कुछ देर बाद करिश्मा, अभिमन्यु और डीसीपी खन्ना उनकी पुलिस कार में थे और वो सभी बंजारा पैलेस की ओर जा रहे थे। करिश्मा रास्ते भर अपनी योजनाओं, दोस्तों और प्रतियोगिता की तैयारियों के बारे में बातें करती रही, मानो उसके दिमाग में ढेर सारे विचार एक साथ चल रहे हों। डीसीपी खन्ना और अभिमन्यु शांत थे, लेकिन करिश्मा अपनी ही धुन में बातें किए जा रही थी। डीसीपी खन्ना बीच-बीच में उसकी बातें सुनते और सिर हिलाते रहते, जबकि अभिमन्यु अपनी ही सोच में खोया हुआ था।
थोड़ी देर बाद, कार बंजारा पैलेस पहुंच गई। जैसे ही कार रुकी, करिश्मा ने तेजी से दरवाजा खोला और बाहर निकलते ही अपनी सहेली को फोन मिलाने लगी। इस बीच, कार के अंदर डीसीपी खन्ना और अभिमन्यु अब भी मौजूद थे। डीसीपी खन्ना ने अचानक गंभीर आवाज में अभिमन्यु से पूछा, "तुम पिछली रात क्या 'चील एंड फन' क्लब गए थे?"
अभिमन्यु ने बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब दिया, "हां, गया था।"
डीसीपी खन्ना ने थोड़ा और गंभीर होते हुए कहा, "तो फिर पिछली रात जो मारपीट हुई थी, तुमने देखा ही होगा कि कौन-कौन उसमें इन्वॉल्व थे?"
अभिमन्यु ने सहजता से कहा, "हां, देखा तो था, लेकिन मैं उन्हें पहचानता नहीं हूँ।"
डीसीपी खन्ना ने कड़क आवाज में कहा, "लेकिन मैं उन्हें अच्छी तरह पहचानता हूँ। तुम्हें पता है, तुमने किसे पीटा है?"
अभिमन्यु ने बिना किसी खास प्रतिक्रिया के खिड़की के बाहर देखते हुए कहा, "नहीं, मुझे नहीं पता।"
डीसीपी खन्ना ने अपनी आवाज में और गंभीरता लाते हुए कहा, "ये हरकतें बंद कर दो। तुम्हारे पापा मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे, इसलिए तुम्हें समझा रहा हूँ। गलत संगत से दूर रहो, वरना..." उनकी आवाज चेतावनी भरी थी, लेकिन अभिमन्यु ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसने नजरें खिड़की से हटाईं और बिना कुछ कहे कार से बाहर निकल गया, करिश्मा के पास।
करिश्मा अब भी फोन पर अपनी सहेली से बात कर रही थी। उसने अभिमन्यु को देखकर कहा, "मेरी दोस्त हमें बाहर लेने आ रही है।" अभिमन्यु ने बिना ज्यादा बोले, सिर हिलाकर उसकी बात का समर्थन किया।
कुछ देर बाद, करिश्मा की उम्र की ही एक लड़की बाहर आई। उसने करिश्मा जैसी ही स्टाइल में कपड़े पहने हुए थे। अभिमन्यु ने उसे ध्यान से देखा और मन ही मन सोचा, "तो ये है वो लड़की, जिसने करिश्मा को इस स्टाइल में ढाला है।"
करिश्मा ने दोनों को इंट्रोड्यूस कराया, "अभिमन्यु, ये मेरी सबसे अच्छी दोस्त आलिया है।" आलिया बेहद खुशमिजाज और चुलबुली लड़की थी। उसने अभिमन्यु से गर्मजोशी से हाथ मिलाया और फिर कहा, "चलो, अंदर चलते हैं।"
कुछ देर बाद, वे तीनों अंदर थे, जहां स्टेज की तैयारियां चल रही थीं। बैकस्टेज में कलाकार अपनी-अपनी प्रैक्टिस में व्यस्त थे, और एक कोने में 'किशोरी गर्ल्स' का ग्रुप मौजूद था। वे तीनों उनके पास पहुंच गए। करिश्मा ने अभिमन्यु को एक बार फिर अपने दोस्तों से परिचित कराया और फिर सभी ने आपस में हल्की-फुल्की बातें करना शुरू कर दिया।
इस बीच, आलिया ने कहा, "ठीक है, चलो एक बार लास्ट रिहर्सल हो जाए।"
सभी लड़कियां तैयार हो गईं और फिर उन्होंने गाना गाना शुरू कर दिया। करिश्मा ने गाना खत्म होने के बाद ताली बजाते हुए कहा, "ब्रावो! देखना, तुम ही जीतोगी।"
लेकिन अभिमन्यु ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। करिश्मा ने उसे देखा और पूछा, "तुम्हारा क्या ख्याल है?"
अभिमन्यु ने बस हल्के से कहा, "हां, ठीक है।" इतना कहकर वह फिर चुप हो गया। थोड़ी देर तक वे लोग आपस में बातें करते रहे, लेकिन अभिमन्यु उनकी बातों से ऊब गया था। उसने करिश्मा से कहा, "मैं थोड़ी देर में आता हूँ," और फिर वहां से उठकर स्टेज की तरफ बढ़ गया।
स्टेज पर जाते ही उसने देखा कि उसकी उम्र का एक लड़का, जो करीब 18-19 साल का लग रहा था, कुछ वर्कर्स को निर्देश दे रहा था। जैसे ही अभिमन्यु उसके पास पहुंचा, उस लड़के ने उसे पहचानते हुए कहा, "अरे अभिमन्यु! तुम यहां कैसे?"
अभिमन्यु ने जवाब दिया, "बस घूमने आया था। लगता है, काफी बड़ा कॉन्सर्ट है।"
उस लड़के का नाम दिलजीत था और वह बंजारा पैलेस के मालिक का बेटा था। उसका पूरा नाम दिलजीत सिंह था। जब भी शहर में सिंह परिवार की बात होती थी, तो सभी के दिमाग में इसी परिवार का ख्याल आता था, जो कि शहर के सबसे अमीर परिवारों में गिना जाता था। हालांकि अभिमन्यु का सिंह परिवार उससे भी बड़ा था, लेकिन वे सुर्खियों में रहना पसंद नहीं करते थे। दिलजीत के परिवार का मुख्य व्यवसाय इवेंट्स और एंटरटेनमेंट लाइन में था।
दिलजीत ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, पापा ने सारी जिम्मेदारी मुझे ही दे दी है।"
अभिमन्यु ने कहा, "तुम अच्छा कर रहे हो।"
दिलजीत ने हंसते हुए कहा, "मेरी मदद करोगे इस इवेंट को होस्ट करने में?"
अभिमन्यु ने तुरंत हामी भरते हुए कहा, "हां, क्यों नहीं।"
दिलजीत ने उसे एक इयरफोन दिया और फिर अभिमन्यु उनके काम में मदद करने लगा। उसने अभिमन्यु को एक लिस्ट थमा दी और कहा, "तुम परफॉर्मर्स का ध्यान रखो, मैं बाकी काम देखता हूँ।"
अभिमन्यु ने लिस्ट ली और काम में जुट गया। उसने परफॉर्मर्स को निर्देश देना शुरू किया और सबको लीड करने लगा। इस बीच 'किशोरी गर्ल्स' के ग्रुप में से किसी एक ने नोटिस किया कि अभिमन्यु काम में बिजी हो गया है। उसने अपनी सहेली से कहा, "ये अभिमन्यु क्या कर रहा है? क्या वो यहां काम करता है?"
करिश्मा ने अभिमन्यु को काम करते हुए देखा और मुस्कुराते हुए कहा, "हां, ऐसा ही कुछ समझ लो।"
तभी एक दूसरी लड़की ने कहा, "वैसे वो काफी हैंडसम है।"
करिश्मा ने उसे चिढ़ाते हुए पूछा, "तुम्हें क्या, वो पसंद आ गया है?"
उस लड़की ने तुरंत जवाब दिया, "अरे नहीं-नहीं! वो हैंडसम है, पर मेरे टाइप का नहीं है।"
आलिया ने मजाक करते हुए पूछा, "अच्छा! तो फिर तुम्हारा टाइप क्या है?"
उस लड़की ने सोचते हुए कहा, "मेरा टाइप तो जैसे फिल्मों का कोई हीरो हो। लड़ाई में एक्सपर्ट, थोड़ा अमीर भी हो, इतना कि मुझे शॉपिंग और डेट पर ले जा सके। लेकिन ये तो काफी शरीफ और सीधा-सादा लग रहा है। मुझे तो लगता है इसे तो लड़ाई के नाम से ही पसीना आ जाता होगा।"
आलिया ने उसे समझाते हुए कहा, "अरे यार, लड़ाई-झगड़ा करना अच्छी बात नहीं होती। मुझे तो सीधे-सादे लड़के ही पसंद आते हैं।"
उस लड़की ने फिर चुटकी लेते हुए कहा, "लगता है, अभिमन्यु तुम्हारे टाइप का है।"
आलिया ने तुरंत कहा, "अरे नहीं-नहीं! मैं बस बता रही थी। मुझे अभिमन्यु को डेट नहीं करना।"
तभी दूसरी लड़की ने हंसते हुए कहा, "अरे यार, प्रॉब्लम क्या है? वैसे भी तू अभी तक सिंगल है, इसे डेट करने का ट्राई तो कर।"
इतने में एक तीसरी लड़की ने मजाकिया लहजे में कहा, "अरे पागल है क्या? ये तो लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप होगा। वो कैसे मैनटेन करेगी? अभिमन्यु तो दो दिन के लिए ही यहां है, फिर उसे वापस दिल्ली जाना है।"
इस बीच एक और लड़की ने शरारत से कहा, "तुम लोग बात नहीं समझ रहे हो। शायद करिश्मा को अभिमन्यु पसंद करता है, इसलिए आलिया उसे डेट नहीं करना चाहती। सही कहा ना?"
कुछ देर बाद करिश्मा, अभिमन्यु और डीसीपी खन्ना उनकी पुलिस कार में थे और वो सभी बंजारा पैलेस की ओर जा रहे थे। करिश्मा रास्ते भर अपनी योजनाओं, दोस्तों और प्रतियोगिता की तैयारियों के बारे में बातें करती रही, मानो उसके दिमाग में ढेर सारे विचार एक साथ चल रहे हों। डीसीपी खन्ना और अभिमन्यु शांत थे, लेकिन करिश्मा अपनी ही धुन में बातें किए जा रही थी। डीसीपी खन्ना बीच-बीच में उसकी बातें सुनते और सिर हिलाते रहते, जबकि अभिमन्यु अपनी ही सोच में खोया हुआ था।
थोड़ी देर बाद, कार बंजारा पैलेस पहुंच गई। जैसे ही कार रुकी, करिश्मा ने तेजी से दरवाजा खोला और बाहर निकलते ही अपनी सहेली को फोन मिलाने लगी। इस बीच, कार के अंदर डीसीपी खन्ना और अभिमन्यु अब भी मौजूद थे। डीसीपी खन्ना ने अचानक गंभीर आवाज में अभिमन्यु से पूछा, "तुम पिछली रात क्या 'चील एंड फन' क्लब गए थे?"
अभिमन्यु ने बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब दिया, "हां, गया था।"
डीसीपी खन्ना ने थोड़ा और गंभीर होते हुए कहा, "तो फिर पिछली रात जो मारपीट हुई थी, तुमने देखा ही होगा कि कौन-कौन उसमें इन्वॉल्व थे?"
अभिमन्यु ने सहजता से कहा, "हां, देखा तो था, लेकिन मैं उन्हें पहचानता नहीं हूँ।"
डीसीपी खन्ना ने कड़क आवाज में कहा, "लेकिन मैं उन्हें अच्छी तरह पहचानता हूँ। तुम्हें पता है, तुमने किसे पीटा है?"
अभिमन्यु ने बिना किसी खास प्रतिक्रिया के खिड़की के बाहर देखते हुए कहा, "नहीं, मुझे नहीं पता।"
डीसीपी खन्ना ने अपनी आवाज में और गंभीरता लाते हुए कहा, "ये हरकतें बंद कर दो। तुम्हारे पापा मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे, इसलिए तुम्हें समझा रहा हूँ। गलत संगत से दूर रहो, वरना..." उनकी आवाज चेतावनी भरी थी, लेकिन अभिमन्यु ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उसने नजरें खिड़की से हटाईं और बिना कुछ कहे कार से बाहर निकल गया, करिश्मा के पास।
करिश्मा अब भी फोन पर अपनी सहेली से बात कर रही थी। उसने अभिमन्यु को देखकर कहा, "मेरी दोस्त हमें बाहर लेने आ रही है।" अभिमन्यु ने बिना ज्यादा बोले, सिर हिलाकर उसकी बात का समर्थन किया।