इसलिए वह पूरी रात भर सिर्फ ध्यान साधना में ही लगा रहता उसने पूरा हफ्ता ध्यान करने के अलावा कुछ दूसरा काम नहीं किया उसने अपनी ध्यान करने की कला में थोड़ी सफलता भी हासिल की पर फिर भी वह इस कला को पूरी सीखने में नाकामयाब रहा एक हफ्ते बाद उसने अपना मोर्चा युद्ध कला की तरफ बढ़ा दिया उसने कई सारी चीजों का आविष्कार किया उसने लोह मानव के कवच के ढांचे में बदलाव किया और उसने उसमें सुधार किया उस कवच पर उसने कई सारी नई चीजों को जोड़ा गर्व का यह तकनीकी ज्ञान देखकर भरतपुर राज्य के सैनिक अचंबित रह गए थे उन्होंने अपने इस नए कवच के साथ दूसरे उम्मीदवारों की सैनिकों के साथ मुकाबला भी किया वह कई सारे मुकाबले जीत गए और कई सारे मुकाबलों को वह हार भी गए पर वह यह बात दावे से कह सकते थे कि उनका जो कवच होता है वह पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा ताकतवर और मजबूत हो गया है और साथ ही इसकी काम करने की क्षमता भी पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ गई होती है गर्व ने उन लोह मानव के कवर पर चुपके से स्टोरेज रिंग भी लगा दी होती है सिर्फ गर्व को ही पता होता है कि वह स्टोरेज भी मुझे उसने उन कवच में कहां पर लगाई होती है वह खुद भी यह बात पता नहीं कर सकते थे वह स्टोरेज रिंग उन कवच पर कहां पर मौजूद है गर्व ने इन स्टोरेज रिंग को आपातकाल के लिए प्रयोग करने का निर्णय लिया होता है वह सैनिक अपनी शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे होते हैं वह सारे सैनीक दिन रात अपनी शक्ति को बढ़ाने में लगे हुए होते हैं साथ ही साथ वहा पर मौजूद बाकी के उम्मीदवार और उनके साथ मौजूद उनके सैनिक भी अपनी ताकत को बढ़ाने का प्रयास करते जा रहे थे उन सबको पता होता है कि उन सब को जल्द ही युद्ध के मैदान में कदम रखना है और युद्ध के मैदान में कोई भी किसी पर दया नहीं दिखाता है वहां पर जो कमजोर होता है वह मारा जाता है और जो ताकतवर होता है वह विजेता बनकर उभरता है वह सारे के सारे एक विजेता बनना चाहते हैं इसलिए वह दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे होते हैं अपना पसीना बहा रहे होते है यहां पर चारों तरफ कुछ कर दिखाने का माहौल बना हुआ होता है पयह देख कर गर्व को भी प्रेरणा मिली और वह ज्यादा शक्ति लगाकर अपने काम को करने लगा वह दिन रात काली ध्यान साधना को करते जा रहा होता है पर वह कितनी भी कोशिश करता उसका शरीर का कोई ना कोई हिस्सा हिल ही जाता और उसकी सारी ध्यान साधना बेकार चली जाती पर वह फिर भी हार नहीं मान रहा होता है उसे अपनी सफलता का पूरा भरोसा होता है वह भले ही आज के दिन सफल नहीं हुआ है पर वह बिल्कुल भी हार नहीं मानता है वह अपना दिल छोटा नहीं करता है वह आज सफल नहीं हुआ इसका मतलब यह नहीं कि वह कल सफल नहीं होगा भले ही आज का दिन शैतान का हो पर अगला दिन तो उसका ही होने वाला है और जब वह सफल होगा वह सफलता की देवी के चरण चूम रहा होगा इसलिए वह अपनी कोशिशों में जरा भी ढिलाई नहीं दिखा रहा होता है उसने अपने स्टोरेज रिंग में रखी वस्तुओसे कई सारी नई चीजें बनाई उसने कई सारी नए हथियारों का भी आविष्कार किया साथ ही उसने लोह मानव के कवचो को ज्यादा से ज्यादा बेहतर बनाया वह पहले से 5 गुना ज्यादा मजबूत हो गए थे और उसमें गर्व ने कई सारे खतरनाक हथियारों को भी लगाया होता है देखते ही देखते 2 महीने बीत गए और इन 2 महीनों में गर्व की शारीरिक शक्ति पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा बढ़ गई थी उसकी शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति और जादुई शक्ति भी पहले से ज्यादा बढ़ गई होती है पर वह लाख कोशिश करके भी पूरे पृथ्वी मंडल में नहीं पहुंचा होता है वह अभी पी आकाश मंडल के चौथे चरण में ही मौजूद होता है इसका उसे बहुत बुरा लग रहा होता है यहां पर मौजूद बाकी के परीक्षार्थि जरूर ही पृथ्वी मंडल के योद्धा हो सकते हैं कोई कोई तो उससे भी ज्यादा के युद्ध मंडल के हो सकते हैं इसलिए तो उनकी केंद्रीय सत्ता के अधिकारियों अधिकारी की परीक्षा के लिए चयन किया हुआ होता है और वैसे भी वह उम्मीदवार बड़े राज्यों के ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनके साथ मौजूद सैनिक भी बहुत ज्यादा ताकतवर हो सकते है पर गर्व के साथ जो सैनिक मौजूद होते हैं वह तो सिर्फ आकाश मंडल के ही सैनिक होते हैं और गर्व भी आकाश मंडल के चौथे चरण का ही योद्धा होता है गर्व को लगा कि वह इन दो महीने में इतने सारे संसाधन मिलने के बाद आसानी से आकाश मंडल के पार चला जाएगा पर वह लाख कोशिश करने के बावजूद भी आकाश मंडल के पार नहीं पहुंच सका 2 महीने बाद वहां पर मौजूद सारे परीक्षार्थि उम्मीदवारों का रात को सूरज डूबने के समय में जंगल जाना होता है और उन्हें वहां 3 महीने या से ज्यादा वक्त तक जिंदा रहना होता है अगर कोई वहां से 4 महीने के बाद वापिस आएगा तो उसे परीक्षा में अनुत्तीर्ण मान लिया जाएगा उसे जंगल से 6 महीने के पहले ही वापस आना जरूरी होता है यह सारी जानकारी उन्हें अधिकारी आकाश सिंह ने उस दिन सुबह ही दे दी थी उस दिन दोपहर भोजन के बाद दोपहर 3:00 बजे वहां मौजूद सारे परीक्षार्थी उम्मीदवारों के साथ-साथ उनके सैनिकों की युद्ध मंडल को जांचा गया था उन सारे समूह में से सिर्फ तीन ही समूह के लोग आकाश मंडल के निकल गए और उन तीन समूह में गर्व के सैनिकों का समूह भी होता है इसकी वजह से वहां मौजूद बाकी के परीक्षार्थी और उनके साथ मौजूद सैनिकों का समूह उन लोगों की तरफ साथ ही गर्व के समूह की तरफ हीन दृष्टि से देखे जा रहे थे इस बात का गर्व को बहुत ही बुरा लग रहा था पर गर्व के साथ जो भी सैनिक खड़े होते हैं उनको गर्व पर बहुत ही ज्यादा भरोसा होता है उन्हे यकीन था कि उनके सामने कोई भी संकट क्यू ना आ जाए गर्व के रहते वह दुनिया के हर संकट का आसानी से सामना कर सकते है साथ ही अधिकारी आकाश सिंह के चेहरे पर भी गर्व को कोई भाव नजर नहीं आ रहे होते हैं उनको भी देखकर ऐसा लग रहा था कि उनको भी गर्व पर पूरा भरोसा है इसलिए तो उन्होंने गर्व कि इस केंद्रीय अधिकारी के पद की परीक्षा के लिए चुनाव किया होता है शायद यह इसीलिए हो कि उन्होंने देखा था कि कैसे गर्व ने सिर्फ अकेले के दम पर पूरे भरतपुर राज्य के लोगों की जान को बचाया है पर फिर भी गर्व को इस वक्त कुछ अच्छा नहीं लग रहा होता है उसे पता होता है कि भरतपुर राज्य तो बस एक शुरुआत होती है वह इस दुनिया का 1% भी हिस्सा भी नहीं है और उसके सामने जो आगे की चुनौती होगी वह उसकी सोच से भी ज्यादा मुश्किल साबित हो सकती है पर उसे इस बात का आश्चर्य हो रहा था कि जब भरतपुर राज्य में बहुत ही कम संसाधन होने के बावजूद भी उसके युद्ध मंडल में तेजी से प्रगति हुई थी पर यहां पर केंद्रीय अधिकारी के कार्यालय में दुनिया के इतने सारे संसाधन होने के बावजूद भी उसके युद्ध मंडल में प्रगति क्यों नहीं हुई क्या इतने सारे संसाधनों को देखकर उसके मन में आलस तो नहीं जाग गया यही कारण हो सकता है कि उसकी युद्ध मंडल में कोई भी प्रगति नहीं हुई होती है जब आदमी के सामने विषम परिस्थितियां होती है या फिर करने या मरने की परिस्थिति होती है तभी उसकी पाचो की पाचो इन्द्रिया जाग जाती है और वह पूरी दुनिया उसके खिलाफ हो जाने के बावजूद भी विषम परिस्थितियों में इतनी प्रगति करता है कि दुनिया उसकी तरफ देखते रह जाती है और जब उसको दुनिया के हर संसाधन आसानी से मिल जाते हैं तो उसके मन में और शरीर में आलस जग जाता है उसे खुद के बारे में बहुत घमंड होने लगता है और वह अपने पूर्ण शक्ति का उपयोग करके कोशिश नहीं करता है गर्व इस बात को आज अच्छी तरीके से समझ गया होता है जल्द ही वक्त बीतता जाता है और वह वक्त भी आ जाता है जब उसको जंगल में जाना होता है इस कार्यालय के चार दिशाओं में मौजूद चार दरवाजे सूरज के पश्चिम दिशा में अस्त होने के समय खुल जाते हैं और वहां से एक एक करके एक एक सैनिकों का समूह जंगल में चारों दिशाओं में जाना चालू करते हैं और गर्व के समूह को पश्चिम दिशा मिली होती है और वह उस दिशा में अपने भरतपुर राज्य के सैनिकों के साथ चलता जा रहा था केंद्रीय कार्यालय की इमारत का परिसर 2 किलोमीटर और उसके आगे की परिसर की जगह है 6 किलोमीटर है ऐसे 8 किलोमीटर की परिधि में यह पूरा केंद्रीय अधिकारियों का कार्यालय फैला हुआ होता है इस पूरे परिसर को केंद्रीय अधिकारियों और युद्ध पोतों के जरिए लगातार सुरक्षा प्रदान की जाती है इसलिए यहां पर किसी भी तांडव कबीले के लोगों की आने की हिम्मत नहीं होती है वहां पर मौजूद जो भी परीक्षार्थी उम्मीदवार होते हैं वह जैसे-जैसे जंगलों की तरफ बढ़ते जा रहे होते हैं वैसे वैसे उन जंगलों की गहराई से अलग-अलग हिंस्त्र पशुओं की चिल्लाने की आवाज आना चालू होती है उन पशुओं की चिल्लाने की आवाज को गर्व के साथ बाकी परीक्षार्थी उम्मीदवारों ने आज से पहले कभी नहीं सुनी होती है ऐसा लग रहा था कि वहां पर जो हिंस्त्र पशु है वह अपनी तरफ शिकार की आने की खुशी में चिल्ला रहे होते हैं वह अपने शिकार का चिल्ला चिल्ला कर स्वागत कर रहे होते हैं जैसे ही सूरज पश्चिम दिशा में डूब गया केंद्रीय अधिकारी के कार्यालय का परिसर रोशनी से जगमगा उठा यहां पर जगह-जगह बड़े-बड़े कंदील लगे हुए थे जिसके कारण यह पूरा परिसर रोशनी से जगमगा उठा साथ ही हवा में 200 के करीब केंद्रीय अधिकारियों के युद्ध पोतों ने आसमान में उड़ान भर दी क्योंकि इस वक्त आसमान से केंद्रीय अधिकारी के कार्यालय के परिसर में हमला होने की संभावना होती है इसलिए वह यहां की सुरक्षा कर रहे होते हैं फिर गर्व ने पीछे पलटकर केंद्रीय अधिकारी के कार्यालय की इमारत की तरफ देखा उसने ऊंचाई पर मौजूद उस तेंदुए की मूर्ति को देखा उसकी आंखें इस वक्त इस रोशनी से चमकती जा रही थी ऐसा मानो वह कोई मूर्ति नहीं है बल्कि एक असली जानवर अपने सामने हो रही चीजों को अपनी खुली आंखों से देख रहा हो गर्व ने पिरामिड की सबसे ऊपरी मंजिल की तरफ देखा उस मंजिल के चारों तरफ रोशनी फैली हुई थी तभी उस रोशनी में हलचल हुई उस रोशनी की बीच में एक आदमी की परछाई उस रोशनी के बीच में आ गई वह परछाई थोड़ी देर तक वहा रही और वह आदमी की परछाई वहां से कुछ ही पलों में गायब भी हो गई गर्व ने सोचा यह जरूर ही उसी आदमी की परछाई होगी जो इस पूरे पिरामिड का प्रमुख अधिकारी होगा और वही इस पूरे इमारत का कामकाज देखता है इस पिरामिड के कामकाज की पूरी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है