गर्व भी यह सुनकर भौचक्का रह गया उस राज्यसभा में जो कोई भी मौजूद होता है वह यह बात सुनकर अपनी जगह पर ही खड़े हो गए वहां पर उसकी बात सुनकर खलबली मच गई उन्हें तो अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था कि यहां विश्वजीत जी की बेटी पर बलात्कार भी हो सकता है कौन है वह बेटी अवनी मुझे उसका नाम बताओ मैं अभी उसका सिर उसके धड़ से अलग करके तुम्हारे सामने रखता हूं विश्वजीत जी ने ऊंचे आवाज में अपनी बेटी से कहा इस वक्त गुस्से के कारण उनकी पूरी आंखें लाल हो चुकी थी और यहां पर इस राज्यसभा में एक अजीब प्रकार का कंपन उत्पन्न हो गया था जिसके कारण गर्व के साथ जो भी अभी अभी केंद्रीय अधिकारी बने थे उनके सिर में दर्द उत्पन्न हो गया गर्व तो अपने सर को पकड़कर नीचे ही बैठ गया तभी अवनी ने कहा जो कि इस मुख्य अधिकारी विश्वजीत की बेटी थी वह एक छोटे से राज्य का योद्धा है और उसने 2 महीने पहले मेरे साथ जंगल में जबरदस्ती की थी और उसका नाम गर्व राठौड़ है वह मुझ को जान से भी मारने वाला होता था पर उसने मुझ को गुलाम बनाकर तांडव कबीले में भेज दिया पर मैंने वहां से कैसे तो भी अपनी जान बचा कर वापस आई हूं यह सुनकर तो वहा राज सभा में मौजूद सारे लोग हक्के बक्के ही रह गए कोई कोई तो लड़खड़ा करा वापस अपने कुर्सी पर गिर पड़े उन्हें तो यकीन नहीं हो रहा था कि जो कि यह गर्व है जिसकी उन्होंने अभी-अभी इतनी तारीफ सुनी थी वह एक बलात्कारी भी हो सकता है यह सब झूठ है गर्व ऐसा कभी भी नहीं कर सकता है भरतपर राज्य के एक सैनिक ने यह सुनते ही विश्वजीत के तरफ देखकर ऊंची आवाज में कहा तभी वह मुख्य अधिकारी विश्वजीत गर्व के सामने खड़े हो गए उनकी आंखें इस वक्त गुस्से से धधक रही थी गर्व उनकी गति को देखकर आश्चर्यचकित हो गया वह तो पलक झपकने के पहले ही उसके सामने खड़े हो गए थे पर यह आश्चर्यचकित होने का वक्त नहीं था इस वक्त उसकी जान खतरे में पड़ चुकी थी अधिकारी विश्वजीत उसकी जान पल भर में ले सकते हैं और उसे पता भी नहीं चलेगा कि क्या हुआ है उसने एक नजर अपने आजू बाजू देखा तो उसने देखा कि अधिकारी आकाश सिंह के साथ-साथ राज्यवर्धन सिंह और सुकेश सिंह वीर सिंह नीचे जमीन पर घायल अवस्था में पड़े हुए थे शायद उनकी कोई हड्डी टूट चुकी होगी और साथ ही जिस ने यह कहा था कि यह सब झूठ है गर्व ऐसा कभी नहीं कर सकता है वह तो अपनी जगह पर ही खड़ा हुआ था और उसका गले का आकार बहुत ही छोटा हो गया था उसको विश्वजीत ने गला दबाकर मार डाला था और उसको तो पता भी नहीं चला कि वह कब मारा गया और साथ ही गर्व के भरतपुर राज्य के सैनिक यहां वहा पड़े हुए थे वह विश्वजीत की गति के दबाव को सह नहीं पाए और वह उड़कर यहां पर नीचे जमीन पर गिर गए वह सारे मरे नहीं थे वह अभी भी जिंदा थे गर्व ने देखा कि वह मुख्य अधिकारी विश्वजीत जिस जगह से दौड़ कर उसके पास आए थे उस जगह पर उनके पैरों के निशान छप चुके थे इसी बात से मुख्याधिकारी विश्वजीत की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता था गर्व तो अपने दो गति मंत्रों का एक साथ प्रयोग करते हुए भी इतना दबाव नहीं पैदा कर सकता था जो कि उस मुख्य अधिकारी विश्वजीत ने पल भर में ही पैदा कर दिया फिर उस मुख्य अधिकारी विश्वजीत ने ऊंची आवाज में गर्व की तरफ देखते हुए कहा क्या यह सच है कि तुमने मेरी बेटी को तकलीफ पहुचाई है उनका सवाल सुनकर गर्व ने पहले सबसे पहले उनकी बेटी की तरफ देखा उसको देखकर उसको तो मानो झटका ही लग गया इस लड़की का चेहरा वही होता है जो कि उसको मुख्याधिकारी के कार्यालय में दो-तीन बार दिखा था उसको लगा कि उसके काले ध्यान शक्ति की वजह से उसके साथ कोई गड़बड़ हो चुकी है पर उसके साथ कुछ भी गड़बड़ नहीं हुआ था उनकी बेटी चुपके से उस पर अपनी नजर रखे हुए थी गर्व अब सब बात अच्छे से समझ गया गर्व ने फिर मुख्य अधिकारी विश्वजीत की तरफ देखा कर कहा ऐसा कैसा हो सकता है यह तो 2 महीने पहले की बात है और तब तो मैं उन तांडव कबीले के हत्यारों का गुलाम था मेरे साथ कई सारे दूसरे सैनिक भी उनके गुलाम थे मैं तो अभी भी 2 दिनों पहले ही अपने होश में वापस आ चुका हूं फिर मैं 2 महीने पहले ऐसा कैसे कर सकता हूं यह तो सच था कि गर्व 2 महीने पहले उस तांडव कबीले के हत्यारों की गुफा के अंदर मौजूद था फिर वह कैसे उस विश्वजीत की बेटी के साथ बलात्कार जैसी बुरी चीज कर सकता है वहां पर मौजूद बाकी के अधिकारियों को भी यह बात पता होती है कि गर्व इस केंद्रीय सत्ता की इमारत में मौजूद नहीं होता है फिर वह इस वक्त में विश्वजीत जी की बेटी से कैसे यह घिनौना काम कर सकता है इस वक्त अधिकारी विश्वजीत के आंखों पर गुस्से का पड़दा पड़ा हुआ होता है उसे तो इस वक्त अपने बेटि के साथ हुए अन्याय के अलावा किसी दूसरी चीज को देख नहीं पा रहा होता है और इस वक्त मुख्य अधिकारी विश्वजीत जी के गुस्से को देखकर वहां पर मौजूद किसी को भी उनके बीच में बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी वह सब चुपचाप रहे और वह अपने सामने के नजारे को देखने के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते थे गर्व के विश्वजीत जी को जवाब देते ही उनकी बेटी अवनी तुरंत ही अपने पिताजी के पास आ गई और वह उनके शरीर से लिपट गई और उसने रोते हुए अपने पिताजी से कहा मैं बिल्कुल सच कह रही हूं पिताजी 2 महीने पहले जब मैं जंगल में शिकार करने गए करने के लिए गई हुई थी तब इसी कमीने ने मुझपर हमला कर दिया था और उसने मुझको अपने मानसिक नियंत्रण की शक्ति के वश में कर लिया था जिसके कारण उस पूरे 2 महीने तक मुझे कुछ भी अच्छे से याद नहीं रहा मेरी स्मृति अभी अभी वापिस आई है और मै इस वक्त तक एक पागलखाने में पड़ी हुई थी जैसे ही मेरी स्मृति वापस आई मैं न्याय मांगने के लिए आपके पास आई हु मैं आपके सामने अपनी इज्जत की भीख मांगती हूं इतना कहकर उनके सामने नीचे घुटनों पर बैठकर जोर जोर से रोने लगी यह देखकर तो गर्व को भरतपुर के राजा की याद आ गई उस वक्त उसे तो लगा था कि वहां पर उसका बहुत आदर सत्कार होगा क्योंकि वहां पर वह उस पक्षियों के राजा को मारने के बाद गया था और वहां पर तो उसकी भरी राज्यसभा में बेज्जती कर दी गई और उसे तुरंत ही राज्य के कारागार में डाल दिया गया और आज भी यहां पर सब कुछ इतना अच्छा चल रहा था पर फिर भी अब इतना बड़ा हंगामा हो गया जिसको उसने अपने सपने में भी सोचा नहीं था कि यहां पर ऐसा कुछ होगा यह देख कर उसे ऐसा लगने लगा कि इस जन्म में उसके लिए राज्यसभा एक बहुत ही बुरी चीज है और वह जब भी किसी भी राज्यसभा में जाएगा तू जरूर हि उसके साथ कोई बुरा घटित होगा उसकी बातों को सुनकर गर्व के साथ मौजूद भरतपुर राज्य के सैनिकों को गुस्सा आ गया उनका बस चलता तो वह लोग यहीं पर उस अवनी के सर को उसके धड़ से अलग कर देते वह तो साफ-साफ झूठ बोल रही होती है कि गर्व ने उस पर बलात्कार जैसी घिनौनी चीज की है जबकि सभी को पता होता है कि यहां पर मौजूद वह सारे लोग तांडव कबीले के हत्यारों के गुलाम बने हुए थे वह यहां पर एक माहौल तैयार करते हुए गर्व को फंसाने का प्रयास करते जा रही थी गर्व भी यह अच्छे से समझ रहा होता है कि यहां पर उसे वहां मुख्याधिकारी की बेटी अवनी बलात्कार जैसे आरोप में फंसाने की कोशिश करते जा रही है तभी उसको पिछले रात का वक्त याद आया उसे उस वक्त समझ में नहीं आ रहा था कि वह लड़की की आकृति उसकी ही दिशा में ही क्यों देखे जा रही है जबकि वह तो उससे पहले कभी मिला भी नहीं है वह तो उस वक्त उसी के तरफ देखे जा रही थी यह सब उसको फंसाने की साजिश होती है और इसकी योजना पहले से ही तैयार करके रख दी गई होती है इसीलिए वह कल रात उसी के तरह देखे जा रही थी इस काम में उसके साथ उसके पिताजी यानी कि मुख्याधिकारी विश्वजीत जी भी शामिल हो सकते हैं वह खुद भी उन तांडव कबीले के हत्यारों के साथ मिले हुए हो सकते हैं जो कि इस वक्त अपनी बेटी के साथ मिलकर उस को फंसाने की साजिश कर रहे हैं गर्व ने तो अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह मुख्य अधिकारी विश्वजीत तांडव कबीले के साथ मिला हुआ हो सकता है पर वह इस वक्त कुछ भी नहीं कर सकता था अगर उसने अभी इस मुख्याधिकारी विश्वजीत पर अपने जादुई काले पत्थरों का इस्तेमाल कर दिया तो वहां पर सब को लगेगा कि गर्व ही तांडव कबीले का एक जासूस है और उसी ने ही अवनी के ऊपर जबरदस्ती करते हुए बलात्कार किया है तभी वहां पर मौजूद एक भरतपुर राज्य के सैनिक ने थोड़ी ऊंची आवाज में विश्वजीत जी से कहा यह कैसे संभव हो सकता है इसका क्या सबूत है कि आपकी बेटी के ऊपर बलात्कार किया गया है वह आगे कुछ बोल पाता इससे पहले ही विश्वजीत उसके पास पहुंच गए और उसकी आवाज भी वही की वही पर रुक गई वह अब दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगा विश्वजीत जी उसके पास पल भर में पहुंच गए थे और उन्होंने उस सैनिक की हाथ की मुट्ठी को अपने हाथों में पकड़ लिया था और उस मुट्ठी को उन्होंने अपने हाथ से ही दबाना चालू कर दिया था जिसके वजह से उसके हाथों पर बहुत ज्यादा दबाव बनता जा रहा था और वह जोर-जोर से चीखते जा रहा था उसके आंखों में आंखें डाल कर मुख्याधिकारी विश्वजीत ने उससे ऊंची आवाज में कहा क्या तुम्हें सबूत चाहिए उस सैनिक ने दर्द की तनिक भी परवाह ना करते हो कहा हां मुझे सबूत चाहिए फिर मुख्य अधिकारी विश्वजीत ने उसके हाथों के ऊपर अपने हाथों से दबाव बढ़ाना चालू कर दिया जिसके कारण वह बहुत जोर जोर से चीखने लगा यहां पर पूरे राजसभा में चारों तरफ उसके चीखों के अलावा कुछ भी सुनाई नहीं आ रहा था फिर मुख्याधिकारी विश्वजीत ने वहां पर मौजूद हर व्यक्ति के तरफ अपनी नजर घुमाते हुए ऊंची आवाज में कहा यहां और भी किसी को सबूत चाहिए तो वह मेरे पास आ सकता है मैं उसे खुद सबूत दूंगा इतना कहकर उन्होंने उस सैनिक के कंधे को अपने दूसरे हाथ से पकड़ लिया और उसके पूरे हाथ को ही कंधे से मास सहित उखाड़ दिया जिसने वह कारण अपनी जगह पर ही अधमरा हो गया