राज राय सिंह स्टडी रूम में अपने भरोसेमंद आदमी वेद को वहां बुलाते हैं ।
वेद लंबा चौड़ा पर्सनालिटी का 40 साल का नौजवान है जो भी मारपीट उठना तोड़ना फोड़ना काम है वह सब राज राय सिंह इसे ही देते हैं ।
अब वेद पीछे हाथ करके राज राय सिंह के सामने खड़ा हुआ है - हां बोलिए सर क्या बात है आपने मुझे क्यों याद किया !?
राज्जी - मालूम करो कि जो लड़की शिवांश के संग दिखाई गई है वह कौन है।?
वेद - आपके कहने से पहले ही मैंने मालूम कर लिया है सर जी !!
यह लड़की लक्ष्मी नगर के एक मिडिल क्लास फैमिली की लड़की है !
इसके पिता रिटायर प्रोफेसर हैं इसका घर आपके सैफ रामू जी के बेटे के घर के करीब हैं और इसकी शादी तय हो गई है ।।
राज जी - क्या शादी तय हो गई है!?
तय ही हुई है ना ।।हुई तो नहीं है।
वेद - नहीं सर जी इन दोनों की शादी परसों ही है !
राज - तुम्हें कैसे पता।
वेद - क्योंकि मेरे पिता जो पंडित जी हैं वही इन लोगों की शादी मंदिर में करा रहे हैं!
राज - अब मैं जैसा कहता हूं वैसा करो !? मुझे यह लड़की मेरे घर की बहू चाहिए !!
वेद - ठीक है सर !!!!!
अब आगे।।।
गौरी के घर पर सुबह के 9:00 बजे उस के दरवाजे पर एक बड़ी सी महंगी कार आकर रूकती है !!
तनु जी - इतनी सुबह-सुबह कौन आया वह भी कार से !?
योगेश जी -आप बैठे तनु जी मैं देखता हूं !!
गोरी के घर पर सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे नाश्ता कर रहे हैं !!
सभी की नजर दरवाजे पर है!
अव् रामू मधुमती जी के लिए कार का दरवाजा खोलता है ।
आईये मा जी पहुंच गए हम लोग योगेश जी के घर पर !!
अभी योगेश जी अपने घर का दरवाजा खोलते हैं वह सामने देखते हैं की एक ढीला कुर्ता पजामा पहने एक 50 साल का अंधेर व्यक्ति जो कि रामू है !
क्रीम कलर की गोल्ड बॉर्डर की हुई साड़ी पहने आंखों पर चश्मा हाथ में छड़ी लगभग 70 साल की बुजुर्ग महिला है !
योगेश जी ने राम को तो पहचान लिया है ।।
रामू - नमस्कार योगेश जी कैसे हैं आप !? हाथ जोड़कर !!योगी जी भी हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं।
योगेश जी - आईये आईये रामू जी आप तो काफी दिनों बाद हमारे यहां आए हैं ।
अब तनूजी आगे बढ़कर मधुजी से नमस्ते करती हैं और रामप्रसाद जी से कहती हैं और मधुमती जी के पैर छूते हैं !!
माफ कीजिए रामू भाई साहब हमने मा जी को नहीं पहचाना !!
रामु - यह हमारी मां जी मालकिन है जो हीरो के व्यापारी राय सिंह जी की मां जी है!। योगेश जी - अरे माझी आई है आईये ।अंदर आइये।।
मधु जी - मैंने आप लोगों को डिस्टर्ब तो नहीं किया इतनी सुबह-सुबह चली आई !!
तनु जी - अरे नहीं मन की मेहमानों के लिए कैसे डिस्टर्ब !!
अव रामप्रसाद और मधु जी योगेश जी के घर के अंदर इंटर करते हैं !!
वहीं डाइनिंग टेबल पर बैठी गोरी और सिया नाश्ता कर रही थी वह उठकर खड़ी हो जाती हैं और मधु जी के पास जा कर नमस्ते करती हैं !!तनु से धीरे से पूछती है ।।।मम्मी कौन है।ये दादी!?
तनु जी - बाद में बताऊंगी !! चल पहले चाय नाश्ता ले आते हैं !!
मधु जी - अरे नहीं बेटा !! मैं अभी बिल्कुल चाय नास्ता कर आई हूं!
तनूजी - तो फिर थोड़ा जूस ही ले लीजिए !!
गौरी मा जी के लिए संतरे का जूस निकाल कर ले आ!
अब गौरी जूस लाकर देती है !! यह लीजिए!!
मधु जी - तो यह है गोरी बिटिया!!उस की तरफ देखने लगती हैं ।।
योगेश जी- मा जी आपका हमारे यहां कैसे आना हुआ !? मा जी।।
मधु जी - सीधे बात करते हैं बेटा मुझे आपकी बड़ी बिटिया गौरी का हाथ अपने पोते शिव के लिए चाहिए !!
तनु जी हैरान हो जाती हैं और कहती हैं लेकिन ....!! तभी योगेश जी पलके झुका कर उन्हें चुप रहने को कहते हैं
योगेश जी - मां जी हमें बहुत ज्यादा खुशी होती अगर हमारी गोरी आपके घर की बहू बनती लेकिन हमारी बिटिया की शादी तय हो चुकी है ।।
अब मधुजी शांत हो जाते हैं और कहती हैं कोई बात नहीं बेटा मैं इसलिए कह रही थी क्योंकि गौरी जिस लड़के के साथ लिफ्ट में फंसी थी वह मेरा ही बेटा शिव था।
अब हम दोनों के ही खानदान की बदनामी बहुत ज्यादा हो रही है इसीलिए मैंने सोचा कि शिव की शादी गोरी से करवा देता हूं तो लोगों का मुंह बंद हो जाएगा।
रामू योगी जी से धीरे से कहता है मान जा जोगी इतने बड़े खानदान का रिश्ता गोरी बिटिया के लिए आया है तू ठुकरा रहा है!
योगीजी - रामू तुम तो जानते हो कि अविनाश और गौरी एक दूसरे को बचपन से ही पसंद करते हैं।
मधु जी - कोई बात नहीं रामु जिसकी जोड़ी जिसके साथ बंधी होत होते हैं उसी के साथ जीवन की डोरी बनती है हम लोग कुछ नहीं कर सकते !!अच्छा बेटा हम चलते हैं ।
तनु - मां जी आप नाराज तो नहीं है !! बैठे हम लोगों के साथ नाश्ता कीजिए !!
मधुजि - नहीं बेटा मैं नाराज नहीं हूं !अब मुझे घर चलना चाहिए रामू चलो !
अब रामू और मधु जी चले जाते हैं।
योगेश जी - मां जी आपसे हाथ जोड़कर एक गुजारिश है कल शिव मंदिर में हमारी गोरी बिटिया की शादी है आप आइएगा जरूर !!एक बुजुर्ग का आशीर्वाद और मिल जाएगा हमारे गोरी बिटिया को !!
मधु जी - कुछ सोचते हुए!!
तनु जी - मां जी आप आएगा जरूर ! हमें बहुत अच्छा लगेगा !!
मधु जी - ठीक है मैं जरूर आऊंगी !!
मधु जी और रामोजी वहां से चले जाते हैं गौरी के घर पर सब चर्चा करते हैं !!
योगेश जी -अब इस विषय में कोई कुछ भी बात नहीं करेगा चलिए कल सुबह 9:00 बजे का मुहूर्त है !!गौरी की शादी का समय बहुत कम है सब लोग तैयारी में लग जाइए।
इधर अविनाश के घर पर गौरी की शादी का दिन !!
अविनाश बाहर गया हुआ है अविनाश का घर फूलों से सजा हुआ है तभी अविनाश के घर पर ब्लैक ड्रेस पहनकर वेद और उसके साथी एक बड़ा सा ब्रीफकेस लेकर आते हैं!
जिसमें बहुत सारे नोट होते हैं नोट लगभग 50 करोड़ होंगे !
अविनाश की मा लीलाजी दरवाजा खोलती हैं - जी भाई साहब क्या काम है आपको अविनाश तो अभी है नहीं !!
वेद - हमें आप ही से काम है!
लिलजी - मुझसे काम है आईये अंदर आइये आप लोग !!
अब अविनाश की मां उन चारों को अपने घर में कुर्सी पर बैठाती हैं ।।
वेद - हम सीधे-सीधे बात करेंगे !!
अविनाश की मां - जी बोलिए आप अविनाश से गौरी की शादी के लिए मना कर दीजिए !!
अविनाश की मा - मनआ कर दूं क्यों मना कर दो ।वेद - मैं कह रहा हूं इसलिए !
लीलाजी - आप लोग होते कौन हैं इस तरह से मुझे धमकी देने वाले !!
अब वेद अपने साथी को इशारा करता है तो वह मेज पर रखा नोटों से भरा बृफकेश खोल देता है !!
वेद - क्या अभी आप मना कर देंगे !!
अविनाश की मां - लेकिन वह ,वह !!
अब वह इतने सारे पैसों को देखकर शॉकद् रह जाती है !! अब वेद अपनी जेब से रिवॉल्वर निकाल कर मेज पर रख देता है !!अगर आप इन पैसों को नहीं रखना चाहते हैं तो कोई बात नहीं हमें और भी तरीके आते हैं आपको मनाने के !!
लीला जी - लेकिन मैं तो मान जाऊंगी मेरा बेटा नहीं मानेगा !!
वेद - वह आपके ऊपर है आप चाहे उसे कैसे भी मनाये !! और इस शादी से मना कर दीजिए !!
अब वेद ब्रीफकेस बंद करके अविनाश की मां को दे देता है और वहां से वेद और उसके साथी चले जाते हैं !!