इस वक्त अधिकारी आकाश सिंह भी गर्व के समूह के साथ चलते जा रहे थे गर्व ने उनको उस सबसे ऊपरी वाली मंजिल के बारे में सवाल पूछा पर उन्होंने गर्व के इस सवाल को टाल दिया उन्होंने गर्व को अपने काम पर ज्यादा ध्यान देने की सलाह दे डाली यह भी ठीक होता है कि गर्व को इस वक्त अपने काम के बारे में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है ना कि इधर-उधर के बारे में सोचने की अधिकारी आकाश सिंह ने गर्व को उस परिसर के बाहर तक छोड़ दिया उस केंद्रीय अधिकारी के कार्यालय की जमीन पूरी सफेद मार्बल पत्थरों से बनी हुई होती है जिस पर अलग-अलग कंदीलो का प्रकाश पड़ रहा होता है जिससे कि वह पिरामिड इतनी रात में भी सफेद रोशनी में चमक रहा होता है एक तरफ जंगल में घना अंधेरा होता है तो उसी जंगल में एक तरफ पूरा सफेद उजाला होता है गर्व उन घने जंगलों की तरफ चला गया वह जैसे ही थोड़ा दूर गया उसने पीछे पलटकर उस पिरामिड की इमारत की तरफ देखा तो पूरा पिरामिड का परिसर सफेद रोशनी में जगमगा रहा था ऐसा लग रहा था कि वह इमारत किसी स्वर्ग की जगह जैसी होती है इस वक्त गर्व के आगे और पीछे कई सारे परीक्षार्थियों के सैनिकों के समूह होते हैं वहां पर कई सारे सैनिकों के समूह में लोह मानव जैसे कवच वाले सैनिक मौजूद होते हैं तो वहां पर कई सारे सैनिकों के समूह आधे आदमी और आधे जानवर वाले सैनिकों की तरह होते हैं वहां पर कई सारे उम्मीदवारों के सैनिकों ने एक दूसरे के साथ हाथ मिला दिया और वह वहां पर जंगलों में किसी भी खतरो का एक साथ मिलकर सामना करने का निर्णय लेते हैं ऐसा कोई नियम नहीं होता है कि कोई सैनिकों के समूह एक साथ मिलकर लड़ नहीं सकते वहां पर तो बस एक ही नियम बनाया गया होता है कि उन्हें जंगलों में 3 महीने या उससे ज्यादा देर तक जिंदा रहना होता है उनको 6 महीने के पहले जंगलों के बाहर आ जाना होता है क्योंकि वहां पर सब ने देखा था कि गर्व का और उसके साथी सैनिकों का युद्ध मंडल आकाश मंडल का ही है इसलिए वहां पर किसी भी दूसरे सैनिकों ने गर्व के सैनिकों के समूह से हाथ मिलाने की कोशिश नहीं की होती है कोई कोई तो गर्व के सैनिकों के समूह की तरफ घृना भरी नजरों से देखे जा रहे थे वह सोच रहे थे कि इन लोगों का कुछ भी नहीं हो सकता है यह बेचारे लोग तो पहले ही दिन मारे जा सकते हैं इस वक्त गर्व के मन में भी न्यूनगंड की भावना भर चुकी थी उसे पता होता है कि उसका और उसके साथी सैनिकों का युद्ध मंडल सिर्फ आकाश मंडल ही होता है पर इन सब चीजों का गर्व के सैनिकों पर तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ रहा होता है उन्हें मालूम होता है कि यहां पर क्या चल रहा है और कौन उनके बारे में क्या सोच रहे हैं पर उनको इस वक्त गर्व पर पूरा भरोसा होता है कि वह उन्हें किसी भी मुसीबत के बाहर निकाल सकता है और वैसे भी गर्व का भरतपुर राज्य पर बहुत बड़ा एहसान होता है वह तो अपने प्राणों की भी परवाह ना करते हुए गर्व की रक्षा करने वाले होते हैं गर्व उनकी भावना को अच्छे से समझ रहा होता है पर फिर भी गर्व इस वक्त पूरी तरह से सतर्क होता है इस जंगल में कभी भी कुछ भी हो सकता है इस जंगल में दूर की तरफ से जंगली प्राणियों के चिल्लाने की आवाज आती जा रही थी वहां पर कई सैनिकों की जंगली प्राणियों के साथ जंग भी शुरू हो गई थी और उनकी लड़ाई की आवाजें दूर से गर्व को सुनाई आती जा रही थी गर्व ने जब वहां देखा तो उसको उस सिंह मानव का समूह भी दिखाई पड़ा उनका समूह तो इस वक्त अकेला ही होता है उन लोगों ने इस वक्त किसी भी दूसरे समूह से हाथ नहीं मिलाया होता है गर्व को कोई इस बात का आश्चर्य लगा क्योंकि वह सिंह मानव का समूह पृथ्वी मंडल का होता है वह बहुत आराम से किसी दूसरे सैनिकों के समूहों के साथ हाथ मिला सकते थे पर उन्होंने अकेला ही रहना पसंद किया होता है उनके समूह के लोग बहुत ही घमंडी लग रहे थे उन्हे अकेले रहकर ही खुद की सुरक्षा करने का भरोसा होता है इसीलिए वह वहां पर अकेले ही सामने की ओर बढ़ते जा रहे थे सिंह मानव के समूह का मुखिया वह राज्यवर्धन सिंह होता है उसकी भी नजर गर्व के सैनिकों के समूह पर और गर्व पर पड़ी उसने गर्व की तरफ देखा कर और बस मुस्कुरा दिया और अपने समूह के साथ वह आगे की ओर बढ़ गया उसने भले ही गर्व को देख कर मुस्कुराया हो पर गर्व ने उसकी आंखें पढ़ ली होती है उसकी आंखों में गर्व के लिए कि तिरस्कार के भाव के अलावा कुछ भी नजर नहीं आया था उनकी नजर में गर्व का समूह एक कमजोर सैनिकों का समूह है जिसका कोई भी भविष्य नहीं होता है वहा मौजूद सारे सैनिकों के समूह ने जंगल के अंधेरे में देखने के लिए मशाले जलाई होती है और उन्ही मशालो के उजालों में वह जंगल में आगे की तरफ बढ़ते जा रहे होते हैं क्योंकि वहां पर कोई कोई सैनिकों के समूह बहुत ही प्रगत राज्यों से आए हुए होते हैं इसलिए उनके पास कई तरह के नए तंत्र ज्ञान की चीजें होती है उन सैनिकों के पास में एक अजीब तरह के आकार की कंदील होते है जो कि बिजली की ऊर्जा पर चलते हैं उन लोगों को हाथ में मशाले लेकर चलने की कोई आवश्यकता नहीं होती है वह उस जंगल में लगातार आगे की तरफ चलते गए और पीछे की केंद्रीय सत्ता की अधिकारियों की इमारत उनकी नजरों के सामने से ओझल हो गई और वह घने जंगलों के बीच में आ गए होते हैं यहां से थोड़ी ही दूर पर से पहाड़ों का इलाका चालू होता है उन पहाड़ों के समूह को देखकर गर्व को भरतपुर राज्य के पहाड़ों की याद आ गई उसे याद आया कि वहां पर उस कालीचरण ने कैसे उन हत्यारों के साथ उनका पीछा किया और उसने कैसे नई नई योजनाएं बनाकर उन हत्यारों से अपना बचाव किया गर्व को इस वक्त पहाड़ों के बारे में कुछ अच्छे ख्याल नहीं आ रहे होते हैं इसलिए उसने आज रात इसी पहाड़ों के नीचे अपना डेरा डालने का निर्णय लिया और उन्होंने उस पहाड़ों की निचली जगह पर अपना डेरा जमा दिया आश्चर्य की बात यह होती है कि वहां पर थोड़ी ही दूरी पर उनसे उन सिंह मानवो ने भी अपना डेरा जमा दिया उन्हें भी उन पहाड़ों पर खतरा महसूस होते जा रहा था इसलिए उन्होंने भी आज रात के लिए यहीं पर गर्व के सैनिकों के समूह से थोड़ी दूरी पर अपना डेरा जमा दिया उन सिंह मानवो के समूह को वहां पर अपना डेरा जमाते हुए देखकर जो सैनिक पहाड़ों की तरफ जा रहे थे वह वापस उन पहाड़ों के नीचे उतर गए और उन्होंने भी उन सिंह मानवो के डेरे के पास ही अपनी डेरे को जमा दिया यह देखकर गर्व को बहुत आश्चर्य हुआ कि कैसे उन इतने बड़े सैनिकों के समूह ने उन सिंह मानवो के समूह का अनुकरण किया है जरूर ही उन सिंह मानवो के समूह का बाकी के लोगों पर बहुत ज्यादा प्रभाव होगा इसीलिए वह लोग उनका अनुसरण करते जा रहे थे गर्व ने इस वक्त अपने साथ एक थैला लिया हुआ होता है यहां पर उसने अलग-अलग चीजों को रखा हुआ होता है इन सारी चीजों के बीच में उसने वहां पर स्टोरेज रिंग को भी रखा हुआ होता है गर्व ने उनके साथ मौजूद जो 14 लोह मानव थे उनमें से किसी को भी यह बात नहीं बताई होती है कि उसके पास स्टोरेज रिंग है यहां तक कि केदार को भी नहीं भले ही उन लोह मानवो को गर्व पर अपने प्राणों से भी ज्यादा भरोसा हो पर गर्व को उनमें से एक पर भी तनिक भी भरोसा नहीं होता है यह दुनिया में कौन कब कैसे पलट जाए यह कोई भी नहीं बता सकता है उसने अपने थैले के अंदर हाथ डालने का नाटक करके अपने स्टोरेज रिंग से जड़ी-बूटी को निकाला इन जड़ी-बूटियों में आदमी की शक्ति बढ़ती है और उसे 12 घंटे तक नींद नहीं आती है इन जड़ी-बूटियों को अपने थैले के बाहर निकालने का नाटक करते हुए गर्व ने इन जड़ी-बूटियों को अपने सैनिकों में बाट दिया यहां पर उसको छोड़कर 15 सैनिक होते हैं इनमें से हर एक को उसने यह जड़ी बूटियां बाट दि थी उसका सेवन करते ही उन सैनिकों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ इनका उनको ज्यादा कोई आश्चर्य नहीं हुआ उन्हें पता होता है कि गर्व एक प्रतिभाशाली आदमी होता है उसको ऐसे ऐसे चीजों के बारे में पता होता है जिन चीजों के बारे में दूसरों को पता नहीं होता है गर्व की इस वक्त छटी की छटी इंद्रिया जागृत हो गई थी उसने भी उन जड़ी बूटियों का सेवन किया हुआ होता है उसे लग रहा था कि वह खतरा पहाड़ों पर नहीं बल्कि पहाड़ों के नीचे ही उन पर टूट कर बरसने वाला होता है उसने अपने आसपास नजर घुमाई तो उसने देखा कि वह पहाड़ों की 700 मीटर की दूरी पर मौजूद है उनके 200 मीटर की दूरी पर उन सिंह मानवो के सैनिकों का समूह है और उनके 100 मीटर की दूरी पर बाकी के सैनिकों का समूह होता है जिन्होंने आपस में हाथ मिलाए होते हैं वहां पर बाकी भी सैनिकों के समूह होते हैं वह वहां पर कम ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं वह बाकी के सैनिकों के समूह गर्व के समूह से थोड़ी थोड़ी दूरी पर मौजूद होते हैं अचानक वहां से तेज हवा चलने लगी हवा से पेड़ की पत्तियां हिलने लगी उनमें सर सराहाहट की आवाज होने लगी यह देखकर गर्व और सतर्क हो गया उसके साथ-साथ वहां मौजूद लोह मानव का समूह होता है वह भी सतर्क हो गया पर वहां पर जो सैनिकों का सबसे बड़ा समूह होता है वह तो बस अपनी ही दुनिया में मस्त होता है उन्हे लग रहा था कि उनकी संख्या ज्यादा होने के कारण उनका कोई भी कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता है वह लोग नाचते खेलते और गाते जा रहे थे वह वहां पर मौज मजा करते जा रहे थे अचानक तेज चलती हवा रुक गई और हवा में सन्नाटा फैल गया वह हवा जैसे ही रुक गई उन बड़े सैनिकों के समूह में भी शांति फैल गई उन लोगों ने एक दूसरे की तरफ देखा वह एक दूसरे के चेहरे की तरफ देखते गए फिर एक दूसरे के चेहरे की तरफ देख कर जोर जोर से हंसने लगे उनकी हंसी जंगल के सन्नाटे में चारों तरफ गूंज गई और उसी वक्त उनकी हंसी चीखों में बदल गई वह लोग सपासप कटते जा रहे थे और उनके हाथ पैर टूट कर हवा में बिखरते जा रहे थे उनके खून की बूंदे हवा में चारों तरफ बिखरती जा रही थी इससे वह सैनिकों का समूह सदमे में आ गया वह अपना खाना अपनी जगह पर ही छोड़कर इधर-उधर भागने लगे वह तो हंसते खेलते हुए अपने खाने का लुफ्त उठाते हुए बातें करते जा रहे थे पर उनकी खुशी का माहौल मातम में बदल गया वहां पर कोई कोई सैनिक साहसी भी होते हैं उन्होंने अपने कवच पर लगी हुई कंदील जला दी जिससे कि वहां पर चारों तरफ उजाला फैल गया उनके शरीर से 3 फीट की दूरी पर चारों तरफ रोशनी फैल गई और उन सैनिकों ने अपनी म्यान से अपनी तलवार निकाल दी