गरबा फिर अपनी जादुई शक्तियों से अपने सारे के सारे 300 चाकू का निशाना उनके पीछे से आ रहे कालीचरण के पक्षी पर कर देता है और उनसे वह लगातार उर्जा की गोलियां कालीचरण के पक्षी के ऊपर बरसा रहा था पर उन गोलियो का कालीचरण के पक्षी पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ रहा था साथ ही कालीचरण भी अपनी तरफ आने वाली ऊर्जा की गोलियों पर अपनी तलवार से बिजलिया बरसा रहा था उन बिजलियो से कई सारी नीली ऊर्जा की गोलियां व्यर्थ होते जा रही थी इस वक्त सूरज क्षितिज से थोड़ा ऊपर चढ़ चुका था और आधे आसमान में सूरज की रोशनी फैल चुकी थी साथ ही कालीचरण का पक्षी भी लगातार गर्व के पास आते जा रहा था उसे जल्द से जल्द कुछ करना होगा नहीं तो यह दिन उसकी जिंदगी का आखरी दिन साबित हो सकता है उसको एक तरकीब सुझती है वह फिर अपने बर्फीली तलवार का आवाहन करता है उसका आवाहन करते ही वह उसके हाथ में आ जाती है गर्व फिर इस तलवार की नोक को पूर्ण शक्ति से कालीचरण के पक्षी के ऊपर घुमा देता है इस वक्त कालीचरण के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट होती है क्योंकि उसे लग रहा होता है कि अब तो उसका शिकार उसके जाल में आ ही गया है पर जैसे ही कालीचरण ने गर्व के हाथ में बर्फीली तलवार को देखा वह एकदम से सतर्क हो गया जैसे ही गर्व ने अपनी बर्फीली तलवार की नोक को कालीचरण के ऊपर किया था वैसे ही कालीचरण ने भी अपनी तलवार की नोक को गर्व के तलवार के तरफ कर दिया इस बार कालीचरण को देर हो गई गर्व की बर्फीली तलवार से एक 30 फीट बड़ा पत्थर निकल कर सीधा कालीचरण के पक्षी के छाती के ऊपर लग गया और क्योंकि उस पक्षी के पूरी शरीर से बिजलियां बाहर निकलते जा रही थी इसलिए वह बर्फ की चट्टान कालीचरण के पक्षी के शरीर पर लगाकर तुरंत ही पीघल कर बाफ बन गई जिसके कारण उस पक्षी की आंखों में गरम बाफ चली गई जिसके कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह उड़ते हुए सीधा नीचे जमीन पर टकरा गया वह सीधा नीचे जमीन पर मौजूद भेड़िया मानव की तरफ टकरा गया उसके जमीन पर टकराते ही उस पक्षी के नीचे आकर कई सारे भेड़िया मानव मारे गए कालीचरण का भी अपने पक्षी के ऊपर से संतुलन बिगड़ गया और वह भी अपने पक्षी के सर के ऊपर से नीचे जमीन पर गिर पड़ा कालीचरण के पक्षी के जमीन पर टकराते ही उसके शरीर की बिजलियां आजू बाजू 100 मीटर के दायरे में फैल गई जिसके वजह से कई सारे भेड़िया मानव को बिजली की के झटके लगना चालू हो गए उनके पक्षी को कालीचरण के पक्षी को नीचे गिरता हुआ देखकर गर्व तुरंत ही राजा के पक्षी के साथ लोह मानवों की तरफ उड़ान भर देता है इस वक्त उन लोह मानवों को चारों तरफ से भेड़िया मानवो ने घेर लिया था गर्व राजा के पक्षी के साथ तुरंत ही उनके पास पहुंच गया था और उसने वहां पर मौजूद भेड़िया मानव के ऊपर नीली उर्जा की गोलियों की बारिश थी जिसके कारण वह सारे तेजी से मारे जाने लगे जिसके कारण हो उन लोगों को फिर से जंगल की तरफ भागने का मौका मिल गया और वह फिर से जंगलों की तरफ भाग गए और फिर वह घने जंगलों का सहारा लेकर उन भेड़िया मानव के साथ लड़ने लगे इस वक्त कालीचरण भी संभल गया था वह फिर से अपने पक्षी के सिर के ऊपर जा बैठा और उसने फिर से गर्व की तरफ उड़ान भर दी उसको अपने तरफ आते हुए देखकर गर्व ने राजा के पक्षी के साथ आसमान की ऊंचाई में अपनी उड़ान भर दी वह तुरंत ही आसमान में मौजूद घने बालों के अंदर जाकर लुप्त हो गया उसका पीछा कालीचरण का पक्षी करते जा रहा था वह जब भी अपने पंख फड़फड़ा था उसके पंखों से बिजलिया निकलकर हवा में फैलते जा रही थी वह भी आसमान की ऊंचाई पर मौजूद बादलों में चला गया क्योंकि उस कालीचरण के पक्षी के शरीर से लगातार बिजलिया निकलते जा रही थी इसलिए गर्व को आसमान की ऊंचाई में बादलों के बीच में उसके ठिकाने का आसानी से पता लगा सकता था राजा के पक्षी का शरीर पूरा सफेद था वह तो उन सफेद बादलों के बीच में जाकर मानो गायब ही हो गया था कालीचरण और उसके पक्षी को गर्व उन बाडलो के बीच कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रहा था वह लगातार उन बादलों के बीच में से इधर-उधर घूमता रहा वह बादलों के बाहर भी जाते वह बादलों के बाहर से भी उन बादलों में अपनी नजर डालते हैं पर उन्हें वह कहीं पर भी नजर नहीं आते उन पर अचानक बादलों के बीच में से नीलि ऊर्जा की गोलियों की वर्षा होती है पर वह जैसे ही उस जगह पर जाते तो वहां से गर्व और राजा का पक्षी गायब हो जाते ऐसा कई वक्त तक चलते रहता है कालीचरण और उसका पक्षी इस लुका छुपी के खेल से तंग आ चुके थे वह फिर बादलो के बाहर निकल जाते हैं वह जैसे ही बादलों के बाहर आते हैं कालीचरण को जंगलों में भेड़िया मानव से लड़ रहे लोह मानव की फौज नजर आती है कालीचरण फिर बादलों की तरफ अपनी नजर घुमाकर अपने मन ही मन में कहता है गर्व के बच्चे तुम अपने आप को बड़ा ही होशियार समझते हो आज मैं तुम्हारी होशियारी को एक झटके में नहीं उतर दिया तो मेरा नाम कालीचरण नहीं इतना कहकर वह अपने पक्षी को उन लोह मानव के तरफ बढ़ने का आदेश देता है फिर वह कालीचरण का पक्षी अपने पंखों को हर फड़ फड़ते हुए आसमान से सीधे जंगलों की तरफ उड़ान भर देता है उसके पंखों से लगातार बिजलिया बाहर निकलती जा रही थी वह कालीचरण का पक्षी आसमान से नीचे आते वक्त ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई बिजली जंगलों की तरह बढ़ रही हो गर्व को बादलों के बीच से ही कालीचरण को जंगल में जाता हुआ देख लिया था वह समझ गया कि इस वक्त यह कालीचरण लोह मानवो के पीछे पड़ गया है अगर कालीचरण सच में उन लोगों तक पहुंच गया तो उन लोह मानवो को अपनी जान बचाना मुश्किल हो जाएगा वह इतनी सारी तादात होकर भी कुछ ही समय में कालीचरण के हाथों मारे जाएंगे कालीचरण उनको तो एक चुटकी में मसल कर रख देगा फिर गर्व भी राजा के पक्षी के साथ नीचे जाते हुए कालीचरण के पीछे लग जाता है इस वक्त उस कालीचरण के पक्षी की गति बहुत ज्यादा होती है राजा के पक्षी की उससे बहुत ही कम गति होती है वह कालीचरण गर्व के पहले ही उन लोह मानवो के तरफ पहुंच जाएगा गर्व को कुछ भी करके कुछ सोचना होगा नहीं तो उन लोह मानवो की जान खतरे में पड़ जाएगी फिर गर्व नीचे की तरफ गिरते हुए राजा के पक्षी के पंजों पर जाता है और फिर वह राजा के पक्षी को एक इशारा करता है इशारा मिलते ही वह राजा का पक्षी गर्व की पीठ को अपने पंजों की मदद से जोर से धक्का दे देता है जिसके वजह से गर्व उस कालीचरण के पक्षी के तरफ नीचे गिरते हुए तेजी से बढ़ने लगता है गर्व ने राजा के पक्षी के पंजों पर जो तलवार लगी हुई थी उसे नीचे गिरने से पहले ही निकाल लिया था उसके एक हाथ में राजा की तलवार थी तो दूसरे हाथ में उसने एक गदा को पकड़ा हुआ था जिसमें नीलम पत्थर की उर्जा लगातार भरते जा रही थी वह कालीचरण का पक्षी जैसे ही लोह मानव की तरफ पहुंचता उससे पहले ही गर्व उस कालीचरण के पक्षी की पीठ पर राजा की तलवार को नीचे गिरते हुए उसके पीठ पर घुसा दिया जिसके कारण कालीचरण के पक्षी का संतुलन बिगड़ गया गर्व यहीं पर नहीं रुका जैसे ही वह राजा की तलवार उस कालीचरण के पक्षी के पीठ पर घुसी वैसे ही गर्व ने अपनी गदा को भी उसकी पीठ पर पूर्ण शक्ति से मार दिया इस गदा में इस वक्त पूरी तरह से निली उर्जा भर गई थी और वह नीलि ऊर्जा पूरी तरह से उस पक्षी के पीठ पर चली गई जिसके कारण उस पक्षी का नीचे की तरफ उड़ते हुए पूरा संतुलन बिगड़ गया क्योंकि इस वक्त कालीचरण का पूरी तरह से उन लोह मानव के ऊपर ध्यान था इसलिए उसका अपने पीछे से आ रहे गर्व की तरफ ध्यान नहीं गया वह कुछ भी समझ पाता इससे पहले की उस कालीचरण के पक्षी का पूरा संतुलन ही बिगड़ गया और वह जंगलों की पेड़ों के ऊपर ही गिर गया वह जमीन पर 400 मीटर दूर करता घसीटता हुआ चला गया उसके रास्ते में जो कोई भी पेड़ पौधे आते वह टूट टूट कर इधर-उधर बिखरते जा रहे थे उसके शरीर पर से बिजली आ चारों तरफ फैल गई कई सारे पेड़ों के फूल पत्तियां और फल जल कर काले हो गए हैं गर्व उस पक्षी के नीचे गिरने से पहले ही दूसरी तरफ जमीन पर कूद गया था और साथ ही उसने राजा की तलवार को भी उसके पीठ पर से निकाल लिया था गर्व इस तलवार को उस पक्षी के पीठ पर ही छोड़ नहीं सकता था यह तलवार बहुत ही भारी होती है गर्व तो इसे एक हाथ में उठा भी नहीं पा रहा था वह तो यह तलवार नीचे की तरफ गिर रही थी इसलिए वह इस तलवार को पकड़ पा रहा था पर अब वह इस तलवार को भी उठा नहीं सकता था वह तलवार नीचे जमीन पर धसी हुई थी अगर गर्व के हाथों में शक्ति होती तो उसने इस तलवार का निश्चित ही उपयोग किया होता फिर गर्व ने अपने एक हाथ में गदा थाम ली और वह इसमे फिर से निली ऊर्जा को भरने लगा और दूसरे हाथ में उसने बर्फीली तलवार पकड़ ली और वह नीचे गिरे हुए कालीचरण के पक्षी की तरफ् बढ़ने लगा कालीचरण भी इस वक्त अपने पक्षी के पीठ के ऊपर गिरा था उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था आखिर क्या हुआ है वह तो उन लोह मानव की तरफ बढ़ रहा होता है पर अचानक यह सब कैसे हो गया उसने जब अपने पक्षी को नीचे गिरा हुआ देखा तो उसका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया उसने गुस्से से अपनी दोनों तलवारों को हवा में उठाया एक मंत्र का उची आवाज में उच्चारण किया और उन दोनों तलवारों को छलांग लगाकर अपने पक्षी के सिर के ऊपर मार दिया उसके ऐसा करते हैं उस पक्षी के सारे शरीर पर फिर से बिजलियां प्रवाहित होनी चालू हो गई उसका शरीर फिर से काले नीले रंग से चमकना चालू हो गया उस पक्षी ने अपने दोनों पंखों को हवा में उठाया उसके ऐसा करते हैं फिर से उसके पंखों में से बिजलिया चारों दिशाओं में फैल गई फिर उसकी जैसे ही गर्व के तरफ नजर गई वह उसके तरफ दौड़ पड़ा