गर्व इस वक्त उस पक्षी के तरफ ही बढ़ रहा था उसने जैसे ही देखा कि कालीचरण का पक्षी उसके तरफ आ रहा है वह बिल्कुल भी डरा नहीं या वहां से भागा नहीं वह भी तेज गति से उसके तरफ दौड़ पड़ा गर्व ने पहले एक पेड़ की डाली पर ओर छलांग मारी और उसकी सहायता से उसने कालीचरण के पक्षी की तरफ छलांग मार दी कालीचरण पक्षी ने अपने दाए पंखे की सहायता से अपने तरफ बढ़ रहे गर्व को थप्पड़ मार दि जिसके कारण गर्व चार पांच बड़े बड़े पेड़ों को दौड़ता तोड़ता हुआ दूर जाकर गिरा गर्व को कई सारे चोटे भी आ गई गर्व इन सारे चोटो की परवाह ना करते हुए खड़ा हो गया और फिर से उस कालीचरण के पक्षी की तरफ दौड़ पड़ा फिर कालीचरण के पक्षी ने गर्व को अपने बाय पंखे की सहायता से थप्पड़ मारा और फिर वह दाई दिशा की ओर देखने लगा की गर्व कैसे फिर से उड़ता हुआ जाकर पेड़ों से टकराता है पर उसके दाएं दिशा में कुछ भी हलचल नहीं हो रही थी वहां के पेड़ जैसे ही के जैसे अपनी जगह पर ही खड़े थे इस वक्त गर्व उसकी पीठ पर पहुंच गया था और वह कालीचरण से मुकाबला करते जा रहा था दरअसल जब कालीचरण के पक्षी ने गर्व पर अपने पंखे को थप्पड़ जैसा मारने वाला होता है उसके पहले ही गर्व ने एक पेड़ पर एक रस्सी को बांध दिया था जैसे ही उस पक्षी का पंखा गर्व के करीब आया गर्व अपनी रस्सी की सहायता से दूसरी ओर चला गया और जैसे ही कालीचरण के पक्षी का थप्पड़ गया वह तेजी से उसके पीठ के ऊपर चूक गया वह तेजी से उसके पीठ के ऊपर चला गया और कालीचरण के साथ लड़ाई करने लगा गर्व के ऊपर से अपना निशाना चुकता हुआ देखकर कालीचरण का पक्षी हड़बड़ा गया पर तभी उसने देखा कि राजा का पक्षी अकेला ही उड़ते हुए उसके पास आ रहा है उसके पंजों पर राजा की तलवार होती है अगर उसने इस वक्त अपना बचाव नहीं किया तो उसकी जान खतरे में आ जाएगी फिर उसने तुरंत ही हवा में छलांग लगाकर उड़ान भर दी क्योंकि उसकी गति राजा के पक्षी की गति से भी ज्यादा थी इसलिए उसने राजा के पक्षी के वार से आसानी से बचाव कर लिया और आसमान में उड़ गया उसके पीछे-पीछे राजा के पक्षी ने भी आसमान में उड़ान भर दी इस वक्त गर्व कालीचरण के साथ उसके पक्षी के पीठ के ऊपर लड़ाई कर रहा था उन दोनों की ताकत एक जैसी ही होती है वह दोनों कितनी भी कोशिश करते पर वह दोनों भी एक दूसरे को बिल्कुल भी चोट नहीं पहुंचा पा रहे थे गर्व ने जैसे ही कालीचरण पर नीली ऊर्जा की गोलियों की बारिश करता कालीचरण उन गोलियों पर अपनी तलवार से बिजलियां गिरा कर उनको विफल कर देता और कालीचरण जैसे ही वक्त मिलता गर्व पर अपनी तलवार से बिजलियां गिरा देता पर गर्व उन बिजलीयो के सामने बर्फ की दीवार बनाकर उनको विफल कर देता इस वक्त राजा के पक्षी के पंजों पर राजा की तलवार होती है उसी के मदद से वह कालीचरण के पक्षी पर लगातार हमला करते जा रहा था पर क्योंकि कालीचरण के पक्षी की गति अधिक होती है वह लगातार राजा के पक्षी के हमलों से खुद का बचाव करते जा रहा था अचानक आसमान में लाल रेखा दिखाई पड़ी और राजा के पक्षी की कर्ण कर्कश चीख सुनाई पड़ी क्योंकि कालीचरण के पक्षी ने राजा के पक्षी के शरीर पर अपने पंजों से खुरच दिया था जिसके कारण उसका खून हवा में चारों तरफ फैल गया और वह तेजी से नीचे जमीन की ओर गिरने लगा जैसे ही उस पक्षी के चीखने की आवाज आई कालीचरण और गर्व की भी नीचे गिरते हुए राजा के पक्षी की तरफ नजर चली गई गर्व आंखे फाड़ फाड़ कर नीचे गिरते हुए के राजा के पक्षी के तरफ देखे जा रहा था इसका फायदा उठाकर कालीचरण ने गर्व के गर्दन पर अपनी तलवार रख थी उस तलवार में से हल्की बिजली प्रभावित होते जा रही थी जिसके कारण गर्व के शरीर के गर्दन का मास जलने लगा फिर कालीचरण गर्व से हंसते हुए कहता है इसका तो खेल खलास हुआ और जल्द ही तुम्हारा भी होगा जल्दी से तुमने चुराई हुई सारी स्टोरेज रिंग को वापस कर दो वरना तुम्हारे शरीर चीर फाड़ कर मैं उससे अपनी स्टोरेज रिंग को ले लूंगा अचानक कालीचरण का शरीर हवा में उड़ जाता है गर्व ने उसके पेट पर पूरी शक्ति से मुक्का मार दिया था इसलिए वह हवा में उड़ते हुए दस फीट पीछे की तरफ जाकर गिर गया जैसे ही कालीचरण को लगा की गर्व इस वक्त हार मान लेगा उसका अंदाजा फिर से गलत निकल गया गर्व ने कालीचरण के सामने अपने घुटने टेकने के बजाय उसका सामना करने का निर्णय लिया था गर्व ने नीचे फड़फड़ाते हुए गिरते हुए राजा के पक्षी के तरफ छलांग लगा दी वह राजा का पक्षी लगातार अपने पंखों को फड़फड़ाते हुए नीचे गिरते जा रहा था उसके शरीर से खून बाहर निकलते जा रहा था वह हवा में पंख फड़फड़ाते हुए हवा में एक जगह पर स्थिर होने का प्रयास करते जा रहा था गर्व ने नीचे गिरते हुए उस पक्षी के शरीर के ऊपर रस्सी फेकी और उस रस्सी के सहारे उस पक्षी की तरफ गर्व पहुंच गया उस पक्षी का खून चारों तरफ फैल रहा था उसका खून गर्व के पूरे शरीर पर भी लग गया उसका पूरा शरीर उसके खून के कारण लाल हो गया था गर्व ने फिर तुरंत ही अपनी स्टोरेज रिंग में से एक जड़ी-बूटी को निकाला और उसका चुरा करते हुए उस पक्षी के घाव पर लगा दिया जिसके कारण उस पक्षी को बहुत ज्यादा दर्द हुआ और वह जोर से चिल्लाया पर उसका वह घाव तेजी से ठीक होते जा रहा था और उसका खून निकलना भी बंद होते जा रहा था पर इस वक्त तक उसके शरीर से बहुत सारा खून निकल चुका था और उसका शरीर कमजोर हो चुका था इसलिए वह घाव ठीक होने के बावजूद भी संभल नहीं सका और लगातार आसमान से नीचे जमीन की तरफ गिरते जा रहा था इस वक्त तक कालीचरण भी अपने पक्षी के ऊपर से संभल चुका था वह अपनी पक्षी पर खड़ा हो गया और उसने अपनी पक्षी को राजा के पक्षी के तरफ बढ़ने का आदेश दिया और उसने नीचे गिरते हो हुए राजा के पक्षी की तरफ उड़ान भर दी और फिर से कालीचरण के पक्षी के शरीर से बिजलीया बाहर निकलते जा रही थी बहुत सारी बिजलियां उसके शरीर से निकलकर आसमान में ऊपर की ओर जा रही थी और वह लगातार राजा के पक्षी की तरफ बढ़ रहा था दूर से ऐसा लग रहा था मानो राजा के पक्षी के ऊपर कोई बहुत बड़ी बिजली गिर रही हो नीचे खड़े हुए सारे लोगों को लगा कि अब राजा के पक्षी के साथ-साथ गर्व भी मारा जाएगा वह कालीचरण का पक्षी जैसे ही राजा के पक्षी के तरफ आया गर्व ने अपनी जादुई शक्ति से अपने पास के 300 चाकुओं का निशाना कालीचरण के पक्षी के तरफ लगा दिया उन चाकूओ की नोक में से नीली ऊर्जा की गोलियों की कालीचरण के पक्षी के ऊपर बारिश हो गई जिसके कारण उस कालीचरण के पक्षी की गति कम हो गई और वह हवा में जगह पर स्थिर हो गया यह देखकर नीचे खड़े हुए लोगों की जान में जान आ गई उनकी निराशा आशा में बदल गई पर फिर उनकी आशा फिर से निराशा में बदल गई क्योंकि थोड़ी देर बाद कालीचरण का पक्षी फिर से सारी नीली उर्जा की गोलियों को सहते हुए राजा के पक्षी की तरफ् बढ़ने लगा उन नीली ऊर्जा की गोलियों का कालीचरण के पक्षी पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ रहा था वह सारी गोलियों की ऊर्जा को सहते हुए फिर से राजा के पक्षी की तरफ् बढ़ने लगा यह देखकर गर्व ने उन सारे नीली ऊर्जा की गोलियों की गति को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया फिर भी वह कालीचरण का पक्षी लगातार राजा के पक्षी के करीब आते जा रहा था यह देखकर तो नीचे खड़े हुए लोह मानवो का धैर्य ही टूट गया वह नीचे खड़े 100 से ज्यादा लोह मानवो ने अपने घुटने जमीन पर टिका दिए वह कालीचरण का पक्षी राजा के पक्षी के पास ही पहुंच गया था सबको लगा कि अब तो राजा के पक्षी के साथ-साथ गर्व भी मारे जाने वाला है और वह सारे लोह मानव एक के बाद एक अपने घुटने टीका कर नीचे जमीन पर बैठने लगे गर्व को भी लगा कि अब तो यह कालीचरण का पक्षी उस के साथ-साथ राजा के पक्षी को भी मार देगा यह देखकर नीचे खड़े हुए भेड़िया मानव में जोश आ गया वह सारे लोह मानवों के साथ लड़ाई करना छोड़ कर कालीचरण के तरफ देख कर कालीचरण के नाम का जय जयकार करने लगे उन्हें तो वैसे भी उन लोह मानव के साथ लड़ाई करने की जरूरत नहीं थी उन्होंने तो वैसे भी हार मान ली थी और नीचे जमीन पर अपने घुटने टिका दिए वह नीचे जमीन पर खड़े हुए 2-3 लाख की संख्या में भेड़िया मानव कालीचरण कालीचरण के नाम का एक साथ एक स्वर में जय जयकार करते जा रहे थे उनकी आवाज की गूंज सारे आसमान में फैल गई तभी आसमान में एक तेज प्रकाश उत्पन्न हो गया और वह तेज प्रकाश सीधा जाते हुए कालीचरण के पक्षी के शरीर से टकरा गया और वह नीचे गिरते हुए हवा में ही बाए की तरफ चला गया यह सबके लिए आश्चर्य का झटका था किसी को कुछ समझ में आता इससे पहले ही फिर से आसमान में कई सारे प्रकाश की किरने दिखाई दी और वह सारी की सारी कालीचरण के पक्षी की तरफ बढ़ती जा रही थी इस झटके के कारण कालीचरण हड़बड़ा गया था उसके पास उस प्रकाश की किरणों से अपना और अपने पक्षी की रक्षा करने के अलावा कोई चारा नहीं था इसीलिए वह नीचे गिरते हुए राजा के पक्षी का पीछा करना छोड़ कर प्रकाश की किरणों से उड़ते हुए खुद का बचाव करने लगा हुआ वह प्रकाश की किरणें दरअसल तीर थे जो की आवाज की गति से 5 गुना रफ्तार से बढ़ रहे होते हैं और उन तीरो से लगातार प्रकाश बाहर आते जा रहा था कोई आम आदमी तो उन प्रकाश के तीरों को खुली आंखों से बिल्कुल भी नहीं देख पा रहा था गर्व इस वक्त राजा के पक्षी के साथ नीचे गिरते हुए जमीन की सतह के काफी करीब आ गया था वह जमीन से सिर्फ 70 फीट की ऊंचाई पर था अगर गर्व ने कुछ नहीं किया तो उस राजा के पक्षी के साथ-साथ गर्व भी जमीन पर टकराकर मर जाएगा उसने फिर अपनी बर्फीली तलवार की मदद से हवा में ही एक तरफ से बना 40 के कोण से बना हुआ रास्ता तैयार किया जिसकी मदद से राजा का पक्षी उस रास्ते से फिसलता हुआ जमीन पर सुरक्षित पहुंच गया