वह एक इमारत से टकरा जाते हैं जिससे कि वह इमारत पूरी टूट कर नीचे गिर जाती है तभी गर्व को राजा की तलवार दिखाई देती है वह राजा के पक्षी के साथ उस तलवार की तरफ जाता है और उसे उठाने का प्रयास करता है पर वह हर तलवार बहुत ही भारी होती है गर्व अपने शरीर के पूर्ण ताकत का इस्तेमाल करते हुए भी उस तलवार को उठा नहीं पा रहा था तभी राजा का पक्षी गर्व कि आंखों में देखता है गर्व उसका इशारा समझ जाता है और बाजू खड़ा हो जाता है फिर वह राजा का पक्षी उस तलवार की तरफ जाता है उस तलवार की पकड़ को अपने पंजों में फंसाता है और एक ही झटके में उसको जमीन से उखड़ता है उस तलवार को जमीन से उखाडते ही वह जोर से चिंघाड़ता है जैसे कि उसने बहुत बड़ा काम किया हो उसके चिंघाड़ते ही उसकी गूंज पूरे दिशा में फैल जाती है फिर गर्व तुरंत ही राजा के पक्षी के पीठ पर बैठता है और कालीचरण के पक्षी की तरफ तेजी से जाने लगता है कालीचरण का पक्षी भी तेजी से राजा के पक्षी की तरफ उड़ जाता है वो फिर से आपस में टकरा जाते हैं और इस बार राजा के पक्षी ने अपने पंजों में फसी हुई तलवार से कालीचरण के पक्षी के ऊपर हमला किया था जिसके कारण उसके शरीर में एक घाव हो गया था उसके शरीर से खून निकलने लगा अपनी पक्षी के शरीर से खून निकलता हुआ देखकर कालीचरण घबरा गया और वहां से तेजी से बाहर की ओर भागने लगा वह इस गुफा के बाहर निकलने वाले रास्ते के तरफ बढ़ने लगा उसके पीछे पीछे गर्व भी भागने लगा गर्व लगातार कालीचरण के पक्षी के ऊपर नीली उर्जा की गोलियों को बरसा रहा था पर कालीचरण अपनी पक्षी के शरीर पर बिजली का सुरक्षा कवच बनाकर इन गोलियों को विफल करते जा रहा था कालीचरण अपने पक्षी से इस गुफा से बाहर निकल गया उसके पीछे-पीछे गर्व भी इस गुफा से बाहर निकल गया गर्व को लगा कि वह तो अब खुली हवा में आ गया होगा पर उसका अंदाज निकला वह फिर से एक दूसरी गुफा आ गया यहां पर भी कई सारी इमारतें बनी हुई थी और उनमें तांडव कबीले के हत्यारे रह रहे थे ऐसा लग रहा था कि कई यह कोई हत्यारों का शहर ही वहां पर बसा हो जहां देखो वहां हत्यारे ही हत्यारे दिख रहे थे इनकी लोकसंख्या तो राज्य के सारे लोगों से भी ज्यादा हो सकती थी अगर यह लोग चाहे तो पूरे शहर को लूट सकते थे यहां पर जगह-जगह पर कई सारे सोने और चांदीयो के सिक्कों का ढेर लगा हुआ था उन हत्यारों ने इन्हें लूट कर यहां लाया होगा ऐसा लग रहा था कि यह तांडव कबीले के हत्यारों का अड्डा है वह यहां से ही अपना सारा काम करते हैं कालीचरण का पक्षी कई सारे गुफाओं के अंदर से जाता है वह एक के बाद एक गुफाओं में से जा रहा था इन गुफाओं में से गर्व को या तो हत्यारे दिखते या तो भेड़िया मानव कालीचरण को ऐसे उड़ते हुए देखकर वह सारे हत्यारे और भेड़िया मानव उसका पीछा करते जा रहे थे कालीचरण इस वक्त पाच छह गुफाओं में से गुजरा था और हर गुफाओं में गर्व को पहले से कुछ अलग नजारा दिखाई दिया था कोई कोई चीजों के बारे में तो गर्व को भी मालूम नहीं था कि यह क्या चीज है तीन चार गुफाएं तो एकदम खाली थी वहां पर कोई भी आदमी नहीं होता है वहा पर दीवारों पर एक बड़े आकार के गोले लगे हुए थे और वे चमकते जा रहे थे पाच छह गुफाओं के बाहर निकलने के बाद आखिर में कालीचरण जमीन की सतह पर पहुंच ही गया है यहां पर जंगल था और पास में मंदार पहाड़िया भी दिख रही थी गर्व अब समझा कि कैसे मंदार पहाड़ियों पर इन हत्यारों की संख्या कम ही नहीं हो रही थी क्योंकि उनका अड्डा इन पहाड़ियों के पास ही था वे हर रोज सैकड़ों की तादाद में कालीचरण की मदद के लिए हत्यारों को भेजते होंगे इसलिए गर्व उन पहाड़ियों पर कितने भी हत्यारों को मारता वह कम ही नहीं हो रहे थे जमीन की सतह पर आते ही वह कालीचरण का पक्षी अचानक ही रुक गया गर्व को कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ वह भी राजा के पक्षी के साथ हवा में एक जगह स्थिर हो गया राजा का पक्षी अभी भी कालीचरण की तरफ बढ़ना चाह रहा था पर गर्व उसे एक ही जगह स्थिर होने का आदेश करता है कालीचरण गर्व की तरफ देखकर लगातार घूरे जा रहा था अचानक उसके चेहरे पर हंसी आ जाती है फिर गर्व उससे पूछता है क्यों क्या हो गया क्या एक बच्चे से डर लग गया क्या फिर कालीचरण हंसकर कहता है बच्चे तुम अब हमारी कैद में आ गए हो तुम अब यहां से बिल्कुल भी बचकर नहीं जा सकते झूठ लगता है तो अपने पीछे पलट कर देख लो गर्व जैसे ही पीछे पलट कर देखता है वह देखता है जी गुफा से कई सारे हजारों हत्यारे जमीन पर आते जा रहे थे और वह सब गर्व को घेरते जा रहे थे उनके हाथों में कई सारे तीर धनुष होते और वह सारे गर्व की तरफ अपनी तीर की नोक करे हुए थे गर्व जैसे ही पीछे देखता है वैसे ही कालीचरण गर्व पर एक बिजली गिरा देता है भले ही गर्व इस बार पीछे देख रहा होता है राजा के पक्षी का पूरा ध्यान कालीचरण के ही ऊपर था क्योंकि उसने ही राजा फिर प्रताप सिंह को घायल किया था गर्व को जैसे ही अपनी गलती का एहसास होता है वह अपना पूरा ध्यान सिर्फ कालीचरण पर ही लगाता है