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गर्व भी यह बात अच्छे से जानता था तभी गर्व को अपने स्टोरेज रिंग का ख्याल आया वहां पर भी तो कई सारे हत्यारे मौजूद होते हैं गर्व ने तुरंत ही उन हत्यारों को अपने स्टोरेज रिंग के बाहर निकालना चालू कर दिया अब यहां पर उस कामराज का और गर्व के हत्यारों की संख्या बराबर की हो गई थी यह देखकर कामराज के चेहरे की मुस्कुराहट गायब हो गई उसके चेहरे पर गुस्से के भाव आ गए थे फिर उसके जिन जिन हत्यारों पर अपना मानसिक नियंत्रण स्थापित किया होता है उनके शरीर के पत्थरों को अपने शरीर की तरफ भेजने लगा वह सारे पत्थर उन हत्यारों के शरीर से निकलकर हवा में उड़ते हुए कामराज के शरीर की तरफ बढ़ने लगे और उसके शरीर का एक हिस्सा बनाने लगे गर्व को तो यही चाहिए था उसने पहले ही वहां पर एक स्टोरेज रिंग को तैयार रखा था जैसे ही वहां काले पत्थर उन गुलामों की शरीर के ऊपर से निकलकर कामराज के शरीर की तरफ जाने लगे गर्व ने अपने काले जादू की शक्ति की मदद से उन गुलामों को अपने स्टोरेज रिंग के अंदर भेज दिया क्योंकि इस वक्त कामराज का पूरा ध्यान गर्व की तरफ होता है इसलिए उसका गुलाम हत्यारों की तरफ ध्यान नहीं जा रहा था गर्व अभी इस वक्त अपने हत्यारों के शरीर के ऊपर के काले पत्थरों को अपने शरीर पर चढ़ाते जा रहा था और उन गुलाम हत्यारों को स्टोरेज रिंग के अंदर भेजना शुरू करते जा रहा था उस कामराज के शरीर का आकार लगातार बढ़ते जा रहा होता है फिर वहां पर किसी की भी राह ना देखते हुए कामराज की तरफ गर्व दौड़ पड़ा गर्व को अपने तरफ दौड़ते हुए देखकर कामराज भी गर्व की तरफ दौड़ पड़ा और वह एक दूसरे के ऊपर टकरा गए एक दूसरे की तरफ लगातार लातो और मुक्को से वार करते जा रहे थे वह अपनी मानसिक शक्ति का उपयोग करते हुए काली मिट्टी को भी नियंत्रित करते जा रहे होते हैं वह एक दूसरे को काली मिट्टी के अंदर दबाकर मारने का प्रयास करते जा रहे होते हैं क्योंकि इस वक्त उस कामराज के काले जादू की शक्ति गर्व के मुकाबले में ज्यादा होती है इसलिए इस वक्त कामराज का पगड़ा यहां पर भारी पड़ते जा रहा था जैसे ही गर्व देखता है कि यहां पर कामराज का पगड़ा भारी पड़ते जा रहा है वह तुरंत ही स्टोरेज रिंग के अंदर प्रवेश कर जाता और वहां कामराज को दिखाई नहीं देता वह कामराज जैसे ही गर्व को ढूंढने का प्रयास करते जाता गर्व अपने स्टोरेज रिंग के बाहर निकलकर कामराज पर चुपके से वार कर देता इसके कारण उसका गुस्सा और बढ़ते जा रहा होता है उसके इसी गुस्से का फायदा उठाकर गर्व ने कामराज को उस काली मिट्टी के ढेर के बीच में से बाहर की तरफ निकाला उस कामराज को तो पता भी नहीं चला कि वह कब गर्व के बनाए हुए जाल में फस गया और वह उस पहाड़ी के बाहर निकल गया वह दोनों जैसे ही बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि अब सुबह का वक्त होता है सूरज आसमान में ऊपर की तरफ होता है और रात के अंधेरे का फायदा उठाकर ही वह हत्यारे लोगों को अपना गुलाम बनाते हैं उनकी ताकत सुबह के वक्त में केंद्रीय अधिकारियों की ताकत के सामने कुछ भी नहीं होती है और आसमान में केंद्रीय अधिकारियों के कई सारे युद्धपोत भी नजर आ रहे थे उनकी जैसे ही गर्व और कामराज की उस काली मिट्टी के बाहर निकलते वक्त नजर पड़ी उन्होंने ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी उन युद्ध पोतो की तोफो की गोलियां कामराज और गर्व के तरफ बढ़ते जा रही थी यह देखकर कामराज तुरंत ही वापस उस मिट्टी के ढेर के अंदर चला गया और वह ऊर्जा की गोलियां जैसे ही उस काले मिट्टी के ढेर पर टकराई वहां की थोड़ी काली मिट्टी जल गई पर उस काली मिट्टी पर उन ऊर्जा की गोलियों का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा गर्व इस वक्त वापस काली मिट्टी के ढेर के अंदर नहीं जा सकता था क्योंकि उसकी ताकत उस कामराज के मुकाबले में सिर्फ एक चौथाई ही होती है वहां उस कामराज को अपने तरकीबो से ज्यादा देर तक मूर्ख नहीं बना सकता था क्योंकि गर्व जानता था कि वह कामराज कितना चलाख और चतुर है वह उस काले मिट्टी के ढेर के अंदर जाते ही गर्व पर भारी पड़ जाएगा ऊर्जा की गोलियां जैसे ही गर्व के शरीर के तरफ आई उसने वहा पर जंगलों के बीच में से दौड़ लगा दि इस वक्त गर्व को उन पत्थरों को नियंत्रित करने की कला आ चुकी होती है वह एक मकड़ी के आकार में बदल चुका होता है उन जंगलों के बीच में से वह अधिकारी गर्व के तरफ लगातार तीरो को छोड़ते जा रहे थे और उन सारे तिरो से गर्व आसानी से बचाव करते जा रहा था वह तुरंत ही उन अधिकारियों की नजर से ओझल हो गया था उसके शरीर पर काफी काले पत्थर लगे हुए होते हैं और उसके शरीर का आकार भी बहुत बड़ा होता है उसके शरीर का आकार इस वक्त 20 मीटर से भी अधिक होता है इसलिए वह वहां पर उन अधिकारियों के जल्द ही नजर में आते जा रहा था फिर गर्व ने तुरंत ही अपने शरीर पर से काले पत्थरों को हटाना चालू कर दिया और वह फिर से एक साडे 5 फीट का व्यक्ति बन गया उसने पहले ही उस कामराज के गुफा में मौजूद सारे गुलाम हत्यारों को अपने स्टोरेज रिंग में भेज दिया होता है उसने उस काली मिट्टी के ढेर के बाहर निकलते वक्त ही स्टोरेज रिंग को उसने अपने पास वापस रख दिया था इस वक्त वह स्टोरेज रिंग उसके ही हाथों में होती है और वह वहां पर उन जंगलों में जो खाली जगह होती है जिनको कामराज के तहस नहस किया था उस जगह पर उसने अपनी स्टोरेज रिंग को जादुई शक्ति से भेज दिया था और वहा से गर्व उन हत्यारों को बाहर निकालते हुए उनके शरीर के ऊपर से पत्थरों को हटाते जा रहा था और वह सारे के सारे गर्व के मानसिक शक्ति से आजाद होते जा रहे थे वह अब सच में एक आजाद इंसान होते हैं उनके दिमाग पर अब किसी का भी नियंत्रण नहीं होता है वहां पर उन अधिकारियों ने जैसे ही देखा कि वहां पर कई सारे घायल व्यक्ति अपने आप प्रकट हो रहे हैं उन अधिकारियों ने तिरो को चलाना बंद कर दिया और वह घायल व्यक्तियों की रक्षा करने लगे वह घायल व्यक्ति लगातार प्रकट होते जा रहे थे इसके कारण जो युद्धपोत आसमान से उर्जा के गोलियों की गोलीबारी कर रहे होते हैं उन्होंने भी गोलीबारी करना बंद कर दिया वह भी अब जमीन की ऊंचाई पर आ गए और वह भी थोड़ी ऊंचाई से उड़ते हुए घायल लोगों की रक्षा करने लगे और गर्व इन काले पत्थरों का भविष्य में भी उपयोग कर सकता है गर्व इस वक्त अपने स्टोरेज रिंग पर भी काले जादू का प्रयोग कर सकता है और अब इस स्टोरेज रिंग को गर्व 300 मीटर के दायरे में कहीं पर भी प्रकट कर सकता है और उसको अदृश्य भी कर सकता है पर गर्व स्टोरेज रिंग को हवा में ऊंचाई पर प्रकट या अदृश्य नहीं कर सकता है अगर ऐसा हो जाता तो गर्व को हवा में उड़ने की शक्ति हासिल हो जाती वह अब 300 मीटर के दायरे में अपने काले जादू और स्टोरेज रिंग की सहायता से कहीं पर भी प्रकट या अदृश्य हो सकता है वहां पर जैसे ही अधिकारियों को मालूम चला कि यहां पर कई घायल लोग प्रकट हो रहे हैं अधिकारियों ने इसकी सूचना केंद्रीय अधिकारी के पिरामिड तक पहुंचा दी फिर वहां से कई सारे युद्ध पोतों ने इस जगह की जगह की तरफ उड़ान भर दी साथ ही पिरामिड से कई सारी गाड़ियां यहां पर आने लगे उनमें से घायल लोगों को भर भर कर वह अधिकारी इन लोगों को पिरामिड तक पहुंचाने लगे जाने लगे गर्व भी इस वक्त उन घायल लोगों के समूह में शामिल हो गया था उन घायल लोगों के और गर्व के शरीर पर कोई भी वस्त्र नहीं होते हैं आसमान में उड़ रहे एक युद्धपोत के अंदर अधिकारी आकाश सिंह बैठे हुए होते हैं उन्होंने जैसे ही गर्व को पहचान लिया उन्होंने अपना युद्धपोत जमीन पर उतार दिया उन्होंने गर्व को वापस अपने युद्धपोत में बिठा दिया गर्व को देखकर अधिकारी आकाश सिंह ने राहत की सांस ली वह इस वक्त गर्व को काफी सारे सवाल पूछना चाहते थे पर इस वक्त गर्व के शरीर पर भी काफी चोटें आई हुई थी यह सारी चोटें गर्व ने जानबूझकर बनाई हुई होती है क्योंकि उससे कोई ज्यादा सवाल जवाब ना पूछे अगर वहां पर किसी को भी यह दिख जाता कि वहां पर उसके अलावा कोई भी घायल नहीं है तो सबका गर्व पर शक बढ़ जाता और वह उसे तांडव कबीले का जासूस मान लेते जो कि उनका एक जासूस है जो कि घायल लोगों की सहायता से केंद्रीय अधिकारियों की इमारत में घुसपैठ करना चाहता है फिर अधिकारी आकाश सिंह जल्द ही गर्व को केंद्रीय अधिकारियों की इमारत की तरफ लेकर गए यह जो गर्व के शरीर पर चोटे होती है वह उसने खुद पत्थरो को अपने शरीर पर रगड़ा कर बनाई होती है और वह इस वक्त सिर्फ बेहोश होने का नाटक करते जा रहा था गर्व अपनी आंखे हल्की-हल्की खोलते हुए आजू बाजू देखे जा रहा था वह देखता है कि वह एक कपास से बनी हुई चारपाई पर लेटा हुआ है जो की खिड़की के पास होती है और वह पूरी धातु से बनी हुई होती है और उसके ऊपर कपास से बना हुआ गद्दा होता है इस वक्त गर्व अपने शरीर की ज्यादा हलचल नहीं कर पा रहा था क्योंकि उसके शरीर पर लोहे की पट्टियां बंधी होती है और उस युद्ध पोत के दीवार से निकली होती है और गर्व के दाई तरफ खिड़की बनी हुई होती है जिससे कि गर्व बाहर का नजारा साफ-साफ देख सकता था