क्योंकि इस वक्त उसके सिर में थोड़ा दर्द उत्पन्न हो गया था वह अपने सिर पर थोड़ा हाथ लगा कर देखता है उसके सिर में उसे कुछ तो गायब होते जाने का एहसास होते जा रहा था उसे तुरंत ही समझ आ जाता है कि उसके दिमागी नियंत्रण में जो भी हत्यारे वहां पर मौजूद होते हैं वह वहां से गायब होते जा रहे होते हैं वह तुरंत ही यहां वहां देखता है तो गर्व उसे उन हत्यारों को अपने स्टोरेज रिंग में भेजते हुए दिखाई दे रहा होता है गर्व को देखकर तो उसे बहुत ही ज्यादा गुस्सा आ जाता है वह वहां पर जो कोई भी हत्यारे मौजूद होते हैं उन पर वह तुरंत ही अपने दिमागी नियंत्रण को स्थापित कर देता है और उनको वह गर्व पर हमला करने का आदेश देता है इस वक्त वहां पर जमीन पर जो भी केंद्रीय अधिकारी की परीक्षा देने वाले सैनिक मौजूद होते हैं वह यहां से दूर भाग गए होते हैं क्योंकि उनके पहले ही आधे से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके होते हैं अगर उनके आधे सैनिक इतनी आसानी से मारे जा सकते हैं तो वह तो वहां पर पल भर में मारे जा सकते हैं वैसे भी वहां से उनका जो नेता होता है वीरेश वह वहा से गायब हो चुका होता है उन्होंने देखा कि कैसे उन हत्यारो ने वीरेश को इतनी आसानी से पकड़ कर लेकर चले गए इसीलिए उनकी हिम्मत पूरी तरह से टूट चुकी थी उन्हें तो वहा पर बस किसी के लड़ाई करने की जोरदार आवाज आ रही होती है उन्हें समझ में नहीं आ रहा होता है कि यहां पर तो उन हत्यारों के तो वह सैनिक दुश्मन है फिर वहां पर लड़ाई करने की किससे आवाज आ रही है यहां पर जैसे ही कामराज वहां पर मौजूद सारे हत्यारों के दिमाग के ऊपर अपना दिमाग नियंत्रण स्थापित करता है वह सारे के सारे हत्यारे फिर से गर्व की तरफ टूट पड़ते हैं गर्व ने इस वक्त दोसौ से ज्यादा हत्यारों को अपने स्टोरेज रिंग के अंदर जमा कर दिया होता है और अभी भी वहापर 300 के करीब हत्यारे मौजूद होते हैं और वह सारे के सारे गर्व के ऊपर टूट पड़े उन सारे हत्यारों के शरीर के दो हाथों से दो पत्थरों से बने चाबुक निकले और वह गर्व के शरीर के ऊपर बढ़ने लगे गर्व वहां से उन लोगों से बचते बचाते यह वहा दौड़ते जा रहा था वह जैसे ही वहां पर किसी भी हत्यारों को अकेला पाता वह उसकी तरफ दौड़ पड़ता और उसको अपने स्टोरेज रिंग के अंदर भेज देता क्योंकि इस वक्त गर्व ने अपने गति मंत्र को चालू किया होता है इसलिए उसकी गति काफी ज्यादा होती है उसको वहां पर कोई भी हत्यारा पकड़ नहीं पा रहा होता है उल्टा उन हत्यारों के कई सारे लोग गर्व के स्टोरेज रिंग के अंदर तेजी से जा रहे होते हैं गर्व वहां पर कई सारे हत्यारों के दिमाग के ऊपर अपने नियंत्रण को महसूस कर सकता था और हत्यारे जैसे ही गर्व के स्टोरेज रिंग में जाते गर्व उनके दिमाग पर अपने नियंत्रण को प्रस्थापित कर देता और वह जैसे ही उसके स्टोरेज रिंग से बाहर निकलते गर्व उनके दिमाग के ऊपर से अपने नियंत्रण को गवा देता अपने सारे हत्यारों के ऊपर से अपने दिमागी नियंत्रण को खोता हुआ देखकर कामराज को बहुत ज्यादा गुस्सा आया हुआ था और वह तेजी से गर्व के तरफ भागे जा रहा होता है इस वक्त उसके शरीर से बहुत सारे चाबुक बाहर की ओर निकले हुए होते हैं और यह चाबुक वहां पर मौजूद किसी भी पेड़ों की डालियों पर गिर जाते तो वह डालिया कट कर अपनी जगह से अलग हो जाती इस वक्त वह एक दानव की तरह गर्व के तरफ बढ़ रहा होता है वह जैसे-जैसे गर्व की तरफ बढ़ रहा होता है वहां पर जो कोई भी हत्यारे हत्यारे होते होते हैं उनके शरीर के पत्थर उनके शरीर के बाहर निकलते जा रहे होते हैं और वह कामराज के शरीर पर जाते जा रहे होते हैं जिससे कि कामराज की ऊंचाई लगातार बढ़ते जा रही होती है गर्व वहां पर पीछे पलट कर देखता है कि वहां पर जिन जिन लोगों के शरीर के ऊपर से पत्थर निकलते जा रहे होते हैं उनके शरीर पर कई सारे चोटे बनी हुई होती है वह उन लोगों में से कई सारे लोगों को पहचान सकता था क्योंकि वहां पर जो कोई भी मौजूद होता है उनमें से बहुत सारे लोगों के चेहरे उसने पिछले साल इसी अमावस्या के दिन में देखे हुए थे जो की गर्व की तरफ नीची नजर से देखे जा रहे होते हैं और गर्व वहां पर बहुत सारे लोगों को पहचान भी नहीं पा रहा होता है क्योंकि वह लोग उसके पहले उन तांडव कबीले के गुलाम बने हो सकते हैं वहां पर सारे के सारे हत्यारे कामराज के शरीर के चारों ओर जमा हो गए थे और उनके शरीर पर मौजूद पत्थर थी कामराज के शरीर पर चढ़ते जा रहे थे और कामराज के शरीर का आकार और ऊंचाई दोनों ही तेज गति से बढ़ते जा रही थी गर्व देखता है कि कुछ ही देर में उसकी ऊंचाई 50 मीटर के एक पथरीले दानव में बदल चुकी होती है यह देखकर गर्व भी अपनी जगह पर रुक गया और उसने भी अपनी बर्फीले तलवार का आवाहन करके उसको प्रकट किया और वह उस कामराज के साथ लड़ने के लिए तैयार हो गया वह कामराज इस वक्त 50 मीटर ऊंचा हो गया था और वह अपने रास्ते में आने वाले पेड़ों और पौधों को तोड़ते हुए गर्व की तरफ बढ़े जा रहा होता है गर्व ने भी वहां पर अपने बर्फीले तलवार का इस्तेमाल किया और इस वक्त वह कामराज जमीन पर अपने पैर को जिस जगह पर रखने वाला होता है उस जगह पर पूरी तरह से बर्फ जमा दीया कामराज को यह बात ध्यान में नहीं आई और उसका पूरा पत्थर से बना हुआ पैर उस बर्फ पर से फिसल गया और वह सामने की तरफ गिर गया इसी का फायदा उठाकर गर्व वहा पर जो भी घायल हत्यारे पड़े हुए होते हैं उनकी तरफ दौड़ पड़ा और उन सबको तेजी से अपने स्टोरेज रिंग के अंदर भेजने लगा क्योंकि इस वक्त उस कामराज के शरीर का आकार बहुत ही बड़ा होता है इसलिए उसको अपने शरीर की हलचल करने में देरी लग रही होती है इसी का ही फायदा उठाकर गर्व ने वहां पर जो कोई भी घायल लोग होते हैं उन्हें अपने स्टोरेज रिंग में भेजने में कोई ज्यादा मुश्किल नहीं हुई और उसने उन सारे लोगों को स्टोरेज रिंग के अंदर भेज ही दिया यह सब घायल लोग गर्व के काफी काम आ सकते हैं इनका ही प्रयोग करके गर्व वापस केंद्रीय अधिकारी की इमारत में इसी पथरीले आदमी के भेष में जा सकता है जैसे ही गर्व ने उन घायल लोगों को भी अपने स्टोरेज रिंग में भेज दिया वह जमीन पर गिरा हुआ कामराज तुरंत ही उठ खड़ा हुआ उसने देखा कि वहां पर जो कोई भी घायल लोग होते हैं उनको गर्व ने अपनी स्टोरेज रिंग के अंदर भेज दिया है उसका अपने गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहा उसने अपने दोनों हाथ दोनों दिशाओं में उठाकर जोर से दहाड़ा उसकी आवाज की तीव्रता बहुत ही ज्यादा होती है उसके आवाज के कारण उसके सामने जो पेड़ मौजूद होते हैं उनकी पेड़ की पत्तियां टूटकर हवा में बिखर गई और उसके जो पैर होते हैं वह जमीन में नीचे की तरफ 10 फीट अंदर तक धस गए और आजू-बाजू की हवा में तेज कंपन उत्पन्न हो गया इसके कारण गर्व को भी अपने कानों पर हाथ रखना पड़ा और जो पहाड़ों पर पत्थर मौजूद थे वह भी नीचे की तरफ लुढ़कना चालू हुए इसकी शक्ति तो कालीचरण से भी ज्यादा है गर्व ने अपने मन ही मन में सोचा वहां पर दूरी पर जो सैनिक मौजूद होते हैं वह भी उस कामराज को साफ-साफ देख पा रहे होते हैं वहां पर भले ही अंधेरा हो पर वह उन पेड़ों के बीच में से 50 मीटर की बड़ी आकृति को हलचल करते हुए देख सकते थे उन लोगों ने जैसे ही उस दहाड़ को सुना वह सारे के सारे लोग डर गए और वह सारे वापस केंद्रीय सत्ता की इमारत की तरफ दौड़ने लगे भाड़ में गई परीक्षा और भाड़ में गई केंद्रीय अधिकारी इस वक्त तो उन्हें अपनी जान को बचाना होता है यह आवाज उस केंद्रीय अधिकारी की इमारत तक भी पहुंची होगी गर्व ने अंदाज लगाया इस वक्त दानव बन चुके कामराज की नजर वहां पर मौजूद सैनिकों की तरफ चली गई और वह उनके तरफ दौड़ पड़ा इस वक्त वह सारे के सारे सैनिक केंद्रीय अधिकारी की इमारत की तरफ जंगलों से दौड़ पड़े और उनके पीछे वह कामराज भी अपने रास्ते में आने वाले पेड़ और पौधों को हटाते हुए उन सैनिकों के पीछे दौड़ पड़ा गर्व ने जैसे ही देखा कि वह कामराज सैनिकों के पीछे दौड़ रहा है वह भी अपने गति मंत्र का इस्तेमाल करते हुए कामराज की तरफ दौड़ पड़ा वहां पर मौजूद विरेश को गर्व ने पहले ही अपने स्टोरेज रिंग के अंदर भेज दिया था और अब वह कामराज की तरफ दौड़ रहा था वह कामराज के पीछे उसके काफी नजदीक पहुंच गया होता है उसने तुरंत ही अपने बर्फीले तलवार का इस्तेमाल करते हुए फिरसे कामराज के पैरों के नीचे बर्फीली जगह बनाई जिससे कि वह कामराज उस पर से फिसल कर नीचे गिर पड़े पर गर्व का अंदाजा गलत साबित हो गया उसने जैसे ही उस बर्फीली जगह पर अपना पैर रखा वह पूरी की पूरी जगह जमीन के अंदर धस गई और वह पूरी की पूरी बर्फ चकनाचूर हो गई इस वक्त कामराज उन सैनिकों के काफी नजदीक पहुंच गया होता है गर्व को इस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा होता है कि वह इस वक्त क्या करें क्योंकि इस वक्त उन सैनिकों की जान खतरे में होती है तभी गर्व को उस कामराज के शरीर में पत्थरों के बीच में बड़ी-बड़ी दरारें दिखने लगी फिर गर्व ने तुरंत ही उसके शरीर के उन छेदो के बीच में बर्फ को जमाना शुरू किया जिससे कि उस कामराज को आगे की तरफ दौड़ने में मुश्किल हो रही थी क्योंकि उसके शरीर पर बर्फ जमा हो गए थे इसलिए उसे सामने की तरफ दौड़ने में तकलीफ जा रही होती है उसका ही फायदा उठाकर गर्व ने अपनी गति को और बढ़ा ली और वह कामराज के सामने की ओर जा पहुंचा और वहां एक ऊंचे पेड़ की सहायता से वह ऊपर चढ़ गया और उसने कामराज के चेहरे के ऊपर बर्फ को जमाना चालू कर दिया जिसके कारण उसका मुंह थोड़ी देर के लिए पूरा जम गया और उसका शरीर भी नहीं हिल पा रहा था इसकी वजह से वहां पर केंद्रीय अधिकारी की इमारत के तरफ दौड़ते जा रहे सैनिकों को और ज्यादा वक्त मिल गया और वह तेजी से उस इमारत की तरफ दौड़ने लगे वह अब उस इमारत के सिर्फ 20 ही किलोमीटर की दूरी पर रह गए थे और और गर्व लगातार उस कामराज के चेहरे को बर्फ से ढक के जा रहा था