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जैसे ही गर्व नीचे गिरा उस कामराज के चेहरे पर शैतानी मुस्कुराहट आ गई क्योंकि उसका शिकार नीचे जमीन पर गिरा हुआ होता है क्योंकि उस वक्त गर्व को ज्यादा चोट नहीं आई हुई थी इसलिए वह तुरंत ही अपने जगह पर से उठ गया और फिर से केंद्रीय अधिकारी की इमारत की तरफ उन सैनिकों के पीछे पीछे भागने लगा इस वक्त वह केंद्रीय अधिकारी की इमारत गर्व को साफ साफ नजर आ रही थी वह कामराज को भी नजर आ रही होती है पर इस वक्त कामराज की पूरी नजर गर्व के ही तरफ होती है गर्व ने तो उस कामराज को पूरी तरह से पागल कर दिया था उसके दिमाग में तो बस एक ही नाम चल रहा होता है और वहां था गर्व गर्व के नाम ने उसके दिमाग पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया था उसे कुछ भी सूझ नहीं रहा था और वह गर्व जैसे ही उठा उसके पीछे तुरंत ही कामराज दौड़ पड़ा इस वक्त गर्व उस इमारत से सिर्फ तीन ही किलोमीटर की दूरी पर होता है गर्व ने जैसे ही उस इमारत को देखा उसकी आंखों में चमक आ गई और उसने अपनी गति को और बढ़ा लिया और वह उस इमारत के और करीब जाते जा रहा था कामराज भी गर्व का पीछा करते जा रहा था अचानक गर्व को वहां पर केंद्रीय अधिकारी दिखने लगे गर्व ने उनके तरफ अपनी स्टोरेज रिंग को कर दिया उस स्टोरेज रिंग के बाहर वह विरेश निकला और वह उस केंद्रीय अधिकारी के करीब जाकर नीचे जमीन पर गिर गया पर गर्व अभी भी रुका नहीं था वह अभी भी उस इमारत की तरफ तेजी से बढ़ रहा होता है उसे जब यकीन होता है कि वह केंद्रीय अधिकारी वीरेश को बचा ही लेंगे इसलिए उसने वीरेश को उनके सामने फेंका होता है आखिर में गर्व भी उस केंद्रीय अधिकारी के इमारत के दरवाजे पर पहुंच ही गया यह देखकर उसने लंबी राहत की सांस ली क्योंकि उसकी यह जंग यहीं पर समाप्त हो गई इतनी सारी लड़ाई के बाद उसे अब थोड़ा आराम करने का वक्त मिलेगा वह सैनिक तो पहले ही उस इमारत के अंदर चले गए थे और वह कामराज अभी भी गर्व का पीछा कर रहा था वह गर्व का पीछा करते-करते उस केंद्रीय अधिकारी की इमारत के मुख्य दरवाजे के 70 मीटर दूर तक आ पहुंचा और इस वक्त गर्व उस मुख्य दरवाजे के 10 मीटर दूर खड़ा होता है गर्व को पता होता है कि वह कामराज कितना ही ताकतवर हो पर वह यहां पर कुछ भी नहीं कर सकता है वह कामराज जैसे उस इमारत के नजदीक आए उस इमारत की पिरामिड की दीवार से तोफे बाहर की तरफ से निकलने लगी गर्व ने देखा कि वह सैनिक जिनके पीछे पीछे वह दौड़ रहा होता है वह अंदर किसी से तो भी बाते करते जा रहे थे गर्व ने फिर उस मुख्य दरवाजे पर जो सैनिक खड़ा होता है उसको दरवाजा खोलने को कहा और उसे अंदर प्रवेश करने के लिए दरवाजे को खोलने की अपील की जैसे ही उसने वहां पर मौजूद सैनिकों को दरवाजा खोलने के लिए कहा उस सैनिक ने अपने धनुष्य पर तीर चढाया और उसने गर्व की दिशा में अपना तीर छोड़ दिया यह देखकर तो गर्व हड़बड़ा गया उसे तो लगा कि उसकी जंग अब खत्म हो चुकी है पर अब तो वहीं केंद्रीय अधिकारी उस पर हमला कर रहे हैं क्योंकि उसने यहां पर एक चीज को करना भूल गया था वह अभी भी उन हत्यारों के भेस में ही होता है कि उसके शरीर पर चारों तरफ काले पत्थर लगे हुए होते हैं जिससे कि वह एक भूत की तरह लग रहा होता है वह इस वक्त अपने शरीर पर लगे पत्थरों को नियंत्रित कर सकता था उसे पहले अपने चेहरे के पत्थर और शरीर के पत्थर को भी हटाना चाहिए था और फिर उन अधिकारियों से दरवाजा खोलने के लिए कहना था पर उसने जल्दबाजी कर दी और उसका नतीजा गर्व को भुगतना ही होगा गर्व को पता होता है कि उनकी केंद्रीय अधिकारियो के तीरों में कितना दम होता है जैसे ही उस केंद्रीय सैनिक ने गर्व के तरफ तीर छोड़ दिया वहां पर मौजूद बाकी के सैनिकों ने भी गर्व के तरफ तीर छोड़ दीये अपनी ही बेपरवाही के कारण गर्व को यहां से भागना ही पड़ा अगर वह यहां से नहीं भागता और उन सैनिकों को समझाने का प्रयास करता तो वहीं पर मारा जाता और वह तुरंत ही बाय दिशा में जंगल की तरफ भाग गया और जो तोपे उस पिरामिड के अंदर से बाहर निकली हुई थी उनमें से दो तोफगोले बाहर की तरफ निकले वह गोले पूरी तरह से निली ऊर्जा से बने हुए होते हैं यह गोले सीधा जाकर कामराज के शरीर से टकरा गए वह तूफान की तरह सामने बढ़ते जा रहे कामराज ने इन तोफगोलो को देख लिया और उसने फिर से अपनी ऊंचाई कम कर दी और वह अब 25 मीटर ही ऊंचा रह गया था और उसने अपने सामने एक बहुत बड़ी काले पत्थरों से बनी दीवार बना दी वह तोफगोले सीधा जाकर कामराज की बनाई हुई दीवार पर जाकर टकरा गए और वहां पर चारों तरफ पत्थर ही पत्थर बिखर गए इस वक्त गर्व भी उन जंगलों में एक पेड़ के बीच में छुपकर कामराज के तरफ देखे जा रहा था उसका हमराज को लगा कि उसके काले पत्थर उन तोफगोलो का आसानी से सामना कर लेगे पर ऐसा नहीं हुआ वह पत्थर जैसे ही टूट कर हवा में बिखर गए उस कामराज की आंखें ही बड़ी हो गई उसे बिल्कुल भी अंदाज नहीं होता है कि उन तो गोलों में इतनी ताकत होती है कि वह उसके पत्थरों को भी तोड़ कर रखते गर्व इस वक्त उसके चेहरे के भाव को ही देखे जा रहा होता है वह पहले ही उन तीरो से बचकर पेड़ों के बीच में छुपा हुआ होता है वह तीर गर्व से निशाना चूकते हुए कई सारे पेड़ों को नीचे गिराते हुए जमीन के अंदर धस चुके होते हैं और यहां पर जंगल में कहीं जगह पर वह केंद्रीय अधिकारी मौजूद होते है वह सारे गर्व को ढूंढते जा रहे होते हैं गर्व इस वक्त उन केंद्रीय अधिकारियों को कुछ भी समझा नहीं सकता था अगर गर्व उनके सामने एक पल भी ठहरा तो वह गर्व पर अपना तीर छोड़ देंगे और गर्व वहीं पर मारा जाएगा इस वक्त उन केंद्रीय अधिकारियों के युद्ध पोतों ने हवा में उड़ान भरना शुरू कर दिया था वह अपने ऊपर हमला करने वाले को ऐसे कैसे जाने दे सकते हैं वहां पर आसमान में 100 से ज्यादा युद्धपोतो ने आसमान में उड़ान भर दी थी और वह सब जंगल की तरफ और वहां पर मौजूद कामराज की तरफ बढ़ने लगे कामराज ने जैसे ही देखा कि वह इस वक्त उनका मुकाबला नहीं कर सकता है वह तुरंत ही उल्टे पांव वहां से भागने लगा उसे वहां से भागता देखकर गर्व चौक गया उसे तो लगा कि वह कामराज बहुत ही ज्यादा गुस्से में है और वह उनके केंद्रीय अधिकारी की इमारत पर हमला करेगा पर उसका दिमाग अभी भी काम कर रहा होता है वह अच्छे से समझ चुका होता है कि वह उन अधिकारियों से मुकाबला नहीं कर सकता है जैसे ही वह कामराज उलटी दिशा में भागा गर्व भी उसके पीछे पीछे दौड़ पड़ा और वहां पर मौजूद केंद्रीय अधिकारियों की गर्व पर नजर पड़ी इस वक्त कुछ भी हो जाए गर्व उस कामराज को इतनी आसानी से जाने नहीं देना चाहता था उसके पीछे भागते भागते वीरेश गर्व को रास्ते में मेरे दिख गया उसके साथ इस वक्त एक केंद्रीय अधिकारी खड़ा हुआ होता है और वह इस वक्त उस कामराज के रास्ते पर मौजूद थे उस अधिकारी ने जैसे ही कामराज को अपनी तरफ बढ़ते हुए देखा उसने अपने धनुष्य पर तीर चढ़ा दिया पर उसको देर हो गई उस कामराज ने भागते भागते उन दोनों के ऊपर ही अपने पैर को रख दिया और वह वहीं पर कुचलकर मारे गए उन्हें तो चिल्लाने तक का वक्त नहीं मिला यह देख कर तो गर्व के गुस्से का ठिकाना नहीं रहा अब तो वह बिल्कुल भी उस कामराज को यहां से भागने नहीं देना चाहता था उसने फिर से एक बार अपने गति मंत्र का उच्चारण करके उसको कार्यान्वित कर दिया और गर्व अपने पूर्ण शक्ति से उस कामराज़ के तरफ दौड़ पड़ा इस वक्त गर्व के पीछे केंद्रीय अधिकारी भी लगे हुए थे वह गर्व की तरफ तीर चला रहे होते हैं उन सारे तीरो से गर्व बचता बचाता गर्व कामराज की दिशा में भागे जा रहा होता है साथ ही अब तक आसमान में केंद्रीय सत्ता के युद्धपोत भी आ चुके थे वह कामराज और गर्व के तरफ उर्जा की गोलियों से हमला करते जा रहे थे जब कामराज ने जैसे ही वहां पर युद्ध पोतों को देखा उसने अपना आकार फिर से बदल दिया वह अब किसी मकड़ी के आकार का होता है जिसकी ऊंचाई सिर्फ 10 मीटर है और वह पेड़ो के बीच में से भागी जा रही होती है उसके शरीर के अंदर से पत्थरों के चाबुक बाहर के तरफ निकले हुए थे और यह चाबुक वहां पर पेड़ों पर बंधते जा रहे थे और इन चाबूको की मदद से वह मकड़ी जंगलों के बीच में से तेजी से सामने की तरफ भागे जा रही थी वह मकड़ी दो पलों में ही गर्व के नजरों से ओझल हो गई थी जिसके कारण फिर से गर्व को फिर से अपनी रफ्तार बढ़ानी पड़ी और वह पहले के मुकाबले तेज गति से कामराज के पीछे भागने लगा वह कामराज जैसे ही मकड़ी के रूप में परिवर्तित होकर वहां से गायब हो गया वह जो आसमान में युद्धपोत में कामराज का पीछा कर रहे होते हैं उन्होंने एकदम से वहां पेड़ों पर ऊर्जा की गोलियों से हमला करना चालू कर दिया और वह पेड़ टूटकर हवा में चारों तरफ बिखरने लगे इससे गर्व को कामराज का पीछा करने में मुश्किल होती जा रही थी पर उन ऊर्जा की गोलियों के बीच में से रास्ता बना कर गर्व फिर से कामराज के तरफ पहुंच ही गया वह जैसे ही काम राज की तरफ पहुंचा कामराज को गर्व के आने की भनक लग गई और उसने गर्व के शरीर की तरफ चाबुक चला दिया गर्व को वह चाबुक हवा से कहा से उसके शरीर पर आया कुछ भी समझ में नहीं आया और वह गर्व के शरीर पर टकरा गया जिससे कि उसके शरीर पर लगे कई सारे पत्थर टूट गए पर गर्व ने बिल्कुल भी हार नहीं मानी गर्व ने उस चाबुक से अपने शरीर को लिपटा दिया इस रात गर्व की काले ध्यान की शक्ति जैसे-जैसे बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे उसकी उन काले पत्थरों पर नियंत्रण करने की शक्ति बढ़ती जा रही थी इस वक्त गर्व को अपने शरीर पर लगे पत्थरों पर पूरा नियंत्रण हासिल हो चुका होता है पहले तो इन पत्थरों को कामराज अपने दिमाग से नियंत्रित कर सकता था पर अब इन पत्थरों पर गर्व का पूरा नियंत्रण हो चुका होता है इसलिए उस कामराज के शरीर पर जाने के बाद भी गर्व के शरीर के पत्थर कामराज के शरीर पर नहीं जा रहे थे