उस पक्षी का शरीर ऐसा लग रहा था कि मानो वह बहुत बड़ा स्टोरेज हो जो कि किसी दूसरे के शरीर को अपने अंदर समा कर उसकी पूरी ऊर्जा को अपने शरीर में सोख लेता है उस पक्षी ने कई सारे भेड़िया मानव को अपने शरीर के अंदर समाया था और उन सारे भेड़िया मानव की शक्ति को सोख लिया था फिर कालीचरण धीरे-धीरे करके आगे बढ़ता है और एक ही छलांग में वह उस पक्षी के सिर पर जाकर बैठ जाता है उसका सर जमीन से 30 मीटर की ऊंचाई पर था और कालीचरण ने उस ऊंचाई को एक ही छलांग में पार कर दिया था उसके सर पर पहुंचने के बाद वह पीछे मुड़कर नीचे खड़े हुए गर्व की तरफ देखता है कालीचरण की आंखें इस वक्त गुस्से से धधक रही होती है गर्व भी उसकी तरफ गुस्से से देख रहा होता है सच तो यह है कि गर्व इस समय यहां से भागना चाहता था और जाकर किसी इमारत के अंदर छिपना चाहता था पर अगर वह ऐसा करता तो कालीचरण फिर राजा के पक्षी और बाहर मौजूद सारे लोह मानव की तरफ बढ़ जाता और फिर उनकी जान को तो भगवान भी बचा नहीं सकते थे फिर कालीचरण मंत्र का उच्चारण करता है उसके मंत्र का उच्चारण करते ही गर्व और कालीचरण के बीच मौजूद लाल ऊर्जा की दीवार गायब हो जाती है दीवार के गायब होते ही कालीचरण का पक्षी अपने दोनों पंखों को हवा में फैला कर जोर से चिंघाड़ता है और उसके पंखों में से फिर से बिजली हवा में चारों तरफ फैल जाती है गर्व भी इस समय उस पक्षी के 30 मीटर की दूरी पर खड़ा हुआ होता है उसने अपने पैरों को जमीन में पूरी तरह से गाड़ दिए थे उसके माथे पर से पसीना टपकते जा रहा था इस वक्त गर्व को कालीचरण और उसके पक्षी के बारे में डर लगते जा रहा था पर फिर भी वह अपनी पूर्ण क्षमता से उस पक्षी और कालीचरण का सामना करने का निर्णय लेता है फिर कालीचरण अपनी तलवार को नोक को गर्व के तरफ करता है गर्व के तरफ तलवार की नोक करते ही वह बाज पक्षी अपने पंखों को फड़फड़ाते हुए गर्व की तरफ उड़ जाता है उसके पंखों के फड़फड़ाने से उसके आजू बाजू हवा में बिजलिया फैल गई थी और वह गर्व की तरफ बढ़े जा रहा था उसने आधे सेकंड के भी कम समय में गर्व को उड़ते हुए अपने पंजों की मदद से जकड़ लिया गर्व ने अपनी जगह से दूर जाने की कोशिश की थी पर उसका प्रयास विफल हो गया था उस पक्षी ने 30 मीटर की दूरी आधे सेकंड से भी कम समय में पार की थी और गर्व तक पहुंच गया था गर्व की गति इतनी ज्यादा नहीं होती है और वह पक्षी गर्व को पकड़कर ऊपर उड़ जाता है वह पक्षी जहां भी उड़ रहा था उसके पंखों में से बिजलीया हवा में फैलती जा रही थी वह पक्षी गर्व को लेकर सीधा एक 15 मंजिल इमारत पत्थर से बनी हुई इमारत के तरफ लेकर जा रहा था और देखते ही देखते उसने गर्व के शरीर को उस इमारत की दीवार से भिड़ा दिया इसके वजह से गर्व के शरीर के हाथ पैर की नसे सुन्न हो गई थी और उसकी एक पीठ की हड्डी भी टूट गई वह पक्षी गर्व को लेकर उस दीवार पर टकराकर रुकता नहीं है उसने गर्व को अभी भी अपने पंजों में जकड़ा हुआ था वह गर्व को लेकर उस इमारत की हर दीवार को तोड़ते हुए आगे बढ़े जा रहा था देखते ही देखते उस पक्षी ने गर्व को पकड़े हुए उस इमारत की हर दीवार को तोड़ दिया और अब वह उसको लेकर दूसरी इमारत की दीवार की तरफ लेकर जा रहा था जिस पहली इमारत पर गर्व टकराया था वह पूरी इमारत टुकड़ों में बिखर गई है और वह टूट कर नीचे गिरती जा रही थी इस पक्षी की ताकत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई थी इस बात पक्षी को ताकत तो पहले से भी 2 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई थी यह देखकर गर्व की आंखें चौड़ी हो गई उसे लगा कि इस पक्षी की पहले की तरह ही ताकत होगी और वह अपनी तरकीबो का इस्तेमाल करके कैसे भी उस पक्षी और कालीचरण को रोक ही लेगा इसलिए वह वहां पर खड़ा हुआ था पर उसे क्या पता था कि इस पक्षी की पहले से 2 गुना ज्यादा ताकत हो जाएगी वह कालीचरण का बाज पक्षी गर्व को लेकर दूसरी इमारत की दीवार पर लेकर जा रहा था यह इमारत भी 15 मंजिला ऊंची होती है और यह भी पूरे पत्थर की बनी होती है गर्व ने अपने हाथों से उस बाज पक्षी के 1 नाखून को पकड़ लिया और वह अपनी पूर्ण शक्ति से उसके पैर के नाखून को अपने शरीर पर से दूर करने की कोशिश कर रहा था पर उसके पैर का नाखून तनिक भी अपनी जगह से हिलता नहीं और फिर एक बार कालीचरण का पक्षी गर्व को लेकर एक ऊंची इमारत की दीवार पर मार देता है और उस इमारत की हर दीवार को तोड़ते हुए वह आगे बढ़ते जा रहा था इस इमारत के अंदर कई सारे सोने के सिक्के होते हैं एक कमरे के अंदर से जाते समय गर्व के चारों तरफ सोने के सिक्के जमा हो गए पर वह कालीचरण का पक्षी बिल्कुल भी नहीं रुकता नही है उसे और कालीचरण को उस सोने के सिक्कों की बिल्कुल भी परवाह नहीं होती है उन्हें तो बस गर्व को तड़पाना था वह दोनों भी गर्व की हर एक हड्डी को तोड़ कर रख देना चाहते थे उस पक्षी की शरीर से निकलती हुई बिजलीयो के कारण वहां रखा हुआ सोना पिघलना चालू हो गया था और वह पूरा पिघला हुआ सोना उस इमारत की टूटे हुए पत्थरों में से नीचे जमीन पर गिरते जा रहा था वह पिघला हुआ सोना गर्व के घाव पे लग गया जिससे की उसके घाव और बड़े हो गए और वह दर्द के कारण चीख पड़ा उसके शरीर के घाव के कारण उसका दर्द और बढ़ गया फिर वह पक्षी गर्व को गुफा में और ऊपर की तरफ उड़ा कर ले जाता है और हवा में एक जगह स्थिर हो जाता है वह अपने पंखों को फड़फड़ाते हुए हवा में एक जगह पर पूरी तरह से स्थिर हो गया था फिर कालीचरण उस पक्षी के सिर के ऊपर से गर्व की तरफ देखता है उसके चेहरे पर एक बेरहम मुस्कुराहट होती है कालीचरण उसके पक्षी के सर पर से छलांग मारकर सीधा अपने पक्षी के ऊपर पंजों पर छलांग मारता है जहां पर उसने उस पक्षी ने गर्व को पकड़ कर रखा था वह गर्व के सर के बालों को पकड़कर उसको सर से ऊपर उठाता है और उससे पूछता है बताओ वह सारे स्टोरेज रिंग कहां पर है अगर तुमने बता दिया कि वह स्टोरिंग कहां पर है तो मैं तुमको और यहां मौजूद सारे सैनिकों को जिंदा वापस जाने दूंगा तुम अच्छे से जानते हो कि यहां पर तुम सबकी जान मेरे हाथों में है अगर मैं चाहूं तो चुटकी बजाकर तुम सबकी जान ले सकता हूं जैसा कि मैं अभी तुम्हारी ले सकता हूं फिर कालीचरण का पक्षी उड़ते हुए अपने पंजों को हल्का सा दबा देता है जिसके कारण गर्व के शरीर में दर्द उत्पन्न हो जाता है और गर्व दर्द के कारण चीख पड़ता है फिर गर्व कालीचरण के तरफ दिखाकर उससे सवाल पूछता है मैं बता दूंगा कि वह स्टोरेज रिंग कहां पर है पर पहले मैं तुमसे कुछ पूछना चाहता हूं फिर कालीचरण कहता है वैसे तो इस वक्त तुम्हारी जान मेरे हाथों में है मैं चाहूं तो तुम्हें तड़पा तड़पा कर तुम्हारे मुंह से सारा सच उगलवा सकता हूं पर फिर भी पूछो कि तुम्हें क्या पूछना चाहते हो फिर गर्व करहाते हुए पूछता है वह स्टोरेज रिंग इतनी खास क्यों है कि तुम मेरी जान लेने के बदले तुम उस स्टोरेज रिंग के बारे में मुझसे सवाल पूछ रहे हो यह सवाल सुनकर कालीचरण एक गहरी सांस लेकर कहता है यह काफी पुरानी बात है मानो कि वह कोई गंभीर बात कर रहा हो वह आगे कहता है इस बात को 500 सालों से भी ज्यादा हो गए हैं हमारे तांडव कबीले में उस वक्त एक बहुत ही महान योगगपुरुष हुए थे उन्होंने कई सालों तक पानी के अंदर जाकर बिना सांस लेते हुए कड़ी तपस्या की थी जिसके कारण उन्हें जलदेव प्रसन्न हो गए थे और जलदेव ने उन्हें स्टोरेज रिंग बनाने का वरदान दे दिया था साथ में और भी कई सारी शक्तियों का वरदान दिया था वह इतनी बड़ी स्टोरेज रिंग बना सके सकते थे कि उसके अंदर एक 100 किलोमीटर लंबा शहर भी आराम से बस सकता है यह सुनकर तो गर्व की आंखें आश्चर्य से बड़ी हो गई इतनी बड़ी स्टोरेज रिंग यह तो सच में काफी बड़ी जगह है तो फिर गर्व कालीचरण से पूछता है उन युगपुरुष का नाम क्या है क्या मैं उन महानुभाव का नाम जान सकता हूं फिर कालीचरण गुस्से से गर्व की तरफ देखकर कहता है तुम्हे ज्यादा सवाल जवाब करने की जरूरत नहीं है पहले ही तुम जरूरत से ज्यादा जान गए हो और चुपचाप सारे स्टोरेज रिंग को मेरे हवाले कर दो नहीं तो मैं तुम्हें इतना तड़पाऊंगा इतना तड़पाऊंगा इतना तड़पाऊगा कि मुझे भी नहीं मालूम कि मैं तुम्हें कितना तड़पाऊगा तुम सोच भी नहीं सकते कि मैं तुम्हें कितना तड़प आऊंगा फिर गर्व एक गहरी सांस लेता है और एक इमारत की तरफ अपनी उंगली को कर देता है कालीचरण जैसे ही उस इमारत की तरफ देखता है वैसे ही उसके चेहरे का रंग ही बदल जाता है ऐसा लग रहा था कि उसका बहुत बड़ा काम सफल हो गया हो वह सच में स्टोरेज रिंग के बारे में बहुत ही फिकर रहा था फिर कालीचरण हंसते हुए गर्व की तरफ देखता है उसी समय उसके मुंह पर बर्फ की चट्टान आकर लगती है कालीचरण गर्व से कुछ कहने वाला था पर उसी समय उस बर्फ की चट्टान से उसका गाल सूज गया था यह तो कहने की बात नहीं की थी एक बार उस जगह का पता चल जाने के बाद कालीचरण गर्व को जिंदा नहीं छोड़ने वाला था पर गर्व ने कालीचरण को स्टोरेज रिंग का असली पता नहीं बताया था वह सारी स्टोरेज रिंग गर्व के पास ही थी और वह गर्व के कपड़ों के अंदर छुपी हुई होती है इस वक्त गर्व ने कालीचरण की फिर से बेज्जती की थी गर्व ने अपने जादुई शक्ति से बर्फीली तलवार को अपने हाथों में प्रकट किया था उसी के मदत से घरवाले गर्व ने कालीचरण के चेहरे पर बर्फ की चट्टान मारी थी ऐसा लगता है कि तुझे अपनी जिंदगी से प्यार नहीं है तुझे मरने का बड़ा शौक है मैं तेरी इच्छा को जल्द ही पूरा कर देता हूं और वो भी बड़े प्यार से कालीचरण फिर से अपने पक्षी के सिर के ऊपर जाता है और वह अपने पक्षी को आदेश देता है