यहां देखकर कामराज हैरान हो गया था पर यह ज्यादा सोचने समझने का वक्त कामराज के लिए नहीं होता है यह तो उसके लिए वहां से भागने का वक्त होता है फिर गर्व ने अपने बर्फीले तलवार की मदद से कामराज के शरीर पर चारों तरफ बर्फ को फैलाते जा रहा था पर ऐसा लग रहा होता है कि इस वक्त गर्व की कोई भी चाल कामराज पर काम नहीं आने वाली थी उस कामराज ने तुरंत ही उस बर्फ को अपने पत्थर से बने चाबुको से अपने शरीर पर से हटा दिया और साथ ही उसने गर्व के शरीर को भी अपने शरीर से अलग कर दिया इस वक्त फिर से गर्व जमीन पर गिरा हुआ होता है और उसके सर के ऊपर केंद्रीय अधिकारी के युद्धपोत मंडरा रहे होते हैं गर्व ध्यान से देखता है कि यह तो वही युद्धपोत है जिससे वह भरतपुर से इस केंद्रीय अधिकारी की इमारत की जगह पर आया होता है अचानक उस युद्धपोत के अंदर से एक तोफ बाहर की तरफ निकली गर्व इस वक्त अपने चेहरे पर लगे पत्थर को हटाना चाहता था और उसने अपने आधे चेहरे के आवरण को हटा भी दिया था तभी उसे तोप में से गोली चल गई और गर्व ने भी उस गोली के सामने अपनी बर्फीली तलवार को घुमा दिया उस तलवार में से एक बर्फीली रेखा निकली यह बर्फीली रेखा 20 मीटर लंबी होती है और यह 1 फीट मोटी होती है और यह बर्फीली रेखा सीधा उस गोले की तरफ् बढ़ रही होती है ऊर्जा की गोली और गर्व की बर्फीली रेखा आपस में टकरा गई वह ऊर्जा की गोली गर्व की बर्फीली रेखा को चीरते हुए गर्व की तरफ बढ़ते जा रही थी वह गोली इस बर्फीले रेखा को बाफ में बदलकर गर्व के तरफ बढ़ते जा रही थी जैसे ही गर्व ने उस युद्ध पोत के तरफ अपनी बर्फीली रेखा को छोड़ा वह युद्धपोत अपने जगह पर ही रुक गया वह अपनी अगली गोली छोड़ने ही वाला होता है पर वह अपनी जगह पर ही रुक गया पर वहा पर जो भी बाकी के युद्ध पोत आकाश में मंडरा रहे होते हैं वह बिल्कुल भी नहीं रुके उन्होंने गर्व के तरफ उर्जा के गोलियों की बारिश कर दी गर्व समझ गया था कि उस युद्धपोत के अंदर अधिकारी आकाश सिंह ही बैठे हुए हैं और उन्होंने गर्व को पहचान भी लिया होता है पर बाकी के युद्ध पोतो के अंदर बैठे हुए अधिकारियों ने गर्व को नहीं पहचाना होता है इसीलिए उन्होंने गर्व के ऊपर तुरंत ही ऊर्जा के गोलियों की बारिश कर दी थी फिर गर्व ने तुरंत ही गति मंत्र का इस्तेमाल किया उसने एक के ऊपर एक गति मंत्र का इस्तेमाल किया हुआ था वह एक साथ दो गति मंत्र को चालू कर सकता था इससे उसकी गति दोगुना से भी ज्यादा हो जाती है गर्व ने पहले भी भरतपुर राज्य में जब मंदार ने उस विषाणु को फैलाया हुआ होता है तब भी उसने दो गति मंत्र का एक साथ प्रयोग किया हुआ था इसलिए उसे तब कोई भी देख नहीं पा रहा होता है पर इसका एक दुष्परिणाम भी होता है इसके वजह से उसने अपने शरीर पर उसका बुरा प्रभाव भी पड़ता है पर इस वक्त गर्व के पास में कोई भी चारा नहीं होता है जैसे ही उसने अपने गति मंत्र को कार्यान्वित किया वह अपनी जगह से देखते ही देखते गायब हो गया और वह सारी की सारी ऊर्जा की गोलियां जमीन पर टकरा गई और वहां पर 30 फीट गहरा गड्ढा बन गया इस वक्त जमीन से भी कई सारे केंद्रीय अधिकारी गर्व का और कामराज का पीछा कर रहे होते हैं वह गर्व के तरफ और कामराज के तरफ तीरो से हमला करते जा रहे थे उनके तीर कई सारे पेड़ों के अंदर से छेद करते हुए आगे की तरफ बढ़ते जा रहे थे गर्व ने अपनी जगह से तुरंत ही छलांग लगा दी और वह कामराज के 1 किलोमीटर नजदीक पहुंच गया उसने फिर से दूसरे छलांग लगाई फिर से वह कामराज के 3 किलोमीटर करीब पहुंच गया गर्व ने देखा कि इस वक्त आसमान में मौजूद सारे युद्ध पोतों ने हमला करना रोक दिया होता है शायद अधिकारी आकाश सिंह ने गर्व के बारे में जानकारी दी होगी पर जमीन पर जो अधिकारी लोग मौजूद होते हैं वह लगातार गर्व के और कामराज के ऊपर चारों तरफ से तीरो की बारिश करते जा रहे होते हैं इस वक्त गर्व के पास वहां से भागने के अलावा कोई भी चारा मौजूद नहीं होता है गर्व देखता है कि वह कामराज मकड़ी का रूप लेते हुए तेज गति से भागे जा रहा है और गर्व भी उसके तरफ दौड़ पड़ा इस वक्त तक वह कामराज पहाड़ियों के तरफ पहुंच ही गया होता है वह वहां से बस 100 मीटर की दूरी पर होता है गर्व देखता है कि उस पहाडी की जो ढलान होती है वह कामराज के अपने पास आते ही बदलना चालू हो जाती है वहां पर जो पेड़ मौजूद होते हैं वह अपने आप जमीन के अंदर जाना चालू होते हैं और उस काली मिट्टी के बीच में से एक दरवाजा बनते हुए जाता है जिससे कि वह कामराज पहाड़ी के अंदर आसानी से प्रवेश कर सके गर्व के पास इस वक्त दो रास्ते होते हैं वह अपनी गति का इस्तेमाल करते हुए इस 1 किलोमीटर ऊंचे पहाड़ के दूसरी तरफ जाए और दूसरा कि वह कामराज के शरीर पर लिपट जाए और उसके साथ उसकी जगह पर चला जाए क्योंकि यहां पर रहना खतरे से खाली नहीं होता है क्योंकि वह अधिकारी लोग गर्व के ऊपर और कामराज के ऊपर लगातार गोलियों से हमला करते जा रहे होते हैं और अगर वह इस पहाड़ी के दूसरी तरफ जाता है तो पता नहीं उसे वहां पर किन खतरों का सामना करना पड़ेगा और अगर वह कामराज के पीछे पीछे जाता है तो वह फिरसे गुलाम भी बन सकता है फिर उसने तुरंत ही कामराज के शरीर के अंदर छलांग मार दी और वह उसके शरीर के पास पहुंचकर स्टोरेज रिंग के अंदर प्रवेश कर गया यह स्टोरेज रिंग जो कामराज के शरीर पर पत्थर लगे हुए होते हैं उसके बीच में जाकर फस गई फिर गर्व ने अपने काले जादू की मदद से अपने शरीर से एक काले पत्थर को निकाला और इस पत्थर में उसने स्टोरेज रिंग जीतना छेद बनाया जिसमें कि वह स्टोरेज रिंग जा सके जो कि उसने कामराज के शरीर के तरफ फेंकी थी स्टोरेज रिंग 2 पत्थरों के बीच में फस कर टूट भी सकती थी जिसमें कि इस वक्त गर्व मौजूद होता है अगर वह स्टोरेज रिंग टूट गई तो गर्व भी वहां पर रह कर मर जाएगा इसलिए उसने इस काले पत्थर को अपने स्टोरेज रिंग के बाहर निकाला और वहां कामराज के शरीर पर उसने एक जगह पर फंसा दिया और फिर उसने अपने जादुई शक्ति से उस स्टोरेज रिंग को जिसमें की गर्व इस वक्त मौजूद होता है उसको उस काले पत्थर की छेद में घुसा दिया अब वह स्टोरेज रिंग बिल्कुल सुरक्षित हो गई थी उस काले पत्थर में गर्व ने एक छेद को भी किया हुआ होता है जिससे कि वह बाहर का नजारा देख सके फिर गर्व ने तुरंत ही स्टोरेज रिंग के बाहर देखा उसने देखा कि वह कामराज जैसे-जैसे इस पहाड़ के दरवाजे के अंदर जा रहा है वह मिट्टी का दरवाजा अपने आप बंद होते जाता है वहां पर वह काली मिट्टी नीचे से ऊपर की तरफ अपने आप बढ़ती जाती है और उस पहाड़ी में बना दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है वह कामराज अभी भी रुका हुआ नहीं था वह लगातार सामने की तरफ भागे जा रहा था क्योंकि वह तीर उस मिट्टी में घुसते हुए कामराज की तरफ बढ़ते जा रहे होते हैं पर उन तीरो का रास्ता वह काली मिट्टी बंद करते जा रही थी वह नीचे की तरफ से ऊपर बढ़ती जा रही थी और उस रास्ते को पूरी तरह से बंद करते जा रही थी ऐसा लग रहा था कि उस काली मिट्टी में भी जान है उस मिट्टी के बीच में से पेड़ भी ऊपर की तरफ जा रहे थे वह वही पेड़ होते हैं जो इस पहाड़ी के ऊपर मौजूद होते हैं अब तो पेड़ भी इन हत्यारों का साथ देने लगे यह सोचकर गर्व ने अपना माथा ही पीट लिया गर्व फिर आगे देखता है कि वह कामराज अभी भी आगे की तरफ भागे जा रहा होता है और वह काली मिट्टी अपने आप ऊपर की तरफ बढ़ती जा रही होती है गर्व देखता है कि वह कामराज अभी भी 5 मिनट तक लगातार भागे जा रहा था फिर वह 5 मिनट के बाद आखिर में रुक ही गया और उस काली मिट्टी ने उस कामराज के शरीर के पीछे एक दीवार का रूप ले लिया होता है इस वक्त गर्व को कामराज के शरीर के आगे का हिस्सा बिल्कुल भी दिख नहीं रहा होता है उस वक्त गर्व को उस जगह को देखने की बहुत उत्सुकता हो रही थी जहां पर इस वक्त कामराज खड़ा होता है उसे देखना होता है कि हत्यारे आखिर कैसे लोगों के दिमाग पर अपना नियंत्रण बनाते हैं और वह कैसे वह उनसे अपने मन का जो चाहे वह काम करवा लेते हैं गर्व अपने काले जादू की शक्ति से उस पत्थर को नियंत्रित कर सकता था जिसके अंदर उसके स्टोरेज रिंग मौजूद होती है वह इस पत्थर को वहां पर मौजूद काली मिट्टी की तरफ फेकना चाहता था पर उसने देखा होता है कि वह काली मिट्टी भी हत्यारों का साथ देती है तो उसने अपने निर्णय को बदल दिया तभी वह कामराज थोड़ी देर तक वहां रुक कर आगे की तरफ चलने लगा जैसे जैसे वह आगे की तरफ चलने लगा वैसे वैसे गर्व को स्टोरेज दिन के अंदर से उस जगह का नजारा दिखना चालू हो गया इस वक्त वह कामराज एक गुफा के अंदर मौजूद होता है और यहां पर कामराज के अलावा कोई भी मौजूद नहीं होता है इस गुफा की दिवारे काली मिट्टी और काले पत्थरों से बनी हुई होती है ऐसा लग रहा था कि आप पर चारों तरफ काले रंग का ही राज है और यहां पर इस गुफा की दीवार पर जो पत्थर लगे हुए होते हैं वह किसी आदमियों के आकार में लग रहे होते हैं ऐसा लग रहा था कि वह वही हत्यारे है जिनसे वह जमीन के ऊपर लड़ रहा होता है क्योंकि इस वक्त गर्व की नजर कृष्ण धवल में बदल गई होती है इसलिए वह यहां पर चारों तरफ का नजारा देख सकता था अगर यहां पर गर्व की जगह पर कोई दूसरा होता तो उसे खाली अंधेरे के अलावा कुछ भी नहीं दिखाई देता वहां कामराज लगातार सामने की तरफ चलते जाता है वह जैसे जैसे सामने की तरफ चलते जाता है गर्व को इस गुफा का पूरा नजारा दिखाई देते जा रहा था यह एक बहुत बड़ी गुफा होती है और इस गुफा की हर दीवार पर काली मिट्टी के बीच में आदमी के आकार के पत्थर लगे हुए थे