कालीचरण का आदेश मिलते ही वह पक्षी गर्व को अपने पंजों में जकड़ लेता है जिससे कि वह भाग ना सके और वह पक्षी गर्व को लेकर फिर से एक ऊंची इमारत की दीवार की तरफ उड़ते हुए लेकर जाने लगता है गर्व की इस वक्त पीठ की एक हड्डी टूट चुकी थी और हाथ पैर की बहुत सारी नसें सुन्न हो चुकी थी और उसके शरीर में कई सारी जगह चोटें आई हुई थी अगर वह अभी मर जाता तो बाद में कालीचरण को उसके स्टोरेज रिंग में मौजूद राजा वीर प्रताप सिंह और बाकी के सैनिकों का भी पता चल जाता और उन की निर्ममता से हत्या कर दी जाति और वह तांडव कबीले के हत्यारे पूरे राज्य पर अपना कब्जा जमा लेते उसे कुछ भी करके इस वक्त अपनी जान बचानि ही होगी वह पक्षी गर्व को लेकर एक ऊंची इमारत की दीवार पर लेकर जा रहा था यह इमारत पत्थरों के साथ-साथ लोहे से बनी हुई होती है और वहा पर लोहे की सलाखें लगी हुई होती है अगर यह सलाखें गर्व के शरीर के अंदर घुस गई तो गर्व की तुरंत ही जान जा सकती है गर्व को तुरंत ही कुछ करना होगा इस वक्त कालीचरण के पक्षी के चेहरे पर काफी घमंड का भाव था तभी उसकी आंखों में बर्फ चली जाती है क्योंकि उसकी आंखों में से बिजली चमक रही होती है बिजली के कारण वह बस बर्फ तुरंत ही पिघल जाती है और उसी कारण उसकी आंखों में तेज दर्द उत्पन्न हो जाता है और उसकी गर्व पर से अपनी पकड़ हल्की हो जाती है इसी का फायदा उठाकर गर्व अपनी पूर्ण शक्ति लगाकर उसकी पंजों को अपने शरीर पर से दूर करता है और एक इमारत की बालकनी के अंदर छलांग मार देता है बालकनी में जाते ही गर्व तुरंत ही उस इमारत के अंदर प्रवेश कर लेता है और अपनी स्टोरेज रिंग में से एक जड़ी बूटी निकालकर उसका सेवन कर लेता है इस जड़ी बूटी की शक्ति बहुत ही ज्यादा होती है जिसके वजह से गर्व के शरीर की शक्ति तेजी से बढ़ने लगती है और वह पहले के जैसे ही हो जाती है दरअसल गर्व ने अपनी जादुई शक्ति से अपनी तलवार को प्रकट किया था और जब कालीचरण के पक्षी की गर्व पर नजर नहीं होती है उसी समय का लाभ उठाकर गर्व ने उस पक्षी की आंख पर बर्फ की चट्टान फेंक दी थी जिसके कारण उसकी गर्व पर से पकड़ ढीली हो गई थी और गर्व ने उसका फायदा उठाकर ही एक इमारत में छलांग मारकर प्रवेश कर लिया गर्व के उस इमारत में प्रवेश करने के बाद भी कालीचरण के पक्षी के आंखों में जलन होती जा रही थी और उसका अपने आप से नियंत्रण छूट गया था और वह पक्षि ऊसी इमारत से टकरा गया जहां पर इस वक्त गर्व मौजूद होता है वह पक्षि उस इमारत की ऊपरी मंजिल पर टकराया था और गर्व इस वक्त उसी इमारत के नीच ले मंजिल पर मौजूद था वह इमारत लगातार कंपन करते हुए हिलती जा रही थी और ऊपर की ओर से पत्थर टूटते हुए नीचे गिरते जा रहे थे गर्व फिर तेजी से अपनी जगह से उठता है और उस इमारत के बाजू मौजूद इमारत के खाली बालकनी में छलांग मार देता है फिर गर्व उसी इमारत की खिड़की के पीछे छुप कर बाहर का नजारा देखने लगता है वह देखता है कि जिस इमारत पर वह कालीचरण का पक्षी टकराया था वह इमारत किसी पत्ते के बंगले की तरह नीचे गिरती जा रही है साथ ही कालीचरण का भी अपने पक्षी पर से पूरा नियंत्रण छूट गया था वह पक्षी इधर-उधर उड़कर कई सारे इमारतों पर टक्कर मारते जा रहा था और उन इमारतों की पत्थर की दीवारें टूट कर नीचे गिरती जा रही थी पर आखिर में कालीचरण का अपने पक्षी पर नियंत्रण आ ही गया फिर वह अपने पक्षी के पंजों पर देखता है पर वहां पर गर्व नहीं था गर्व ने एक बार फिर से एक बार कालीचरण को मूर्ख बना दिया और कालीचरण से सही सलामत अपनी जान बचा कर भाग गया वह इतनी ज्यादा ताकत होने के बावजूद भी गर्व को मार नहीं पा रहा था यह तो उसके लिए काफी शर्म की बात थी फिर कालीचरण ऊपर की तरफ देख कर जोर से चिल्लाता है गर्वव्व्व पर उसने अपने गुस्से पर तुरंत ही काबू पा लिया उसके पास अभी और भी जरूरी काम थे जिन्हें उसे पूरा करना था वह गर्व की दिखाई हुई इमारत की तरफ जाता है जहां पर गर्व ने बताया था कि उसने वहां पर स्टोरेज रिंग को रखा था पर यह नहीं बताया था कि गर्व ने किस मंजिल पर उन स्टोरेज रिंग को रखा था उसे उस मंजिल के हर कोने में जाकर देखना पड़ेगा कि वह स्टोरेज रिंग कहां पर रखी थी गर्व दूर से कालीचरण की इन हरकतों पर नजर रखे हुए था वह देखता है कि इस वक्त कालीचरण एक 17 मंजिल ऊंची इमारत पर अपनी नजर गड़ाए हुए था यह वही इमारत थी जिस इमारत के तरफ गर्व ने अपनी उंगली की थी अगर कालीचरण सच में इस इमारत की खुद ही तलाशी लेगा तो उसको बहुत ज्यादा वक्त लग जाएगा और इसी वक्त का फायदा उठाते हुए गर्व फिर से अपनी पूरी ताकत को पा लेगा वह भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि कालीचरण उस इमारत के अंदर प्रवेश कर जाए तभी उसे लगा कि भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली कालीचरण ने उसके अंदर प्रवेश कर लिया और बाहर उसका पक्षी अभी भी खड़ा था वह आजू-बाजू चारों तरफ अपनी नजर रख रहा था क्योंकि गर्व वही आजू-बाजू ही मौजूद होता है और वह कभी भी कालीचरण पर हमला कर सकता है गर्व को लगा कि उसकी जैसे ही उस पर नजर पड़ने वाली होती है उसके पहले ही वह उस खिड़की से बाजू हट गया उसको लगा कि उस कालीचरण के पक्षी की गर्व पर नजर पड़ गई होगी वह फिर से भगवान से प्रार्थना करने लगा कि उस पक्षी की उस पर नजर ना पड़े इस बार भी भगवान ने गर्व की प्रार्थना सुन ही लीऔर उस कालीचरण की बाज पक्षी की गर्व पर नजर नहीं गई उसने अपनी नजर फिर से चारों तरफ घुमा ली और वह पक्षी उस इमारत के चारों तरफ पहरा देने लगा फिर गर्व ने एक लंबी राहत की सांस लेता है और आगे आने वाले परिस्थिति के बारे में सोचने लग जाता है वह सारे चीजों का हिसाब करने लग जाता है कि आगे क्या होगा क्या-क्या हो सकता है और उसे किस परिस्थिति में किन चीजों का उपयोग करना पड़ सकता है वह होने वाली हर बुरे से बुरे चीजों का हिसाब करने लग जाता है उसने तो यहां तक सोच लिया था कि अगर यहां पर राजा वीर प्रताप सिंह की मौत हो गई तो उसे आगे क्या करना होगा उसके मन में काफी नकारात्मक विचार आते जा रहे थे पर उसे जैसे ही पता चला कि वह बहुत सारे नकारात्मक विचारों के बारे में सोच रहा है उसने अपने मन को फिर से काबू किया और फिर से सकारात्मक विचारों के बारे में सोचने लगा क्योंकि गर्व की ध्यान शक्ति बहुत ही जबरदस्त होती है इसलिए उसको अपने मन में आने वाली विचारों पर भी जबरदस्त नियंत्रण होता है उसने अपने मन में आने वाले नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदल दिया अगर उसकी जगह पर कोई और होता तो वह कालीचरण के सामने कब का घुटने टेक चुका होता और वह तांडव कबीले में शामिल हो गया होता पर गर्व ने अभी भी हार नहीं मानी थी वह कालीचरण के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देते जा रहा था और वह भी लगातार कालीचरण गर्व के तरफ बड़े से बड़ा और खतरनाक हमला करता पर गर्व हमेशा ही कमजोर होने के बावजूद भी अपनी चतुराई से कालीचरण के हर वार का डट कर सामना करता कुछ महीने पहले घायल पड़े हुए गर्व के लिए यह बहुत ही बड़ी बात कि कौन सोच सकता है कि जो कि बिस्तर से अपने शरीर को उठा भी नहीं सकता था वह आज पूरे भरतपुर राज्य पर संकट बनकर आए हुए कालीचरण का इतनी हिम्मत से डटकर सामना कर सकता है वह डटकर कालीचरण का सामना ही नहीं करता है बल्कि कालीचरण के हर वार का मुंहतोड़ जवाब भी देता है यहां तक की कालीचरण से लड़ते-लड़ते राजा वीर प्रताप सिंह भी घायल हो गए अगर वह पूरी रात तक कालीचरण से लड़ता रहा और वह अभी भी नहीं हारा वह भले ही जिता ना हो पर गर्व ने कालीचरण को गुस्सा दिलाने में जरूर कामयाब हो गया जिसकी वजह से कालीचरण को तांडव कबीले के गुप्त तरकीबो को मजबूरी में इस्तेमाल करना पड़ा इसकी वजह से गर्व को तांडव कबीले के वैज्ञानिक प्रगति के बारे में पता चला इन सारी चीजों के बारे में गर्व ने तो सपने में भी नहीं सोचा था इन चीजों को गर्व ने अपनी पिछली जिंदगी में भी नहीं देखा था सच में भरतपुर राज्य से अभी-अभी बने छोटे से राज्य में मौजूद हत्यारों के पास इतनी तकनिक हो सकती है तो यह दुनिया तो काफी बड़ी है तो फिर उनके पास कौन-कौन सी चीजों का ज्ञान हो सकता है गर्व तो इसके बारे में सोच भी नहीं सकता सच में चंद्रमुखी ने सही कहा था कि यह तो अब शुरुआत है आगे से भी ज्यादा कठिनाइयां और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है यही गर्व की जिंदगी की कठिन परीक्षा थी और गर्व को इन कठिन मुश्किलों और परिस्थितियों का डटकर अपने पैरों को जमीन में गाड़े हुए नजर से नजर भिड़ा कर अपनी पूर्ण शक्ति से सामना करना होगा अगर गर्व एक भी समय चूक गया या फिर उसका निर्णय गलत हो गया तो उसके जान के ऊपर खतरा उत्पन्न ना हो सकता है अगर गर्व को अपनी पिछली जिंदगी के मौत का राज जानना है कि वह एक हत्या थी या फिर और कुछ तो गर्व को अपनी पूर्ण शक्ति से उन खतरों की नजरों से अपनी नजरों को मिलाते हुए सामना करना होगा खैर गर्व ने अपने पूरे ध्यान को नकारात्मक विचारों से सकारात्मक विचारों पर केंद्रित कर लिया उसे एक तरकीब भी सूझ गई पहले तो उसने कई सारी जड़ी बूटी का सेवन किया इसी कारण गर्व के शरीर में बहुत ज्यादा शक्ति आ गई फिर उसने पहले वाले स्टोरेज रिंग में प्रवेश किया जहां वैज्ञानिक विक्रांत मौजूद था उसने वैज्ञानिक विक्रांत की मदत से एक नए यंत्र का आविष्कार किया गर्व की तकनीकी ज्ञान को देखकर वैज्ञानिक विक्रांत भी अचंभित रह गया उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कैसे एक किशोर युवक के पास इतना सारा ज्ञान हो सकता है