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ऐसी चीजों के बारे में तो वह खुद भी अपने सपने में भी सोच नहीं सकता था पर उन चीजों के बारे में गर्व ने इतनी कम उम्र में सोच लिया वैज्ञानिक विक्रांत को गर्व की तरफ देखकर आश्चर्य हो रहा था उसने गर्व से पूछा कि तुम्हारे मन में यह तरकीब कहां से आई पर गर्व ने वैज्ञानिक विक्रांत के चेहरे के भाव पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया और वहां से जाते जाते हुए ऊंची आवाज में कहा परिस्थितिया तुम्हे सब कुछ सिखा देती है इसके बाद गर्व स्टोरेज रिंग के बाहर निकल गया इस वक्त वह कालीचरण का पक्षी उस इमारत की निगरानी कर रहा था जहां पर इस वक्त कालीचरण मौजूद होता है और वह गर्व को वहां पर ढूंढ रहा होता है फिर गर्व उस कालीचरण के पक्षी के तरफ देखकर एक सिटी मारता है जिससे उसका ध्यान गर्व पर आ गया था वह देखता है कि गर्व निडर होकर उसकी तरफ बड़ा चला आ रहा था उसके शरीर पर एक बड़ा सा कवच होता है जो कि उसने तांडव कबीले के हत्यारों से ही चुराया था और उस पर कई सारी धागे लिपटे हुए थे जिनसे नीली ऊर्जा प्रवाहित होते जा रही थी आश्चर्य की बात तो यह है कि उस ऊर्जा का गर्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था उस ऊर्जा के कारण गर्व के कवच को गर्म होना चाहिए था पर उस कवच पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ रहा था गर्व को देखकर वह कालीचरण का बाज पक्षी गुस्से से तिलमिला उठा उसे कालीचरण के आदेश का विस्मरण हो गया और वह खुद ही गर्व की तरफ उसे मारने के लिए उड़ गया वह अपने पंखों को फड़ फड़ाते हुए गर्व की तरफ उड़ता जा रहा था जिससे उसके आजू बाजू बिजलियां फैलती जा रही थी वह कालीचरण का पक्षी गर्व के पास पहुंच गया था वह उसको पकड़ने वाला था की गर्व अपने जगह से गायब हो गया और वह कालीचरण का पक्षी सामने की ओर बनी इमारत पर टकरा गया जिसके कारण उस इमारत के पांच मंजिलों की दीवारें टूट गई और वह उस इमारत के अंदर चला गया गर्व को ऐसे गायब होते हुए देखकर वह पक्षी हड़बड़ा गया उसे गर्व के गायब होने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी दरअसल इस वक्त गायब नहीं हुआ था उसने अपने पिछले जन्म में याद किए हुए गति मंत्र का इस्तेमाल किया था जिसके कारण उसकी गति कई गुना ज्यादा बढ़ गई थी और जैसे वह पक्षी गर्व की तरफ आ रहा था गर्व ने अपनी गति मंत्र को सक्रिय कर दिया और अपने बाएं तरफ मौजूद एक इमारत में प्रवेश कर लिया उसकी गति इतनी अधिक हो गई थी की इमारतों के बीच के रास्तों पर चलने के बाद भी वह किसी को दिखाई नहीं दे रहा था उसने पहले ही कई सारी ताकतवर जड़ी बूटियों का सेवन कर लिया था जिसके कारण उसकी शक्ति भी पहले से कई ज्यादा बढ़ चुकी थी कालीचरण ने जैसे ही अपने पक्षी के चिल्लाने की आवाज सुनी वह तेजी से उस इमारत के बाहर निकल गया और अपने पक्षी के तरफ बढ़ने लगा वह तेजी से अपने पक्षी के तरफ जा रहा था पर तभी उसकी पीठ के पीछे एक जोरदार वार हो गया और वह हवा में उड़ गया यह वार इतना शक्तिशाली था कि कालीचरण एक ही बार से एक 10 मंजिला ऊंची इमारत की छत पर जाकर गिर गया इस वार के कारण उसकी पीठ की 10 हड्डियां टूट गई और उसके हड्डियों के टूटने की आवाज चारों तरफ फैल गई वह जैसे ही उस इमारत के छत पर गिरा उसके मुंह से चीख निकल गई भले ही उसकी 10 हड्डियां टूटी हो पर उसके घाव के साथ-साथ उसकी हड्डियां भी वापस जुड़ जाती थी उसके पीठ पर जलने के घाव भी होते हैं और वह भी तेजी से ठीक होते जा रहे थे कालीचरण को तो दिखाई भी नहीं दिया कि उस पर वार किसने किया है और ना ही कालीचरण के पक्षी को कुछ दिखाई पड़ा उसने अपने तरफ आते हुए कालीचरण को जैसे ही हवा में उड़ता हुआ देखा वह तुरंत ही कालीचरण के पीछे उड़ गया और कालीचरण को अपने पंजों से पकड़ कर नीचे जमीन पर ले आया कालीचरण की पीठ पर बहुत ही गहरे घाव हुए थे उसके घाव अभी भी भरते जा रहे थे दरअसल गर्व की गति इस समय काफी बढ़ गई थी वह जैसे ही एक इमारत से बाहर निकल कर दूसरी इमारत में प्रवेश करता उसे कोई भी नहीं देख सकता था पहले उसे कालीचरण के पक्षी की गति के बारे में कुछ पता नहीं था इसलिए गर्व उस पक्षी से मात खा गया और मरते मरते बच गया पर इस वक्त गर्व को कालीचरण के पक्षी की गति का पूर्ण ज्ञान हो चुका था और उसे यह भी पता चल गया कि उससे निपटना कैसे है कालीचरण के पीठ पर जो वार हुआ था वह गर्व ने ही किया था और यह वार गर्व ने गदा का इस्तेमाल करते हुए किया था जिससे उसने उन तांडव कबीले के हत्यारों से ही चुराया था इस गदा का वजन करीब ढाईसौ किलो होता है गर्व ने इस गदा में उस नीली ऊर्जा को प्रवाहित किया था क्योंकि इस गदा का वजन काफी ज्यादा होता है और साथ ही यह गदा काफी बड़ी भी होती है इसलिए इस गदा के सामने की तरफ के भाग में उस नीली ऊर्जा के भरने में वक्त लगता था पर जब उस गदा में वह नीली ऊर्जा पूरी तरह से भर जाती थी इस कथा का वजन 400 किलो का हो गया था और इसी गदा से ही गर्व ने कालीचरण के पीठ पर वार किया था क्योंकि गर्व की गति ज्यादा होने के कारण वह किसी को भी दिखाई नहीं दिया इस वक्त कालीचरण के घाव आधे से भी ज्यादा भर गए थे और वह अपने पैरों पर खड़ा हो गया था उसकी जमीन पर खडे होते ही कालीचरण के पक्षी का सिर गरगराने लगा लगा उसको अचानक से ही चक्कर आने लगा कालीचरण ऊपर की ओर देखता है तो उसे गर्व एक सातवे मंजिल की बालकनी में खड़ा दिखता है वह देखता है कि इस वक्त गर्व के एक हाथ में गदा होती है जिसमे अभी भी नीली ऊर्जा प्रवाहित होते जा रही थी और दूसरे हाथ में वह बर्फीली तलवार होती है गर्व ने ही कालीचरण के पक्षी के सर पर वार किया था जिसके कारण इस वक्त कालीचरण के पक्षी को चक्कर आ रहे थे यह देखकर कालीचरण को बड़ा ही आश्चर्य हुआ वह सोच रहा था कि इसके पास इतनी शक्ति कहां से आई कि इससे एक ही वार से उसके पक्षी को चक्कर आने लगे अभी तो कुछ देर पहले उसके पक्षी ने गर्व की बुरी हालत कर दी थी वह किसी भी गदा में इतनी ताकत नहीं थी की जिसकी वजह से उसके पक्षी को चोट लगे यह सिर्फ पृथ्वी मंडल का योद्धा ही कर सकता है और उसने पहले से ही गर्व की पूरी जानकारी निकाल रखी थी कि वह केवल आकाश मंडल का ही योद्धा होता है तभी उसे गर्व के हाथ में एक गदा दिखती है जो कि तांडव कबीले की ही होती है और उसमे से नीली ऊर्जा लगातार प्रवाहित होती जा रही थी और उसकी चमक बढ़ते जा रही थी कालीचरण समझ गया कि वह उसकी गदा का ही असर है जिसकी वजह से उसके पक्षी के सर पर चोट आ गई फिर कालीचरण अपनी तलवार को हवा में लहराता है जिसके वजह से उसके तलवार में से बिजलीया उत्पन्न होती है और फिर से वह इस तलवार को अपने पक्षी की सिर पर मारता है वह बिजली कालीचरण के तलवार से निकल कर सीधा उस पक्षी के सिर में जा रही थी जिसकी वजह से उस पक्षी का सिर काले नीले रंग से चमकने लगा और उस पक्षी को चक्कर आना भी बंद हो गए फिर कालीचरण अपने पक्षी के सर पर बैठता है और उसको गर्व के तरफ बढ़ने का आदेश देता है कालीचरण का आदेश मिलते ही वह पक्षी तेजी से गर्व की तरफ उड़ान भर देता है इस वक्त गर्व की गदा में भी पूरी नीली उर्जा भर गई थी वह गदा पूरी नीली ऊर्जा की रोशनी से चमकती जा रही थी गर्व भी ऊंची इमारत से अपनी तरफ उड़ते हुए काली चरण के पक्षी पर छलांग मार देता है इस बार कालीचरण का पक्षी गर्व पर अपनी चोंच से वार कर रहा था पर वह गर्व पर अपनी चोंच से वार कर पाता उसके पहले ही गर्व ने उस पक्षी की गर्दन पर रस्सी को लपेट दिया यह वही रस्सी थी जो भेड़िया मानव के पास होती है यह रस्सी तेजी से उस पक्षी की गर्दन पर लिपट गई कालीचरण को भी यह समझ में आ गया कि उसके पक्षी के गर्दन पर गर्व ने रस्सी को लपेटा है वह तुरंत ही एक क्षण का भी समय नहीं गवाते हुए उस रस्सी को काट देता है गर्व उस रस्सी के सहारे हवा में लटका हुआ था उस रस्सी की मदद से गर्व उसकी गर्दन को नीचे करने का प्रयास कर रहा होता है