पर अब रस्सी के कट जाने के बाद गर्व नीचे की तरफ गिर रहा होता है पर तभी कालीचरण का पक्षी दर्द के कारण जोर से चिंघाड़ता है क्योंकि गर्व ने नीचे गिरते गिरते उस पक्षी के पंजों पर अपनी गदा को पूर्ण शक्ति से मारा था उस गदा से सारी नीली ऊर्जा निकलकर उसके पैरों में चली गई थी और उसके पंजों पर घाव हो गया था पर गर्व यही पर नहीं रुकता है उसने उसके घावों को बर्फ की दीवारों से बुझा दिया इसके कारण उसका घाव और भी बढ़ गया और वह जोर-जोर से चीखने लगा गर्व तुझे इस परिस्थिति का लाभ उठाना चाहिए गर्व ने अपने मन ही मन में खुद से कहा उसने फिर तुरंत ही नीचे गिरते-गिरते अपनी अपनी स्टोरेज रिंग में से एक भेड़िया मानव की रस्सी निकाली और उस रस्सी को उस पक्षी के पंजों के घाव पर बांध दिया जिसके कारण उसका घाव बढ़ते जा रहा था पर गर्व उस रस्सी के सहारे एक इमारत की छत की तरफ पहुंच गया कालीचरण अपने तलवार में फिर से बिजली भरे जा रहा था जिसकी मदद से कालीचरण के पक्षी के घाव ठीक होते हैं गर्व उसे कोई भी मौका नहीं देना चाहता था वह जल्द ही उस इमारत की छत पर आ गया और कालीचरण के तरफ अपनी पूर्ण शक्ति से दौड़ पड़ा और उसके पीठ पर अपने गदा से वार किया इस वक्त वह गदा पूरी तरह से नीली ऊर्जा से भरी हुई होती है जो कि कालीचरण की पीठ की तरफ बढ़ रही थी और तभी कालीचरण को खतरे का आभास हो गया और अपने पीठ के ऊपर आने वाली गदा पर उसने पीछे पलटते हुए अपनी दोनों तलवारों से वार किया इस वक्त कालीचरण के दोनों तलवारों में भी बिजली भरी हुई होती है गर्व के गदा की नीली रंग की ऊर्जा और कालीचरण की तलवार की बिजली की उर्जा आपस में टकरा गई जिसके कारण वहां पर एक बड़ा विस्फोट हुआ और चारो तरफ ऊर्जा की तेज लहर फैल गई कालीचरण समझ गया कि इस वक्त गर्व का पगड़ा भारी है इस वक्त उसका पक्षी घायल है और यहां विस्फोट होने से आजू बाजू मौजूद सारी इमारत नीचे की ओर ढहती जा रही है और फिर गर्व भी नीचे ढहती हुई इमारतों के बीच में से उसके तरफ बढ़ रहा था अगर इस वक्त उसने कुछ नहीं किया तो उसके साथ साथ उसके पक्षी की भी जान खतरे में पड़ सकती है गर्व लगातार उसके तरफ तेज गति से बढ़ रहा होता है फिर कालीचरण एक सेकंड का भी समय नहीं गवाते हुए गुफा के लाल दरवाजों को खोलने के मंत्र का उच्चारण करता है गर्व जैसे ही देखता है कि कि यहां पर गुफा के सारे दरवाजे खुल गए हैं वह फिर कालीचरण से अपना ध्यान हटाकर भेड़िया मानवो से लड़ने का नाटक करता है गर्व को भेड़िया मानव के साथ उलझा हुआ देखकर कालीचरण फिर अपने पक्षी के तरफ बढ़ता है फिर से उसने अपने पक्षी के पेट पर अपनी दोनों तलवारे घुसा दी थी और उसके पेट पर एक बड़ा बिजली से बना से प्रवेश द्वार निर्माण हो गया था पर इस वक्त उस प्रवेश द्वार में वहां मौजूद आधे ही भेड़िया मानव जा रहे थे और बाकी के आधे गर्व की तरफ भागे जा रहे थे गर्व ने जब देखा कि इन गुफाओं के प्रवेश द्वार खुल रहे हैं वह तुरंत ही उन गुफाओं के प्रवेश द्वार से बाहर निकल गया दरअसल इस गुफा के अंदर आना गर्व की एक भूल थी उसे राजा के पक्षी और बाकी की लोह मानव के साथ रहकर ही इन तांडव कबीले के हत्यारों का सामना करना चाहिए था क्योंकि उनके पास गर्व की तरह अच्छी योजना बनाने का हुनर नहीं था गर्व ने तांडव कबीले के खजाने के चक्कर में उन सारे सैनिकों की जान को खतरे में डाल दिया और साथ में खुद की भी अगर वह उन सैनिकों के साथ रहकर लड़ता तो उन सब ने साथ मिलकर कई तांडव कबीले के लोगों को पाताल लोक में भेज दिया होता गर्व तुरंत ही इन गुफाओं के बाहर आ जाता है गुफाओं के बाहर अभी भी चारों तरफ भेड़िया मानव ही भेड़िया मानव दिखाई दे रहे थे दूर-दूर तक उनके सिवा कोई भी नजर नहीं आ रहा था गर्व पूरब दिशा की तरफ देखता है तो हाथ वहां पर सूरज क्षितिज पर से उग रहा होता है पर अभी पूरा सवेरा होने को वक्त होता है राजा का पक्षी अभी भी अपने पंजों पर लटके हुए तलवार की मदद से उन भेड़िया मानव को मारे जा रहा था और दूर जंगल की ओर से कई सारे लोह मानवों की भेड़िया मानव से हो रही जंग की आवाज आते जा रही थी वह सारे लोह मानव जंगलों का सहारा लेकर भेड़िया मानव से लड़ते जा रही थे वहां पर मौजूद भेड़िया मानव की जैसे ही गर्व के ऊपर नजर पड़ी वह तुरंत ही गर्व के पीछे पड़ गए राजा के पक्षी की भी गर्व पर नजर पड़ गई उसके शरीर पर कई जगह चोटें आई हुई थी पर उसने हार नहीं मानी थी वह लगातार उन भेड़िया मानव से मुकाबला करते जा रहा था फिर गर्व ने अपने शरीर पर लगे सौ चकुओ का निशाना उन भेड़िया मानवो पर कर दिया उन चाकुओं में से नीली ऊर्जा की गोली निकल कर सीधा उन भेड़िया मानव की आंखों का और गर्दन का निशाना ले रहे थे और वह सारे मारे जा रहे थे वह सारे भेड़िया मानव काफी तेजी से मारे जा रहे थे 10 सेकेंड के अंदर गर्व ने 500 मीटर में मौजूद सारे भेड़िया मानव को मार दिया था पर उन भेड़िया मानव की संख्या लाखों में थी वह लगातार गर्व के तरफ बढ़ते जा रहे थे राजा के पक्षी ने जैसे ही देखा कि गर्व के आजू-बाजू कोई भी भेड़िया मानव मौजूद नहीं है उसने गर्व के तरफ नीचे जमीन पर उड़ान भर दी वह राजा का पक्षी गर्व के सर पर 20 फीट की ऊंचाई पर ही पहुंचा था कि गर्व ने एक रस्सी को राजा के पक्षी के पंजों के ऊपर फेंक दी यह रस्सी सीधा उसके पंजों पर जाकर लपेट गई और इसी के सहायता से उस राजा की पक्षी ने फिर से आसमान में उड़ान भर दी गर्व इस वक्त राजा के पक्षी के पंजों पर लगी हुई रस्सी को पकड़े हुआ था उसके सहारे गर्व उस राजा के पक्षी के पंजों पर चला गया और बाद में वह राजा के पक्षी की पीठ पर जा बैठा इस वक्त यह राजा का पक्षी बहुत ही घायल था इसकी ताकत पहले से कम हो गई थी इस पक्षी को शक्ति की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है फिर गर्व अपने स्टोरेज रिंग में से एक जड़ी बूटी को निकालता है और वह इस को जला देता है जिसके कारण इस जड़ी बूटी का धुआं उठते जा रहा था अगर गर्व इस धुवे को सूंघ लेता तो गर्व 3 सेकेंड के अंदर बेहोश हो जाता इसलिए उसने पहले ही अपने चेहरे पर कपड़ा बांध लिया था फिर गर्व उस जलती हुई जड़ी-बूटी को उस राजा के पक्षी की नाक के सामने जलती हुई जड़ी बूटी को रस्सी के सहारे लटका देता देता है इस जड़ी बूटी का गर्व पर भले ही असर पड़ता हो पर इसका उस पक्षी पर कोई प्रभाव नहीं पढ़ रहा था उल्टा वह पक्षी जितना इस धुवे को सोखते जाता उस पक्षी के शरीर में उतनी ही ज्यादा ताकत बढ़ती जा रही थी उसके पंखों में नई ऊर्जा आते जा रही थी वह पहले से ज्यादा तेज गति से आसमान में उड़ते जा रहा था वह ऐसे उड़ रहा था मानो वह आसमान को चीर के आसमान के ऊपर उड़ जाएगा उसके घाव भी तेजी से ठीक होते जा रहे थे ऊपर आसमान में उड़ते हुए गर्व नीचे के जंगलों की तरफ देखता है तो वहां पर वह लोह मानव अभी भी भेड़िया मानवो से लड़ रहे होते हैं वहां पर वह हजार के करीब आए थे पर अब वहां पर उन भेड़िया मानवो से लड़ते-लड़ते 800 के करीब बच गए थे कई सारे लोह मानव भी भेड़िया मानव में परिवर्तित हो गए थे उन बदले हुए भेड़िया मानव के शरीर पर उन लोह मानव के कवच के टुकड़े लटकते हुए दिखाई दे रहे थे गर्व को कुछ भी करके यह जंग अब रोकनी ही होगी थोड़ी ही देर में यहां पर कालीचरण भी अपने पक्षी के साथ आ जाएगा और उसकी ताकत दोगुना से भी ज्यादा बढ़ सकती है तब तो इन लोह मानवों को इन तांडव कबीले के हत्यारों का सामना करना नामुमकिन हो जाएगा कालीचरण की मदद से यह सारे लोह मानव के कवच के अंदर मौजूद सैनिक भेड़िया मानव में परिवर्तित हो जाएंगे और यह जो लोहा मानव के सैनिकों की टुकड़ी ही भरतपुर राज्य की सबसे शक्तिशाली सैन्य टुकड़ी है अगर यह एक बार खत्म हो गई तो फिर यह सारे हत्यारे मिलकर भरतपुर राज्य की हर घर को लूट जाएंगे और साथ में वहां के सारे लोगों को भेड़िया मानव में परिवर्तित कर तांडव कबीले में शामिल कर देंगे और इस वक्त तो राजा वीर प्रताप सिंह भी घायल अवस्था में है अगर उनकी सेहत अच्छी होती तो इस वक्त वह जरूर ही इस जंग में आते वह तो अभी भी गर्व की स्टोरेज रिंग के अंदर घायल पड़े हुए थे गर्व को जल्द ही कुछ सोचना होगा उसे जल्द ही एक योजना सुझती है वह फिर तेजी से अपने स्टोरेज रिंग से कई सारे चाकू को निकालता है जिन्हें उसने उन तांडव कबीले के हत्यारों के पास से चुराया होता है और गर्व उन सबको एक रस्सी से बांध देता है और इस रस्सी के दूसरे छोर को वह अपने छाती पर बंदे नीलम पत्थर पर बांध देता है उसने अपने स्टोरेज रिंग में से 300 के करीब चाकू को निकाला था पर वह और ज्यादा चाकू को निकालना चाहता था पर वह अगर ऐसा करता तो उसके पास रस्सियों की कमी हो जाती और वह 300 से ज्यादा चाकू पर अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकता था इसलिए उसे बस 300 चाकू से अपना काम चलाना है गर्व इन सारे चाकुओं को राजा के पक्षी की शरीर पर चारों तरफ बिछा देता है उसने राजा की पक्षी के पंखों को छोड़कर निचले हिस्से के पूरे शरीर पर चाकुओं को उलटी दिशा में फैला दिए उनको वहां पर फैलाते ही गर्व राजा के पक्षी को इशारा करता है इशारा मिलते ही वह पक्षी अपने पंखों को जोर से फड़ फड़ाते हुए नीचे आने लगता है और उन भेड़िया मानव के सर के ऊपर 30 मीटर की ऊंचाई से तेजी से उड़ने लगता है उस पक्षी के निचले शरीर के हिस्से में से नीली उर्जा की गोलियों की बारिश होना चालू होती है यहां नीली ऊर्जा की गोलियां उन चाकुओं में से निकलती जा रही थी जिनको गर्व ने राजा के पक्षी के शरीर पर बांधा था उन सारे चाकूओ को गर्व अपनी जादुई शक्ति से नियंत्रित कर रहा था इन चाकुओं में से जो भी नीली ऊर्जा की गोली निकलती है वह एक भेड़िया मानव के आंखों या फिर उसके गले का निशाना ले रही थी और वह भेड़िया मानव अपनी जगह पर ही गत प्राण होते जा रहे थे