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इतना सब कुछ बताने के बावजूद भी वहां मौजूद अधिकारियों को गर्व की बातों पर यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि वह उम्र में बहुत ही कम लग रहा था उन्हें गर्व पर शक होते जा रहा था वह कुछ और भी सवाल गर्व से पूछना चाह रहे थे गर्व समझ गया कि यहां पर मौजूद अधिकारी उससे और भी ज्यादा सवाल पूछने वाले हैं अगर उन्होंने उससे बहुत सारे सवाल पूछिए तो गर्व को उन सारे सवालों के जवाब देने पड़ेंगे और उसको कई सारी चीजों के बारे में उन्हें बताना पड़ेगा जिनको गर्व ने अभी भी छुपा कर रखा था जैसे कि बाकी के स्टोरेज रिंग जिन्होंने उसने अपने कपड़ों के अंदर छुपा कर रखा था इन दो स्टोरेज रिंग जिनके अंदर भी गर्व ने कई सारी स्टोरेज रिंग रखी थी और बाकी की भी कई सारे अमूल्य और मूल्यवान वस्तुएं उसने वहां पर उनके हत्यारों से चुरा कर रखी थी अधिकारियों से ज्यादा कुछ सवाल पूछते उससे पहले ही गर्व ने घायल सैनिक को बाहर निकाला अधिकारी आकाश सिंह के तरफ देखकर पूछा यह सैनिक कहां पर घायल पड़ा हुआ है अगर हमने इनका तुरंत ही इलाज नहीं किया तो इनकी जल्द ही जान भी जा सकती है फिर गर्व ने एक के बाद एक स्टोरेज रिंग में मौजूद सैनिकों के साथ-साथ कारागार के कैदियों को भी बाहर निकाल उनका कैदीयो को देखकर राजा वीर प्रताप सिंह की आंखें बड़ी हो गई स्टोरेज रिंग के अंदर रहते हुए वहां मौजूद लोगों की भीड़ के कारण राजा को वहां पर मौजूद कैदीयों का एहसास नहीं हुआ उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्हें सैनिकों से ज्यादा कैदियों की जान की फिक्र है क्योंकि उन कैदियों के कुछ ऐसे चिजो के बारे में पता होता है जीन को जानकर भरतपुर राज्य को कई सारे गुप्त चीजों के बारे में पता चल सकता है और उनकी प्रगति की रफ्तार भी 2 गुना ज्यादा बढ़ सकती है इसलिए उनको राज्य के सबसे सुरक्षित कारागार में रखा हुआ होता है इन सब घायल और बेहोश लोगों को देखकर अधिकारी आकाश सिंह गर्व के साथ-साथ राजा वीर प्रताप सिंह से कहता है हमारे पास अभी एक अच्छा चिकित्सक मौजूद है वह इन सारे लोगों का अच्छे से इलाज भी कर देगा इतना कहते हैं ही उसने उन अधिकारियों में एक को आवाज दिया वह तुरंत ही आकाश सिंह के पास आया आकाश सिंह ने उसे उन सारे घायल लोगों का इलाज करने का आदेश दिया फिर वह अधिकारी आकाश सिंह गर्व की तरफ बढ़ता है और कहता है गर्व बुरा मत मानना पर तुम्हारे पास जो यहां स्टोरेज रिंग है वह बहुत ही काम की और अमूल्य है केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों ने आज तक बहुत ही कम स्टोरेज रिंग को जप्त करने में सफलता हासिल की है इस दुनिया में जहां कहीं भी किसी को भी स्टोरेज रिंग मिलती है वह सारी केन्द्रीय अधिकारियों द्वारा जप्त की जाती है और उनमें हमारे वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोग किए जाते हैं इसलिए माफ करना पर यह स्टोरेज रिंग हमको तुम्हारे पास से लेना होगा अगर तुम हमें यह स्टोरेज रिंग दे देते हो तो मैं बड़े अधिकारियों के पास में तुम्हारी शिफारस करूंगा और तुम्हें फिर तुम्हारी उम्र की नजरअंदाज करते हुए तुम्हें केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों की संस्था में अच्छी नौकरी मिल सकती है क्योंकि कोई भी अधिकारी अपनी उम्र के आधार पर नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा के दम पर ही अच्छा अधिकारी बनता है यह सुनकर तो गर्व की आंखें चमक उठी केंद्रीय सत्ता का अधिकारी यह तो काफी अच्छा अवसर है अगर वह सच में केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों के संस्था में शामिल हो जाए तो उसे कई सारी चीजों के बारे में पता चल सकता है उसे केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों के साथ साथ केंद्रीय सत्ता कैसे काम करती है इसके बारे में भी वहां अच्छे से पता कर सकता है गर्व को इतना सोचते हुए देखकर वह अधिकारी आकाश सिंह गर्व से कहता है अरे तुम क्या सोचने लग गए मैं सच कह रहा हूं केंद्रीय सत्ता को सच में तुम्हारे जैसे प्रतिभावान योद्धाओं की जरूरत होती है और वहां पर तुम्हारी उम्र कोई भी मायने नहीं रखती हमारे अधिकारियों की संस्था में 100 साल पहले एक 8 साल की लड़की को भी बड़ा पद मिला था वह बचपन से ही काफी जादुई शक्तियों का प्रदर्शन करती थी उसने तो युद्ध में एक साथ में हजारों आकाश मंडल के नेताओं को अपनी जगह पर स्थिर कर दिया था वह सारे आकाश मंडल की होने के बावजूद भी अपनी जगह से 1 सेंटीमीटर भी हिल नहीं पा रहे थे उस समय उस लड़की के उम्र को नहीं देखा गया उसके प्रतिभा को देखते हुए उसे तुरंत ही केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों में शामिल कर दिया गया वह लड़की आज भी जिंदा है और वह आज भी अधिकारियों की संस्था को अपनी सेवाएं दे रही है यह सुनकर तो गर्व चौक गया सिर्फ 8 साल की लड़की और इतनी प्रतिभा यह तो सच में उस से भी काफी प्रतिभाशाली निकली है वह तो उसके सामने कुछ भी नहीं पर उसे उस लड़की के बारे में जानकर उस से जलन नहीं हो रही थी उसे तो उसके बारे में जानकर अपने शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक और जादुई शक्तियों को और बढ़ाने में प्रेरणा मिली अगर उसे अपने पिछले जन्म के बारे में जानना है तो उसे और ताकतवर बनना होगा और अपने सामने आने वाले हर मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा फिर गर्व अधिकारी आकाश सिंह से उस लड़की का नाम पूछता है उसका नाम मंजीत कौर है और वह हमारे ऊपर की अधिकारी है तो क्या तुम अपनी स्टोरेज रिंग को हमे देने को तैयार हो क्यों नहीं बिल्कुल अगर केंद्रीय सत्ता के किसी भी काम में मेरा योगदान हो सकता है तो मैं बिल्कुल वह काम कर सकता हूं इतना कहकर उसने अपनी स्टोरेज रिंग को अधिकारी आकाश सिंह को दे दिया गर्व को इन स्टोरेज रिंग के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं थी गर्व को वहां मौजूद जो कुछ भी काम की चीज लग रही थी उसने उसको पहले ही वहां से बाहर निकाल लिया था और दूसरे स्टोरेज रिंग में रख किया था दिया था जिसको उसने इस वक्त अपने कपड़ों के अंदर छुपाया हुआ होता है और जो स्टोरेज रिंग गर्व ने अधिकारी आकाश सिंह को दी होती है उसमें कोई ज्यादा काम की चीज नहीं रखी हुई होती है उसमें बस ऐसे ही इधर-उधर की चीजें होती है गर्व की बातों को सुनकर वहां अधिकारी आकाश सिंह खुश हो गया उसने उस स्टोरेज रिंग पर अपनी एक खून की बूंद को डाला और उस स्टोरेज रिंग को उसने अपना बना लिया उसने वहां मौजूद सारे सामानों को बाहर निकाल दिया जिनको गर्व ने वहां पर जमा किया था और उसने वहां पर सारे घायल सैनिकों के साथ बेहोश पड़े कैदियों के साथ उस चिकित्सक अधिकारियों को भी अंदर भेज दिया उसने और एक अधिकारी को भी उसकी मदद के लिए स्टोरेज रिंग में भेजा उसके पास एक बहुत बड़ा थैला होता है जिसमें कई सारी जड़ी बूटियां रखी हुई होती है जिनकी गंध हवा में चारों तरफ फैलती जा रही थी वह गंध को सुनकर ही गर्व ने वहां पर मौजूद कई सारे जड़ी बूटियों को पहचान लिया पर उसे कई सारी जड़ी बूटियों की गंध के बारे में पता नहीं चला क्योंकि वह जड़ी बूटियां गर्व के लिए नई थी पिछले जन्म में गर्व की अचानक मौत हो जाने से उसका जड़ी बूटियों का अभ्यास छूट गया था इसलिए वह जड़ी बूटियों का आगे का अभ्यास नहीं कर पाया था पर वह अपनी पिछले जन्म की कसर को इस जन्म में पूरा कर देगा वह इस जन्म में साड़ी जड़ी बूटियों का पूरा का पूरा ज्ञान अर्जित करें यहां गर्व ने अपने मन ही मन में निश्चय कर लिया इसके बारे में इसके बाद वहां मौजूद लोह मानव के सैनिकों ने अपने कवच को वापस पहन लिया और उनके कवच पूरी तरह से जले नहीं थे वह सिर्फ गर्मी के कारण गरम हो गए थे और राजा वीर प्रताप सिंह गर्व के साथ बाकी कि केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों के साथ राजा के पक्षी के पीठ के ऊपर चढ़ गए क्योंकि उस पक्षी के पीठ के ऊपर काफी बड़ी जगह होती है वहां पर एक साथ सौ आदमी खड़े हो सकते हैं और वह सब भरतपुर राज्य की तरफ बढ़ने लगे इस वक्त तक राजा के पक्षी के घाव पूरी तरह से भर चुके थे वह आराम से इतने सारे लोगों को अपनी पीठ पर बिठाकर ले जा सकता था सारे लोगों के उसके पेट पर चढ़ते ही उसने आसमान में उड़ान भर दी और वह सारे भरतपुर राज्य की तरफ बढ़ने लगे नीचे खड़े लोह मानव की सेना की टुकड़ी भी संभल चुकी थी और वह भी राजा के पक्षी के पीछे पीछे भरतपुर राज्य की ओर बढ़ने लगे रास्ते में अधिकारी आकाश सिंह और राजा वीर प्रताप सिंह ने गर्व को कई चीजों के बारे में सवाल पूछा पर उन सारे सवालों का गर्व ने बड़ी ही चतुराई से जवाब दिया उसने गलती से भी उन लोगों को ऐसा लगने नहीं दिया कि उसके पास दो स्टोरेज रिंग और वहां पर बहुत सारा खजाना उसने जमा किया है और उसने वैज्ञानिक विक्रांत जो कोई हथियार बनाए थे उनके बारे में गर्व को बताना ही पड़ा क्योंकि राजा वीर प्रताप सिंह और केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों को आज नहीं तो कल वैज्ञानिक विक्रांत से हथियारों के बारे में पता चल ही जाता गर्व ने अभी भी अपनी छाती पर उस नीलम पत्थर को बांधकर रखा था जिसको उसने कारागार के यंत्र से लिया था और उसी की मदद से उसने कई सारे हथियार बनाए थे जैसे की गोलियां छोड़ने वाले और गदा उसने अपने हाथ में एक गदा भी पकड़ी हुई थी वहां मौजूद सारे अधिकारी को गर्व को उस गदा का प्रदर्शन करने के लिए कह रहे थे पर वह ऐसा नहीं कर सकता था क्योंकि इस गदा ने अपनी पूर्ण क्षमता से कालीचरण के पक्षी को भी चोट पहुंचाई थी और अगर यह इस वक्त गदा में निली ऊर्जा भरने लगता तो राजा के पक्षी को भी चोट पहुंच सकती थी गर्व ने इस बारे में अधिकारियों को भी समझाया गर्व की बातें सुनकर वह अधिकारी आश्चर्यचकित हो गए उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि यह गदा अपनी पूर्ण क्षमता से कालीचरण के पक्षी को चोट पहुंचा सकता है उस पक्षी को तो उनके पाच से भी ज्यादा तीर लगे थे फिर भी वह बच कर भाग गया पर वह गदा भी उसको चोट पहुंचा सकती है इसका उन्हें यकीन नहीं हो रहा था उनके चेहरे के हाव-भाव को देखकर वहां मौजूद सैनिकों ने उन हत्यारों से हुई गर्व की लड़ाई का वर्णन उन अधिकारियों के सामने किया उन्होंने राजा वीर प्रताप सिंह को बचाने से लेकर कालीचरन और उसके पक्षी का गर्व ने कैसे सामना किया यह सब कुछ विस्तार से बताया